सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 16 नवंबर। नगर खेलभाठा मैंदान में शिक्षा विभाग द्वारा विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उतरी गनपत जांगड़े, वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का श्री गणेश स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा कि पूजा- अर्चना,माल्यार्पण के साथ किया गया। तत्पश्चात आत्मानंद विद्यालय के छात्र- छात्राओं ने राज्य गीत का गायन किए। इस दरमियान चौहान और मंहत की जोड़ी के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई। विधायक उत्तरी जांगड़े ने अपने उद्बोधन में कहा कि - जैसा सोचोगे वैसा ही बन जाओगे, खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल बन जाओगे।
इसलिए आप अपने आप को कभी छोटा या कभी हारा हुआ ना माने। अपनी सोच को उच्च स्तरीय रखें, जैंसा सोचोगे वैसा ही बनोगे। विशिष्ट अतिथि की आसंदी से गनपत जांगड़े ने कहा कि - विश्व ख्याति प्राप्त संत स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था।
रामकृष्ण परमहंस से मिलने के बाद इनका धार्मिक और संत का जीवन आरंभ हुआ। वे सामाजिक विज्ञान, दर्शन, इतिहास, धर्म , कला और साहित्य जैसे विषयों में पारंगत थे। विवेकानंद ने अपने ज्ञान तथा शब्दों द्वारा पूरे विश्व भर में हिंदू धर्म के विषय में लोगों का नजरिया बदला। कार्यक्रम मे बीईओ कश्यप सर एबीईईओ मुकेश सर के साथ अन्य अध्यापक, अध्यापिका उपस्थित रहे। अंत में जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया ।