बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल/जगदलपुर, 19 अप्रैल। सुकमा-बीजापुर जिले की सीमा पर नक्सलियों द्वारा कथित ड्रोन हमले करने का दावा करते हुए केंद्र सरकार पर कई बार हवाई हमले करने का आरोप लगाया है।
इस बार किस्टाराम इलाक़े के गट्टापाड़ गाँव में मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में आदिवासियों ने रैली निकाली। हाथों में बैनर पोस्टर लिए आदिवासियों ने आदिवासी इलाक़ों में हवाई हमले बंद करने की माँग करते हुए रैली निकाली, वहीं गाँव के बीच रैली सभा का रूप ले ली, जहां केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाज़ी की और हवाई बमबारी व कैम्प वापस ले जाने की माँग की है।
ग्रामीणों ने तर्क बताते हुए कहा कि आदिवासी इलाक़ों में आदिवासी वनोपज से अपना जीवन यापन करते हैं और वनोपज के संग्रहण के लिए आदिवासी चौबीसों घंटे जंगलों में रहते हैं और पेड़ों के नीचे ही रात्रि विश्राम भी करते हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि लगातार हवाई बमबारी के चलते ग्रामीणों में ख़ौफ़ का माहौल है।
ग्रामीणों के मुताबिक़ अब तक चार बार सुकमा-बीजापुर सीमा पर हवाई बमबारी की जा चुकी है, जिसके बाद अब लोग वनोपज संग्रहण करने जंगल जाने भी ख़ौफ़ खा रहे हैं, जिसके चलते ग्रामीणों ने हवाई बमबारी बंद करने की माँग की है।
ग्रामीणों ने कहा है कि वर्तमान में महुआ का सीजन है, जहां तडक़ेसे आदिवासी महुआ बीनने जंगलों में चले जाते हैं और सुबह होने के बाद भी लोग जंगलों में महुआ बीनते हैं, ऐसे में आसमान से बमबारी से आदिवासियों के नुक़सान का अंदेशा बना होने की बात लोगों ने कही है, साथ ही लोगों ने इलाक़े में लगाए जा रहे पुलिस कैम्प को भी हटाने की माँग की है।
गट्टापाड़ में आयोजित ग्रामीणों के इस रैली एवं सभा में तकऱीबन एक हज़ार से अधिक ग्रामीण एकत्रित हुए, जो रैली के माध्यम से गट्टापाड़ गाँव के बीच सभा के माध्यम से हवाई बमबारी बंद करने की केंद्र व राज्य सरकार से माँग की है।