रायपुर
![कृषि में आधुनिक यंत्रों एवं तकनीकी के उपयोग से आएगी खुशहाली-डॉ. पाटील कृषि में आधुनिक यंत्रों एवं तकनीकी के उपयोग से आएगी खुशहाली-डॉ. पाटील](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1615992688SC_6117.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 मार्च। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, रायपुर द्वारा कल मंगलवार को यहां विश्वविद्यालय परिसर में एक दिवसीय तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन मेला का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य कृषि में यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देना तथा इन कृषि यंत्रों को अपनाने हेतु किसानों को प्रेरित करना था। इस तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन मेले में खेत की जोताई से लेकर फसलों की कटाई एवं गहाई तक में प्रयुक्त होने वाले कृषि यंत्रों एवं उपकरणों की तकनीकी एवं कार्यपद्धति का जीवंत प्रदर्शन किया गया। इस मेले का शुभारंभ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने किया। मेले में रायपुर एवं आस-पास के जिलों से आए किसानों ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न कृषि यंत्रों एवं उपकरणों की तकनीकी एवं कार्यपद्धति का अवलोकन किया।
समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. पाटील ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में मानव श्रम की उपलब्धता निरंतर घट रही है और पशुचलित तथा ऊर्जाचलित यंत्रों का उपयोग बढ़ रहा है। यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि किसान बंधु खेती में आधुनिक यंत्रों एवं तकनीकी का उपयोग करके अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ. पाटील ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित नरवा, गरूआ, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम के तहत गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में काफी अच्छा काम हो रहा है। इससे पशुचलित यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। समारोह को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. आरके बाजपेयी, निदेशक विस्तार डॉ. एससी मुखर्जी एवं स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एमपी त्रिपाठी ने भी संबोधित किया।
तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन मेले का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित विभिन्न अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं - प्रक्षेत्र उपकरण एवं यंत्र, पशु ऊर्जा का उपयोग, कटाई उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी तथा सिंचाई जल प्रबंधन परियोजनाओं के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
इस मेले में खेती की तैयारी में प्रयुक्त कृषि यंत्रों जैसे हैरो, रोटावेटर, विभिन्न प्रकार के हल, रिजर, पावर टिलर, बीज एवं पौधों की बुआई में प्रयुक्त विभिन्न सीड ड्रिल एवं प्लान्टर, निंदाई-गुडाई में प्रयुक्त होने वाले कृषि यंत्रों जैसे वीडर, पडलर, मल्चर तथा फसलों की कटाई एवं गहाई में प्रयुक्त यंत्रों - हार्वेस्टर, रीपर, थ्रेशर आदि का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही खेतों की सिंचाई हेतु उपयोग में आने वाले विभिन्न प्रकार के सिंचाई पंपों को भी प्रदर्शित किया गया। मेले में फसलों के प्रसंस्करण हेतु उपयोग में आने वाले यंत्रों को भी रखा गया था जिनमें भुट्टे से मक्के के दाने और मूंगफली से दाने निकालने वाले यंत्र शामिल हैं। इस बार मेले में अनेक नवीन विकसित यंत्र भी प्रदर्शित किए गए जिनमें मटर छिलाई यंत्र, चना भाजी तुड़ाई यंत्र, गमला, कंडा, दिया बनाने का यंत्र, ढेंस खुदाई यंत्र, मक्का छिलाई यंत्र आदि शामिल हैं। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, साजा (बेमेतरा) के अधिष्ठाता डॉ. डी.एस. ठाकुर, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. जी.के. श्रीवास्तव, डॉ. एस. पटेल, डॉ. ए.के. दवे एवं विभिन्न परियोजनाओं के अन्वेषक डॉ. आर.के. नायक, डॉ. वी.एम. विक्टर, डॉ. पी.एस. पिसालकर सहित प्राध्यापक एवं वैज्ञानिकगण उपस्थित थे।