सूरजपुर

जमीरा में बॉक्साइट खदान के लिए जनसुनवाई में हंगामा
23-Dec-2022 7:04 PM
जमीरा में बॉक्साइट खदान के लिए जनसुनवाई में हंगामा

ग्रामीणों का प्रशासन पर आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कुसमी, 23 दिसंबर। बलरामपुर-रामानुजगंज जिला अंतर्गत सामरी पाठ के ग्राम पंचायत जमीरा के विभिन्न पारा व टोला में प्रस्तावित बॉक्साइट खदान के संदर्भ में जमीरा शासकीय माध्यमिक स्कूल के प्रांगण में पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजन गुरुवार को किया गया, जिसका विरोध करते हुए ग्रामीणों ने प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें जनसुनवाई की जानकारी नहीं दी गई, तथा किस बारे में जनसुनवाई की जा रही है, इस पर खुलकर किसी भी विषय को नहीं रखा गया हैं। ग्रामीणों द्वारा बातों को रखने पर माइक बंद कर बातों व मांगो को अनसुना किया गया। भूस्वामी खेती नुमा जमीन को देने से इंकार कर बॉक्साईट खदान खोले जाने का विरोध कर रहे है।

बलरामपुर रामानुजगंज जिला के कुसमी विकास खंड अंतर्गत आदिवासी इलाका ग्राम पंचायत जमीरा के विभिन्न टोला-मोहल्ले में छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम की प्रस्तावित बॉक्साइट खनन परियोजना के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने जनसुनवाई के दौरान सर्वाधिक महिलाओ व पुरुष सहित युवाओं ने एकाएक विरोध शुरू कर दिया। जिन्हें भारी मात्रा में तैनात की गई बलरामपुर पुलिस ने समझाइश देते हुए शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील की।

सीएमडीसी ने सामरी तहसील में115 हेक्टेयर भूमि पर 10 लाख टन प्रतिवर्ष बॉक्साइट खनन के लिए जन सुनवाई का बिना आह्वान किए कागजी कोरम पूरा करने ग्राम पंचायत के चुनिंदा लोगों को बुलाकर कर लिया, तथा कई भूस्वामियों को इस बात की जानकारी साझा नहीं की गईं, और न ही प्रचार-प्रसार कराया गया। इसकी जानकारी जैसे ही भूस्वामियों को हुई वे जनसुनवाई में उपस्थित होकर अपनी बातों को रखने लगे। इस बीच उनकी बातों को नजरअंदाज करते हुए माइक बंद कर दी गईं। जनसुनवाई में महज एक  घंटे ही ग्रामीणों को अपनी बातों को पेश कर सुनियोजित तरीके से इस जनसुनवाई को समाप्त कर फर्जी सहमति दर्ज कर पंडाल में उपस्थित प्रसासनिक अमला की टीम उठ कर किनारे हट गईं, जबकि नाराज ग्रामीण अपनी बातों को पेश करने की गुहार लगाते रहें। फिर भी उन्हें बातों को रखने का मौका नहीं दिया गया।

स्थानीय युवाओं ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि जबरन दबाव बनाकर तथा बहला फुसलाकर सरपंच से प्रस्ताव में हस्ताक्षर कराया गया हैं। कई पंचों का भी फर्जी हस्ताक्षर कराया गया हैं, तथा प्रशासन ने दस्तावेज देने से मना कर दिया। उनकी आवाज को दबाने के लिए बार-बार माइक को बंद कर दिया जा रहा था, जिससे ग्रामीणों ने हंगामा खड़ा कर दिया। ग्रामीणों के हंगामे के बीच उपस्थित अधिकारियों ने जनसुनवाई समाप्त कर दिया।

प्रशासन ने आपत्ति व सहमति किया दर्ज

इस जनसुनवाई में पहुंचे कुसमी एसडीएम चेतन साहू से पूछे जाने पर बताया गया कि हमारे द्वारा आपत्ति व सहमति दर्ज कर सीडीएमसी के आरो को भेज दिया गया हैं, वहीं सीएमडीसी की टीम ने कहा की ग्रामीणों की आपत्तियों का निराकरण भी किया गया है, जो पंचायत को कुछ दिन बाद भेज दिया जायेगा। इसे सार्वजनिक नहीं कर सकते। साथ ही प्रभावित लोगों का सूची मांगे जाने पर कहा की इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।

जन सुनवाई कार्यक्रम में सीएमडीसी टीम द्वारा मीडिया में बयान दिया गया कि हम सभी जनता के हित को ध्यान में रखकर सभी नियम शर्त का पालन कर हमारे द्वारा खदान खोली जाएगी। वहीं ग्रामीणों ने सभी नियमों को ताक पर रखकर खादान खोले जाने का प्रकिया केवल कागज में कोरम पूरा करने का आरोप प्रशासन पर लगाया हैं। उक्त मामले में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए गाँव के ही कुछ युवाओं ने बताया किसहमति देने का नारा लगाने वाले चुनिंदा लोगों को अव्वल दर्जे का नौकरी देने का प्रलोभन दिया गया हैं वैसे लोग प्रभावित भूस्वामियों को तथा भोले-भाले आदिवासी समुदाय के लोगों को बहलाने में लग गये हैं।

बलरामपुर जिला पंचायत सदस्य अंकुश सिंह ने कहा-गाव के लोग मेरे साथ खड़े हैं जनता की बात सुनी ही नही गईं हैं। शासन-प्रशासन डंडा चलाकर खदान खुलवाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की बात को सुनकर गांव की विकास मुद्दे लिखित रूप में दिया जाए, और गांव के पंचायत के माध्यम से एक समिति बनाई जाए। अगर समिति हर व्यक्ति के विचार पर सहमति देती हैं, तब यहाँ आगे का योजना बढ़ाया जाए। अन्यथा सभी विरोध करेंगे।

ग्रामीणों ने सरकार को अगाह करते हुए कहा कि जनता के साथ खिलवाड़ मत कीजिये। जिन-भोले भाले आदिवासियों का वोट लेकर सत्ता में आए थे, उनको ठगना बन्द कीजिये।  ग्रामीणों ने अपनी बातों को कलेक्टर व विधायक के समक्ष रखने की मंशा बनाई थीं।  दोनों के अनुपस्थिति को लेकर कई तरह का सवाल ग्रामीणों के बीच उठा हैं। इसे लेकर भाजपा के एक जनप्रतिनिधि ने ‘छत्तीसगढ’़ को बयान दिया हैं कि जिस हिसाब से योजना को लेकर जनसुनवाई की गई, जिसके डर से कलेक्टर व विधायक नहीं उपस्थित नहीं थे, जबकि विधायक क्षेत्र में ही उपस्थित होकर जनसुनवाई जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम को छोडक़र अन्य कार्यक्रमों में शामिल थे, वहीं सामरी विधायक से मामलों में संपर्क करना चाहा गया पर संपर्क नहीं हो सका।

जनसुनवाई में बलरामपुर अपर कलेक्टर एसएस पैकरा, कुसमी एसडीएम चेतन साहू, सीएमडीसी महाप्रबंधक रायपुर उपेंद्र कुमार पाण्डेय, क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण संरक्षक मंडल अंबिकापुर प्रकाश रावड़े, मेसर्स छत्तीसगढ़ मिनिरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन डायरेक्टर प्रेम सिंह यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील नायक, एसडीओपी डी के सिंह, तहसीलदार उमा सिंह पैकरा , सीएमडीसी के प्रबंधक कर्मचारी सहित जिला पंचायत सदस्य अंकुश सिंह, सरपंच , उपसरपंच, संतोष इंदिवार सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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