धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 17 मई। वैश्विक कोरोना महामारी के चलते सेन (नाई) समाज बहुत पिछड़ गया है। सरकार ने बहुत सी दुकानों को खोलने की अनुमति दी है, लेकिन नाई दुकान को खोलने की अनुमति नहीं दी है।
तहसील नगरी सेन समाज के उपाध्यक्ष मौर्यध्वज सेन ने कहा कि महीने भर से दुकानें बंद रहने से समाज के लोगों के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। समाज के 95 फीसदी लोग अपने पुश्तैनी नाई कार्य को करके परिवार चलाते हंै। हालात यह है कि सेलून दुकान का किराया तक नहीं दे पा रहे हंै। गांव में पौनी पसारी का काम करने वालों की हालत भी बहुत दयनीय है। लोग कर्ज के बोझ में दबते जा रहे हैं।
श्री सेन ने नाई दुकानों को खोलने की अनुमति देने या समाज के लोगों को राहत राशि देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब भी लॉकडाउन हो, नाई समाज के लोगों को सरकार प्रति माह 8000 रूपए दे। जो लोग सेलून दुकान चलाते हैं, उन लोगों को 10 हजार रूपए दिया जाए। आज स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। इस विकट संकट काल में भी समाज के लोग जरूरत पडऩे पर हर समाज के सुख दुख में जाकर सहयोग कर रहे हैं। इसके बाद भी नाई समाज की उपेक्षा की जाती है।