बस्तर

अबूझमाड़ की नक्सल पीडि़त महिलाओं ने प्रियंका को बताई स्वावलंबन की कहानी
13-Apr-2023 8:53 PM
अबूझमाड़ की नक्सल पीडि़त महिलाओं ने प्रियंका को बताई स्वावलंबन की कहानी

जगदलपुर, 13 अप्रैल। भरोसे का सम्मेलन में जगदलपुर में मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के साथ कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कार्यक्रम स्थल में नारायणपुर जिले के बांस शिल्प केंद्र द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनके सामानों की सराहना की। 

अवलोकन के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा को महिलाओं ने बांस से बने गुलदस्ता भेंट किया, तो  प्रियंका ने महिला के कंधे पर हाथ रखकर पूछा, आप कहाँ से हैं....महिलाओं ने हंसते हुए जवाब दिया अबूझमाड़ से। 

नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के गांव गुमियाबेड़ा की सीताबाई और उसेबेड़ा की पालेबाई ने बताया कि नक्सलियों द्वारा उनके परिवार के सदस्यों की हत्या उपरांत वे अबूझमाड़ छोडक़र नारायणपुर आकर बस गईं। ये नक्सल पीडि़त अनपढ़ महिलाओं के पास कमाने का कोई साधन नहीं था, इन्हें शासन द्वारा नारायणपुर में बसाकर बांस शिल्प का प्रशिक्षण दिया गया। अब ये बांस शिल्पी बनकर आर्थिक स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ रही हंै और आर्थिक स्वावलंबन की कहानी लिख रही हंै। 

ज्ञात हो कि जिले के स्थानीय ग्रामीण और यहां की जनजाति के लोग बांस शिल्प के महत्व को समझते परखते हैं। यहां के लोग बांस का काम प्रमुखता से कर अनेक उपयोगी मनमोहक और आकर्षक सामग्रियों का निर्माण करते हैं। शासन द्वारा बांस शिल्प के प्रति स्थानीय लोगों की रूचि के कारण नारायणपुर में बांस शिल्प प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई। इस प्रशिक्षण केंद्र में स्थानीय निवासियों को बांस शिल्प के साथ-साथ बेल मेटल और काष्ठ कला का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। बांस शिल्प का प्रमुख उद्देश्य यहां के जनजातीय परिवार जो परंपरागत रूप से शिल्प कार्य में संलग्न रहते। हैं, उनको निरंतर रोजगार प्रशिक्षण आदि के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराना है। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन पर बांस शिल्प वनवासियों के रोजगार का आधार बना है। अबूझमाड़ में निवास करने वाले वनवासी परिवार के लोगों को रोजगारमूलक बांस शिल्प के कार्य से जोड़ा गया है। नारायणपुर जिले के बांस शिल्प द्वारा जनजातीय परिवार के लोगों को निरंतर बांस शिल्प के कार्यों में प्रशिक्षण देकर डिजाईनिंग डेवलपमेंट के माध्यम से विभिन्न प्रकार के बांस से निर्मित फर्नीचर, घरेलू उपयोगी और सजावटी सामग्रियों का निर्माण कराकर रोजगार सृजन किया जा रहा है। 

जिले के जनजाति परिवारों के परंपरागत बांस शिल्प व्यवसाय से हटकर उपयोगी सामग्रियों का निर्माण सोफा सेट, टेबल, स्टूल, मोडा, पार्टीशन, रेक आदि के अतिरिक्त नवाचार करते हुए बांस के बास्केट, बटन, स्टॉपर, गमला पाट, पेन स्टैंड ,टी कोस्टर, लेम्प, पलंग एवं बॉस के ट्री गार्ड आदि प्रमुखता से निर्माण कराकर विक्रय किया जा रहा है। इस केंद्र के माध्यम से रोजगार के सृजन से स्थानीय स्तर पर लगभग 40 परिवारों के 100 लोग लाभान्वित हो रहे हैं। बीते वित्तीय वर्ष में 9 लाख का मुनाफा भी कमाया है। बांस शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए बेंबू बॉक्स छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड रायपुर, बेंबू बटन अपेक्स हैंडलूम हथकरघा विभाग, बेंबू स्टापर पुलिस अधीक्षक नारायणपुर और कोण्डागांव को मांग के अनुरूप आपूर्ति की गई। इसके अतिरिक्त यहां निर्मित बेंबू मोबाइल-कम-पेन स्टैंड, बेंबू लेम्प और बेंबू पलंग लोगों की पहली पसंद बन गई है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news