रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 अक्टूबर। संघ समर्थित बीएमएस के बैनर तले सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ ने मोदी सरकार को चेताया है कि सरकार अगर शीघ्र ही गारंटीड पेंशन स्कीम ( अर्थात सी सी एस पेंशन रूल 1972) लागू नहीं करती है तो 22 नवम्बर को दिल्ली में एक बड़ी च्च्रैलीज्ज् करेगा। सरकार से मांग की जाएगी कि कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50त्न गारंटीड पेशन तथा इसे मूल्य सूचकांक से जोड़ कर प्रदान करने की घोषणा की जाय अर्थात पुरानी पेंशन व्यवस्था को पुन: बहाल किया जाय। संघ का कहना है कि उसे एनपीएस में सुधार नहीं ओपीएस ही चाहिए।
सरकारी कर्मचारियों को 01 जनवरी 2004 से पूर्व सामाजिक सुरक्षा के नाम पर ह्रक्कस् (ष्टष्टस् क्कद्गठ्ठह्यद्बशठ्ठ क्रह्वद्यद्ग, 1972) के अन्तर्गत पेंशन की सुविधा प्राप्त थी जिसमे कर्मचारी के अन्तिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में प्राप्त होता था और मूल्य सूचकांक के साथ जुड़ा होने के कारण वर्ष में दो बार 01 जनवरी व 01 जुलाई को मंहगाई भत्ता प्रदान किया जाता था।
वर्ष 2002 व 2003 में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने पेंशन पर खर्च होने वाले बजट को नियंत्रित करने के नाम पर यह निर्णय लिया कि कर्मचारियों को नई अंशदायी पेंशन स्कीम के अन्तर्गत लाया जाए। जिसके अन्तर्गत कर्मचारी अपने वेतन का 10त्न पेंशन फंड को हिस्सेदारी देगा और इतनी ही धनराशि सरकार उसके पेंशन एकाउंट में जमा करेगी। सेवानिवृति के समय 60 वर्ष की आयु पूरा होने पर जमा धनराशि का 60त्न कर्मचारी को नगद प्रदान किया जाएगा तथा शेष 40 फीसदी पेंशन फंड में डाला जाएगा। जिससे कर्मचारी को पैशन प्रदान की जाएगी। यह पेंशन स्कीम गारंटीड पेंशन स्कीम नहीं है। विभिन्न राज्यों की सरकारों ने भी इसे अपने प्रदेशों में लागू किया।
सरकार ने स्वत: ही यह मान लिया कि पेंशन फंड के लिए जमा कुल धन राशि का 60त्न हिस्सा कर्मचारी की ग्रेच्युटी के रूप में प्राप्त हो जाएगा अर्थात ग्रेच्युटी, जो बेच्युटी एक्ट के तहत प्राप्त होती थी उसे बंद कर दिया गया।
भारतीय मजदूर संघ व उससे सम्बद्ध सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ एवं सभी महासंघ 2004 से ही लगातार इस स्कीम का विरोध करते आ रहे है। भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध सरकारी कर्मचारियों के लिए कार्य करने वाले सभी महासंघों ने समय-समय पर अपनी कार्यसमिति की बैठकों में प्रस्ताव पास कर हृक्कस् को समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए सरकार से मांग की।
वर्ष 2014 में यू.पी.ए. सरकार का अन्त हुआ और फिर से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राजग सरकार केन्द्र में स्थापित हुई।
राजग सरकार के समक्ष भारतीय मजदूर संघ एवं उससे संबद्ध महासंघों ने यह मांग की कि एनपीएस नॉन गॉरंटीड पेंशन स्कीम है जिससे जो कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे है उन्हे बहुत कम पैशन प्राप्त हो रही है। इसलिए एनपीएस को समाप्त कर पुरानी गारंटीड पेंशन स्कीम को लागू किया जाए।
साथ ही ग्रेच्युटी एक्ट के अन्तर्गत जो बेच्युटी प्राप्त होती है उसे पुन: बहाल किया जाए। भारत सरकार से बार-बार मांग करने पर वर्ष 2016 में तत्कालीन वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली ने ग्रेच्युटी बहाल करने का आदेश पारित किया। यह भारतीय मजदूर संघ व उससे सम्बद्ध संघो की एक बड़ी जीत थी।