राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 मई। पूर्व मंत्री रजिंदरपाल सिंह भाटिया ने कहा कि जब से छग में कांग्रेस की सरकार बनी है, तब से लगातार एक के बाद एक जुमलेबाजी योजना लागू कर किसान विरोधी फैसले ले रही है। छग के किसानों को आज तक उक्त योजना की राशि न मिलने पर राज्य के किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। चुनावी घोषणा के समय तो ऐसा नहीं कहा गया था कि धान खरीदी की भुगतान चार किस्तों मे किया जाएगा। विगत वर्ष की गई धान खरीदी की अंतिम राशि लंबा इंतजार के 15 माह बाद किसानों को दी गई थी। जिससे किसानों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि धान खरीदी में भी शासन द्वारा किसानों को अनेक परेशानियों में डाला गया। जैसा कि सबसे पहले किसानों की जमीन की हतबंदी की गई, जमीन रकबा में कटौती कर जानबूझ कर खरीदी भी 30 दिन की देरी से आरंभ की गई। जिसके कारण किसानों के प्रति क्विटल 5-6 किलो धान की सुखत की मार भी किसानों को झेलना पड़ा। धान खरीदी देरी से चालू करने के उपरांत भी बारदाने की शासन द्वारा कोई समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को 35 से 40 रुपए में खाली बोरी की व्यवस्था करनी पड़ी। खाली बोरी का किसानों को 12 रुपए देने की बात कही गई थी, वह पैसा भी मिलेगा या नहीं इसमें भी संदेह है। ये सरकार की 2500 रू. की दर से कम से कम धान खरीदी की जा सके, यह एक सोची-समझी साजिश थी। इस प्रकार किसानों की पूरे खर्चे काटकर किसानों को धान की कीमत 2500 रुपए के स्थान पर 2000 रुपए ही पड़ रहा है।
श्री भाटिया ने कहा कि न्याय योजना के नाम पर किसानों के साथ फिर से धोखा हुआ है। यह किसानों के साथ पूरी तरह से अन्याय है। कोरोना काल में किसानों को बुनियादी जरूरतों के लिए पैसे की जरूरत है। किसानों को प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा धान खरीदी की एकमुश्त राशि दी जानी चाहिए।