सूरजपुर

इंटक के संविधान में कूटरचित तरीके से किए गए संशोधन को हाईकोर्ट ने किया निरस्त
20-Oct-2022 8:36 PM
इंटक के संविधान में कूटरचित तरीके से किए गए संशोधन को हाईकोर्ट ने किया निरस्त

गोपाल नारायण सिंह और संपत शुक्ला को हाईकोर्ट ने इंटक से बाहर माना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिश्रामपुर, 20 अक्टूबर।
साउथ ईस्टन कोयला मजदूर कांग्रेस( इंटक) के संविधान में अवैधानिक संशोधन कर इंटक से निकाले जाने के बाद खुद ही दुबारा पदाधिकारी बनने के मामले में हाईकोर्ट ने पंजीयक व्यावसायिक संघ के आदेश को निरस्त कर दिया। पंजीयक ने संशोधन को स्वीकार कर प्रतिवादियों को पदाधिकारी मान लिया था।

सम्पत शुक्ला और गोपालनारायण सिंह साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस (इंटक ) के प्रमुख पदाधिकारी थे। संगठन विरोधी गतिविधियों के कारण इन दोनों को हाईकमान ने गत 5 फरवरी 2016  को यूनियन से निकाल दिया था। 8 फरवरी 2016 को ही इन लोगों ने यूनियन के बायलाज में तब्दीली करके खुद अपना चुनाव अवैधानिक तरीके से करा लिया और इसकी लिखित जानकारी आवेदन के साथ पंजीयक व्यावसायिक संघ रायपुर को भेज दी। 21मार्च 2016  इसे पंजीयक ने मंजूर कर लिया।

 इस कार्यवाही को यूनियन के डॉ. जी. संजीवा रेड्डी और पी. के. राय ने पहले इंडस्ट्रियल कोर्ट में चुनौती दी। यह मामला अभी लम्बित  ही है। इसके साथ ही बायलाज में हुए संशोधन को हाईकोर्ट मे चुनौती दी। याचिकाकर्ताओ ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि जब इन दोनों को संगठन से बाहर निकाल दिया गया, तब ये पदाधिकारी नहीं रहने के कारण बायलाज में संशोधन नहीं कर सकते। यह भी कहा कि मामले मे प्रतिवादी इंडस्ट्रियल कोर्ट ही नही गए।

मामले की हाईकोर्ट में जस्टिस अरविन्द चंदेल की बेंच मे सुनवाई हुई। गत 13 सितम्बर को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। 18 अक्टूबर को इसे जारी किया गया। हाईकोर्ट ने माना कि दोनों प्रतिवादी सम्पत शुक्ला और गोपालनारायण सिंह पदाधिकारी ही नहीं हैं। इस तरह अवैधानिक प्रक्रिया कर खुद को पदाधिकारी बताना गलत है। कोर्ट ने इसके साथ ही 21 मार्च 2016 को पंजीयक द्वारा जारी आदेश व बायलाज में संशोधन करने के निर्णय व संशोधन को भी निरस्त कर दिया। अब पी.के.राय के द्वारा दी गई 5 फरवरी 2016 की पंजीयक के यहां जमा सूची ही वैध है, जिसमें डॉ.जी. संजीवा रेड्डी अध्यक्ष और पी.के. राय महामंत्री हैं। इस तरह अब गोपाल नारायण सिंह द्वारा सारे क्षेत्र की सभी नियुक्ति स्वत: भंग हो चुकी हैं। अब पी.के.राय द्वारा नियुक्त पदाधिकारी ही मान्य रहेंगे। यह जानकारी एस.ई.के.एम.सी.(इंटक)के केन्द्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं बिश्रामपुर क्षेत्र के महामंत्री मंगला सिंह यादव ने दी।

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