रायपुर

लोकपाल कानून लागू नहीं, धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता
16-Mar-2021 5:48 PM
लोकपाल कानून लागू नहीं, धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 16 मार्च। प्रदेश में लोकपाल अथवा लोकपाल अधिनियम-2013 को लागू करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ नागरिक मंच ने मंगलवार को धरना दिया। मंच के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसका वादा किया था, लेकिन दो साल बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।

मंच के संयोजक राज्य वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 की अधिसूचना के अनुसार सभी राज्यों में लोकायुक्त संगठन का गठन किया गया था। मध्यप्रदेश में भी लोकायुक्त संगठन का गठन किया गया। लोकायुक्त के अधीन आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों और एंटी करप्शन ब्यूरों, और अभियोजन विभाग को शामिल किया गया।

जिला स्तर पर विशेष न्यायालयों का गठन हुआ था, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद लोकायुक्त संगठन के जगह पर प्रभावहीन लोकायुक्त अधिनियम-2002 को प्रभावशील किया गया। बाद में अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद जनहित याचिका में केन्द्र सरकार को जारी आदेश के बाद लोकपाल और अन्य सदस्यों की नियुक्ति की गई। छत्तीसगढ़ में भी लोकपाल अथवा लोकायुक्त अधिनियम-2013 को प्रभावशील किए जाने के लिए विधेयक प्रस्तुत कर राजपत्र में प्रकाशन करना चाहिए था।

भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के विरोध में नहीं होने के कारण एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन कर पांच वर्षों तक लंबित रखा। वर्ष-2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र में लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम-2013 को लागू करने की घोषणा किया गया था। मगर आज दो साल बाद भी तीन बजट सत्र के उपरांत भी विधेयक प्रस्तुत नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की मुक्ति के लिए आम लोगों को आगे आकर संघर्ष करना पड़ेगा। मौजूदा सरकार भी पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की उत्तराधिकारी है। धरना देने वालों में पूर्व विधायक नरेन्द्र शर्मा, दाऊ आनंद कुमार, भिलाई से सतीश कुमार त्रिपाठी और अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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