रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 दिसंबर। यूं तो सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में कोई भी जानकारी गोपनीय नहीं रह गई है लेकिन यह माना जाता है कि कम से कम विधानसभा के प्रस्ताव को उन पर चर्चा से पहले सार्वजनिक होने को असंभव और विधानसभा के अधिकार का हनन होता है। बीते तीन दिनों पहले सोशल मीडिया पर विधानसभा में जमा काम रोको प्रस्ताव और आज उस पर विभाग का जवाब भी वायरल हो गया है। यह विभाग के अमले ने किया या विधानसभा से,यह तो जांच का विषय है। लेकिन यह विधानसभा के विशेषाधिकार के हनन का सीधा मामला है। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने संविदा, दैवेभो कर्मियों के नियमितीकरण को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया था और आज उसके जवाब भी वायरल हो गया। यह चर्चा के लिए स्वीकार होगा या नहीं,यह आसंदी का अधिकार है लेकिन यह 2 तारीख से होने वाले सत्र के लिए ही दिया गया है। दैनिक छत्तीसगढ़ इसकी पुष्टि नहीं करता लेकिन उसे वाट्स एप पर वायरल पीडीएफ मिला है।