दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 नवंबर। हेमचंद यादव विवि, दुर्ग से सम्बद्ध 15 शोधकेन्द्रों में पीएचडी हेतु पंजीकृत शोधार्थियों एवं उनके शोधनिर्देशकों हेतु विवि परिसर स्थित टैगोर हॉल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह जानकारी देते हुए विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि गत आयोजित कार्यशाला में लगभग 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में प्रारंभ में विवि की कुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा ने पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को शोधप्रक्रिया से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी। डॉ. पल्टा ने शोध थीसिस जमा करते समय संदर्भ सूची, आंकड़ों को प्रदर्षित करने वाली सारिणी तथा ग्राफ आदि के विषय में विस्तार से समझाया।
डॉ. पल्टा ने समस्त प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वें ऐसे शोध विषय का चयन करे जो समाज के हित में हों। विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ. प्रषांत श्रीवास्तव ने अपने प्रस्तुतिकरण में पावर प्वाइंट के माध्यम से पीएचडी प्रवेष परीक्षा से लेकर पीएचडी थीसिस जमा होने के सम्पूर्ण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी।
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि यूजीसी द्वारा 07 नवंबर 2022 को प्रकाषित असाधारण राजपत्र के अनुसार ऐसे प्राध्यापक जिन्हें सेवा निवृत्त के तीन वर्ष शेष है वें अपने मार्गदर्षन में नये शोधार्थियों को पंजीकृत नहीं करा सकते। अब पीएचडी शोधार्थियों हेतु पीएचडी थीसिस जमा करने की अधिकतम अवधि 06 साल तथा न्यूनतम अवधि 03 साल होगी। महिला शोधार्थियों को 240 दिन का मातृत्व अवकाश की पात्रता होगी। विवि की डीसीडीसी, डॉ. प्रीता लाल ने पीएचडी थीसिस तैयार करने से संबंधित महत्वपूर्ण बिन्दु जैसे शोध प्रविधि, निष्कर्ष तथा शोध संबंधी प्रश्नावली एवं संदर्भ सूची तैयार करने के बारे में बारीकि से सभी प्रतिभागियों को जानकारी दी। कार्यशाला के दौरान उपस्थित शोधार्थियों एवं शोधनिर्देशकों ने अनेक प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया।