रायपुर

कोरोना से बचाव के लिए दवाई के साथ कड़ाई भी जरूरी
21-Mar-2021 5:03 PM
कोरोना से बचाव के लिए दवाई के साथ कड़ाई भी जरूरी

केंद्रीय राज्य मंत्री ने एम्स में 10 मॉड्यूलर ओटी का किया लोकार्पण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 मार्च।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि कोविड-19 को रोकने के लिए दवाई के साथ-साथ कड़ाई भी आवश्यक है। श्री चौबे शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर में 10 मॉड्यूलर ओटी और पीईटी-सीटी मशीन का लोकार्पण कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कोविड-19 की टेस्टिंग, उपचार और वैक्सीनेशन में एम्स के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कोविड की रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया।

श्री चौबे ने सर्वप्रथम न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में स्थित पीईटी-सीटी मशीन का लोकार्पण किया। इस मशीन की मदद से पूरे शरीर के किसी भी रोगयुक्त भाग का आसानी के साथ पता किया जा सकता है। यह कई रोगों की पहचान करने में प्रभावशाली है। कैंसर के रोगियों के लिए यह विशेषरूप से लाभप्रद है। श्री चौबे ने न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग का दौरा कर वहां रोगियों विशेषकर कोविड-19 के लिए उपलब्ध सेवाओं के बारे में जाना।

श्री चौबे ने ओटी कांपलेक्स स्थित दस मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर का भी लोकार्पण किया। इन ओटी में कैंसर सहित सभी जटिल ऑपरेशन के लिए सारी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां उन्होंने रोगियों और उनके परिजनों के साथ वार्ता कर एम्स की सेवाओं के बारे में जानकारी ली।

उन्होंने एम्स के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड-19 के उपचार और वैक्सीनेशन की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने सांसद सुनील सोनी से वीडियो कॉल के माध्यम से बात की। श्री सोनी ने उन्हें नई सेवाओं के उद्घाटन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि नई सुविधाओं से संपूर्ण छत्तीसगढ़ के गंभीर रोगियों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने एम्स को सर्व सुविधायुक्त करने की मांग रखी जिसे श्री चौबे ने सहर्ष स्वीकार किया। श्री चौबे ने सांसद सोनी को सोरोना स्टेशन गेट खुलने पर बधाई दी और एम्स के लिए हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।

बैठक में प्रो. नागरकर ने बताया कि एम्स में अभी तक कोविड-19 के लगभग 46 हजार रोगियों की स्क्रिनिंग की जा चुकी है। सात हजार से अधिक रोगी भर्ती हो चुके हैं जिनमें से 6300 रोगी डिस्चार्ज हो चुके हैं। वीआरडी लैब में अभी तक 2.18 लाख टेस्ट हो चुके हैं। 114 कोडिव-19 पीडि़त महिलाओं की डिलीवरी भी हो चुकी है। श्री चौबे ने एम्स के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश के कई भागों में अभी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति बनी हुई है। ऐसे में रोगियों की स्क्रिनिंग, उपचार और वैक्सीनेशन के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है। 

उन्होंने एम्स को कोविड एवं अन्य गंभीर बीमारियों के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और अन्य राज्यों के एम्स से भी इसकी प्रेरणा लेने को कहा। श्री चौबे ने प्रो. नागरकर और उनकी टीम को कोविड के उपचार, वैक्सीनेशन और इतने कम समय में एम्स में इतनी अधिक सेवाएं प्रदान करने के लिए बधाई दी।

कार्यक्रम में उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, वित्त सलाहकार बी.के. अग्रवाल, डीन प्रो. (डॉ.) एस.पी. धनेरिया, न्यूक्लियर मेडिसिन की डॉ. मुदालशा रविना सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक और अधिकारी उपस्थित थे।
 

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