रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 8 मई। कांग्रेस नेता वासुदेव यादव के द्वारा खुद को प्रदेश कांग्रेस महामंत्री बताते हुए ठेका दिलाने के नाम पर अपने पाटर्नर श्रीनिवासन अय्यर को भेजकर 5 लाख रूपये लेकर ठगी करने का मामला सामने आया है। पीडि़त व्यवसायी ने इस मामले की लिखित शिकायत सूरजपुर थाने में करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस के अनुसार पीडि़त ने सूरजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि आशा स्टील एण्ड फेब्रीकेशन, ग्राम पंचिरा सूरजपुर (छ.ग.) में संचालित है। उक्त फर्म उद्योग विभाग एवं सीएसआईडीसी में पंजीकृत फर्म है। मेरी फर्म में सीएसआईडीसी द्वारा आरसीसी पोल, चैनलिंग ग्लेनाईड वायर एवं स्टील फर्नीचर दर अनुबंध भी किया गया था एवं छोटे-छोटे माध्यम से सप्लाई भी किया जाता रहा है। परंतु कोविड-19 की वजह से 1-2 वर्षों तक काम नहीं मिलने के कारण उद्योग बंद होने के कगार पर आ गया था। इन सभी परेशानियों के बीच मेरी मुलाकात श्रीनिवासन अय्यर निवासी रायपुर से रायपुर में हुई। इनके द्वारा मुझे कहा गया कि सीएम हाउस रायपुर से सारे काम होते हैं।
पीडि़त व्यवसायी ने बताया कि उन्होंने मुझे 2 करोड़ की सप्लाई का आश्वासन दिया, जिसमें स्टील फर्नीचर सप्लाई, स्कूलों एवं फारेस्ट में फेंसिग एवं स्टील चैन लिंक फेब्रीकेशिंग जाली का कार्य था, उसके लिये उन्होंने बताया कि 15 प्रतिशत का खर्च आएगा। मुख्यमंत्री निवास से टोकन कटवाना पड़ेगा, उसके लिए 15 लाख रुपये अभी देना पड़ेगा, बाकी पैसा वर्क आर्डर के समय आपको देने होंगे। मेरे द्वारा काम न मिलने पर पैसा वापसी की गारंटी चाही गई तो उनके द्वारा एकला इण्टरप्राईजेज का करेंट एकाउंट का चेक देने की बात कही एवं इस तरह से मैं उनकी बातों के झांसे में आ गया, उसके पश्चात मैंने उनसे कहा कि दो दिन पश्चात आप सूरजपुर आकर पेमेन्ट ले जाइयेगा। उसके बाद उनका स्टाफ गुलाम मेरे पास सूरजपुर आया और मुझसे श्रीनिवासन अय्यर से बात कराया।
जिस पर उनके द्वारा कहा गया कि आप पैसा गुलाम को दे दीजिए, जिस पर मेरे द्वारा उन्हें 5 लाख की राशि दे दी गई। उसके पश्चात उन्होंने मुझे दो चेक एक 10 लाख का एवं दूसरा 5 लाख का दिया, किन्तु उनके द्वारा आज तक न तो मुझे किसी प्रकार का काम दिलाया गया और न ही मेरी राशि वापस की जा रही है और उनके द्वारा अब मेरा फोन भी रिसीव नहीं किया जा रहा है एवं उनके द्वारा दिये गये चेक में अंकित खाता नम्बर में राशि भी नहीं है।
इस स्थिति में पीडि़त व्यवसायी ने अब पुलिस की शरण लेते हुए लिखित शिकायत करते हुए इस मामले में जांच उपरांत आरोपियों के खिलाफ कड़ी एवं दण्डात्मक कार्रवाई की मांग की है।