राजनांदगांव
महासमुंद के अफसर को सुरक्षा देने और आरोपों की जांच के लिए राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 मई। महासमुंद में पदस्थ महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग किए जाने के बाद राज्य सरकार द्वारा निलंबित किए जाने के विरोध में सोमवार को भाजपा महिला मोर्चा ने राज्यपाल के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
भ्रष्टाचार उजागर करने वाले अधिकारी की मांग की जांच करने के बजाय सरकार ने निलंबित कर दिया। सरकार के फैसले की निंदा करते महिला नेत्रियों ने ज्ञापन के जरिये कहा कि अफसर को आवाज उठाने पर प्रताडि़त किया जा रहा है। यह अपने आप में एक नया मामला है। अफसर सुधाकर बोदले ने इस मामले में जांच नहीं करने के लिए कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बोदले ने विवाह योजना के लिए दी जाने वाली उपहार सामग्री और रेडी-टू-ईट सामग्री में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया था। वह अपने निवास में ही धरने पर बैठ गए। इधर 30 लाख रुपए का भ्रष्टाचार होने के आरोप की जांच नहीं करने का मामला सुर्खियों में आ गया। महिला नेत्रियों ने कहा कि यह दुखद है कि भ्रष्टाचार की शिकायत पर ध्यान देने के बदले कांग्रेस सरकार ने अधिकारी को ही निलंबित कर दिया।
भाजपा महिला नेत्रियों का आरोप है कि कांग्रेस सरकार के दो-ढ़ाई साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के रोज नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। महिला मोर्चा की ओर से राज्यपाल से अधिकारी को पर्याप्त सुरक्षा तथा उचित जांच की मांग की गई। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से महिला मोर्चा अध्यक्ष किरण साहू, डॉ. रेखा मेश्राम, पारूल जैन, देवकुमारी, पूनम शर्मा समेत अन्य महिला नेत्री शामिल थी।