धमतरी

मां विंध्यवासिनी मंदिर समेत देवी मंदिरों में जलेंगे देवभोग घी से ज्योत
27-Sep-2024 3:10 PM
मां विंध्यवासिनी मंदिर समेत देवी मंदिरों में जलेंगे देवभोग घी से ज्योत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

 धमतरी, 27 सितंबर। आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी वाले घी के खुलासे से बवाल मचा है। इस बीच राज्य शासन ने देवभोग घी के इस्तेमाल का परामर्श दिया है। पशुधन विकास विभाग और कृषि उत्पादन आयुक्त ने इस संबंध में धमतरी समेत प्रदेशभर के जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखा है। नगर की आराध्य देवी विंध्यवासिनी मंदिर, शीतला मंदिर समिति की ओर से इसके लिए आर्डर भी दिए हैं।

आगामी 3 अक्टूबर से नवरात्र शुरू होगा। नगर की आराध्य देवी मां विंध्यवासिनी मंदिर और शीतला माता मंदिर दानीटोला की समिति ने इस बार देवभोग घी से ज्योति कलश जलाने का निर्णय लिया है। विंध्यवासिनी मंदिर समिति के अध्यक्ष के मुताबिक श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए देवभोग घी से ज्योत जलाया जाएगा। इसके लिए दुग्ध महासंघ की एजेंसी को आर्डर दिए है। शीतला मंदिर में नवरात्र महोत्सव की तैयारी जारी है। एजेंसी से यदि देवभोग घी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होती है, तो राज्य सरकार द्वारा टेस्टेड घी, जिसमें हरे रंग का शाकाहार उत्पाद का स्टीकर लगा रहता है, उसका इस्तेमाल किया जाएगा।

इन मंदिरों में प्रज्ज्वलित

 होगी ज्योत

मां अंगारमोती गंगरेल, मां दंतेश्वरी मंदिर रिसाईपारा, बम्लेश्वरी मंदिर ब्राम्हणपारा, कालिका मंदिर गोकुलपुर, शांति कॉलोनी चौक, काली मंदिर बस स्टैंड, दुर्गा मंदिर रायपुर रोड, रत्नेश्वरी मंदिर रत्नाबांधा मंदिर समिति ने भी घी की शुद्धता को लेकर देशी घी, स्थानीय होटलों में निर्मित घी, देवभोग घी का ज्योत जलाने की बात कही गई है। इसके अलावा कुरूद, नगरी के देवी मंदिरों में भी हजारों की संख्या में ज्योत प्रज्वलित होगी।

कलश स्थापना के साथ 3 अक्टूबर से नवरात्र आरंभ, अष्टमी व नवमी का

व्रत एक ही दिन

नवरात्रि के 9 दिन मां भवानी के 9 स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में शक्ति उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ होगा। इस दिन से घरों से लेकर पूजा पंडालों में मां दुर्गा का पूजन-अर्चना आरंभ हो जाएगा। नवरात्रि के प्रथम दिन हस्त नक्षत्र में पूजन होगा। मां दुर्गा का आगमन इस बार पालकी पर और विदाई चरणायुध (मुर्गे) पर होगा। इसके कारण मानव जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। शारदीय नवरात्र में चतुर्थी तिथि 2 दिन 6 व 7 अक्टूबर को रहेगा। अष्टमी व महा नवमी का व्रत एक ही दिन 11 अक्टूबर शुक्रवार को होगा। 12 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनेगा। नवरात्रि के दौरान एक तिथि की वृद्धि व 2 तिथि एक दिन होने से दुर्गा पूजा 10 दिनों का होगा। मां दुर्गा के 9 रूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, मां कालरात्रि, महागौरी व सिद्धिदात्री की पूजा होगी।

श्राद्ध के बाद मां

दुर्गा का आगमन

पंडितों के मुताबिक पितृपक्ष समाप्त होते ही पितृगण अपने लोको को वापस लौटते हैं और इसके तुरंत बाद मां दुर्गा का आगमन होता है। हर नवरात्रों में मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं, जो न केवल उनकी उपस्थिति को दर्शाता है, बल्कि विभिन्न वाहनों का प्रतीकात्मक महत्व भी होता है। इस बार नवरात्र का आरंभ गुरुवार से हो रहा है, जिसके चलते देवी पालकी पर सवार होकर आएंगी। पालकी का वाहन शुभ और कल्याणकारी माना जाता है, जो भक्तों को जीवन में शांति, समृद्धि और संतुलन का आशीर्वाद देता है।

माता के मंदिर म

 तैयारियां शुरू

धमतरी समेत जिलेभर के देवी मंदिरों में शारदीय नवरात्र को लेकर माता के मंदिर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हर साल की तरह इस बार भी माता के मंदिर में विशेष आयोजन करेंगे। नवरात्र के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। जिनमें दुर्गा सप्तशती पाठ, हवन, और आरती प्रमुख होंगे। घरों तथा मंदिरों में घट स्थापना होगी, जहां प्रत्येक दिन उनके अलग-अलग रूपों की पूजा होगी। भक्तजन इस दौरान व्रत रखकर मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करेंगे और अपने जीवन में समृद्धि व खुशहाली की कामना करेंगे।

विभिन्न रूपों की होगी पूजा

3 अक्टूबर - शैलपुत्री, 4 अक्टूबर -ब्रह्मचारिणी, 5 अक्टूबर -चंद्रघंटा, 6 अक्टूबर - कुष्मांडा, 7 अक्टूबर -कुष्मांडा, 8 अक्टूबर - स्कंदमाता, 9 अक्टूबर - कात्यायनी, 10 अक्टूबर - कालरात्रि, 11 अक्टूबर - महागौरी व सिद्धिदात्री, 12 अक्टूबर - विजयादशमी

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