रायपुर
निगम जोन-3 का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 मार्च। राजधानी रायपुर के शंकर नगर निगम जोन 3 दफ्तर में 71 लाख से अधिक का वेतन घोटाला सामने आया है। यहां के एक सहायक ग्रेड-3 कर्मी ने एक महिला कम्प्यूटर ऑपरेटर के साथ मिलकर वेतन देयक में गड़बड़ी करते हुए यह रकम अपने परिजनों के खाते में ट्रांसफर करा दिया। दोनों कर्मी मिलकर यह गड़बड़ी पिछले 5 साल से कर रहे थे। निगम जोन कमिश्नर की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस धोखाधड़ी मामला दर्जकर जांच में लगी है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
पुलिस के मुताबिक शंकर नगर निगम जोन 3 दफ्तर का एक कर्मचारी गंगा राम सिन्हा यहां वेतन बनाने का काम करता था। पिछले दिसंबर में वेतन की जांच करने पर पता चला कि यहां वेतन देयक में गड़बड़ी हुई है। कई ऐसे लोगों के नाम के खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, जो निगम कर्मचारी नहीं हैं। यह भी पता चला कि गंगाराम ने अपनी पत्नी देवकुमारी सिन्हा, पुत्र शुभम सिन्हा और अपनी पत्नी के भाई अशोक सिन्हा के नाम से वेतन निकाल रहा था। इसी तरह कम्प्यूटर ऑपरेटर के परिजन के नाम से भी वेतन निकाले जा रहे थे।
बताया गया कि ये दोनों निगम कर्मी 9 सितंबर 2016 से 7 दिसंबर 2020 तक वेतन देयक में गड़बड़ी करते हुए परिजनों एवं अन्य लोगों के बैंक खातों में निगम की 71 लाख18 हजार 961 रुपये जमा करा चुके हैं। वेतन निकालने में गड़बड़ी की खबर लगते ही निगम अफसरों ने इसकी बारीकी से जांच की, तब जाकर गड़बड़ी सामने आई। निगम जोन कमिश्नर प्रवीण सिंह की शिकायत पर पुलिस गंगाराम सिन्हा, देवकुमारी सिन्हा, शुभम, अशोक, सर्वरी बेगम व एक अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी मामला दर्जकर जांच में लगी है। पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच चल रही है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।