सारंगढ़-बिलाईगढ़
जिलाधीश के पास पहुंचे कोसीर के पंचगण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 27 फरवरी। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सबसे बड़े ग्राम पंचायत कोसीर में तालाबों को दस साल के लिये लीज पर पट्टा देने को लेकर विवाद गहरा गया है। पंचायत के कई पंच इस मामले को लेकर मुखर हुए हैं और पंचों ने जिलाधीश से मामले की शिकायत करते हुए हस्तक्षेप व नियमानुसार कार्रवाई की मांग उठाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कोसीर में तालाब लीज को लेकर सारंगढ़ जिला कलेक्टर और जिला मत्स्य अधिकारी को शिकायत की गई है। ग्राम पंचायत कोसीर द्वारा नवा तालाब, दाऊ डबरी और पुरहेना तालाब को 10 वर्षीय लीज में देने के लिए इस्तिहार जारी किया गया था। ईश्तहार के आधार पर कोसीर मछुवा सहकारी समिति और अनुसूचित जाति मछुवा सहकारी समिति रिंवापार ने आवेदन किया था।
23 फरवरी को ग्राम पंचायत भवन कोसीर में सरपंच, सचिव और पंचों की उपस्थिति में बैठक हुई। बैठक में ग्राम पंचायत कोसीर के 20 पंच सरपंच और सचिव ने तालाबों की लीज को लेकर आवेदनों के आधार पर लीज की कार्रवाई और नियमों को बैठक में रखते हुए पूरा कर पंचों ने अपना अपना वोट समितियों को दिए। छत्तीसगढ़ शासन मछुवा नीति और पंचों के वोट के आधार पर ग्राम पंचायत सचिव ने कोसीर के स्थानीय मछुआ सहकारी समिति को देने का प्रस्ताव किया।
सचिव के प्रस्ताव से कोसीर ग्राम पंचायत के 11 पंच लता सोनी, शुकवारा निषाद, ललिता श्रीवास, बबिता पटेल, महेश्वरी कोशले, गौरी लहरे, सुशीला धीरज, बिमला कुर्रे, योगराम बनज, गणेश आदित्य और जीवन बनज ने देर शाम उसी दिन सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला कलेक्ट्रेट जाकर शिकायत किए की कोसीर ग्राम पंचायत सचिव और सरपंच ने कुछ मामूली नियमों को बताकर 10 वर्ष के लिए कोसीर मछुआ समिति को लीज पर पट्टा दे दिया गया है। 07 बिंदु को रखते हुए 11 पंचों ने लिखित में शिकायत किया है की सचिव और सरपंच द्वारा छल पूर्वक फर्जी तरीके से आबंटन किया गया है। हम पंच इस आबंटन से सहमत नहीं है। आबंटन को निरस्त करने की मांग किया गया है। वहीं सरपंच और सचिव पर सीधा आरोप लगाते हुए भयभीत करने का आरोप लगाया है।