मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 6 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में विधानसभा निर्वाचन समाप्ति के पश्चात आचार संहिता समाप्त होने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में विगत 2 वर्षों से अधिक समय से व्याप्त भ्रष्टाचार, अव्यवस्थाओं व कर्मचारी की समस्याओं के निराकरण हेतु छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने फिर से आवाज बुलंद की है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अरूण कुमार ताम्रकार ने बयान जारी कर कहा कि विगत 2 वर्षों से विभिन्न समस्याओं को लेकर विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों को पत्राचार भेंट मुलाकात कर अवगत कराया जाता रहा है, लेकिन स्थानीय राजनेताओं के संरक्षण प्राप्त विभागीय अधिकारियों द्वारा किसी भी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया व भ्रष्टाचार के दोषियों पर कार्रवाई भी नहीं की गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि विकासखंड मनेंद्रगढ़ में आयुष्मान योजना अंतर्गत अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भ्रष्टाचार, कोविड टीकाकरण में कार्यरत कर्मचारियों को आधी-अधूरी प्रोत्साहन राशि दिए जाने, अपात्र कर्मचारियों को भुगतान, नाश्ता व भोजन में फर्जी बिल के आधार पर शासकीय राशि का गबन कर कर्मचारियों का आर्थिक शोषण किया गया है।
आरोपियों पर कार्रवाई करने, जीवनदीप समिति कर्मचारियों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ सफाई कर्मियों को कलेक्टर दर पर भुगतान, अधिकारियों-कर्मचारियों को नियम विरुद्ध जाकर किए गए संलग्नीकरण को समाप्त करने, मूल पद के अनुसार कार्य करने, संविदा कर्मचारियों को बिना आदेश शासकीय आवास देने व उनके गृह भाड़ा भत्ता नहीं काटे जाने के साथ जनकपुर खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव कुमार रमन द्वारा लगातार 7 माह अनुपस्थित रहने पर भी पद का दुरुपयोग कर वेतन प्राप्त करने सहित अन्य सभी समस्याओं एवं मांगों को लेकर पुन: विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों को अंतिम पत्र जारी कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की जावेगी। जिलाध्यक्ष ने कहा कि 1 माह के भीतर कार्रवाई न होने पर संस्था का घेराव व धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसके पश्चात भी यदि समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ विभाग के उच्च अधिकारियों के विरुद्ध उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर करेगा।