रायपुर

नवरात्रि 26 सितंबर से, मंदिरों में तैयारियां शुरू
14-Sep-2022 6:33 PM
नवरात्रि 26 सितंबर से, मंदिरों में तैयारियां शुरू

इस नवरात्र बने हैं शुभ संयोग भक्तों की मनोकामना होगी पूरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 14 सितंबर। शक्ति की देवी दुर्गा की आराधना का पर्व  नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो रही है। शारदीय नवरात्र में इस बार मां दुर्गा शुभ संयोग के साथ पधार रही है। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही है। हाथी को समृद्धि और शौर्य का प्रतीक माना जाता है। माता इन नव दिनों में भक्तों की मनोकामना पूरी करेंगी। 9 दिन तक माता के नव रूपों की पूजा की जाएगी। मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था जो ब्रह्माजी के भक्त था। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस अवसर पर शहर के प्रमुख देवी मंदिरों में तैयारीयां जोरों पर है। नवरात्री शुरू होने से पहले से ही मंदिरों में साफ-सफाई और रंग-रोगन का काम किया जा रहा है। मंदिरों में ज्योति कलश स्थापना के लिए मिट्टी के घड़े,दीए की व्यवस्था में लगे हैं। इस बार नवरात्री का शुक्ल योग 25 सितंबर को 9:06 से नवरात्री के पहले दिन यानी 26 सितंबर को सुबह 8:06 तक रहेगा।  नवरात्रि में मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है । मान्यता है कि नवरात्रि में सच्चे मन से आराधना और पूजा करने से माता अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती है । भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं ।

पुरानीबस्ती माहामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला ने बताया कि इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल और ब्रह्म योग से हो रहा है । जो 26 सितंबर को सुबह 08.06 से 27 सितंबर 2022 , सुबह 06.44 तक रहेगा । और शुक्ल योग 25 सितंबर से सुबह 09.06 से 26 सितंबर 2022 , सुबह 08.06 तक है । शारदीय नवरात्रि पूजा सामग्री शारदीय नवरात्रि में कलश का विशेष महत्व है । नवरात्रि के पहले दिन विधि कलश स्थापन की जाती है । इसके लिए जो बोने के लिए चौड़े मुँह वाला मिट्टी का पात्र , मिट्टी या तांबे का कलश साथ में ढक्कन , कलावा, लाल कपड़ा, नारियल, सुपारी, गंगाजल, दूर्वा, आम या अशोक के पत्ते, सप्तधान्य ( 7 प्रकार के अनाज), अक्षत, लाल पुष्प , सिंदूर, लोग, इलायची, पान , मिठाई , इत्र, सिक्का का इस्तेमाल किया जाता है।

महामाया देवी मंदिर में इस बार जलेंगे 11 हजार जोत

पुरानी बस्ती महामाया माता मंदिर में इन दिनों नवरात्री की तैयारियां जोरों पर है मंदिर प्रागण में साफ-सफाई और रंगाई का काम चल रहा है। मंदिर समिति ने बताया कि मंदिर मे ज्योति कलश के लिए  भक्त अपना नाम दर्ज करा रहे हैं। अभी तक लगभग 2500 ज्योति कलश के लिए नाम आ चुके है मंदिर समिति नवरात्र से पहले से ही पूरी तैयारी कर चुके है इस बार मंदिर में 11 हजार से अधिक जोत जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें माता के भक्त अपना सहयोग देगें। ज्योति कलश के साथ मंदिर में जवारा भी लगाया जाता है  इसके लिए मंदिर में सेवादार इस व्यवस्था में लगे हुए हैं।

 शारदीय नवरात्रि में माता के नौ रूपों की होती है पूजा

 नवरात्रि प्रथम दिन 26 सितंबर मां शैलपुत्री पूजा दूसरा दिन 27 सितंबर मां ब्रह्मचारिणी पूजा तीसरा दिन 28 सितंबर  मां चंद्रघण्टा पूजा चौथा दिन 29 सितंबर मां कुष्माण्डा पूजा पांचवां दिन 30 सितंबर मां स्कंदमाता पूजा छठा दिन 01 अक्टूबर  मां कात्यायनी पूजा सातवां दिन 02 अक्टूबर  मां कालरात्री पूजा आठवां दिन 03 अक्टूबर  मां महागौरी की पूजा नवां दिन 04 अक्टूबर  मां सिद्धरात्री पूजा की होगी पूजा।

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