रायगढ़

विज्ञान व तकनीकी की दुनिया में कॉलेज विद्यार्थियों के लिए नए अवसर का सृजन
12-Mar-2024 2:20 PM
विज्ञान व तकनीकी की दुनिया में कॉलेज विद्यार्थियों के लिए नए अवसर का सृजन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 12 मार्च।
भारत सरकार द्वारा रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए लगातार अनेकों प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में भारत सरकार अनेक कार्यक्रम के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिससे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में शोध एवं अनुसंधान के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार किया जा सके। भारत सरकार की कोशिश यह भी है कि छात्र-छात्राओं के लिए शोध की दुनिया में नए रोजगार का सृजन हो तथा वे नए रिसर्च कर सके।

इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए शहर के सबसे पुराने कॉलेज किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ द्वारा एक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन 6 एवं 7 मार्च को करंट रिसर्च इन साइंस के विषय में किया गया। इस राष्ट्रीय सेमिनार में देश के विभिन्न जाने-माने प्रोफेसर एवं वैज्ञानिकों का व्याख्यान हुआ। विभिन्न संस्थाओं में रिसर्च करने वाले शोधार्थियों द्वारा भी अपना रिसर्च वर्क प्रेजेंट किया गया।

इस सेमिनार का उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. प्रीतिबाल बैस, आमंत्रित वक्ताओं एवं अन्य साथी प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापकों एवं छात्रों उपस्थिति में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गीत की गरिमामयी गान के साथ हुआ। तत्पश्चात प्राचार्य डॉ प्रीतिबाल बैस, एवं आमंत्रित वैज्ञानिकों द्वारा मां शारदा की पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की सफलता हेतु आशीर्वाद प्राप्त किया गया। 

कार्यक्रम के संयोजक डॉ.प्रमोद कुमार गवेल द्वारा पूरे सेमिनार का रूपरेखा एवं उद्देश्य का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। संयोजक द्वारा बिना विलंब किए आगंतुक वैज्ञानिकों को व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया। प्रथम वक्ता डॉ.कलोल कुमार घोष विभागाध्यक्ष, रसायन शास्त्र, पं. रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी रायपुर द्वारा अल्जाइमर रोग के निदान हेतु सरल एवं सुगम क्वांटम डॉट के निर्माण के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान की गई। दूसरे वक्त के रूप में डॉ खेमचंद देवांगन, प्रोफेसर, रसायनशास्त्र, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर द्वारा लिथियम आयन बैटरी के उपयोग एवं उसके भविष्य के संबंध में बहुत ही रोचक जानकारी उपलब्ध कराई।

प्रो. देवांगन द्वारा बताया गया कि छत्तीसगढ़ में भी लिथियम का भंडारण है जिसकी उत्खनन से भविष्य में बैटरी निर्माण में विदेशी निर्भरता कम होगी। 

तृतीय वक्ता के रूप में डॉ. गोवर्धन रेड्डी तुरपू, एसोसिएट प्रोफेसर, भौतिकी, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर द्वारा मल्टीफेरोइक पदार्थ के निर्माण एवं उपयोग के संबंध में ज्ञानवर्धक एवं रोचक जानकारी उपलब्ध कराई। इस पदार्थ द्वारा सस्ते एवं बृहद डाटा स्टोरेज डिवाइस बनाया जा सकता है जिसका उपयोग भविष्य में मोबाइल फोन, कंप्यूटर एवं इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के निर्माण में होगा। मध्यान भोजन के उपरांत चतुर्थ वक्ता डॉ. अपूर्बा कुमार दास, प्रोफेसर, रसायनशास्त्र, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर द्वारा स्मार्ट पदार्थ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई गई। 

7 मार्च 2024 दूसरे दिन के पहले वक्ता के रूप में डॉ कमलेश श्रीवास, प्रोफेसर, रसायनशास्त्र पंडित रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी रायपुर द्वारा पेपर पर आधारित सेंसर के निर्माण के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई गई। डॉ श्रीवास ने बताया कि कैसे सस्ते एवं टिकाऊ सेंसर का निर्माण हम अपने प्रयोगशाला में कर सकते हैं जिसका उपयोग हम ग्लूकोस एवं अन्य टॉक्सिक केमिकल के परीक्षण में कर सकते हैं। इस सेमिनार के अंतिम वक्ता के रूप में डॉ मनमोहन सतनामी, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायनशास्त्र, पं रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी रायपुर द्वारा बहुत ही ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी जानकारी क्वांटम डॉट के ऊपर उपलब्ध कराई। क्वांटम डॉट फ्लोरोसेंट वाला 5 से 10 नैनोमीटर साइज का छोटा पदार्थ होता है जिसका निर्माण एलईडी बल्ब ट्यूब लाइट एवं टेलीविजन के निर्माण में होता है। डॉ.सतनामी द्वारा बताया गया कि हम इस क्वांटम डॉट का निर्माण कैसे कॉलेज के प्रयोगशाला में कर सकते हैं। इस राष्ट्रीय सेमिनार में कु. पिंकी मिरी, शोधार्थी, पं. रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी एवं श्री अरुण धानगर, शोधार्थी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को क्रमश: प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार उनके रिसर्च कार्य के लिए प्रदान किया गया।

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