रायगढ़

केलो के नहरों से सिंचाई से खेती की मिलेगी संजीवनी
16-Feb-2024 2:17 PM
केलो के नहरों से सिंचाई से  खेती की मिलेगी संजीवनी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 16 फरवरी।
रायगढ़ के पूर्व विधायक रोशन लाल अग्रवाल सिंचाई परियोजना से दूरगामी सोच को लेकर आगे बढ़े थे उसे अब वर्तमान सरकार पूरा करने के उद्देश्य से आगे बढ़ रही है। इस ओर कदम बढ़ाते हुए दिलीप सिंह जूदेव वृहत केलो सिंचाई परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ शासन ने 100 करोड़ रुपए का नहर बनाने के लिए बजट में राशि प्रावधान किया गया है। जिसका सीधा लाभ केलो बांध नहर से 2 जिले के ग्रामीण किसानों के खेतों को सिंचाई के लिए बांध का पानी नहर के माध्यम से उपलब्ध होगा, जिससे ग्रामीण अंचलों के खेती किसानी के रकबा में वृद्धि होने का शत- प्रतिशत अनुमान है।

दरअसल जिले में कई ऐसे गांव है जहां सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नही होने से बरसात के पानी की उम्मीद में केवल एक फसली में धान उपार्जन करते है। ऐसे में सिंचाई के लिए पानी नहर से उपलब्ध होने पर जिले में दलहन-तिलहन तथा  विविध फसलों के रकबा में भी व्यापक इजाफा होने के बात सामने आ रही है। रायगढ़ विधानसभा के विधायक वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भाजपा शासन महती योजनाओं के क्रियान्वयन में लालायित है। वे जिले की जनता की मांग और अपेक्षा को पूरा करने का सतत प्रयास की दिशा तय करने में भी जुट गए है। नहर के लिए 100 करोड़ की भारी भरकम राशि स्वीकृत होने पर किसानों में हर्ष भी है। बहरहाल अधूरे नहर पूरा होते ही खेत खलिहान में फसल लहलहाती नजर आएगी जो जिले में खेती के लिए सिंचित भूमि को एक तरह से संजीवनी प्रदान करेगी।

100 करोड़ की राशि से पहुंचेगा अंतिम गांव तक पानी
केलो बांध का नहर का विस्तार कुछ वर्षों से अधूरा है। जिसे लेकर समय समय मे पूरा करने की मांग किसान करते आए है। कई स्थानों में भू अर्जन की प्रक्रिया भी लटकी है। इस भारी भरकम राशि से यह कार्य अब पूर्ण होना तय माना जा रहा है। और गांव के अंतिम किसानों के खेतों में पानी की उपलब्धता होगी।

ऐसे समझें दिलीप सिंह जूदेव केलो बांध परियोजना को
केलो वृहत परियोजना की शुरुआत 2009 में हुई थी। इसे दिलीप सिंह जूदेव केलो वृहत सिंचाई परियोजना का नामकरण किया गया। तत्कालीन समय मे लागत 891 करोड़ रुपए है। इसमें केलो बांध के निर्माण के साथ ही मुख्य नहर, शाखा और वितरक नहरों का निर्माण शामिल है। केलो डैम की क्षमता 61.95 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इस परियोजना के पूरे होने से 175 गांवों के 22 हजार 810 हेक्टेयर को सिंचाई सुविधा मिलेगी। जिसमें रायगढ़ जिले के 167 गांवों की 21 हजार 596 हेक्टेयर और सक्ति जिले के 8 गांवों की 1 हजार 214 हेक्टेयर जमीन शामिल है। इसमें मुख्य नहर की लंबाई करीब 26 किमी है।

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