रायगढ़

रायगढ़ पुलिस के फर्जी मामलों की गूंज पहुंची सुप्रीम कोर्ट
05-Jan-2023 6:36 PM
रायगढ़ पुलिस के फर्जी मामलों की गूंज पहुंची सुप्रीम कोर्ट

गिरफ्तारी पर लगी रोक, गृह सचिव से मांगा जवाब

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़,  5 जनवरी। जिले में बनाए जा रहे कुछ फर्जी प्रकरणों और गिरफ्तारी की गूंज शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने तमनार थाने में आशुतोष वहिदार के विरुद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरण में उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग से जवाब-तलब किया है।

तमनार निवासी आशुतोष वहिदार और सिविल लाइन रायगढ़ निवासी सरदार महेन्द्र पाल ने उद्योगपति राकेश जिन्दल के खिलाफ दस्तावेजी प्रमाण पेश करते हुए पुलिस अधीक्षक रायगढ़ सहित प्रदेश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के समक्ष रिपोर्ट की थी कि वर्ष 1995 में मर चुके दौलत सिंह के नाम पर नकली आदमी खड़ा करके राकेश जिन्दल ने वर्ष 2001 में दौलत सिंह बना कर और नकली आदमी का फोटो चिपका कर व हस्ताक्षर करा कर असली दौलत सिंह की असली जमीन की रजिस्ट्री जिन्दल कंपनी के नाम पर करा ली एवं मरे हुए आदमी की पूरी जमीन हड़प ली है।

जब आशुतोष वहिदार और सरदार महेन्द्र पाल ने उद्योगपति राकेश जिन्दल के विरुद्ध रिपोर्ट कर उसकी गिरफ्तारी की मांग की तो राकेश जिन्दल को गिरफ्तार करने के बजाय रिपोर्टकर्ता आषुतोष वहिदार और सरदार महेन्द्र पाल के विरुद्ध अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें दोनों ने जमानत ली। इसके बाद आशुतोष वहिदार के विरुद्ध एक के बाद एक अनेक मामले पुलिस थाना तमनार में दर्ज कर लिए गए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति जिन्दल कंपनी के अत्याचार के खिलाफ आवाज न उठा सके।

तमनार की पुलिस ने आशुतोष वहिदार के विरुद्ध अनेक मामले बनाकर उसे अभ्यस्त अपराधी के रूप में दर्शाया साथ ही उसे गिरफ्तार करने के लिये छापेमारी की। इससे हताश होकर उसने अशोक कुमार-आशीष कुमार मिश्रा चेम्बर के मार्फत सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल एस.एल.पी. पेश की और तमनार पुलिस के अत्याचार से निजात दिलाने की प्रार्थना की।

सुप्रीम कोर्ट में आशुतोष वहिदार की ओर से प्रमाण पेश किए गए कि उद्योगपति राकेश जिन्दल के विरुद्ध जब से उसने और उसकी माता ने शिकायत की है। तब से उसके विरुद्ध तमनार के थाने में फर्जी मामले बनने का सिलसिला नहीं रुक रहा है, जबकि उक्त समस्त मामले फर्जी और बेबुनियाद हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रकरण का अध्ययन करने और कागजातों को देखने के बाद 2 जनवरी को आशुतोष वहिदार की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और छत्तीसगढ़ सरकार के गृह सचिव को नोटिस जारी कर मार्च माह तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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