रायपुर
भाजपा नेता शिकायत करना चाह रहे लेकिन संगठन का शीर्ष नेतृत्व नहीं चाहता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 अक्टूबर। एक ही पद पर वर्षों से जमे अधिकारी,कर्मचारियों के चुनावी तबादलों को लेकर आयोग और प्रशासन ने वन विभाग में पूरी तरह से अनदेखी की है। इसके चलते डीएफओ , एसडीओ से लेकर कई फील्ड कर्मचारी जंगल वाले विधानसभा क्षेत्रों में बने हुए हैं।
इनकी भाजपा के प्रत्याशी, अन्य पदाधिकारीऔर पूर्व सीएम रमन सिंह भी शिकायत करना चाहते हैं लेकिन संगठन महामंत्री जैसे वरिष्ठ नेता भी नहीं चाहते। वो तो सीधे मना कर रहे है । इससे समझा जा सकता है, अमले की पैठ।
वहीं पीसीसीएफ वी.श्रीनिवास राव ने प्रदेश के सभी पांच वृत स्तर पर ऐसी शिकायत पर कार्रवाई के लिए समितियाों का गठन किया है लेकिन रायपुर वन मंडल स्तर पर ही अनदेखी की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार एक डीएफओ, एसडीओ और रेंजर एक ही दफ्तर में 4 वर्ष से पदस्थ है । इतना ही नहीं इनसे जुड़े मातहत भी जमे हुए हैं। ये सभी किसी न किसी स्तर पर राजनीतिक दल व नेताओं के कृपापात्र बने हुए हैं। पीसीसीएफ, इन्हें बचाने कार्रवाई नहीं कर रहे वहीं आयोग की व्यवस्था को भी धत्ता बताने से नहीं चूक रहे। बहरहाल पीसीसीएफ ने विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों पर चुनाव संबंधी शिकायतों की जांच व कार्रवाई के लिए पांच समितियों का गठन किया है ।
रायपुर वृत्त के लिए रमन बी सोमावार, उप वन संरक्षक, नारंगी क्षेत्र इकाई क्रमांक-1 वनमंडल, विश्वनाथ मुखर्जी, उप वनमंडलाधिकारी, रायपुर वनमंडल रायपुर सदस्य, दुर्ग वृत्त डी. के. सिंह, उप वनमंडलाधिकारी, दुर्ग वनमंडल दुर्ग- अध्यक्ष व्ही. एन. दुबे, उप वनमंडलाधिकारी, बेमेतरा, वनमंडल दुर्ग सदस्य बिलासपुर वृत्त- संचित शर्मा, सहायक वन संरक्षक, कार्य आयोजना वृत्त, बिलासपुर- अध्यक्ष 2. छबिलाल निर्वाण, उप वनमंडलाधिकारी, अनुसंधान एवं विस्तार वनमंडल, सरगुजा वृत्त-कांकेर वृत्त एस.बी. पाण्डेय, अनुदेशक वन विद्यालय, अम्बिकापुर अध्यक्ष उमेश कुमार सिंह, संलग्नाधिकारी, वृत्त कार्यालय अम्बिकापुर सदस्य आर.एस. मरकाम, उप वनमंडलाधिकारी, कांकेर वनमंडल कांकेर- अध्यक्ष लखन लाल नागेश, संलग्नाधिकारी वृत्त कार्यालय कांकेर - सदस्य जगदलपुर वृत्त-इंद्रप्रसाद बंजारे, उप वनमंडलाधिकारी, बस्तर, वनमंडल वस्तर अध्यक्ष टेकराम मरई सहायक वन संरक्षक, कार्य आयोजना वनमंडल जगदलपुर सदस्य।ये जांच समितियां वन अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्त होने वाली ऐसी समस्त शिकायतों की त्वरित रूप से जांच करेगी, जो चुनाव कार्य को प्रभावित कर सकती है, चाहे उनकी विषय वस्तु क्षेत्रीय वन्यप्राणी, कार्य आयोजना अथवा अनुसंधान विस्तार आदि में पदस्थ किसी भी अधिकारी / कर्मचारी से संबंधित हो तथा अपने वृत्त के मुख्य वन संरक्षक (क्षेत्रीय) के माध्यम से जांच प्रतिवेदन मुख्य वन संरक्षक (सत. / शिका.) / राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी को 2 दिवस के भीतर अनिवार्यत: प्रस्तुत करेंगे। मुख्य वन संरक्षक (सत / शिका.), वृत्त स्तरीय समिति के जांच प्रतिवेदन के आधार पर अपना प्रतिवेदन तत्काल प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख को प्रस्तुत करेंगे।