बस्तर
जगदलपुर, 12 फरवरी। सतीश शुक्ला सचिव बस्तर जि़ला दवा विक्रेता संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि ड्रग कण्ट्रोल जरनल ऑफ इंडिया इंटरनेट फार्मेसी ने इंटरनेट पर दवाइयां बेचने वाली अवैध इंटरनेट फार्मेसी को शोकाज नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है ।
ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजर केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट केंद्र सरकार को लगातार आगाह कर रहा था कि भारत के ड्रग अधिनियम, फार्मेसी अधिनियम और अन्य दवाओं से संबंधित नियम आदेश, आचार संहिता, जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक इंटरनेट पर दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देते हैं और छूट और योजनाओं के साथ विज्ञापन द्वारा दवा बिक्री को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं देते हैं।
सतीश शुक्ला ने बताया कि दिल्ली के उच्च न्यायालय के आदेश ,सभी वैध अपीलों, अनुरोधों, बैठकों के बावजूद, कॉर्पोरेट घराने अवैध रूप से वित्तीय शक्ति के साथ पीड़ीटरी या गैर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य के साथ दवा व्यवसाय में लिप्त थे। इससे भी खतरनाक यह था कि जब से इंटरनेट फार्मेसी ने देश में राज्यों के सीमा पार से दवाओं की ऑनलाइन बिक्री का संचालन शुरू किया है, नकली दवाओं में अचानक वृद्धि शुरू हो गई है। दवा व्यापारियों की पारंपरिक आपूर्ति श्रृंखला यानी कंपनी केरियन फॉरवर्ड डिपो को खुदरा फार्मेसी के लिए अधिकृत करने के लिए कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा तोड़ दिया गया था और आपूर्ति चैनल में डुप्लिकेट दवाओं को धकेलने के लिए आपूर्ति पाइप लाइन को खोखला बना दिया गया था। दूसरा ऑनलाइन ऐप नारकोटिक ड्रग्स, प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन किट, एंटीबायोटिक्स, सेडेटिव ड्रग्स तक आसान पहुंच बन गया और मरीजों को सीधे इसको अंतरराज्यीय आपूर्ति, राज्य एफडीए द्वारा ट्रेस और ट्रैक करना बहुत मुश्किल हो गया। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजर केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट ने हमेशा हाइलाइट किया है, यें सभी बहुत ज्वलंत मुद्दे हैं कि ये अवैध इंटरनेट फार्मेसी अपने पोर्टल पर अपना स्वास्थ्य डेटा बना रहे हैं जो यह सब जनता के व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा को उजागर करने के लिए एक खतरा भी था। यह प्रधानमंत्री की एनएचआरएम स्वास्थ्य डेटा नीति के खिलाफ भी है।
ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजर केमिस्ट एंड ड्रागिस्ट के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री, भारत सरकार मनसुख मंडाविया से मुलाकात की। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजर केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट अध्यक्ष जे एस शिंदे ने कॉर्पोरेट घरानों समर्थित खुदरा श्रृंखलाओं और ई फार्मेसी की अवैधता के संदर्भ में बहुत दृढ़ता से दवा व्यापार समस्याओं और चिंताओं की ओर इशारा किया। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजर केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट में 12 लाख से अधिक सदस्य हैं, उनके ऊपर आश्रित परिवार और कर्मचारी आदि की कुल आबादी लगभग 4 करोड़ से अधिक हैं इनका इन सभी बड़े बड़े कारपोरेट के गैर प्रतिस्पर्धात्मक या प्रीडिटरी मूल्य निर्धारण और अवैध इंटरनेट फार्मसियों के कारण के लिए व्यवसाय में बने रहना मुश्किल कार्य होगा । वही मंत्री ने व्यापार की विभिन्न समस्याओं और चिंताओं की गंभीरता को ध्यान से सुना और समझा तथा अवैध रूप से दवा बेचने वाली संस्थाओं के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।
ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया ने उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार अवैध ऑनलाइन फ़ार्मेसी को शोकाज नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजर केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट इस फैसले का स्वागत करता है और कॉर्पोरेट घरानों द्वारा समर्थित इंटरनेट फार्मसियों द्वारा छोटे दवा व्यवसायियों के मालिकों के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा करने वाली मूल्य निर्धारणनीति के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की उम्मीद करता है।ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजर्स केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया राज्य एफडीए द्वारा आगे की कार्रवाई पर सदेव सतर्क रहेगा।