महासमुन्द

खरीदी के तीन महीने बाद भी केंद्रों में 24 लाख क्विंटल धान जाम, कोरोना संक्रमण के कारण नीलामी नहीं हो रही
30-Apr-2021 5:37 PM
 खरीदी के तीन महीने बाद भी केंद्रों  में 24 लाख क्विंटल धान जाम, कोरोना संक्रमण के कारण नीलामी नहीं हो रही

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 30 अप्रैल। धान खरीदी सीजन को समाप्त हुए तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन उपार्जन केंद्रों में अभी भी करीब 24 लाख क्विंटल धान जाम पड़ा हुआ है। शासन ने इसमें से 23 लाख क्विंटल धान ई नीलामी के लिए ऑप्शन में रखा है। यानी इतने धान का उठाव खरीदने वाले मिलर्स सीधे केंद्रों से करेंगे। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण धान नीलामी नहीं हो पा रही है। उपार्जन केंद्रों में धान सूखते हुए पड़ा है। केंद्रों में रखे धान में सूखत बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि समिति संचालक इस बार जीरो शार्टेज देने से असमर्थता जता रहे हैं। समिति प्रभारियों की मानें तो अभी से केंद्रों में शार्टेज आना शुरू हो गया है। स्थिति यह है कि 500 कट्टा में 12 से 15 क्विंटल तक कमी आ रही है। इसकी भरपाई कर पाना संभव नहीं है।

इस मामले में जिला विपणन अधिकारी सीआर जोशी का कहना है कि उठाव को लेकर डीओ जारी हो गया है। वहीं नीलामी के लिए धान उपार्जन केंद्रों में रखा है, इसलिए उठाव में देरी हो गई है। धान खरीदी के 72 घंटों में उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव किया जाना है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते समय पर उठाव नहीं हो पाया है। 72 घंटे तो दूर खरीदी पूरी होने के तीन महीने बीतने के बाद भी धान उपार्जन केंद्रों में रखा हुआ है। वहीं इसके देख-रेख में हजारों रुपए समितियों के बर्बाद हो रहे हैं। जीरो शार्टेज का कमीशन भी समितियों को नहीं मिल पाएगा, सो अलग।

ज्ञात हो कि जिले के 1 लाख 36 हजार किसानों से सरकार ने 75 लाख क्विंटल धान खरीदा है। इन 138 उपार्जन केंद्रों में 75 लाख क्विंटल धान था। यहां से 33 लाख 82 हजार क्विंटल धान मिलर्स ने उठाया है, वहीं 16 लाख 86 हजार क्विंटल धान ट्रांसपोर्टरों ने उठाकर संग्रहण केंद्रों में रखा है। इसके बाद 24 लाख 32 हजार क्विंटल धान अभी भी उपार्जन केंद्रों में रखा हुआ है। मिलर्स उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव कर रहे हैं, लेकिन एफसीआई में जगह नहीं होने के कारण रफ्तार कम है।

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