राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 जुलाई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हमारी नई पीढ़ी को मंदिरों द्वारा शिक्षा संस्कार देनी पड़ेगी, क्योंकि भविष्य उन्हीं को संभालना है। इनको अभी से प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत शनिवार को रुद्राक्ष कनवर्षन सेंटर वाराणसी में टेंपल कनेक्ट की ओर से आयोजित मंदिरों के महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मंदिर को नई पीढ़ी को संभालना है तो उन्हें ट्रेनिंग दें। अपने साधन और संसाधन को एक करके अपनी कला और कारीगरी को सशक्त करें। समाज के कारीगर को प्रोत्साहन मिले तो वह अपने को मजबूत करेगा। रुद्राक्ष कनवर्षन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में देश के 11 सौ प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं ।
मंदिरों के महाकुंभ को सुधांशु त्रिवेदी, केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार चौबे, तेलंगाना की राज्यपाल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से राजनांदगांव के पाताल भैरवी मंदिर के प्रतिनिधि के रूप में बर्फानी सेवाश्रम समिति के अध्यक्ष राजेश मारू, गोविंददास महराज, अंजनी महराज, वरिष्ठ पत्रकार वीरेन्द्र बहादुर सिंह और कमलेश सिमनकर ने सहभागिता की।