सूरजपुर

शिक्षिकाओं ने माताओं को किया जागरूक, अंगना म शिक्षा कार्यक्रम का प्रथम चरण संपन्न
05-Mar-2021 8:20 PM
 शिक्षिकाओं ने माताओं को किया जागरूक, अंगना म शिक्षा कार्यक्रम का प्रथम चरण संपन्न

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

भैयाथान, 5 मार्च। पूर्व प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत प्रारंभिक बाल बाल्यावस्था में बच्चों की उचित देखभाल पोषण और उनका सर्वांगीण विकास महत्वपूर्ण है। इस आयु वर्ग में बच्चों का बौद्धिक व शारीरिक विकास तीव्र गति से होता है इसके लिए बच्चों का पर्याप्त अवसर वहां का माहौल मिलना जरूरी है। इसके लिए राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा नीति 2013 प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इस आयोग के महत्व को समझते हुए पूर्व प्राथमिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ की कुछ महिला शिक्षिकाओं ने महसूस किया कि कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा प्रारंभिक शिक्षा प्रभावित हुई है। आंगनबाड़ी में पढऩे वाले बच्चे तथा कक्षा एक ली के बच्चे किसी भी स्थिति में पढ़ाई में पीछे ना रहे, इस हेतु इन महिला शिक्षिका ने माताओं एवं अन्य सदस्यों को जागरूक करने के लिए अंगना मा शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की है।

यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से महिला शिक्षिकाओं का है। इस कार्यक्रम में विकासखंड में संचालन करने संभाग स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित की गई थी जिसमें विकासखंड भैयाथान के मीना राजवाड़े, फूलमती  सारथी, पुनीता  साहू मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किए। तत्पश्चात स्कूल रेडियस के तहत अगर अंगना में शिक्षा के प्रथम चरण का कार्यक्रम सूरजपुर जिले के विकासखंड भैयाथान में विकासखंड स्तरीय कार्यक्रम कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय करकोटी भैयाथान में 5 मार्च को आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में विकासखंड शिक्षा अधिकारी फूल साय मरावी, विकासखंड शोध केंद्र समन्वयक राजेंद्र नाथ दुबे, सहायक  विकासखंड शिक्षा अधिकारी घनश्याम सिंह ने शिक्षिकाओं, माताओं एवं बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में आठ कौशल है, जिनकी हर कौशल से माताओं को परिचित कराया गया। इस कोरोना समय में माताएं बच्चों को घर में  इन कौशलों से कुशल करेंगी।

बीआरसीसी श्री दुबे ने कहा कि अंगना में शिक्षा कार्यक्रम में 9 काउंटर बनाया गया, जिसमें उन्मुखीकरण के अंतर्गत शारीरिक एवं क्रियात्मक विकास सामाजिक एवं भावनात्मक विकास बौद्धिक विकास एवं भाषा विकास शामिल हैं।

 कार्यक्रम में अधीक्षिका लिली कल्याणी मिंज, बीआरसी कार्यालय लेखापाल निमेश कुमार श्रीवास्तव, बीआरपी समावेशी शिक्षा विनोद कुमार यादव एवं विकासखंड के संकुल से थार्वेंद्र सिंह, श्यामा कुशवाहा, पूनम गुप्ता, शारदा भवानी,  राखी सोनवानी, गायत्री सिंह, अनीता सिंह, सीमा गुप्ता, अंजू गुप्ता, पूनम  शुक्ला, दसमती भाई, शिल्पा यादव शिक्षिकाएं एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति सिंह शकुंतला शालिनी सिंह सुशीला सिंह रुकमणी यादव तथा माताएं एवं बच्चे सम्मिलित रहे।

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