रायगढ़

अफसर ने स्कूल की व्यवस्था देख स्टाफ की थपथपाई पीठ
16-Feb-2024 4:38 PM
अफसर ने स्कूल की व्यवस्था देख स्टाफ की थपथपाई पीठ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 16 फरवरी।
धरमजयगढ़ विकासखंड का अंतिम छोर जंगलों के बीच बसा गांव लामीखार जिसे लोग जानते भी नहीं थे, जिसकी अब नई पहचान गांव की प्राथमिक शाला से हो रही है, स्वच्छ वातावरण में पालक अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए दूर दराज गांव में रहकर पढ़ा रहे है।

स्कूल परिसर में यहां का प्राकृतिक वातावरण देखकर एक सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे बच्चों को पढऩे और पढ़ाने में एक अलग उत्साह आता है। यहां स्कूल परिसर में खुले में घूमते हुए खरगोश, सफेद चूहा, बतख, तर्की, विभिन्न प्रजाति के कबूतर स्कूल की शोभा बढ़ा रहे है। स्कूल में बच्चों की पढ़ाई और रिजल्ट देखकर क्षेत्र के साथ-साथ अब अन्य जिलों के पालक भी अपने बच्चों को लामिखार गांव में रहकर अच्छी शिक्षा दिलवा रहे है। 

शाला शिक्षक निरंजन पटेल ने बताया कि 26 जनवरी को छाल तहसीलदार महेंद्र लहरे समस्त छाल राजस्व स्टॉफ द्वारा स्कूल प्रांगण आकर बच्चों से मिले थे, जिससे लामीखार का नजारा देखकर उन्हें बहुत अच्छा लगा जिससे प्रभावित होकर गुरुवार को महेंद्र लहरे और उनके राजस्व स्टॉफ द्वारा स्कूल आकार सभी बच्चों को स्कूल ड्रेस, ब्लेजर, टाई, जूता, बैग और स्कूल प्रांगण के लिए सैकड़ों पौधे का सहयोग किया।

महेंद्र लहरे द्वारा बोला गया कि सरकारी स्कूल होने के बावजूद अच्छी शिक्षा और निजी स्कूलों की तुलना में किसी से कम नहीं, मंैने तो अभी शुरुवात की है आगे बच्चों के लिए मुझसे जो बनेगा और भी इस स्कूल के लिए करूंगा। सरकारी स्कूल में अलग से जान डालने वाले शिक्षक निरंजन पटेल और प्रदीप पटेल की दिल से सराहना की जिन्होंने शिक्षा को एक अलग पहचान दिलाई। 
 

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