बस्तर
सुरक्षाबलों पर लगाए कई आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 13 फरवरी। नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी के सचिव गंगा ने प्रेस नोट जारी कर सुरक्षाबलों पर कई आरोप लगाए और 8 फरवरी को बीजापुर के तर्रेम में हुए मुठभेड़ को फर्जी बताया ।
नक्सलियों ने जारी प्रेस नोट में कहा है कि तर्रेम के छुट्बाय - गुण्डम गांवों में फरवरी 8 को डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा बलों द्वारा संयुक्त रूप से रात 2 से 7 बजे तक हमला कर ग्रामीणों के ऊपर अंधाधुंध फायरिंग की गई । शोरगुल एस सुनकर अपने घर से बाहर आए पुनेम लखमू पुलिस की गोली से घायल हो गया था और इसी दौरान उसकी मृत्यु हो गई। नक्सलियों ने इस मुठभेड़ में गिरफ्तार किए गए लोगों को निर्दोष ग्रामीण बताया है। नक्सलियों का आरोप है कि सोशल मीडिया में इस विषय पर चर्चा देखकर पुलिस ने पूनेम लखमू का शव परिजनों से छीनकर उसे बीजापुर पहुंचा दिया गया ।
इस झूठी मुठभेड़ को पुलिस-प्रशासन हमेशा की तरह वही एक मनगढ़ंत कहानी बनाकर माओवादियों के साथ एक घंटे तक हुई मुठभेड़ के बाद कुछ माओवादियों को गिरफ्तार करने, उनसे विस्फोटक व अन्य सामान बरामद करने की सफेद झूठा का प्रचार-प्रसार कर रही है।
नक्सलियों का कहना है कि नक्सली उन्मूलन के नाम पर केंद्र-राज्य की सरकारें तेजी से कॉर्पेट सुरक्षा कैंपों, सडक़ों, मोबाइल टॉवरों का विस्तार कर रही है। हर दो-तीन किलोमीटर के दायरे में एक पुलिस कैंपों का विस्तार कर रही है। 2022 नवंबर से अभी तक डब्बाकोंटा, पिड़मेल, नम्बीधारा, कुंदेड़, गुण्ड्राय, सिलगेर, दरभा और पेद्दातर्रेम में नया पुलिस कैंप बिठाकर आसपास के गांवों पर दिन-रात हमले तेज किये हैं।
नक्सलियों ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं मीडिया कर्मियों, जनहितैषियों, आदिवासी प्रेमियों से अपील करते हुए कहा है कि है वे इस मुठभेड़ की सच्चाई को जानने उक्त घटना स्थल का दौरा कर पीडि़त परिवारों से मुलाकत करें।