रायपुर
कांग्रेस से जुड़े को भी पद?
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 दिसंबर। प्रदेश भाजयुमो पदाधिकारियों की की सूची में ज्यादातर नए चेहरों को मौका दिया गया है। हालांकि पदाधिकारियों की घोषणा के बाद से असंतोष के भी स्वर सुनाई दे रहे हैं। कई कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।
बताया गया कि भाजयुमो अध्यक्ष रवि भगत ने शुक्रवार को 57 पदाधिकारियों की सूची जारी की। इसमें सभी इलाकों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है। यह सूची अब तक की सबसे बड़ी सूची है। इससे पहले तक अधिकतम 30-35 पदाधिकारी ही रखे जाते थे। कहा जा रहा है कि चुनाव के चलते पदाधिकारियों की संख्या बढ़ाई गई है।
सूची में ज्यादातर चेहरे नए हैं, और भाजपा की विद्यार्थी शाखा एबीवीपी से आए हैं। इसको लेकर नाराजगी भी सामने आई है। कुछ पदाधिकारियों की उम्र 35 साल से अधिक है। इसको लेकर भी सोशल मीडिया में काफी कुछ कहा जा रहा है। रायपुर से उपाध्यक्ष रितेश मोहरे, प्रदेश मंत्री शांतनु शुक्ला, व प्रखर मिश्रा बनाए गए हैं। ये सभी एबीवीपी में रह चुके हैं। इसके अलावा अंजिनेश शुक्ला को भी रायपुर से शासकीय योजना स्वाध्याय मंडल का सहप्रमुख बनाया गया है। अंजिनेश हाईकोर्ट के वकील हैं। इसके अलावा अंजना वर्मा और अमन यादव को भी जगह दी गई है। सूत्र बताते हैं कि 70 फीसदी भाजयुमो के प्रदेश पदाधिकारी एबीवीपी से जुड़े रहे हैं।
सोशल मीडिया पर काफी कुछ कहा जा रहा है। सौरभ जैन नाम के एक कार्यकर्ता ने फेसबुक पर लिखा कि चलो भाई कॉलेज एबीवीपी ज्वाइन करना पड़ेगा। कुछ ने अपनी भड़ास निकालते हुए टिप्पणी की कि चापलूसी करने वालों को पद मिलता है। इसी तरह एक कोयला कारोबारी को जगह देने पर भी सवाल उठ रहे हैं।
सोशल मीडिया में उपाध्यक्ष खुशबू बंजारे की नियुक्ति पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। बंजारे की सरकार के मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के साथ तस्वीर वायरल हुई है। जिसमें यह कहा गया है कि वो कांग्रेस से जुड़ी थी, और भाजपा की प्राथमिक सदस्य तक नहीं है। इसको लेकर भी शिकवा शिकायतें चल रही हैं। इससे परे इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत दोपहर बाद यहां पहुंच रहे हैं। वो नए पदाधिकारियों से रूबरू होंगे, और आगे के कार्यक्रम को लेकर रणनीति तैयार करेंगे।