जशपुर
परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप, चक्काजाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 8 अप्रैल। जशपुर जिला जेल में बंद एक कैदी की मौत के बाद भडक़े परिजनों ने दूसरे दिन भी चक्काजाम कर दिया है। जानकारी के मुताबिक जशपुर जेल में कैदी की मौत की सूचना रविवार सुबह उसके परिजनों को मिली। जिसके बाद उन्होंने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुए चक्काजाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, मृतक कैदी का नाम जगतपाल राम है जो की कंदरई गांव का रहने वाला है। जिसे सन्ना थाना पुलिस ने 3 अप्रैल को अवैध शराब बनाने के मामले में गिरफ्तार कर जशपुर जेल भेजा था। रविवार की सुबह उसकी मौत हो गई। जैसे ही मामले की सूचना कैदी के परिजनों को हुई, उन्होंने सन्ना बस स्टैंड में आकर चक्काजाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। आक्रोशित भीड़ को दो दिनों से शांत करने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं और पुलिस द्वारा ग्रामीणों को समझाइश देने की कोशिश की जा रही है।
प्रार्थी महेश कुमार अम्बस्थ का कहना है कि 3 अप्रैल बुधवार को जशपुर जिले की आबकारी टीम ने सन्ना की लोकल पुलिस टीम की मदद से सन्ना और आसपास के लगभग सभी गांवों में छापेमारी कर बहुत से लोगों को महुआ शराब बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया। उस कार्रवाई में जगतपाल राम भी गिरफ्तार हुए। कंदरई ग्राम से साथ में गिरफ्तार हुए अन्य लोगों में कुछ महिलाएं भी शामिल थीं।
सन्ना थाने के अंदर सभी पुरुष आरोपियों की पुलिस ने जमकर पिटाई की, जिससे पहले से ही सिर पर मामूली चोट खाए हुए जगतपाल राम को गंभीर चोटें आई। आनन-फानन में पुलिस प्रशासन ने सबसे पहले सन्ना के ही एक शासकीय चिकित्सा केंद्र में उनका उपचार करवाया, 4 अप्रैल को स्थिति गंभीर देखकर उसे बगीचा के अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति इतनी गंभीर थी कि बगीचा अस्पताल ने भी इलाज कर पाने में असमर्थता जताते हुए जगतपाल राम को अंबिकापुर के अस्पताल में रेफर करवाए जाने का आग्रह किया।
जिस पर पुलिस प्रशासन ने जगतपाल राम को अंबिकापुर के अस्पताल में एडमिट करवाया, जहां 6 अप्रैल की शाम के समय जगतपाल राम की अस्पताल में ही मृत्यु हो गई। इन सभी प्रकरण के दौरान जगतपाल राम के परिजनों को पुलिस प्रशासन ने एक मिनट के लिए भी मिलने नहीं दिया। परिजनों की मांग है कि इस मामले की जांच हो औऱ आरोपी के प्रति कार्रवाई हो।
पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया कि सन्ना में अभी चक्काजाम हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि जगत राम की संदेहास्पद मृत्यु है, लेकिन इस संबंध में बताना चाहूंगा कि 3 अप्रैल को सन्ना पुलिस द्वारा आबकारी एक्ट के तहत मेडिकल चेकअप करके जेल भेजा गया था, 5 अप्रैल को जगतराम जेल के अंदर पीपल पेड़ पर चढ़ गया था।
जब इस बात की जानकारी जेल प्रशासन को हुई तो उसे पेड़ से उतरने को कहा गया, लेकिन जगतपाल पेड़ से कूद गया, जिससे उसको गम्भीर चोटें आई थी और इलाज के दौरान गम्भीर चोट होने की वजह से उसकी अम्बिकापुर अस्पताल में मौत हो गई।