रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 29 अप्रैल। जूटमिल क्षेत्र स्थित फटहामुडा निस्तारी तालाब के किनारे फिर से बेजा कब्जा करके अवैध निर्माण का काम शुरू हो गया है। मोहल्लेवासियों के द्वारा पूर्व में कलेक्टर से शिकायत के बाद काम बंद हो गया था। मगर बेजा कब्जाधारियों ने एक बार फिर यहां कब्जा करना शुरू कर दिया है, जिसे लेकर मोहल्लेवासी आक्रोशित है और इस ामले को लेकर फिर से कलेक्टर से मिलने का मन बना चुके हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्र 31, 32, 34, 35 के मध्य फटहामुड़ा निस्तारी तालाब स्थित है जो कि दो भागो में बंटा है! लगभग 70-80 वर्षों से क्षेत्रवासी उपरोक्त तालाब का इस्तेमाल आसपास के 4-5 वार्ड के लोग नहाने धोने व अन्य निस्तारी में तालाब के पानी का उपयोग करते आ रहें हैं! तालाब के दूसरे भाग को स्थानीय गनपत गोटिया के द्वारा अवैधानिक रूप से 15 लाख में 15 डिसमिल जमीन गुलाब टंडन को बेच दी है जिस पर लगभग एक माह पहले उपरोक्त तालाब के दूसरे भाग को गुलाब टंडन के द्वारा छोटी तालाब में लगभग 300 ट्रैक्टर से अधिक मिट्टी- मलबा पाटकर समतल किया जा रहा था। जिस संबंध में मोहल्ले वासियों की मौखिक शिकायत पर 18 मार्च को राजस्व विभाग के एसडीएम गगन शर्मा, तहसीलदार लोमेश मिरी, आर आई और पटवारी ममता पाण्डे मौके पर पहुंचे थे तथा तालाब के दूसरे भाग पर मिट्टी पाटने व किसी भी तरह निर्माण कार्य ना करने की सख्त हिदायत राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों दी गई थी। जिसके दूसरे ही दिन पूर्व पार्षद राम कृष्ण खटर्जी के साथ आधा दर्जन से अधिक मोहल्ले के महिला पुरुष जिला कलेक्टर पहुंचकर लिखित ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञात हो कि शिकायत के कुछ ही दिन बाद शिकायत कर्ताओं को सूचना देकर मौके पर पुन: पटवारी ममता पांडे और आर आई तथा फटहामुड़ा तालाब के ऊपर स्थित सडक़ से लेकर उक्त छोटी तालाब तक नाप जोख करने लगे, नाप जोख करने के उपरांत मौके पर उपस्थित शिकायतों सहित कब्जे धारियों को यह बताया गया कि उपरोक्त भूमि खसरा नंबर 131 की भूमि है। पूछने पर पटवारी के द्वारा यह बताया गया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर मौके पर जांच पड़ताल की मांग करने आए हैं और भूमि नंबर 131 का सीमांकन किया गया है, जिसे सुनते ही मौके पर उपस्थित शिकायतकर्ताओं हूं सहित अन्य लोग चैक गए क्योंकि शिकायत सारी तालाब के खसरा नंबर 121 की है और सीमांकन आखिर किस आधार पर 131 का किया गया। लेकिन मौके पर किसी प्रकार का मौका पंचनामा नहीं तैयार किया गया ना ही उपस्थित लोगों के हस्ताक्षर लिए गए जो कि कई प्रश्नों को जन्म देते हैं। वहीं मौके पर उपस्थित लोगों के द्वारा कई तरह के सवाल उठाए जाने पर पटवारी के द्वारा यह कहा गया कि मौखिक शिकायत जो मोहल्ले वासियों द्वारा की गई थी उस पर हम आए हैं ना कि आप लोगों द्वारा 121 का जो तालाब के नाम पर शिकायत किया गया है उसके लिए आए हैं। तथा मोहल्ले वासियों की ओर से दी गई शिकायत अभी तक नहीं आई है। अगर खसरा नंबर 121 का सीमांकन करने का आदेश आएगा तो तालाब का सीमांकन किया जाएगा।
मोहल्ले वासियों के विरोध को देखते हुए पटवारी के द्वारा गोटिया और गुलाब टंडन को किसी प्रकार की निर्माण कार्य नहीं करने को कहा गया था, लेकिन कुछ ही दिन गुलाब टंडन ने फटहामुड़ा निस्तारी तालाब के दूसरे हिस्से पर अब ईट अल्बेस्टर छाकर मकान बनाना शुरू कर दिया है। ऐसे में सवाल उठना तो लाजमी भी है आखिर शिकायत के निराकरण पूर्व आखिर किस आधार पर निर्माण किया जा रहा है तथा राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों के सख्त हिदायत के बावजूद आखिर किसकी सह पर निर्माण किया जा रहा है। छोटी तालाब पर अतिक्रमण को लेकर मोहल्ले वासियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
मोहल्ले वासियों द्वारा आज मोहल्ले में विशेष बैठक रखी गई थी जिसमें मोहल्ले वासियों के द्वारा विभाग के नुमाइंदों के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठाए हैं तथा निस्तारी तालाब में हो रहे अतिक्रमण को रोकने एवं तालाब के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष रणनीति तय कर बहुत जल्द जिला कलेक्टर से मिलकर पुन: न्याय की गुहार लगाएंगे।
बहरहाल इस संबंध में पटवारी को कई बार फोन करने पर भी फोन रिसीव नहीं किया जा रहा ना ही वापस कॉल आया जिसके बाद तहसीलदार को संपर्क करने का प्रयास किया गया किंतु किसी कारण उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।