रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 4 अप्रैल। औद्योगिक नगरी रायगढ़ के तमनार क्षेत्र में फ्लाईऐश की समस्या से लोगों का नाता खत्म होता नहीं दिख रहा है। जेपीएल से निकलने वाली फ्लाई एस की ट्रांसपोर्टिंग के लिए उपयोग में लाये जा रहे हाईवा वाहनों से सडक़ों पर फ्लाई एस रूपी गुबार उड़ रहा है। जिससे तमनार से धौराभांठा की ओर जाने वाले राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इस समस्या का समाधान होता नहीं दिख रहा। ऐसा नहीं है कि मामले की शिकायत प्रशासनिक अधिकारीयों से लेकर प्रबंधन के कर्मचारियों तक नहीं पहुंच रही हो, लेकिन इन लापरवाह वाहन मालिक और चालकों पर कार्रवाई की बात तो दूर नजरें उठाने की हिमाकत भी अधिकारी नहीं कर पा रहे है।
खानापूर्ति तक सिमित कार्रवाई
फ्लाई एस की समस्या को लेकर लगातार शिकायतें जाती है, पीडि़त लोगों के द्वारा चक्का जाम किया जाता है। समस्या अखबारों पर सुर्खियां बनती है, तो जिम्मेदार विभाग के द्वारा केवल दिखावे के लिए कार्रवाई कर दी जाती है। ऐसा ही मामला कुछ दिनों पहले देखने को मिला था। शिकायत के बाद अचानक आरटीओ विभाग की टीम ने तमनार क्षेत्र में दबिश दी थी और फ्लाई एस से लदी कुछ गाडिय़ों पर नाम मात्र के लिए कार्यवाही कर पल्ला झाड़ लिया था।
क्या अनिश्चितकालीन चक्काजाम से सुधरेगी स्थिति
फ्लाई एस की समस्या से लोग जब त्रस्त होते हैं तो चक्का जाम किया जाता है, फिर प्रबंधन और प्रशासन के द्वारा समझाइस का दौर चलता है और चक्का जाम खुलवा दिया जाता है। चक्का जाम होने के बाद कुछ दिनों तक सिस्टम में कुछ बदलाव आता है, वाहनों में सही तरीके से त्रिपाल ढके जाते है, रफ्तार भी नियंत्रित रहती है, लगातार सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव किया जाता है। लेकिन फिर मामला जब ठंडा होता है तो सिस्टम फिर बदल जाता है। फ्लाई एस ढोने वाली गाडिय़ों की गति दोगुनी हो जाती है, ड्राइवर त्रिपाल ढकना भी उचित नहीं समझते हैं और सडक़ पर पानी का छिडक़ाव होना भी बंद हो जाता है। जिसके बाद फिर राहगीरों को फ्लाई एस का स्वाद मजबूरी में चखना पड़ता है। जो स्थिति अब तमनार क्षेत्र में निर्मित हो चुकी है। एक बार फिर क्षेत्रवासियों का सब्र का बांध टूटता दिख रहा है, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि एक बार फिर एक बड़ा आंदोलन फ्लाई एस के विरोध में छिड़ेगा।