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कोरबा, 14 जुलाई । जनपद पंचायत कोरबा में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले जनपद अध्यक्ष, फिर सीईओ व अब उपाध्यक्ष के खिलाफ सरपंच लामबंद हुए है। सरपंचों का आरोप है कि उपाध्यक्ष के पुत्र के द्वारा निर्माण कार्य अपने लोगो ंको दिलाने के लिए दबाव बनाया जाता है।
कलेक्टर के द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लगभग पचास से ज्यादा सरपंचों ने उपाध्यक्ष कौशिल्या देवी वैष्णव का बहिष्कार करने की बात कही है। पत्र के अनुसार शिकायत करने वाले सरपंच जनपद उपाध्यक्ष के पुत्र से परेशान है। आरोप है कि उपाध्यक्ष पुत्र सरपंचों से वसूली करते हैं और अपने साथियों को निर्माण कार्य देने के लिए दबाव बनाते हैं। फिलहाल यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि शिकायत पत्र में कितने सरपंचों ने हस्ताक्षर किए है।
उपाध्यक्ष कौशिल्या देवी वैष्णव और उनके पुत्र आशुतोष वैष्णव के विरूद्ध शिकायत करने वाले ग्राम पंचायत भुलसीडीह, नकटीखार, उरगा, जामबहार, अजगरबहार, खोड्डल, डोंगदरहा, माखुरपानी, फुलसरी, बगबुड़ा, कुकरीचोली, पहंदा, कुरूडीह, पंडरीपानी, गोढ़ी, रजगामार, सकदुकला, कोरकोमा, देवरमार, सेमीपाली, केराकछार, गोड़मा, धनगांव, कछार, मुढुनारा, तिलाईडाँड़, सोनपुरी, चचिया, तौलीपाली, जिल्गा, बरपाली, गिरारी, कटकोना, सिमकेंदा, चिर्रा, श्यांग, अमलडीहा, कोलगा, मदनपुर, पसरखेत, अखरापाली पताढ़ी, मसान, कुदुरमाल, कटबितला, पतरापाली, भैसमा आदि शामिल हंै।
प्रथम चरण में कोरबा जिले के 500 स्कूलों को किया गया शामिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 14 जुलाई। जिले के प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के स्कूलों को डिजिटलाइज करने की कवायद शुरू हो चुकी है। शासन स्कूल शिक्षा विभाग की यह महत्वकांक्षी कार्ययोजना भी अब अपने अंतिम चरण में है जिसके तहत जल्द ही शासकीय स्कूलों की दीवारों में ब्लैकबोर्ड की जगह हाई टेक्नोलॉजी वाले स्मार्ट प्रोजेक्टर नजर आएंगे।
पढ़ाई और सीखने का अनुभव स्कूली बच्चो के अनुरूप होगा, जहां अध्यापक के बजाए सवालों का हल खुद स्मार्ट प्रॉजेक्टर के माध्यम से होगा। शिक्षा विभाग के अनुसार पहले के पारंपरिक प्रोजेक्टर सिर्फ वीडियो के लिए उपयोग में लाया जाता था जोकि टूडी टेक्नोलॉजी पर आधारित होता था। फिलहाल जो स्मार्ट प्रोजेक्टर लगाया जा रहा है वह काफी हाईटेक होगा. प्रोजेक्टर का फोकस किसी भी दीवाल पर पड़ते ही वो दीवाल बोर्ड काम करेगा वीडियो के बीच में ही शिक्षक मार्कर मैजिक बोर्ड के जैसे ही फोकस एरिया में ड्रॉ कर छात्रों को उसे समझा सकते हंै। शिक्षक द्वारा की गई कवायद न केवल प्रदर्शित होगी बल्कि वो ऑटोमेटिक तरीके से वीडियो में सेव भी होती जाएगी ताकि भविष्य में उसको दुबारा से देखा व समझा जा सकता है। अन्य विषयों से अलग गणित के सवालो का हल ऑटोमेटिक तरीके से होगा।
जटिल गणितीय सूत्र किसी कैलकुलेटर की तरह प्रोजेक्टर में इंस्टाल होंगे। इस तरह शिक्षक को न ही ब्लैक-ग्रीन बोर्ड की जरूरत होगी न ही चॉक की, सिर्फ सवाल लिखते ही हल सामने होगा जिसे कोई भी छात्र आसानी से अपने एंड्रॉयड फोन पर फिर से रिविजन कर सकेगा। इसी तरह थ्रीडी एनिमेशन पढ़ाई का अनुभव बदलने वाला होगा। 360 अंश का वीडियो हो या इंटरनेट कनेक्शन। नए प्रोजेक्टर में सारी सुविधाएं होंगी। नया प्रोजेक्टर सीधे हॉटस्पॉट या वाईफाई से कनेक्टेड होगा बिना लैपटॉप के ही इंटरनेट पर मौजूद दुनिया के किसी भी वीडियो का ऑनलाइन इस्तेमाल सम्भव होगा। यह पूरी योजना ना सिर्फ पढ़ाई का बल्कि अध्यापन का अनुभव बदलने वाला होगा बल्कि बोझिल लगने वाले अध्यन-अध्यापन कार्य को रोचक भी बनाएगा।
स्मार्ट प्रोजेक्टर क्लासेस का यह प्रयोग ना सिर्फ जिले के लिए बल्कि समूचे प्रदेश के लिए बिल्कुल नया और आधुनिक होगा। जिले के करीब 5 सौ प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस का संचालन किया जाएगा। जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार प्रयास यह भी होगा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में पांच सौ जबकि इसके बाद दूसरे सभी स्कूलों में इस तरह से कक्षाएं संचालित कराई जा सकेगी। शिक्षकों के लिए भी इसका प्रशिक्षण काफी सरल होगा। बताया गया कि फिलहाल जिले के किसी निजी स्कूलों में भी यह सुविधा शुरू नही की जा सकी है।
एसईसीएल के सीएसआर से योजमा को मूर्तरुप दिया जाएगा
दरअसल एसईसीएल के अंतर्गत संचालित होने वाले स्कूलों में इस तरह के स्मार्ट प्रोजेक्टर को उपयोग में लाया गया था. जिले के शिक्षा विभाग ने भी इस पूरे माध्यम को समझा था. जिला कलेक्टर के माध्यम से जब इस पूरे माध्यम पर रुचि दिखाई गई थी तो एसईसीएल ने भी इस कवायद को आगे बढ़ाते हुए अपनी स्वीकारोक्ति दी थी. एसईसीएल के सेंट्रल मैनेजमेंट ने जब डेमो के माध्यम से जिला प्रशासन के सामने पूरे प्रोग्रामिंग को सामने रखा था तब उन्होंने पहले चरण में कम से कम 5 सौ प्रोजेक्टर के लिए अपनी स्वीकारिता दी है जो ऊर्जाधानी पांच सौ स्कूलों में स्थापित किये जायेंगे।
पहले के कंप्यूटर धूल खा रहे
यहा यह बताना भी जरूरी होगा कि पूर्व में भी अन्य योजनाओं के तहत सरकारी स्कूलों को हाइटेक बनाने के लिए कंप्यूटर दिया गया था। इस योजना का मूल उद्देश्य यह था कि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे कंप्यूटर की शिक्षा प्राप्त कर सके। उक्त योजना की हकीकत यह है कि स्कूलों में भेजे गए कंप्यूटर अब धूल खा रहे है। कुछ स्कूलों में इन कंप्यूटर को इंस्टाल कर कुछ दिनों तक पढ़ाई कराई गई । कुछ स्कूल ऐसे थे, जहां कंप्यूटर बक्सों में बंद पड़े रहे। बाद में इसका उपयोग स्कूलों के कार्यालय व लिपिकों के घर मे सरकारी कार्य करने के लिए ले जाया गया।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
कोरबा, 14 जुलाई। एसईसीएल की दीपका खदान के 15 नंबर स्टॉक एरिया में मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात लगभग 2.30 बजे चाकूबाजी हो गई । इस घटना में लिफ्टर कुणाल सिंह जख्मी हो गया है। उसे एसईसीएल के गेवरा स्थित एनसीएच में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि अच्छी क्वालिटी का कोयला गिराने के एवज में दी जाने वाली राशि को लेकर यहां पर डंपर ऑपरेटर गुरुद्वान और लिफ्टर कुणाल सिंह के बीच विवाद हुआ। विवाद में ऑपरेटर ने अपने पास रखे चाकू से कुणाल पर अप्रत्याशित हमला कर दिया, जिससे वह जख्मी हो गया। मामले की जानकारी आसपास में होने पर लोगों ने पीडि़त को एनसीएच में भर्ती कराया।
ज्ञात हो कि कोल स्टॉक में अच्छी क्वालिटी का कोयला गिराने के एवज में डंपर ऑपरेटर को 1500 रुपए लिफ्टर के द्वारा दिए जाते हैं। इसी राशि को लेकर आए दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती है। एसईसीएल के अधिकारियों को ऐसे मामलों की जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। मामले की रिपोर्ट दीपका थाना में लिखाई जा रही है।
वनमंडल कोरबा के सीमावर्ती धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र की घटना
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
कोरबा, 14 जुलाई। वन मंडल कोरबा के सीमावर्ती इलाके में मंगलवार की रात को एक हाथी ने एक ग्रामीण को कुचल दिया। जिससे ग्रामीण की मौके पर मौत हो गई। इस घटना से आसपास के इलाके में दहशत है। सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारियों ने इस इलाके का दौरा किया। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
वनमंडल कोरबा के कल्मीटीकरा के पास यह घटना घटी। ग्रामीण कोसा प्लांटेशन में जरूरी काम करने गया हुआ था। इसी दौरान मादा हाथी विचरण करते हुए इस इलाके तक पहुंच गई और ग्रामीण को कुचल दिया। जब रात तक ग्रामीण अपने घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की।
धरमजयगढ़ के रेंजर और अन्य अधिकारियों ने बुधवार की सुबह घटना स्थल का दौरा किया। क्षेत्र की पुलिस भी यहां पहुंची। मामले में मर्ग कायम करने के साथ पीडि़त का शव कब्जे में लिया गया और उसे पीएम के लिए भेज दिया गया। मृतक के परिजनों को प्रारंभिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपए उपलब्ध कराए गए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 11 जुलाई। नगर पालिक निगम कोरबा के दिवंगत हुए कर्मचारियों के 6 आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई है। आयुक्त कुलदीप शर्मा ने षुक्रवार को आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति आदेश पत्र प्रदान किया तथा उन्हें अपनी शुभकामनाएं देते हुए पूरी निष्ठा के साथ कर्तव्य निर्वहन करने को कहा।
राज्य सरकार द्वारा तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति हेतु प्रावधानित 10 प्रतिशत पदों की सीमा के बंधन को 31 मई 2022 तक शिथिल किया गया है। राज्य सरकार की इस संवेदनशीलता का लाभ निगम के दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को प्राप्त हुआ तथा इसके परिणाम स्वरूप निगम में रिक्त तृतीय श्रेणी के पदों पर 6 आश्रितों को निगम द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की है। नगर पालिक निगम कोरबा के मुख्य प्रशासनिक भवन साकेत में आयुक्त कुलदीप शर्मा ने इन नवनियुक्त आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति आदेश पत्र प्रदान किया तथा उन्हें अपनी शुभकामनाएं देने के साथ ही उनसे कहा कि वे पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। नगर पालिक निगम कोरबा के दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों में अजय कुमार टायडे को सहायक राजस्व निरीक्षक, दिव्यकांत गोस्वामी को सहायक राजस्व निरीक्षक, तुषार कश्यप को सहायक राजस्व निरीक्षक, राजेश कुमार साहू को सहायक राजस्व निरीक्षक, कमलनारायण मांझी को सहायक ग्रेड-3 एवं दीपक कुमार केशव को सहायक ग्रेड-3 के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 11 जुलाई। नगर पालिक निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद ने नगर के व्यापारियों एवं आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा है कि प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरीबैग, डिस्पोजल व अन्य प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री का उपयोग न करें, इनके स्थान पर कपड़े, जूट आदि के थैले व कागज के लिफाफे तथा अन्य वैकल्पिक साधनों को अपनाएं, कोरबा को प्रतिबंधित प्लास्टिक से मुक्त करने में अपना सहयोग दें।
महापौर श्री प्रसाद ने अपील करते हुए कहा है कि निर्धारित मानक के अनुरूप न होने वाली प्लास्टिक से बनी हुई सामग्रियों के निर्माण, भण्डारण एवं विक्रय आदि पर शासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंधित प्लास्टिक से निर्मित कैरीबैग, डिस्पोजल सहित अन्य प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री पर्यावरण, साफ-सफाई व्यवस्था व मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, वहीं मवेशियों व अन्य जीव-जन्तुओं के लिए भी घातक है। उन्होने व्यापारियों से अनुरोध करते हुए कहा है कि वे अपने व्यवसाय के दौरान दुकानों व प्रतिष्ठानों में प्लास्टिक कैरीबैग, प्लास्टिक डिस्पोजल आदि का उपयोग न करें, इनके स्थान पर कपड़े व जूट के बने थैले, कागज के लिफाफे व अन्य वैकल्पिक साधनों को अपनाएं। ग्राहकों को भी प्रेरित करें कि वे बाजार जाते समय कपड़े, जूट आदि के थैले साथ में लेकर जाएं। महापौर ने आमनागरिकों से भी अपील करते हुए कहा है कि वे बाजार जाते समय कपड़े, जूट आदि के थैले साथ में रखें तथा दुकानदारों से प्लास्टिक कैरीबैग आदि की मांग न करें एवं अन्य लोगों को भी इस हेतु जागरूक करें।
उन्होने कहा है कि नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा अपने कोरबा शहर को प्रतिबंधित प्लास्टिक से मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है, इसमें अपना सहयोग दें। उन्होने अनुरोध करते हुए कहा है कि हम सब संकल्प लें कि हम प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरीबैग, प्लास्टिक डिस्पोजल सहित प्रतिबंधित प्लास्टिक से बनी अन्य सामग्रियों का उपयोग नहीं करेंगे तथा अपने कोरबा शहर को ’’ प्लास्टिक फ्री कोरबा ’’ बनाएंगे।
कोरबा, 11 जुलाई। शिक्षा विभाग के बीईओ कार्यालय में पदस्थ एक बाबू के द्वारा बुधवार को कार्यालयीन समय में जहर का सेवन कर लिया गया था। उसे अपोलो अस्पताल बिलासपुर में दाखिल कराया गया था। उपचार के दौरान शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।
श्याम कुमार मानसर सहायक ग्रेड-3 कोरबा के बीईओ कार्यालय में पदस्थ थे। बुधवार को ड्यूटी के दौरान कार्यालय में ही उन्होंने जहर (कीटनाशक) खा लिया था। उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल से अपोलो बिलासपुर रेफर कर दिया गया था। जहां उनकी मौत हो गई। परिजन ने उनका अंतिम संस्कार गृह ग्राम कापन के ग्राम परसदा(जांजगीर-चांपा) में किया। उनका एक 10 वर्षीय पुत्र है।
जहर खाने के बाद उसे कोरबा के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल कराया गया था। जहां उसे कुछ देर के लिए होश भी आया था। बावजूद इसके शिक्षा विभाग या अस्पताल की ओर से पुलिस को तत्काल सूचना नहीं दी गई। बल्कि मृत्यु पूर्व कथन की तरह मोबाइल से वीडियो बनाकर जहर खाने का कारण पूछा गया। उक्त वीडियो को वायरल भी किया गया। कोरबा के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी संजय अग्रवाल के मुताबिक किसी कारण से बाबू श्याम कुमार मानसर ने जहर खा लिया था। उनका उपचार अपोलो में चल रहा था। जहां मौत हो गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 10 जुलाई। कोरबा वन मंडल के कुदमुरा परिक्षेत्र में दंतैल हाथी की दस्तक से ग्रामीण दहशत में हैं। वहीं दूसरी ओर पहले से ही अस्वस्थ एक मादा हाथी धनपुरी गांव के पास अपना डेरा जमाए हुए है। वन विभाग का अमला अस्वस्थ मादा हाथी की देखभाल में जुटा हुआ है।
शुक्रवार को वन मंडल कोरबा के कुदमुरा परिक्षेत्र में बुजुर्ग मादा हाथी धनपुरी के आगे नहीं बढ़ पाई। वन विभाग अब उसे कटहल व केला खिला रहा है।
उधर धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र से दंतैल हाथी के आने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। मादा हाथी के आसपास पहुंचने की संभावना को देखते हुए वन अमला अलर्ट हो गया है। अगर पास में पहुंच गया तो उसके उपचार व भोजन की व्यवस्था करने में परेशानी हो सकती है।
कुदमुरा परिक्षेत्र में मादा हाथी कुछ दिनों से घूम रही थी। उसकी उम्र 50 से 55 वर्ष के बीच बताई जा रही है। वह पहले से बीमार है। इसकी वजह से एक जगह पर काफी देर तक रुकी रहती है। वन विभाग ने जंगल सफारी रायपुर से डॉ. राकेश वर्मा को बुलाकर उपचार भी कराया। इसके बाद कुछ दूर चली फिर श्यांग से 2 किलोमीटर आगे धनपुरी मार्ग पर रुक गई है। उसके एक पैर में घाव हो गया था। जिसकी वजह से वह अधिक चल फिर नहीं पा रही है।
कुदमुरा परिक्षेत्र के रेंजर संजय लकड़ा ने बताया कि दवाई देने के बाद हाथी की तबीयत में सुधार हुआ है । वह कुछ दूर चली फिर रुक गई है। अभी उसे भोजन दिया जा रहा है। एक और हाथी के आने के बाद वन अमले के साथ ही ग्रामीणों को भी सतर्क कर दिया गया है।
हाथी की निगरानी में वन अमला जुटा
कोरबा वन मंडल डीएफओ प्रियंका पांडेय ने बताया कि अस्वस्थ हाथी की निगरानी की जा रही है। इसके लिए वन अमले की ड्यूटी लगाई गई है। एक और दंतैल हाथी के आने से परेषानी बढ़ गई है। अभी धान की बोनी का समय है। इसकी वजह से जंगल के बीच खेत में किसान सुबह से पहुंच जाते हैं। उन्हें हाथी के आने की जानकारी देकर जंगल की ओर नहीं जाने कहा जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 जुलाई। मठपारा रामनगर निवासी स्व. दिनेश तिवारी का गत् दिनों कोरोना से निधन हो गया। शनिवार को शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा स्व. दिनेश तिवारी के निवास पहुंचकर उनकी मां कुसुम तिवारी व शोक संतृप्त परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया।
शहर अध्यक्ष छाबड़ा ने स्व. दिनेश तिवारी को श्रद्धांजलि देते कहा कि परिवार का मुखिया का इस तरह अचानक हमारे बीच से जाना क्या होता है, यह वही जानता है जिस पर यह बीतता है। पूरा कांग्रेस परिवार इस दुख की घड़ी में आपके साथ खड़ा है। श्रद्धांजलि देने वालों में सूर्यकांत जैन, अमिन हुद्दा, ज्योति शर्मा, ईश्वर पटेल, अनिस जैन, राजेश चौहान, राकेश राव, निहाल नकवी, रोहित पटले सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व वार्डवासी मौजूद थे।
कोरबा, 5 जुलाई। अपने निजी क्लीनिक में कोरोना वैक्सीन लगाकर पैसे वसूलने वाले डॉ.अशोक माखिजा की संविदा नियुक्ति निरस्त करते हुए कलेक्टर ने सेवा समाप्त कर दी है। दोषी डॉक्टर के क्लीनिक को भी कलेक्टर के आदेश पर सील कर दिया गया है।
शिकायत मिलने के बाद कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने 24 घंटे के भीतर ही मामले की जांच कराकर दोषी डॉक्टर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए, ये संकेत दे दिये हैं कि लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रकरण की जांच का जिम्मा एसडीएम सुनील नायक को सौंपा गया था। कलेक्टर के आदेशानुसार एसडीएम सुनील नायक शनिवार की सुबह से सीएमएचओ कार्यालय में दोषी डॉ. अशोक माखीजा सहित स्वास्थ विभाग के जिम्मेदार लोगों का बयान दर्ज किया गया था। देर शाम एसडीएम ने जांच रिपोर्ट कलेक्टर रानू साहू के समक्ष प्रस्तुत कर दिया था।
जिस पर कलेक्टर रानू साहू ने आज रविवार को छुट्टी के दिन ही दोषी डॉक्टर अशोक माखीजा की डीएमएफ से सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया।
कलेक्टर रानू साहू ने बताया कि वैक्सीन की कालाबाजारी करने वाले डॉ.अशोक माखीजा की सेवा समाप्त कर दी गयी है, वहीं डॉ.माखीजा बगैर लाईसेंस के ही प्राईवेट क्लीनिक का संचालन कर रहे थे, जिसे तत्काल प्रभाव से बंद कराने का आदेश दिया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 26 जून। दीपका नगर पालिका में 15 करोड़ के टेंडर को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस की पालिका अध्यक्ष संतोषी दीवान के पति जगदीश सिंह और भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अनूप यादव के बीच मारपीट हो गई। दोनों ने एक-दूसरे को थप्पड़ मारे तो समर्थक भी आपस में भिड़ गए। इसके बाद कुर्सियां, लात-घूंसे सब चले। किसी तरह मामला शांत हुआ तो दोनों पक्ष थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है।
नगर पालिका के अलग-अलग कार्यों के लिए करीब 15 करोड़ रुपए के टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। शुक्रवार को फॉर्म लेने की अंतिम तारीख थी। आरोप है कि पालिका अध्यक्ष संतोषी दीवान के पति जगदीश सिंह समर्थकों के साथ गेट पर खड़े हो गए और ठेकेदारों को अंदर जाने से रोकने लगे। इसकी जानकारी नेता प्रतिपक्ष और भाजयुमो जिला महामंत्री अनूप यादव को लगी तो वे वहां पहुंच गए।
उन्होंने ठेकेदारों को रोके जाने का विरोध किया। इसी बीच जगदीश सिंह ने नेता प्रतिपक्ष अनूप यादव को तमाचा जड़ दिया। इसके चलते उनके कान से खून बहने लगा। इसके बाद दोनों ओर के समर्थक गाली-गलौज करते हुए भिड़ गए। इसके बाद दोनों ओर से लात-घूंसे और कुर्सियां चलने लगीं।
दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे के कपड़े खींचकर मारपीट करना शुरू कर दिया। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। फिर किसी तरह अन्य लोगों ने दोनों पक्षों को शांत कराया। इसके बाद दोनों पक्ष दीपका थाना पहुच कर शिकायत दर्ज कराई है। भाजपा के जिला अध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विकास महतो ने अतरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर को ज्ञापन सौंपकर घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 26 जून। दीपका नगर पालिका में 15 करोड़ के टेंडर को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस की पालिका अध्यक्ष संतोषी दीवान के पति जगदीश सिंह और भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अनूप यादव के बीच मारपीट हो गई। दोनों ने एक-दूसरे को थप्पड़ मारे तो समर्थक भी आपस में भिड़ गए। इसके बाद कुर्सियां, लात-घूंसे सब चले। किसी तरह मामला शांत हुआ तो दोनों पक्ष थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है।
नगर पालिका के अलग-अलग कार्यों के लिए करीब 15 करोड़ रुपए के टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। शुक्रवार को फॉर्म लेने की अंतिम तारीख थी। आरोप है कि पालिका अध्यक्ष संतोषी दीवान के पति जगदीश सिंह समर्थकों के साथ गेट पर खड़े हो गए और ठेकेदारों को अंदर जाने से रोकने लगे। इसकी जानकारी नेता प्रतिपक्ष और भाजयुमो जिला महामंत्री अनूप यादव को लगी तो वे वहां पहुंच गए।
उन्होंने ठेकेदारों को रोके जाने का विरोध किया। इसी बीच जगदीश सिंह ने नेता प्रतिपक्ष अनूप यादव को तमाचा जड़ दिया। इसके चलते उनके कान से खून बहने लगा। इसके बाद दोनों ओर के समर्थक गाली-गलौज करते हुए भिड़ गए। इसके बाद दोनों ओर से लात-घूंसे और कुर्सियां चलने लगीं।
दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे के कपड़े खींचकर मारपीट करना शुरू कर दिया। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। फिर किसी तरह अन्य लोगों ने दोनों पक्षों को शांत कराया। इसके बाद दोनों पक्ष दीपका थाना पहुच कर शिकायत दर्ज कराई है। भाजपा के जिला अध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विकास महतो ने अतरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर को ज्ञापन सौंपकर घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 21 जून। नगर निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद का फेसबुक एकाउंट हैक हो गया है। एकाउंट हैक होने के बाद महापौर के नाम से पैसे मांगे जाने का मैसेज वायरल होने लगा। इसके बाद इसकी जानकारी महापौर श्री प्रसाद को लगी।
महापौर ने एक संदेश के माध्यम से इसकी जानकारी जनता को दी। महापौर ने लिखा है कि ‘नमस्कार साथियों, स्नेहीजनों, किसी के द्वारा मेरे नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर चैटिंग के जरिये पैसे की मांग की जा रही है। आप सबसे अनुरोध है कि इस फर्जी फेसबुक अकाउंट से कोई चैटिंग न करें एवं ठगी से बचें, धन्यवाद । ... राजकिशोर प्रसाद’। इस मामले की शिकायत पुलिस से की गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 21 जून। छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना चालू होने के बाद गोबर चोरी होने का मामला कोरबा जिले के दीपका थाना में दर्ज किया गया है। ग्राम पंचायत ढुरेना में गोठान से चोरों ने सोलह सौ रुपये मूल्य का लगभग आठ सौ किलो गोबर चोरी कर लिया है। ग्रामवासियों को जब इसकी जानकारी लगी तो इसकी शिकायत दीपका थाना में दर्ज कराई गई है।
थाना प्रभारी हरीश टांडेकर के अनुसार शनिवार को शिकायत मिलने के बाद रिपोर्ट दर्ज कर चोरों की तलाश की जा रही है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार द्वारा वर्ष 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत दो रुपये प्रति किलो के दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। इसी कारण से छत्तीसगढ़ में गोबर मूल्यवान हो गया है। बहरहाल गोबर चोरी के इस मामले का पुलिस जल्द खुलासा करने की बात कह रही है।
बालकोनगर, 18 जून। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने कोरोना की दूसरी लहर से निपटने की दिशा में लगभग डेढ़ लाख नागरिकों की मदद की। सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बालको ने ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और सैनिटाइजेशन अभियान संचालित किया। जिला प्रशासन का सहयोग करते हुए बालको ने पीपीई किट और दवाइयां वितरित की। कोरोना से लडऩे के लिए नया रायपुर में 100 बिस्तरों का अत्याधुनिक बालको फील्ड अस्पताल स्थापित किया गया। परियोजना उन्नति और वेदांता स्किल स्कूल के जरिए जरूरतमंद नागरिकों के लिए आजीविका के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने बताया कि चुनौती की इस घड़ी में हम सभी को एकजुट होकर अपने परिवारजनों और जरूरतमंद नागरिकों को सुरक्षित बनाए रखने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। बालको द्वारा अपने प्रचालन क्षेत्रों में लगातार जागरूकता अभियान संचालित किए जा रहे हैं। सामुदायिक विकास परियोजनाओं के जरिए स्वास्थ्य के साथ ही आजीविका के अवसर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जरूरतमंदों को हरसंभव चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए बालको प्रबंधन कटिबद्ध है। श्री पति ने नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
बालको ने अपने संयंत्र तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के 14000 परिवारों को सैनिटाइजेशन किट उपलब्ध कराए। इससे लगभग 40 हजार नागरिक लाभान्वित हुए। प्रत्येक किट में दोहरे स्तरों वाले पांच मास्क, सैनिटाइजर और साबुन मौजूद है। विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों की 125 महिलाओं ने परियोजना उन्नति के अंतर्गत 70 हजार मास्क तैयार कर आय प्राप्त किया। उन्नति फ्रेश परियोजना के जरिए किसानों को सब्जियां और दूसरे कृषि उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद मिली। अब तक लगभग 3 टन सब्जियां, 1 टन फल और 500 किलोग्राम अनाज की आपूर्ति ग्राहकों तक हो चुकी है।
कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा कोयला खदान में बने नवनिर्मित साइलो की रेल पटरी के नीचे सतह की मिट्टी के कटाव हो जाने से कोयला लदान पिछले 24 घंटे से बाधित है।वही शहर में हुई पहली बारिश में ही इस तरह नवनिर्मित साइलो के पटरी के नीचे सतह की मिट्टी का कटाव हो जाना निर्माण एजेंसी पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।
शहर में हुए पहली बारिश से कुसमुंडा खदान में बने नवनिर्मित साइलो क्रमांक 8 के नजदीक रेलवे पटरी के नीचे की सतह पूरी तरह से कट कर बह गया है । जिसके कारण इस रेल लाइन से कोयला लदान पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। वही इस पटरी के आसपास रेल लाइन को बंद रखा गया है ताकि कोई बड़ी दुर्घटना न हो सके। वही कोयला लदान प्रभावित होने के बाद रेल प्रबंधन इस रेल पटरी के निचली सतह को सुधार करा रहा है।लेकिन कोयला खदान पिछले 24 घंटे से बाधित है जो कब शुरू होगा यह कहना अभी मुश्किल है।
बरसात के पूर्व नालियों की सफाई में कई गई अनदेखी का खामियाजा कॉलोनी वासियों को उठाना पड़ा। निचली बस्तियों में पानी घर के अंदर घुस गया। वही निर्माणधीन सड़को में जगह जगह कीचड व मट्टी से पट गया है।
नवपदस्थ कलेक्टर ने की विभागीय अधिकारियों से परिचयात्मक बैठक, प्राथमिकताएं बताईं
कोरबा, 8 जून। जिले की नवपदस्थ कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने पदभार करने के उपरांत विभागीय अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक की। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती साहू ने सभी विभागों के अधिकारियों से जिले से संबंधित विकास कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि टीम वर्क से जिले के विकास कार्यों को गति देंगे। राज्य सरकार की प्राथमिकताओं के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने और पूरा करने में टीम वर्क की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों के सहयोग से ही जिले के विकास कार्य पूरे होंगे। उन्होंने पद की गरिमा का महत्व बताते हुए कहा कि शासकीय सेवा में सभी अधिकारी-कर्मचारी महत्वपूर्ण होते हैं। सभी स्तर के कर्मचारियों को अपनी बात कलेक्टर तक पहुंचाने में झिझक नहीं होनी चाहिए। कलेक्टर ने कर्मचारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि मुझ तक अपनी बात पहुंचाने में डरने और संकोच करने की जरूरत नहीं है। कोई भी कर्मचारी जरूरी और आवश्यक सुझाव बिना झिझक के मुझ तक पहुंचा सकते हैं। यथोचित सुझावों पर निश्चित ही अमल किया जाएगा। इस दौरान जिला पंचायत के सीईओ कुंदन कुमार, नव नियुक्त नगर निगम आयुक्त कुलदीप शर्मा, अपर आयुक्त अशोक शर्मा, सहायक कलेक्टर अभिषेक शर्मा, संयुक्त कलेक्टर आशीष देवांगन, एसडीएम कोरबा सुनील नायक, डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर, एसडीएम कटघोरा श्रीमती सूर्य किरण तिवारी सहित जिला प्रशासन के समस्त अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
शासन की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना प्राथमिकता -* कलेक्टर श्रीमती साहू ने अपनी पहली प्राथमिकता शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने को बताया। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों का विकास और कल्याण करना तथा उनकी समस्याओं का समय सीमा में निदान करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। कलेक्टर ने कहा कि कोरबा जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन सभी संभावनाओं को तलाश कर पर्यटन के क्षेत्र में भी कोरबा जिले को एक नई पहचान देने का पूरा प्रयास करूंगी। उन्होंने सतरेंगा को अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने के काम को आगे बढ़ाने और जिले में मेडिकल काॅलेज की स्थापना से संबंधित काम को शीघ्र प्रारंभ कराने को भी अपनी प्राथमिकता बताई।
कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी अभी से - कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने परिचयात्मक बैठक के दौरान जिले में कोविड नियंत्रण से संबंधित जानकारी सीएमएचओ डाॅ. बी. बी. बोडे से ली। उन्होंने जिले में कोविड नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों तथा कोविड पाॅजिटिविटी रेट के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोरोना के तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हमें पहले से पूरी तैयारी करनी होगी तथा जिले के कोविड अस्पतालों में आवश्यक बेड, ऑक्सीजन आपूर्ति और स्वास्थ्य संसाधनों की व्यवस्था दुरूस्त करनी होगी। कलेक्टर ने डाॅ. बोडे से जिले के कोविड अस्पतालों में स्थापित कुल बिस्तर क्षमता और ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की क्षमता के बारे में भी पूछा। उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को टीम वर्क के साथ बेहतर तरीके से जिले में कोरोना के रोकथाम के कार्य करने के निर्देश दिए।
एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार दीपका की मध्यस्थता से वन टू वन चर्चा पर बनी सहमति
कोरबा, 8 जून। एसईसीएल की तानाशाही व अनदेखी से नाराज होकर ऊर्जा भू-स्थापित किसान कल्याण समिति ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया था। अब यह विरोध व धरना प्रदर्शन समाप्त हो गया है।
कलेक्टर रानू साहू के संज्ञान एवं एसडीएम कटघोरा सूर्य किरण तिवारी के आदेशानुसार कार्यपालिक मजिस्ट्रेट दीपका शशिभूषण सोनी ने भू-विस्थापितों को समझाईश दी। तब जाकर 10 सूत्री मांगों को लेकर एसईसीएल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहें संगठन ने अपना विरोध और धरना प्रदर्शन समाप्त किया।
ज्ञात हो कि ऊर्जा भू-स्थापित किसान कल्याण समिति ने अपने 10 सूत्री मांगों को लेकर एसईसीएल दीपका प्रबंधन एवं प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। मांग पूरी ना होता देख भू-विस्थापितों ने आज 8 जून को दीपका खदान में बड़ी संख्या में पहुंचकर कोल उत्पादन कार्य को प्रभावित किया। संगठन के प्रदर्शनकारी, जहां से कोयला उत्खनन और ओवरबर्डन का उत्खनन होता है वहां पहुंच कर कार्य को बाधित कर रहें थे।
शाम 6 बजे दीपका नायब तहसीलदार शशिभूषण सोनी के अगवाई में प्रशासन प्रबंधन और ऊर्जा धानी कल्याण समिति के संयुक्त तत्वाधान में सहमति बनी, जिसमें रेकी और बतारी के चार्टर्ड ऑफ डिमांड को पूरी करने प्रबंधन ने आशान्वित किया। वही, कल शाम 5 बजे निराकरण करने लिखित में पत्र दिया जाएगा।
दीपका परियोजना के महाप्रबंधक शशांक कुमार देवांगन ने बताया कि भू-विस्थापितों ने सुबह 11:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक दीपका खदान का उत्पादन प्रभावित किया, जिसमें कुल 7 घंटे प्रोडक्शन बंद रहा एनटीपीसी सीपत को सायलो से जाने वाली रेक सप्लाई भी नहीं हो सकी। 20000 टन कोयला और 9000 क्यूबिक मीटर ओवरबर्डन बंद के दौरान प्रभावित रहा
बता दे कि देश की ऊर्जा प्रगति में निरंतर भागीदारी देने वाले दीपका खदान में अगर 1 घंटे कार्य बाधित रहता है, तो लगभग 23 लाख रुपए का नुकसान देश की ऊर्जा क्षति को पहुंचता है। वहीं, राज्य सरकार को 15 लाख रुपये की राजस्व हानि होती है।
इस संबंध में श्यामू खुशाल जायसवाल ने कहा कि समझौते के तहत 1 सप्ताह का समय प्रबंधन को दिया गया है। बिलासपुर मुख्यालय से उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में फिर बातचीत किया जाएगा। सहमति नहीं बनने पर 1 सप्ताह के बाद दीपका खदान को अनिश्चितकाल के लिए बंद कराया जाएगा।
मामले में नायब तहसीलदार दीपका शशि भूषण सोनी ने कहा कि भू-विस्थापितों की मांगों को लेकर त्रिपक्षीय राय मशवरा कर सहमति बनाई गई, जिसमें कुछ मांगों को लेकर प्रबंधन मौके पर ही एग्री हो गया। वही, लिखित निराकरण के लिए कल शाम को समिति के लोगों को महाप्रबंधक कार्यालय बुलाया गया है।
राज्य सरकार की पुनर्वास नीति लागू करे एसईसीएल- किसान सभा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 1 जून। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कोयला खनन परियोजना के विस्तार के लिए मलगांव को बिना किसी पुनर्वास योजना के दुबारा विस्थापित किये जाने की एसईसीएल की योजना का विरोध किया है और इसके खिलाफ ग्रामीणों को संगठित कर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के कोरबा जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सचिव प्रशांत झा व सहसचिव दीपक साहू ने कहा है कि 1980-85 में पहली बार मलगांव को बिना किसी पुनर्वास व्यवस्था के उजाड़ा गया था। पुनर्वास न मिलने के कारण यहां के ग्रामीण बस्ती से थोड़ी दूरी पर ही बस गए थे। इस बसाहट का भी ग्रामीणों के विरोध के बावजूद 2004 में अधिग्रहण कर लिया गया और अब इसे हटाने पर जोर दिया जा रहा है, जबकि बुनियादी सुविधाओं सहित पुनर्वास के नाम पर एसईसीएल चुप्पी साधे हुए हैं।
किसान सभा के एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रभावित गांवों का दौरा किया और मलगांव के प्रभावित ग्रामीणों से मिलकर, बिना किसी पुनर्वास योजना के, एसईसीएल द्वारा लॉकडाउन के समय गलत तरीके से विस्थापन का विरोध किया है। उन्होंने इस विस्थापन को अवैध करार दिया है।
अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने बताया कि बिना मूलभूत सुविधा के अमगांव, भठोरा, भिलाई बाजार, रलिया, बाहनपाठ, पोड़ी, नरईबोध आदि गांवों को हटाने की तैयारी का भी विरोध किया है।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि पूर्व में गंगानगर, विजयनगर, नेहरूनगर, बेलटिकरी, सिरकी, चैनपुर, वैशाली नगर आदि गांवों में विस्थापितों को पुनर्वास के तहत बसावट दी गई है। यहां आज भी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए भटक रहे हैं और अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। आज भी कई विस्थापित नौकरी और मुआवजा के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा कि मलगांव में भी अभी तक भूमि अधिग्रहण की शर्तों का एसईसीएल प्रबंधन ने पालन नहीं किया है और न ही वर्तमान कानूनों के अनुसार इस अधिग्रहण का मुआवजा और रोजगार स्वीकृत किया गया है। ऐसी परिस्थितियों में ग्रामीण मलगांव से हटने के लिए तैयार नहीं है।
किसान सभा नेताओं ने कोल इंडिया लिमिटेड की पुनर्वास नीति को घटिया करार देते हुए इसे चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की कंपनी की पुनर्वास नीति को केंद्र और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति पर वरीयता नहीं मिल सकती, यदि वह इससे कमतर हो।
उन्होंने मांग की है कि मलगांव के 160 परिवारों को विस्थापित करने से पहले एसईसीएल गैर-विवादास्पद भूमि पर सडक़, सफाई, प्रकाश, पेयजल, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास कर ग्रामीणों का पुनर्वास करे, हर परिवार को आवासीय भूमि का स्वामित्व दें तथा घर बनाने के लिए अनुदान दें, अधिग्रहित भूमि के एवज में प्रत्येक परिवार के सदस्यों को स्थायी नौकरी दें और वर्तमान बाजार दर से चार गुना मुआवजा दे। इसके बिना किसी भी प्रकार के विस्थापन के खिलाफ किसान सभा के बैनर तले संगठित होकर सभी ग्रामीण जन आंदोलन करेंगे।
राज्य सरकार की पुनर्वास नीति लागू करे एसईसीएल- किसान सभा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 1 जून। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कोयला खनन परियोजना के विस्तार के लिए मलगांव को बिना किसी पुनर्वास योजना के दुबारा विस्थापित किये जाने की एसईसीएल की योजना का विरोध किया है और इसके खिलाफ ग्रामीणों को संगठित कर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के कोरबा जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सचिव प्रशांत झा व सहसचिव दीपक साहू ने कहा है कि 1980-85 में पहली बार मलगांव को बिना किसी पुनर्वास व्यवस्था के उजाड़ा गया था। पुनर्वास न मिलने के कारण यहां के ग्रामीण बस्ती से थोड़ी दूरी पर ही बस गए थे। इस बसाहट का भी ग्रामीणों के विरोध के बावजूद 2004 में अधिग्रहण कर लिया गया और अब इसे हटाने पर जोर दिया जा रहा है, जबकि बुनियादी सुविधाओं सहित पुनर्वास के नाम पर एसईसीएल चुप्पी साधे हुए हैं।
किसान सभा के एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रभावित गांवों का दौरा किया और मलगांव के प्रभावित ग्रामीणों से मिलकर, बिना किसी पुनर्वास योजना के, एसईसीएल द्वारा लॉकडाउन के समय गलत तरीके से विस्थापन का विरोध किया है। उन्होंने इस विस्थापन को अवैध करार दिया है।
अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने बताया कि बिना मूलभूत सुविधा के अमगांव, भठोरा, भिलाई बाजार, रलिया, बाहनपाठ, पोड़ी, नरईबोध आदि गांवों को हटाने की तैयारी का भी विरोध किया है।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि पूर्व में गंगानगर, विजयनगर, नेहरूनगर, बेलटिकरी, सिरकी, चैनपुर, वैशाली नगर आदि गांवों में विस्थापितों को पुनर्वास के तहत बसावट दी गई है। यहां आज भी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए भटक रहे हैं और अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। आज भी कई विस्थापित नौकरी और मुआवजा के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा कि मलगांव में भी अभी तक भूमि अधिग्रहण की शर्तों का एसईसीएल प्रबंधन ने पालन नहीं किया है और न ही वर्तमान कानूनों के अनुसार इस अधिग्रहण का मुआवजा और रोजगार स्वीकृत किया गया है। ऐसी परिस्थितियों में ग्रामीण मलगांव से हटने के लिए तैयार नहीं है।
किसान सभा नेताओं ने कोल इंडिया लिमिटेड की पुनर्वास नीति को घटिया करार देते हुए इसे चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की कंपनी की पुनर्वास नीति को केंद्र और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति पर वरीयता नहीं मिल सकती, यदि वह इससे कमतर हो।
उन्होंने मांग की है कि मलगांव के 160 परिवारों को विस्थापित करने से पहले एसईसीएल गैर-विवादास्पद भूमि पर सडक़, सफाई, प्रकाश, पेयजल, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास कर ग्रामीणों का पुनर्वास करे, हर परिवार को आवासीय भूमि का स्वामित्व दें तथा घर बनाने के लिए अनुदान दें, अधिग्रहित भूमि के एवज में प्रत्येक परिवार के सदस्यों को स्थायी नौकरी दें और वर्तमान बाजार दर से चार गुना मुआवजा दे। इसके बिना किसी भी प्रकार के विस्थापन के खिलाफ किसान सभा के बैनर तले संगठित होकर सभी ग्रामीण जन आंदोलन करेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 24 मई। अवैध शराब बेचने वाले दो आरोपियों को कोर्ट से जमानत दिलाने के लिए कोरबा पुलिस के दो आरक्षक ने झूठी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट बनवा कर शुक्रवार को कोर्ट में प्रस्तुत किया। इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को जमानत नामंजूर करते हुए जेल भेजने के पूर्व उपचार के लिए कोविड अस्पताल भेज दिया। अन्य कोरोना मरीजों के साथ उपचार कराने की बात सुनकर जब आरोपियों के परिजनों ने हंगामा किया, तब मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद दोनों आरक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं जिला अस्पताल के डेटा एंट्री ऑपरेटर व एक नगर सैनिक पर एफआईआर दर्ज किया गया है।
मानिकपुर पुलिस द्वारा 21 मई को 47 लीटर अवैध शराब के साथ पकड़े गए लहूरा यादव और मुकेश सोनी को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने आरोपियों की जमानत नामंजूर करते हुए जेल वारंट जारी किया। कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपियों को कोविड-19 अस्पताल ले जाया गया जहां बवाल मचा। दरअसल इन्हें पकडऩे वाले मानिकपुर पुलिस चौकी के आरक्षक योगेश राजपूत एवं दीप नारायण त्रिपाठी ने कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर जमानत दिलवा देने का भरोसा दिलाया था। इसके लिए 21 मई को आरोपियों को लेकर दोनों पहले जिला अस्पताल पहुंचे। आरोपियों के मुताबिक वे गाड़ी में ही बैठे थे और दोनों आरक्षक अस्पताल के भीतर गए। कुछ देर बाद बिना जांच के ही इनकी पॉजिटिव रिपोर्ट लेकर आरक्षक बाहर निकले। रिपोर्ट तो बन गई पर मामला कोर्ट में बिगड़ गया। मामला उजागर होने के बाद पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने जांच कराने की बात कही। दोनों आरक्षकों को निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया गया।
कोतवाली टीआई दुर्गेश शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक पड़ताल में जिला अस्पताल में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर हरजीत सिंह राठौर और जिला अस्पताल पुलिस चौकी में पदस्थ नगर सैनिक मनोज निर्मलकर को कोविड-19 के संबंध में मिथ्या दस्तावेज तैयार करने का जिम्मेदार पाया गया है। मिथ्या दस्तावेज बनाने के जुर्म में धारा 167 और दुष्प्रेरण के लिए धारा 109 भादवि के तहत रामपुर चौकी में अपराध दर्ज कर लिया गया है। दूसरी और दोनों आरक्षकों की भूमिका को भी तलाशा जा रहा है। जांच उपरांत इन पर उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में विधि सम्मत कार्यवाही तथ्यों के आधार पर की जा सकेगी।
ज्ञात हो कि अवैध शराब के आरोपियों को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट जारी की गई है उसकी आईडी फर्जी है। उक्त आईडी नंबर की किट 21 मई को ही पोड़ीबहार निवासी रामकुमार श्रीवास 40 वर्ष के नाम पर और दूसरी आईडी नीलगिरी बस्ती दर्री निवासी अनीता साहू 21 वर्ष के नाम पर जारी हुई थी और इन दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन्हीं की आईडी को अवैध शराब के दोनों आरोपियों के नाम जनरेट कर पॉजिटिव की फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई थी।
जिलाधीश को ज्ञापन देकर की जमीन वापसी की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 17 मई। कोरबा जिला प्रशासन के सहयोग से 25 साल पूर्व अधिग्रहित भूमि को कब्जाने की देवू की कोशिशों के खिलाफ ग्रामीण मुखर और एकजुट हो रहे हैं। आज माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेता प्रशांत झा और दीपक साहू के नेतृत्व में किसानों की एक बैठक में इस मुद्दे पर पुरजोर लड़ाई लडऩे का निर्णय लिया गया और सभी लोगों ने अधिग्रहित भूमि पर जाकर देवू द्वारा की जा रही खुदाई को रूकवा दिया।
किसानों के भारी विरोध के बाद भूमि कब्जा कर रहे लोग मशीन ले कर भाग खड़े हुए। इस बैठक के बाद किसान सभा नेताओं ने एक ज्ञापन भी जिलाधीश को सौंपा है, जिसमें 5वीं अनुसूची, पेसा और भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों का हवाला देते हुए अधिग्रहित जमीन मूल खातेदार किसानों को वापस करने की मांग की गई है।
माकपा नेता प्रशांत झा और किसान सभा नेता दीपक साहू ने आरोप लगाया है कि किसानों की भूमि कब्जाने की कोशिश में देवू के साथ बाल्को की भी सीधी मिलीभगत सामने आई है। उन्होंने बताया कि अधिग्रहित भूमि पर खुदाई की देखरेख का काम बाल्को अधिकारियों की निगरानी में किया जा रहा है, क्योंकि खुदाई स्थल पर बाल्को की स्टीकर लगी गाडिय़ां भी खड़ी थीं, जिनके नंबर सीजी-10-ई क्यू-0111 व सीजी-10-ए वाय 2206 थे। किसान सभा ने इन गाडिय़ों की तस्वीरें भी मीडिया के लिए जारी की है। उन्होंने बताया कि इन गाडिय़ों में बैठकर बाल्को के अधिकारी खुदाई कार्य का संचालन कर रहे थे।
माकपा नेता झा ने बताया कि बिलासपुर उच्च न्यायालय में अपनी रिट याचिका में देवू कंपनी ने न्यायालय से इस अधिग्रहित जमीन का उपयोग औद्योगिक या आवासीय प्रयोजनों के लिए करने देने का निर्देश राज्य सरकार को देने की मांग की है। झा ने कहा कि राजस्व मंत्री को इस विषय में सरकार का पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 14 मई। नगर निगम में मिशन प्रेरक के रूप में कार्य कर रही चार सौ से अधिक महिला सफाई मजदूरों को सुरक्षा किट देने और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के संबंध में प्रदेश में लागू श्रम कानूनों का पालन करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने निगम निगम के आयुक्त को भेजा है।
जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी अपने जीवन को खतरे में डालकर सफाई मजदूर जिस तरह काम कर रहे हैं, उसकी पूरे देश मे सराहना हो रही है। लेकिन कोरबा नगर निगम में वे उपेक्षा का शिकार हो रही है। मिशन क्लीन सिटी योजना के अंतर्गत काम कर रही इन महिला सफाई मजदूरों को कोरोना की इस दूसरी सांघातिक लहर में भी सुरक्षा किट नहीं दिया जा रहा है, जबकि मास्क, ग्लोब्स, सेनेटाइजर व साबुन कोरोना से लडऩे के लिए महत्वपूर्ण उपकरण है। इन सुरक्षा किटों के अभाव में कर्मचारी कोरोना का शिकार हो गए हैं, लेकिन निगम के दैनिक वेतनभोगी मजदूर होने के बावजूद निगम ने उनके इलाज व मेडिकल सुविधाएं देने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है और उन्हें बीमारी की इस अवधि का वेतन भी नहीं दिया गया है।
माकपा को प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड 67 में कार्यरत अघन बाई बंजारे, तुलसी कर्ष, कमल महंत सहित अन्य वार्डों के कई कर्मचारी कोरोना का शिकार हुए हैं। मजदूरी न मिलने से ये परिवार आज भुखमरी की कगार पर है। उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन का यह रूख श्रम कानूनों के भी खिलाफ है। माकपा नेता ने कहा कि सफाई मजदूरों के प्रति कोरबा निगम प्रशासन का यह संवेदनहीन रवैया कोरोना से लडऩे में बाधक है।
उन्होंने मांग की है कि सभी सफाई मजदूरों को ऑक्सीमीटर व थर्मामीटर सहित सुरक्षा किट दी जाए तथा कोरोना से ग्रस्त मजदूरों को उनके अवकाश की अवधि का पूरा मजदूरी भुगतान किया जाए। माकपा ने कहा है कि निगम एक सरकारी स्वायत्त संस्था है और इस प्रदेश के श्रम कानूनों का पालन करने के लिए वह बाध्य है। माकपा ने सफाई के कार्य से जुड़े मिशन प्रेरकों की समस्याओं को लेकर बांकी मोंगरा जोन कमिश्नर के माध्यम से निगम के महापौर और आयुक्त के नाम ज्ञापन भी दिया है और उनकी समस्याओं के समाधान की मांग की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 27 अप्रैल। छेड़छाड़ करने के इरादे से दो युवकों ने भाई व बहन को बीच जंगल में रोककर मारपीट की। जब भाई ने इसका विरोध किया तो दोनों युवकों ने उसे पेड़ में बांधकर बाइक में आग लगा दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को घटना में प्रयुक्त बाइक के साथ मंगलवार को गिरफ्तार किया है।
घटना कोरबा जिले के पसान थाना की है। ग्राम अमलीकुण्डा से रामपुर आने के लिए भाई बहन अपनी बाइक से निकले थे। बेंदरझुला घाट पर दो युवकों ने इनका रास्ता रोककर महिला के साथ छेड़छाड़ किया तथा इसके भाई को पेड़ में बांधकर उसके मोटरसायकल को आग लगा दिया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते धारा 354, 354 (ख) 341, 435, 34 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध कर कार्रवाई शुरू कर दी।
मामले में पसान थाना प्रभारी नवीन देवांगन ने बताया की मामले में जाँच के दौरान घटना स्थल के पास स्थित पिन्टू ढाबा अमलीकुण्डा में कार्य करने वाले कर्मचारियों तथा आसपास के लोगों को संदेह के आधार पर पूछताछ कर संदेहियों का पहचान कार्रवाई कराया गया। पहचान कार्रवाई में पीडि़ता द्वारा एक आरोपी की पहचान मो. रेयाज उम्र 23 वर्ष सा. चकरहमत, थाना वैशाली, जिला वैशाली बिहार, हाल मुकाम पिन्टू ढाबा के पास अमलीकुण्डा की पहचान कर घटना में शामिल होना बताया गया। प्रकरण के अन्य आरोपी गोलू उर्फ राहुल गोस्वामी, उम्र 27 वर्ष सा. बिंझरा, थाना कटघोरा, जिला कोरबा हाल मुकाम पिन्टू ढाबा अमलीकुण्डा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
कोरबा, 27 अप्रैल। कलेक्टर किरण कौशल के निर्देश पर आज कटघोरा अनुविभाग की एसडीएम सूर्यकिरण तिवारी की अगुवाई में राजस्व अफसरों की टीम जनपद क्षेत्र के धुर कोरोना प्रभावित ग्राम अरदा पहुंची।
एसडीएम श्रीमती तिवारी ने यहाँ के कंटेन्मेंट जोन का भ्रमण करते हुए संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने मरीजों के परिजनों, पड़ोसियों से भी संवाद करते हुए उन्हें कोविड गाइडलाइन के बारे में बताया।
एसडीएम के निर्देश पर सर्दी, बुखार और खांसी की समस्या से जूझ रहे करीब छह सौ आईएलआई व संदिग्ध मरीजों में प्रोफेलेक्सिस दवा का वितरण कराया गया। उन्होंने सभी ग्रामवासियों से अपील की है कि फिलहाल कोई भी घरों से बाहर बेवजह ना निकले। सभी ग्रामीण सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए सेनेटाइजर और मास्क का अनिवार्य उपयोग जारी रखे।
इस विजिट में एसडीएम के साथ कटघोरा तहसीलदार रोहित सिंह व जनपद के सीईओ समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। बता दे कि कटघोरा विकासखंड का अरदा गाँव इन दिनों कोरोना संक्रमण के लिहाज से हॉटस्पॉट बनाया हुआ है। यहां सिलसिलेवार तरीके से अबतक 48 कोरोना संक्रमितों की पहचान की जा चुकी है जबकि दो ग्रामीणों की संक्रमण से मृत्यु भी हो चुकी है। लगातार सामने आ रहे कोविड के मामलों के मद्देनजर जिला कलेक्टर के निर्देश पर कल ही अरदा को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए यहां की लगभग गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
आज इन्ही प्रतिबन्धों के अनुपालन को सुनिश्चित करने अनुविभागीय दंडाधिकारी सूर्यकिरण तिवारी ने अरदा का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों से सीधा संवाद करते हुए उनकी समस्याओं को भी जाना। एसडीएम ने जनपद सीईओ को निर्देशित किया है कि कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों को दवाई समेत दूसरे सभी दैनिक जरूरतों का सामान मुहैया कराया जाए।