रायगढ़

धान पकते ही हाथीदल खेतों की ओर
07-Nov-2023 3:25 PM
धान पकते ही हाथीदल खेतों की ओर

दो दर्जन से अधिक किसानों की फसल बर्बाद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 7 नवंबर।
जंगलों से घिरे रायगढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ दिनों की खामोशी के बाद एक बार फिर से जंगली हाथियों का उत्पात फिर से शुरू हो चुका है। इसी क्रम में बीती रात जंगली हाथियों के दल से 25 किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। धान की फसल पकते ही जंगली हाथियों के दल का रूख खेतों की ओर हो जाता है जहां जमकर उत्पात मचाने के बाद वे वापस जंगल की ओर निकल जाते हैं।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में इन दिनों 111 जंगली हाथी अलग-अलग दल में विचरण कर रहे हैं। जिसमें 33 नर, 48 मादा के अलावा 30 शावक शामिल है। इसमें सबसे अधिक छाल रेंज के बनहर में 35 जंगली हाथी, सिंघीछाप में 30, धरमजयगढ़ के रूपुंगा में 25 के अलावा अलग-अलग दल में जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं। वहीं रायगढ़ वन परिक्षेत्र के जंगलों में भी 11 जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं जिनमें 04 नर, 05 मादा, 02 शावक शामिल है। जिसमें कांटाझरिया में 02, घरघोड़ा के बरौद में 09 जंगली हाथी शामिल है। रायगढ़ और धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र मिलाकर इन दिनों रायगढ़ जिले में 122 जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं। रायगढ़ वन परिक्षेत्र में जंगली हाथियों के द्वारा किसी प्रकार कोई नुकसान नहीं की गई है।

छाल रेंज के डोंगाभौना, सिंघीझाप, देउरमार में 18 किसानों की धान की फसल को नुकसान, धरमजयगढ़ के नरकालो में 03 किसानों की धान की फसल को नुकसान के अलावा चाल्हा में 02, कांसाबहार में 01 किसान की धान की फसल के साथ एक ही रात में जंगली हाथियों ने धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में 25 किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है।

जंगली हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथी ट्रैकिंग दल एवं हाथी मित्र दल के सदस्य गांव-गांव पहुंचकर मुनादी कराकर गांव के ग्रामीणों को जंगली हाथियों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। साथ ही साथ जंगल की ओर नही जाने की बात कही जा रही है ताकि किसी प्रकार की जनहानि की घटना घटित न हो।  

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