रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। पर्यटन, संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश सरकार के समय बनाए गए राम वन पथ गमन पथ निर्माण और इसमें बनाई गई प्रतिमाओं में भ्रष्टाचार की सोशल आडिट की घोषणा की ।इसके लिए वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर उसमें विपक्ष के सदस्यों भी शामिल होंगे।
इससे पहले अजय चंद्राकर ने प्रश्न काल में उठाया। अजय चंद्राकर ने राम वन पथ गमन मार्ग निर्धारण का मसला उठाया और इस योजना में बनाईं प्रतिमाओं की गुणवत्ता और छवि को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस परिपथ में चंपारण, चंदखुरी को शामिल किया गया ,जहां श्रीराम के जाने का कोई उल्लेख इतिहास में नहीं है। जहां श्री राम के जाने का कोई उल्लेख नहीं है। इस योजना के लिए उपयोग किये गए मद को लेकर भी सदन में सवाल हुए। इस योजना के तहत जो प्रतिमाएँ बनाई गई हैं उनकी छवि और गुणवत्ता को लेकर भी गंभीर सवाल हुए। अजय चंद्राकर ने सवाल किया - च्च्चंपारन में श्री राम वन पथ गमन मार्ग कैसे बनाया गया।ज्ज् इस पर धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा -ज्ज्यह निर्णय तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर लिया गया था।ज्ज्
अजय ने कहा कि इतिहास बदले कि खेल खेला गया था। इस परिपथ में रामजी की मूर्तियां बनाने का कांट्रेक्ट टी सी आई एल से किया गया। जिसने बोधघाट जल परियोजना का डीपीआर बनाई थी । मंत्री बृजमोहन ने बताया कि उक्त फर्म को केवल डीपीआर और कंसल्टेंसी ही दी गई थी। अजय ने हर मूर्ति का एस ओ आर मांगा।
मंत्री ने कहा कि यह गंभीर अनियमितता का विषय है, पूरे मामले की सोशल आडिट के लिए चंद्राकर की अध्यक्षता में कमेटी की घोषणा करता हूं। नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने विपक्ष के सदस्यों को भी शामिल करने की मांग की। अग्रवाल ने इसकी भी घोषणा की ।
डॉ रमन सिंह ने ली चुटकी
मंत्री अग्रवाल ने जाँच की घोषणा की तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने चुटकी ली। विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा - वहाँ प्रतिमा के नीचे लिख दीजिएगा श्रीराम, ताकि प्रतिमा की पहचान हो सके।