दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 2 अप्रैल। सीमा सुरक्षा बल की 133वीं वाहिनी के जवानों ने रक्तदान कर ग्राम बैहासाल्हेभाट पोस्ट-कोलार, जिला-कांकेर की एक आदिवासी महिला की अमूल्य जान बचाई। आदिवासी महिला गीतिला जिसका इलाज दुर्ग के सरकारी हॉस्पिटल में चल रहा है, जिसके पैर में घाव होने के कारण डॉक्टरों द्वारा पैर का ऑपरेशन करके पैर को काटना पड़ा।
ऑपरेशन के बाद महिला को (ओ पॉजिटिव) रक्त की आवश्यकता थी, जिसके लिए परिजनों ने सीमांत मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल, भिलाई से सम्पर्क किया। इस मुख्यालय के अन्तर्गत 133 वी वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने तत्काल रक्तदान करके आदिवासी महिला की जान बचाई। सीमा सुरक्षा बल के इस सराहनीय कार्य के लिए महिला मरीज के परिजनों ने बल का धन्यवाद किया।
सीमा सुरक्षा बल के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश को नक्सल मुक्त बनाने में लगे है, वहीं दूसरी ओर जरूरत पडऩे पर समाज कल्याण की हर जिम्मेदारी को दृढ संकल्प के साथ निभाते हुए हर कदम पर अपनी वीरता का परिचय दिया है।
सीमा सुरक्षा बल सामरिक मुख्यालय (विशेष संक्रिया) छत्तीसगढ़ के महानिरीक्षक आनंद प्रताप सिंह, भा.पु.से. ने कमांडेंट 133वीं वाहिनी, वीरेन्द्र कुमार गिरी और जवानों के इस नेक कार्य की सराहना की और संदेश दिया कि जनता की सुरक्षा और सेवा सीमा सुरक्षा बल के लिए सर्वोपरि है और भविष्य में भी हम ऐसा कार्य करते रहेंगें।