बेमेतरा

दीगर प्रांत में कर रहे काम, मतदान करने रिश्तेदार कर रहे फोन
02-May-2024 4:09 PM
दीगर प्रांत में कर रहे काम, मतदान करने रिश्तेदार कर रहे फोन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 2 मई। जिले से बाहर पलायन कर मजदूरी करने वाले 17 हजार से अधिक लोगों को आगामी 7 मई के पूर्व तक मतदान के लिए वापस बुलाना चुनौती भरा है। जिले के 426 ग्राम पंचायत से बाहर कमाने खाने के लिए गए कामगारों के नहीं आने पर जिले के तीनों विधानसभा में शत-प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को झटका लग सकता है। हालांकि स्वीप योजना के तहत मजदूरों को वापस आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। दूसरी तरफ प्रयासों के बाद भी जिले से बाहर जाने वालों की संख्या इन दिनों आने वालों की अपेक्षा बढ़ चुकी है।

जानकारी हो कि दुर्ग लोकसभा के तहत आने वाले जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों साजा, बेमेतरा व नवागढ़ विधानसभा के चार ब्लॉकों के 426 ग्राम पंचायतों में संधारित पंचायत पंजी के अनुसार 17407 कामगार बाहर कमाने खाने के लिए गये हैं, जिसमें बेमेतरा विधानसभा के जनपद क्षेत्र के 108 ग्राम पंचायतों से 3329 ग्रामीण पलायन कर लखनऊ, नागपुर, पुणे, सूरत, दिल्ली , कानपुर, ओडिशा, महाराष्ट्र व एमपी के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में गये हुए हैं। इसी तरह बेरला जनपद क्षेत्र के 101 पंचायतों से 2627 ग्रामीण हैदराबाद, मेरठ, गुजरात, नागपुर, चेन्नई , झारखंड व बनारस गये हुए हैं। साजा ब्लॉक के 106 ग्राम पंचायतों के 3135 ग्रामीण व नवागढ़ ब्लॉक के 111 पंचायतों के सर्वाधिक 8316 ग्रामीण दीगर प्रदेश व अन्य जिलों में काम करने के लिए पलायन कर गये हैं।

 जाने वालों की संख्या आने वालों से अधिक

जिले से बाहर पलायन कर जाने वालों की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है। जिस तरह की भीड़ जिला मुख्यालय में किसान भवन के पास व नवागढ़ के बस स्टैंड में नजर आती है, उसकी अपेक्षा बस से वापस आने वालों की अपेक्षा अधिक ही रहती है।

नवागढ़ व बेमेतरा से चलती है बस इसलिए जाने वाले अधिक 

बताना होगा बीते दो सालों में पलायन कर जाने वालों की संख्या जिले में आवागमन की सुविधा बढऩे की वजह से अधिक हो गई है। जिले के बेमेतरा व नवागढ़ में बकायदा बसें चल रही हैं। बसें चलने की वजह से बाहर जाने में लोगों ने अधिक रूचि दिखाई है। उल्लेखनीय बात है कि पहले बेमेतरा व नवागढ़ से लखनऊ व पूना जाने के लिए रेल ही एक माध्यम हुआ करता था और रेल की सुविधा दुर्ग, बिलासपुर व तिल्दा में है। ऐसे में आने-जाने में अधिक समय लगने की वजह से करीब पहुंच रहे बस को अधिक महत्व दिया जा रहा है। विदित हो कि पलायन कर जाने वालों का ब्यौरा पंचायतों में पलायन पंजी में रखा जाता है, जिसका आंकड़ा बढऩे लगा है।

परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं बाहर जाने वाले 

जानकार बसंत सिह राजपूत ने बताया कि जिले में 17 हजार से अधिक कामगारों के मतदान करने और न करने से जिले के तीनो विधानसभा से आने वाले परिणाम प्रभावित होते हैं। अब आने वाले 6 दिन के भीतर अधिक से अधिक मतदाताओं की वापसी का प्रयास किया जाना जरूरी हो गया है।

प्रयास कर वापस आने के लिए प्रेरित किया जा रहा 

जिले से बाहर गये 17407 मतदाताओं को वापस आने के लिए स्वीप कार्यक्रम के तहत पोस्ट कार्ड भेजकर, फोन कर, गांव के साथी, रिश्तेदारों के माध्यम से संपर्क कर बुलाया जा रहा है। साथ ही डाक से बाहर गये मतदाताओं को मतदान की तिथि व समय से अवगत कराया जा रहा है। साथ ही विभिन्न संचार माध्यमों से सूचना जारी कर आने के लिए आह्वान किया जा रहा है।

बुलाने के लगातार प्रयास किए जा रहे

जिला पंचायत सीईओ टेकचंद अग्रवाल ने कहा कि

जिले से बाहर जाने वाले व दीगर प्रदेश गये मजदूरों को वापस बुलाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। पोस्टकार्ड व फोन से संपर्क करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।

पंचायतों की संख्या     पलायनों की संख्या

बेमेतरा  -     108          3329

बेरला    - 101              2627

साजा   -       108          3135

नवागढ़  - 111       8316

कुल     -  426              17407

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