धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 25 जुलाई। कांकेर सांसद मोहन मण्डावी ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के विरूद्ध एवं सर्विस नियम अनुच्छेद 14 का उल्लघंन के मामला को सदन में रखते हुए कहा कि आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर का एक गम्भीर मसला सदन के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। एम्स रायपुर के फेकल्टी याने संकाय सदस्यों की प्रताडऩा को लेकर पत्राचार के माध्यमों से भी सांसद मण्डावी द्वारा अवगत कराया जाता रहा है। अमुमन इस प्रकार से प्रताडऩा से नौकरी छोडऩे का मामला आता रहा है। कांकेर सांसद मण्डावी ने दिल्ली एम्स से अनुभव प्राप्त कर रायपुर एम्स में कार्यरत संकाय सदस्य डॉ. राधाकृष्ण रामचंदानी एवं उनकी पत्नी को प्रताडि़त कर नौकरी छोडऩे पर विवष करने के मामले को सदन में लाया गया। सांसद ने कहा कि यह मामला रूल्स 14 सेन्ट्रल सिविल सर्विसेस का दुरूपयोग कर कर्मठ ईमानदार सरकारी प्रषासनिक सेवा में लोगों के प्रति अन्याय पूर्ण साजिश कर षडयंत्र के तहत नौकरी छोडऩे के लिए विवश करने का प्रयास है।
लोकसभा सदन के माध्यम से सांसद मण्डावी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों का एम्स संस्थान जिनके स्वास्थ्य व्यवस्था के रीढ़ की हड्डी चिकित्सकों को प्रताडि़त कर नौकरी छोडऩे के मामले को केन्द्रीय समिति के जाँच दल द्वारा जाँच करने का माँग किया गया।