सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उदयपुर,28 सितंबर। हाथियों के हमले से एक ग्रामीण की मौत हो गई। वह अन्य ग्रामीणों के साथ अपनी फसलों और घरों को नुकसान से बचाने के लिए हाथियों को खदेडऩे गया था।
विगत सात सितंबर से उदयपुर वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहे 11 हाथियों के हमले से उदयपुर क्षेत्र के कुमडेवा महुआ टिकरा गांव के निवासी 35 वर्षीय टापू मंझवार की मौत हो गई। घटना बुधवार की रात करीब 12 बजे तब हुई, जब हाथियों का दल गांव के आसपास लगे हुए धान और मक्के के खेतों में फसलों को खा रहे थे और मृतक अन्य ग्रामीणों के साथ अपनी फसलों और घरों को नुक्सान से बचाने के लिए हाथियों को खदेडऩे गया हुआ था।
हाथियों का दल जब गांव से कुछ दूर निकल गया, तब देर रात सभी ग्रामीण अपने अपने घर लौट आए परन्तु टापूराम नहीं लौटा। घर में उसकी पत्नी को उसकी चिंता सताने लगी, पर डर से तलाश करने नहीं निकली। सुबह होने पर उसका भाई तलाश में निकला, पर कहीं पता नहीं चला।
इधर उसकी पत्नी से भी रहा नहीं गया और अकेले ही अपने पति की तलाश में निकल पड़ी, पर पता नहीं चला। तब वह गीली मिट्टी में बने हाथियों के पदचिन्हों के सहारे ही आगे तलाश में निकल पड़ी, कुछ दूर ढूंढने पर जब उसकी नजर अपने पति की क्षत विक्षत लाश पर पड़ी, तब उसका रो रोकर बुरा हाल हो गया।
कुछ समय बाद गांव के अन्य लोगों को भी इसका पता चला, तब सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई। वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी तत्काल ही घटनास्थल पहुंचे और लाश का पंचनामा तैयार कर घटनास्थल पर ही चिकित्सक डा.बी.एम.कामरे से पोस्टमार्टम करवाकर शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया।
घटना की सूचना पर डीएफओ सरगुजा ,वन विभाग के एसडीओ विजेंद्र सिंह ठाकुर,वन परिक्षेत्राधिकारी दोहरे सहित तमाम विभागीय अमला मौके पर पहुंचा और मृतक के परिजनों को सांत्वना और तात्कालिक सहायता के रूप में मृतक की पत्नी प्रमिला बाई को 25 हजार की आर्थिक सहायता दी गई। हाथियों के हमले से मृत होने वालों के परिजनों को दी जाने वाली 6लाख रुपए की शेष राशि विभागीय कार्रवाई पूरी होने उपरांत प्रदान की जाएगी।