रायपुर
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 9 मई। श्री श्री शोलापुरी माता पूजा उत्सव में गुरुवार को कुमकुम पूजा का आयोजन किया गया, जिसमें 251 महिलाओं ने कुमकुम से मां की आराधना की। इसके साथ ही शाम मां शोलापुरी के साथ राम भगवान की झांकी का भी दर्शन करेंगे भक्त।
कुमकुम पूजा के बारे में पुजारी पी.मोहन राव ने बताया कि शक्ति की साधना में कुमकुम का विशेष महत्व होता है। कुमकुम हल्दी और अन्य तत्वों से बना होता है जो प्रकृति में मौजूद बेहतरीन शक्ति या कहें कि देवी-देवताओं के सार को आकर्षित करने की क्षमता में वृद्धि करता है। देवी-देवताओं की कुमकुम से पूजा करना बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि यह देवी-देवताओं से जुडऩे का एक आसान तरीका है ताकि वे आपके अनुकूल हो जाएं।
मेले में जमकर खरीदारी, झूले फुल
माता के दर्शन के साथ ही साथ लोग मेले का आनंद भी उठा रहे हैं। बड़ी संख्या में बच्चे व युवा तरह-तरह के झूले, लजीज व्यंजनों का आनंद ले रहे हैं। पूरा मेला परिसर लोगों से भरा रहा। मेले में सजी दुकानों में लोगों की जरूरत का लगभग हर सामान उपलब्ध है। मेले में चाइनीज से लेकर साउथ इंडियन व्यंजन मसलन चाउमिन, पिज्जा, बर्गर, पावभाजी, डोसा और उप्पम की दुकानें सजी थीं। छोटे बच्चे मेले में बोटिंग का मजा ले रहे है। मेला के हर एक सेक्टर में पैर रखने की जगह नहीं थी। खेल तमाशों से लेकर मेले की दुकान और झूला सेक्टर में भीड़ ही भीड़ नजर आ रही है। भीड़ के चलते दुकानदारों की भी खूब बिक्री हो रही है।
महा सचिव सत्यम दुआ ने बताया कि रविवार 12 मई को महाभोग होगा। 52वीं वर्षगांठ पर इस बार छप्पन भोग चढ़ाया जाएगा। छप्पन भोग के साथ पूजा होगी और वहीं सबको प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। महाभोग कार्यक्रम में करीब 3 से 4 हजार श्रद्धालुओं महाप्रसाद ग्रहण करते है। महाप्रसाद के बाद शाम 7 बजे वापस माता शोलापुरी को मंदिर के लिए शोभायात्रा निकाली जाएगी।