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मंत्री पीयूष गोयल को महापौर ने लिखा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 30 अप्रैल। बिलासपुर एसईसीआर भारतीय रेल को सर्वाधिक आमदनी देने वाला जोन है। इसके बावजूद यहां पर केंद्रीय चिकित्सालय का निर्माण नहीं किया गया है। बिलासपुर में कम से कम 300 बिस्तर का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रेलवे की ओर से एक साल में निर्मित किया जाए और वर्तमान में बिलासपुर रेलवे अस्पताल में अतिरिक्त संसाधन की व्यवस्था कर 100 को कोविड बेड की तत्काल व्यवस्था की जाए।
बिलासपुर महापौर रामशरण यादव ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को आज लिखे गए पत्र में यह मांग की है। यादव ने पत्र में कहा है कि सन् 2003 में जोन मुख्यालय बनने के बाद यहां पर एक केंद्रीय चिकित्सालय का निर्माण किया जाना था, लेकिन केवल पुराने अस्पताल का बोर्ड हटाकर नया लगाया गया। इस समय बिलासपुर मंडल चिकित्सालय में केवल 125 बेड हैं और यह न तो सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है और ना ही मल्टीस्पेशलिटी। इसके विपरीत पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे, उत्तर रेलवे, मध्य रेलवे, पश्चिम रेलवे तथा समस्त सभी पुराने 9 जोन में 300 से लेकर 500 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल हैं। यहां तक कि नए बने जोन में भी बिलासपुर से कहीं ज्यादा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है।
मेयर ने कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और कोरोना महामारी में यह कमी एक त्रासदी के रूप में सामने आ रही है। बिलासपुर में प्रतिदिन 15 सौ मरीज और 50 से अधिक मौतें हो रही हैं। राज्य में प्रतिदिन 15 हजार नए संक्रमित मरीज आ रहे हैं। बिलासपुर में अपोलो व सिम्स मेडिकल कॉलेज के अलावा कोई प्रमुख अस्पताल नहीं है। इनमें सभी बेड कोविड बेड के रूप में परिवर्तित किए भी नहीं जा सकते हैं। इसलिए उपरोक्त दोनों मांगों पर त्वरित कार्रवाई करने की कृपा करें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा), 29 अप्रैलप। गौरीशंकर सिद्ध हनुमान मंदिर कोटा में मंगलवार को हनुमान का जन्म उत्सव मनाया गया।
प्रदेश भर में करोना महामारी वाइरस के कारण लाक डाउन होने पर शासन की गाइड लाइन के अनुसार मंदिर में भंडार,भजन-कीर्तन सामूहिक हनुमान चालीसा, सुंदर कांड का पाठ इस बार नहीं किया गया। बड़े ही शांति पूर्ण ढंग इस बार हनुमान जन्म उत्सव मनाया।
इस बार सिर्फ मंदिर में हनुमान की पूजा-अर्चना के बाद ही मंदिर परिसर का दरवाजा बंद कर दिया गया था वहीं बाहर से आने वाले भक्तों को मंदिर के सामने से दर्शन लाभ मिला।
इस बार हनुमान जन्मोत्सव कोटा नगर वासियों ने अपने अपने घरों में अपने परिवार के मिलकर ु हनुमान का जन्म उत्सव मनाया। गौरीशंकर सिद्ध हनुमान मंदिर पुरानी बस्ती, कोटा में प्रमुख पुजारी ने बताया कि विश्व शांति, एवं करोना वायरस,की बीमारी से बचाव हेतु मंदिर परिसर में हवन पूजा पाठ एवं हनुमान चालीसा सुंदरकांड का पाठ किया गया। इस बार हनुमान जन्मोत्सव मंगलवार पडऩे के कारण बहुत ही उत्तम दिन माना गया है।
करगीरोड (कोटा), 29 अपै्रल। कोटा नगर पंचायत की सीमाओं से लेकर आसपास के ग्राम पंचायतों में कोटा से खरखहना, भुण्डा से गोबरी पाट, कोटा से पंडा पथरा में करोड़ों की लाखत से बने रहे नए डामरीकरण सडक़ में भारी वाहनों, हाईवा जैसे माल वाहक वाहन तेज रफ्तार में दिनभर बेखौफ दौड़ रहे हैं।
तेज रफ्तार से हाईवा चलने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। आमतौर पर देखा जाए तो किसी भी वाहनों को उनके क्षमता के अनुसार ही समान लोडिंग करना होता है, लेकिन इन दिनों कोटा क्षेत्र में बेरोकटोक भारी वाहनों की आवाजाही जारी है। लोगों का आरोप है कि कोटा पुलिस को कई बार मौखिक सूचना देने बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती है। कोटा थाना प्रभारी शनिप रात्रे ने कहा कि ओव्हर लोडिंग वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 अप्रैल। पत्रकार शिवम् राजपूत का आज संभागीय कोविड अस्पताल में सुबह 10 बजे निधन हो गया।
उनको 12 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद घर पर ही इलाज चल रहा था। छह दिन पहले तबियत ज्यादा बिगड़ जाने के बाद उन्हें बिलासपुर लाकर भर्ती करया गया था, लेकिन तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ।
शिवम् राजपूत दैनिक देशबन्धु के रतनपुर में प्रतिनिधि थे। वे लगातार सक्रिय थे वे रतनपुर कोटा क्षेत्र की खबरों पर लगातार नजर रखते थे, जिसके चलते अनेक अखबार और न्यूज पोर्टल उनसे सहायता लेते थे। बिलासपुर, कोटा व रतनपुर के पत्रकार जगत में उनके निधन से शोक छाया हुआ है। विभिन्न पत्रकार संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
उनकी पत्नी रतनपुर महामाया मंदिर परिसर में पूजा सामग्री की दूकान संभालती हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 28 अप्रैल। हवाई यात्रा के माध्यम से बिलासपुर सहित छत्तीसगढ़ आने वाले सभी यात्रियों की 72 घंटे के भीतर आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य होगा। रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही राज्य में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। अन्य राज्यों से संचालित फ्लाईट में बोर्डिंग के पूर्व संबंधित एयरलाईन द्वारा आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट होने पर ही यात्रियों को बोर्डिंग पास जारी करना अनिवार्य होगा। यदि त्रुटिवश कोई यात्री बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट के राज्य में आगमन करते हैं तो उनको एयरपोर्ट से बाहर आने की अनुमति नहीं होगी। यह निर्देश राज्य में 4 मई 2021 से लागू होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 28 अप्रैल। निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों से लाखों रुपए फीस वसूल करने के बावजूद मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने को लेकर आज परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। 24 घंटे के भीतर 8 मरीजों की मौत होने से गुस्साए परिजनों ने प्रताप चौक स्थित केयर एंड क्योर हॉस्पिटल के सामने जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह स्थिति संभाली लेकिन अस्पताल प्रबंधन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों के रोष को देखते हुए अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती आज नहीं ली जा रही है।
आज दोपहर करीब 1 बजे जब कुछ परिजनों को बताया गया कि उनके द्वारा भर्ती कराए गए मरीजों की मौत हो गई है। कुछ मरीजों के परिजनों से अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के नाम पर कई लाख रुपये वसूल लिये उसके बाद हालत नहीं सुधरने का हवाला देते हुए उन्हें वापस ले जाने के लिये फोन किया। इसके चलते वहां पहुंचे परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना था कि वे लगातार अस्पताल के बाहर चार-पांच दिन से मरीज की हालत जानने के लिए घंटों बैठकर रहे लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती है। हर बार आधी रात को ही फोन करके परिजनों को बताया जाता है कि हालत नाजुक है और मरीज को वेंटिलेटर पर रखना होगा। उनको वेंटिलेटर पर रखा जाता है या नहीं यह भी परिजनों को पता नहीं। सीधे मौत की खबर दी जाती है। एक परिजन ने बताया कि दो दिन पहले ही बताया गया था कि पांच दिन से भर्ती उनके पिता की हालत को ठीक बताते हुए दो दिन में डिस्चार्ज करने की बात कही, अचानक बताया गया कि हार्ट अटैक से मौत हो गी। एक अन्य ने बताया कि आठ दिन से उनकी बहन अस्पताल में भर्ती है। न तो उनसे मिलने दिया जा रहा है न ही डॉक्टर बता रहे हैं कि उसका क्या इलाज चल रहा था। रात में दो बजे फोन करके कहा गया कि वेंटिलेटर बेड में डालना पड़ेगा। हमारे पास कोई रास्ता नहीं था कि हम उनका कहना नहीं मानते।
शिकायकर्ताओं का कहना था कि शासन द्वारा पुलिस निर्धारित किए जाने के बावजूद भर्ती के समय ही परिजनों से 60 से 80 हजार रुपये अग्रिम जमा करा लिए जाते हैं जिनमें से आधी राशि दवाइयों के नाम पर ली जाती है। दवाओं के बारे में भी आशंका है कि इसकी जरूरत उनको रहती है या नहीं। स्टाफ के लोग बताते हैं कि यह दवा वापस मेडिकल स्टोर में लाकर छोड़ दिया जाता है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी वरुण राजपूत ने भी अस्पताल प्रबंधन को 2 दिन पहले पहुंचकर समझाइश दी थी, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ। परिजनों का गुस्सा स्थानीय नेताओं पर भी फूट रहा था। वे कह रहे थे कि जो नेता घर-घर पहुंचकर वोट मांगते हैं वे आज मौत के मुंह में पड़े मतदाताओं की सुध लेने के बजाय घरों में दुबके हुए हैं।
अस्पताल प्रबंधन ने हंगामा होते देख कर पुलिस को सूचना दे दी और गेट पर ताला लगा दिया। पुलिस परिजनों को समझा-बुझाकर लौट गई और अस्पताल ने आज नए मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया। शाम तक मरीजों की शिकायतों की क्या जांच हुई है इसके बारे में कोई जानकारी प्रशासन ने नहीं दी है।
राज्य सरकार ने खूबचंद बघेल हेल्थ कार्ड और आयुष्मान योजना के अंतर्गत सभी कोरोना मरीजों को कवर करने का आदेश दिया है लेकिन अधिकांश अस्पताल इसमें आनाकानी कर रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा), 26 अपै्रल। कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी ने छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व.अजीत जोगी की स्मृति में लगभग 50 लाख की लागत से एंबुलेंस कोटा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को दी।
ज्ञात हो कि कोटा स्वास्थ्य केंद्र में एक संजीवनी एक्सप्रेस और महतारी एक्सप्रेस है। कोटा विकास खण्ड आदिवासी बहुल इलाका और काफी जंगली क्षेत्र होने से कई बार सही समय में गंभीर हालत में मरीजों के अस्पताल लाने हेतु एंबुलेंस नहीं मिल पाता इसी कारण कोटा विधायक डॉ.रेणु जोगी ने स्व. अजीत जोगी की स्मृति में प्रदान किया। इस एंबुलेंस की संचालन कोटा नागरिक समिति द्वारा किया जाएगा। यह सेवा क्षेत्र की जनता के लिए पूर्ण रूप से नि:शुल्क रहेगा। साथ ही इनका संचालन हेतु ,गाडी़ रखरखाव चालक का खर्च भी खुद ही समिति संचालन करेगी। इसके लिए भी 5 लाख रुपये प्रदान किया हैं। कोटा नागरिक समिति का गठन करके बहुत जल्द ही इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
वहीं विधायक निधि से 5 लाख एंबुलेंस की देखरेख एवं 10 लाख दवाई, ऑक्सीजन वेंटीलेटर मशीन के लिए प्रदान किया गया है। कोरोना की रोकथाम हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केंदा में एंबुलेंस, दवाई, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन के लिए विधायक निधि से 35 लाख की राशि प्रदान की गई है।
889 नये मरीज मिले, 58 ने फिर दम तोड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 26 अप्रैल। कोरोना संक्रमितों की संख्या बीते 24 घंटों में एक हजार से कम रही लेकिन इस दौरान मौतों की रफ्तार नहीं थमी। संक्रमण के मामले कम करने के उद्देश्य से बीते 14 अप्रैल से जिले में जारी लॉक डाउन का कोई असर नए मरीजों की संख्या में दिखाई नहीं दे रहा है। पूरे अप्रैल माह में हर रोज लगभग एक हजार नए संक्रमित मिल रहे हैं।
रविवार को 889 संक्रमित मिले और इस दौरान 58 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा 12 मौतें संभागीय कोविड अस्पताल में हुई है। इसके अलावा सिम्स में 8 और रेलवे अस्पताल में 7 लोगों की मौत हो गई। शेष मरीजों की मौत निजी अस्पतालों में हुई। शहर के लगभग सभी इलाकों से मरीज मिल रहे हैं। मरीजों की वास्तविक संख्या इससे ज्यादा हो सकती है क्योंकि लॉकडाउन के कारण बहुत से लोग टेस्ट कराने के लिए नहीं निकल रहे हैं और अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की अव्यवस्था को देखकर वे लक्षण को छुपाकर घर में ही इलाज करा रहे हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी मर्जी से आकर कोरोना टेस्ट करवाने वालों की संख्या काफी कम है। टेस्टिंग के काम में लगे स्टाफ का कहना है कि उन्हें पर्याप्त संख्या में एंटीजन किट नहीं मिल रही है। ज्यादातर संदिग्धों का आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं किया जा रहा है।
इसी तरह लगातार वैक्सीनेशन का काम भी पिछड़ता जा रहा है। रविवार को सिर्फ 1420 लोगों ने टीका लगवाया जो निर्धारित लक्ष्य 14650 का 10 फीसदी भी नहीं था।
इधर अस्पतालों में मरीजों व उनके परिजनों से जबरन वसूली के मामले लगातार सामने आ ही रहे हैं। निजी अस्पताल सनशाइन के प्रबंधक को मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। अस्पताल के खिलाफ शिकायत की गई है कि कोरोना मरीजों का डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना और आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने से मना किया जा रहा है और उनसे नगद राशि मानी जा रही है।
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की तैयारी चल रही है। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय में कोविड केयर सेंटर के लिए की जा रही तैयारी का जायजा लिया। यहां कुछ दिन में 80 बेड तैयार हो जाएंगे, जिनमें से 40 पर ऑक्सीजन बेड होंगे। इसी तरह सिम्स में 40 नये बेड तैयार कर लिए गए हैं। कलेक्टर ने कोविड केयर सेंटर प्रभारियों के साथ बैठक लेकर कोरोना मरीजों के इलाज व देखभाल में आ रही दिक्कतों के संबंध में चर्चा की।
बेहतर इलाज के लिए भटकते रहे परिजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 अप्रैल। कांग्रेस नेता व डीएलएस कॉलेज के चेयरमैन बसंत शर्मा का आज सुबह 4 बजे अपोलो अस्पताल में हार्ट अटैक आने पर निधन हो गया। वे पिछले 12 दिनों से कोरोना संक्रमित थे। कांग्रेस नेताओं की सिफारिश के बावजूद शर्मा को समय पर बेहतर इलाज के लिये बेड उपलब्ध नहीं हो पाई थी।
55 वर्षीय बसंत शर्मा नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष व कई बार पार्षद रह चुके हैं। वे स्पीकर डॉ. चरण दास महंत के करीबी नेताओं में गिने जाते रहे हैं। उनके निधन से कांग्रेसजनों व शुभचिंतकों में शोक है। 12 दिन पहले उनकी तबियत खराब होने के बाद उन्हें ओंकार चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। वहां उनकी तबियत लगातार बिगड़ रही थी तब उन्होंने अपोलो अस्पताल में दाखिले के लिये प्रयास किया।
अपोलो में भर्ती कराने के लिये कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों से भी सिफारिश कराई गई पर प्रबंधन ने कोई जगह खाली नहीं होने की बात की। इसके बाद स्पीकर के फोन से उन्हें अपोलो में एक सप्ताह पहले बेड मिल पाई। अपोलो पहुंचने पर बताया गया कि उनके संक्रमण का फैलाव ज्यादा हो चुका है। वहां एक सप्ताह तक उपचार चलता रहा आखिर उन्हें नहीं बचाया जा सका।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 अप्रैल। मुंगेली जिला जनसम्पर्क कार्यालय में पदस्थ लिपिक ईश्वर आदिले का आज सुबह कोरोना से देहावसान हो गया। वे 58 वर्ष के थे। आदिले ने तीन-चार दिन पहले कोविड टेस्ट कराया था। कल ही उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट आई जिसमें उन्हें पॉजिटिव पाया गया था। रात में वे घऱ पर बेहोश हो गये तब उन्हें किम्स चिकित्सालय, मगरपारा लाया गया। यहां इलाज नहीं मिलने पर उन्हें सिम्स चिकित्सालय ले जाया गया जहां सुबह करीब 5 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। तीन दिन पहले ही जांजगीर में उनकी कोरोना संक्रमित बहन की मौत हो गई थी।
हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटा
बिलासपुर, 25 अप्रैल। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को पलट दिया है जिसमें एक दम्पती के तलाक आवेदन पर अलगाव का आदेश दिया गया था और अर्जी एक साल बाद मंजूर करने की बात कही गई थी। कोर्ट ने कहा है कि सहमति के आधार पर तलाक के लिये एक साल की प्रतीक्षा अनिवार्य नहीं है।
परिवार न्यायालय में एक आवेदन देकर संध्या सेन व संजय सेन ने आपसी सहमति के आधार पर तलाक के लिये आवेदन दिया। सन् 2017 में दोनों का विवाह हुआ था। पत्नी केवल दो दिन अपने पति के घर पर रहने के बाद मायके वापस लौट गई थी। आवेदन पर विचार करने के बाद कोर्ट ने कहा कि दोनों के बीच दहेज सम्बन्धी कोई मामला नहीं है न ही आपस में मनमुटाव या विवाद की स्थिति पैदा हुई है। इस स्थिति में दोनों को एक साल तक अलगाव में रहना होगा, उसके बाद तलाक का आवेदन दे सकते हैं।
इस आदेश को युवती की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हिन्दू विवाह अधिनियमय 1955 के अंतर्गत पति-पत्नी में सहमति होने के बावजूद वे विवाह के कम से कम एक साल बाद तलाक का आवेदन दे सकते हैं। विशेष मामलों में यदि याचिकाकर्ता अत्यधिक पीड़ित हो तो इस समय सीमा में छूट दी जा सकती है। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा व जस्टिस एन के चंद्रवंशी की बेंच ने तलाक की अनुमति देते हुए कहा कि पति पत्नी के बीच क्या विवाद है यह कोर्ट नहीं देखेगी। उसे केवल यह सुनिश्चित करना है कि तलाक का आवेदन डर, दबाव या प्रलोभन से नहीं दिया गया है।
कल ही जीपीएम जिले में भी एक कोरोना पीड़ित ने की थी खुदकुशी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 अप्रैल। संभाग में कोरोना से पीड़ित द्वारा आत्महत्या करने की एक और घटना सामने आई है। मुंगेली में एक संक्रमित युवती ने अपनी मां की मौत के बाद आत्महत्या कर ली। कल ही गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले में एक संक्रमित युवक ने ट्रेन से कटकर जान दे दी थी।
जानकारी के मुताबिक मुंगेली के सोनारपारा मोहल्ले में श्रीराम ज्वेलर्स की संचालिका गोल्डी सोनी ने शुक्रवार की रात अपने घर पर फांसी लटककर जान दे दी। बीते 21 अप्रैल को गोल्डी की मां की भी मौत इलाज के दौरान कोरोना से हो गई थी। इसके दो दिन बाद उसने आत्महत्या कर ली। मृतका का भी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आया था और वह घर पर रहकर अपना इलाज करा रही थी।
आत्महत्या करने से पहले उसने व्यापारिक लेन-देन का हिसाब भी पूरा किया और कई लोगों को फोन करके बुलाकर बकाया राशि दी।
ज्ञात हो कि शनिवार को जीपीएम जिले में टीकरकला कोविड सेंटर से भागकर एक कोविड मरीज धूप सिंह ने भी रेलवे ट्रैक पर आकर आत्महत्या कर ली थी।
पुलिस विभाग में शोक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 अप्रैल। पामगढ़ थाना प्रभारी के.पी. टंडन (58 वर्ष) का कल 24 अप्रैल को दोपहर लगभग डेढ़ बजे श्रीराम केयर हॉस्पिटल बिलासपुर में इलाज के दौरान का निधन हो गया।
कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद पिछले 15 दिनों से बिलासपुर के कोविड केयर सेंटर में उनका इलाज चल रहा था। कोविड प्रोटोकॉल के नियमों के पालन करते हुए शव को एम्बुलेंस से मल्हार के समीप उनके गृहग्राम थेमहापार लाया गया। गमगीन माहौल में परिजनों व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
सब इंस्पेक्टर किशुन प्रसाद टंडन की पुलिस विभाग में भर्ती बिलासपुर में सिपाही पद पर हुई थी। वे 5 माह से पामगढ़ थाना प्रभारी थे। प्रदेश के कई जिलों सहित बिलासपुर सरकंडा थाना, कांकेर, जीआरपी भिलाई, मुलमुला, बिर्रा, अकलतरा आदि में उनकी पदस्थापना रही थी। डयूटी के दौरान उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से पिछले 9 अप्रैल से उनका इलाज चल रहा था। टंडन ने पुलिस विभाग में अपने 31 साल के सेवा अवधि में गुमशुदगी व नाबालिग बच्चों के अनेक प्रकरण सुलझाये। कई मामलों में राज्य सरकार की ओर से पुरस्कार मिले हैं। उनकी छवि मिलनसार व सजग रहकर पुलिस अधिकारी की थी।
उनके निधन पर पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी, एसपी पारुल माथुर, एसडीओपी दिनेश्वरी नंद, एसडीएम करुण डहरिया, तहसीलदार शेखर पटेल, निरीक्षक राकेश भोई, पूर्व थाना प्रभारी एसआई राजकुमार लहरे, विधायक इंदू बंजारे, अजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष किस्मतलाल नंद, एसआई संतोष कुमार शर्मा, एएसआई बीएस लकड़ा, एएसआई प्रमोद महार, डॉ हेमंत लहरे, दिलदार निराला, भागवत साहू, सरोज पाटले, राजा रात्रे, विधायक प्रतिनिधि विक्की ठाकुर, सतनामी सामाज के ब्लॉक अध्यक्ष विभीषण पात्रे, सुरेश लहरे, रामविश्वास सोनकर, संत बालाराम, मनोज दिवाकर, गोरेलाल बर्मन, संतोष लहरे, कमला खुंटे, रोहित डहरिया, रघुनंदन साहू व पामगढ़ थाना के स्टाफ सहित क्षेत्रवासियों ने गहरा दुख व्यक्त किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 अप्रैल। जिले में एक बार फिर लॉक डाउन की अवधि बढ़ा दी गई है और अब यह 6 मई की सुबह तक लागू रहेगा।
जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर द्वारा आज जारी आदेश में दुग्ध पार्लर को सुबह शाम खोलने के लिए, किराना सामानों की होम डिलीवरी दोपहर 12 बजे तक करने की व्यवस्था यथावत रखी गई है। इस बार भोजन ऑनलाइन ऑर्डर लेकर डिलीवरी करने वाले मोबाइल एप सेवाओं को रात्रि 8 बजे तक की छूट दी गई है। इस सेवा में लगे सभी कर्मचारियों और व्यवसायियों के लिए नवीनतम कोविड टेस्ट अनिवार्य किया गया है।
जिले में इस माह पहला लॉकडाउन 14 से 21 अप्रैल तक लागू किया गया था, फिर इसे 26 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया। अब तीसरी बार आदेश जारी कर इसे 6 मई की सुबह तक लागू किया गया है। इस अवधि में जिले की सभी सीमाएं सील रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं पिछले 24 घंटे के भीतर यहां 14 सौ से ज्यादा नए संक्रमित मिले हैं और 62 लोगों की मौत भी हुई है। जिले में अब तक 41000 लोग संक्रमित हो चुके हैं करीब 700 लोगों की मौत हो चुकी है।
पुलिस विभाग में शोक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 अप्रैल। पामगढ़ थाना प्रभारी के.पी. टंडन (58 वर्ष) का कल 24 अप्रैल को दोपहर लगभग डेढ़ बजे श्रीराम केयर हॉस्पिटल बिलासपुर में इलाज के दौरान का निधन हो गया।
कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद पिछले 15 दिनों से बिलासपुर के कोविड केयर सेंटर में उनका इलाज चल रहा था। कोविड प्रोटोकॉल के नियमों के पालन करते हुए शव को एम्बुलेंस से मल्हार के समीप उनके गृहग्राम थेमहापार लाया गया। गमगीन माहौल में परिजनों व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
सब इंस्पेक्टर किशुन प्रसाद टंडन की पुलिस विभाग में भर्ती बिलासपुर में सिपाही पद पर हुई थी। वे 5 माह से पामगढ़ थाना प्रभारी थे। प्रदेश के कई जिलों सहित बिलासपुर सरकंडा थाना, कांकेर, जीआरपी भिलाई, मुलमुला, बिर्रा, अकलतरा आदि में उनकी पदस्थापना रही थी। डयूटी के दौरान उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से पिछले 9 अप्रैल से उनका इलाज चल रहा था। टंडन ने पुलिस विभाग में अपने 31 साल के सेवा अवधि में गुमशुदगी व नाबालिग बच्चों के अनेक प्रकरण सुलझाये। कई मामलों में राज्य सरकार की ओर से पुरस्कार मिले हैं। उनकी छवि मिलनसार व सजग रहकर पुलिस अधिकारी की थी।
उनके निधन पर पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी, एसपी पारुल माथुर, एसडीओपी दिनेश्वरी नंद, एसडीएम करुण डहरिया, तहसीलदार शेखर पटेल, निरीक्षक राकेश भोई, पूर्व थाना प्रभारी एसआई राजकुमार लहरे, विधायक इंदू बंजारे, अजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष किस्मतलाल नंद, एसआई संतोष कुमार शर्मा, एएसआई बीएस लकड़ा, एएसआई प्रमोद महार, डॉ हेमंत लहरे, दिलदार निराला, भागवत साहू, सरोज पाटले, राजा रात्रे, विधायक प्रतिनिधि विक्की ठाकुर, सतनामी सामाज के ब्लॉक अध्यक्ष विभीषण पात्रे, सुरेश लहरे, रामविश्वास सोनकर, संत बालाराम, मनोज दिवाकर, गोरेलाल बर्मन, संतोष लहरे, कमला खुंटे, रोहित डहरिया, रघुनंदन साहू व पामगढ़ थाना के स्टाफ सहित क्षेत्रवासियों ने गहरा दुख व्यक्त किया।
कोरोना संकट के बीच कोयला कामगारों को राहत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 अप्रैल। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच कोल इंडिया लिमिटेड ने अपने कामगारों के लिए चिकित्सकीय सुविधा में और सहूलियत प्रदान करने का निश्चय किया है। इस सम्बंध में कार्यपालिक निदेशक, मेडिकल सेवाएं, कोलकाता द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब कोरोना से संक्रमित कोल इंडिया लिमिटेड एवं सहायक कम्पनियों के सभी अधिकारी-कर्मचारी तथा उनके आश्रितों को किसी भी आपात स्थिति में किसी भी हॉस्पिटल या नर्सिंग होम में प्राप्त किए चिकित्सा की प्रतिपूर्ति प्रदाय की जाएगी। यह प्रतिपूर्ति सीजीएचएस दर पर की जाती है। यह सुविधा सेवानिवृत अधिकारी, कर्मचारी तथा उनके पति, पत्नी को भी मिलेगी।
यह सुविधा पूर्व अवधि से दी गई है। इसके तहत मार्च 2020 से इस प्रकार के संक्रमण में कराए गए गए चिकित्सा खर्च की भी प्रतिपूर्ति की जाएगी।
पृथ्वी दिवस पर डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय में वेबिनार
बिलासपुर, 24 अप्रैल। पृथ्वी दिवस के अवसर पर डॉ सी.वी. रामन् विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान भूगोल विभाग एवं बिलासा शासकीय गर्ल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर के भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन वेबीनार " भारतीय चिंतन में सतत विकास की अवधारणा और कोविड - 19 " विषय पर रखा गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता बलिया उत्तर प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय से रिटायर प्राचार्य गणेश कुमार पाठक ने कहा कि मानव अपने विकास के लिये पर्यावरण का दुरुपयोग कर रहा है, और वर्तमान में इस विकट समस्या में यह क्रियाकलाप भागीदार है। भावी पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षित और संबंधित करने के लिए तैयार करना होगा। प्रो. पाठक ने भारतीय मान्यताओं और सांस्कृतिक विशेषताओं के वैज्ञानिक महत्व को भी समझाया।
बिलासा शासकीय गर्ल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर के प्राचार्य प्रो. एस. एल. निराला ने मानवीय गतिविधियां और पर्यावरणीय प्रभाव के बीच अंतर्संबंधों को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि मानव के वर्तमान क्रियाकलाप से ही उसके भविष्य का निर्धारण होता है। कार्यक्रम में डॉ. सी. वी. रामन् विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय के प्राचार्य प्रो. मनीष उपाध्याय द्वारा पर्यावरणीय प्रदूषण और मानवीय स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत व्याख्या की गई। प्रो. उपाध्याय ने बताया कि मनुष्य को किस प्रकार प्रकृति के साथ समायोजन बनाकर जीवन जीना चाहिए। कार्यक्रम के आरंभ में सेमिनार की संयोजक डॉ. सी. वी रामन् विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. काजल मोइत्रा ने सेमिनार की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ कावेरी दाभड़कर ने किया। वेबीनार में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेशों के प्राध्यापक एवं विधार्थी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के संयोजक बिलासा शासकीय गर्ल्स महाविद्यालय के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डी.डी. कश्यप ने आभार व्यक्त किया ।
कार्यक्रम में उपस्थित सीवीआरयू के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि कोविड-19 के कारण मनुष्य की जीवन शैली में महत्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। एक अच्छे जीवन का निर्वाह पर्यावरण संतुलन के द्वारा ही संभव है। हमें प्रकृति के अनुसार ही अपने जीवन शैली को ढालना होगा नहीं तो ऐसे घातक बीमारियां मनुष्य प्रजाति के सामने काल के रूप में सामने होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 24 अप्रैल। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कोविड सेंटर से भागे एक संक्रमित युवक की लाश रेलवे ट्रैक के किनारे मिली है।
जानकारी के मुताबिक पेंड्रा थाना अंतर्गत ग्राम नवागांव के धूपसिंह को कोरोना संक्रमित पाए जाने पर टीकरकला कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था। पहले से ही उसके परिवार के अन्य सदस्य कोरोना संक्रमित हैं और वे भी पिछले एक सप्ताह से वहीं भर्ती हैं। बीते बुधवार को मृतक धूपसिंह कोविड सेंटर से भाग गया था। उसका कुछ पता नहीं चला तब थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। शनिवार की सुबह उसका शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा हुआ मिला। उसके सिर पर गहरी चोट आई है। पुलिस को उसकी आत्महत्या की आशंका है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मामले की जांच की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सक्ती, 23 अप्रैल। पूर्व मंत्री नोवेल कुमार वर्मा ने कहा है कि प्रदेश सरकार आपदा से होने वाले मौत के कारण परिजनों को आर्थिक सहायता को बंद कर गरीबों के साथ अन्याय कर रही है। आकस्मिक मृत्यु पर मृतक के परिजनों को 4 लाख की आर्थिक सहायता राशि मिलती है, वहीं कोरोना जैसी महामारी के बीच दिसंबर 20 में सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन रीता शांडिल्य ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देशित किया कि कोरोना महामारी से मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को किसी भी प्रकार से आर्थिक सहायता राशि ना दी जाए।
वर्मा ने आगे कहा कि कोविड 19 महामारी आपदा है और इस आपदा की घड़ी में राज्य सरकार गरीबों को उनके अधिकारों से भी वंचित करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रही है। इस महामारी काल में हो मौतें आकस्मिक ही हैं। प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत सिर्फ जनता के कारण मिला है और अब सरकार इस आपदा की घड़ी में जनता के आंसू पोछने के बजाए उन्हें मिलने वाली सहायता को भी बंद कर रही है। वर्मा ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में कोरोना से मारने वालों के परिजनों को आकस्मिक मृत्यु पर मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि दे, जिससे आपदा के इस काल मे जनता को राहत मिल सके।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 22 अप्रैल। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर चंदेल की वह याचिका निरस्त कर दी है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ चकरभाठा थाने में दर्ज एफआईआर को निरस्त कर जांच की अगली कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।
छत्तीसगढ़ बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल के खिलाफ थाना चकरभाठा में धारा 467, 468, 471, 384, 34 आईपीसी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 3, 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसे लेकर चंदेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
उक्त प्रकरण को सुनवाई आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जस्टिस आर सी एस सामंत की एकल पीठ में की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत द्वारा प्रस्तुत अंतरिम आवेदन का शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतो दास ने, परिवादी के अधिवक्ता अवध त्रिपाठी, राजेश केशरवानी ने एवं राज्य विधिज्ञ परिषद् के अधिवक्ता टी के झा ने पुरजोर विरोध किया । इस सम्बन्ध में उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा मेसर्स निहारिका इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड विरुद्ध महाराष्ट्र राज्य में पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में स्थगन आवेदन को निरस्त करने का निवेदन किया।
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत अंतरिम आवेदन को निरस्त कर दिया है। उक्त आवेदन निरस्त किये जाने के बाद अब राज्य विधिज्ञ परिषद के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ पुलिस गिरफ्तारी की कार्रवाई के लिये स्वतंत्र है।
ज्ञात हो कि चकरभाठा थाने में चंदेल के खिलाफ बीते मार्च में संतोष पांडेय की ओर से दर्ज एफआईआर दर्ज कराई थी। पांडेय ने आरोप लगाया है कि उनके अधिवक्ता लाइसेंस को रद्द नहीं करने के एवज में चंदेल व अन्य लोगों ने उन्हें धमकाया और रिश्वत की मांग की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 22 अप्रैल। जिले के अंतर्गत सम्पूर्ण क्षेत्र को 26 अप्रैल रात्रि 12 बजे तक कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने इस अवधि में किराना सामान, फल, सब्जी, अंडे की होम डिलिवरी को अनुमति दी है।
जारी आदेश के अनुसार लॉक़डाउन के दौरान मण्डियों तथा थोक, फुटकर किराना दुकानें बंद रहेंगी किन्तु प्रातः 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक फल, सब्जी, अण्डा एवं किराना सामग्री या ग्रॉसरी की होम डिलविरी की जा सकेगी। यह डिलिवरी केवल ठेले पर, पिकअप, मिनी ट्रक एवं अन्य उपयुक्त छोटे वाहनों के माध्यम से की जायेगी। इस हेतु प्रयुक्त वाहन पर बैनर या बड़ा स्टिकर प्रदर्शित करना होगा। आम जनता को दुकान खोले बिना आसपास के क्षेत्र में दुकानदार द्वारा स्वयं या डिलिवरी बॉय के माध्यम से उपरोक्त समयावधि में होम डिलीवरी की जा सकेगी।
होम डिलिवरी के दौरान मास्क पहनना एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा। किसी दुकान में होम डिलिवरी के दौरान भीड़-भाड़ होने पर एपिडेमिक एक्ट 1897 के अधीन चालान अर्थदण्ड अधिरोपित करने के साथ दुकान को 30 दिवस के लिये सील किया जाएगा। संबंधित नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के अधिकारी उनके क्षेत्र में स्थित प्रोविजन स्टोर या किराना दुकानों से सम्पर्क हेतु उनके मोबाईल नंबर, पोर्टल की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करेंगे। इन निर्देशों के उल्लंघन की दशा में दुकान सील करने, ठेले जब्त करने, अर्थदण्ड या चालान की कार्रवाई की जाएगी।
अवैध वसूली करने पर डायग्नोस्टिक सेंटर सील, आज से नये 85 बिस्तर शुरू हुए पर स्टाफ नहीं बढ़े
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 22 अप्रैल। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कल 1258 नये मरीज मिले। इस बीच विभिन्न अस्पतालों में उपचार करा रहे 39 मरीजों की मौत भी हो गई। इनमें 31 बिलासपुर जिले के हैं।
जिले में बीते दस दिनों से हर दिन एक हजार से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं केवल बीच के दो दिनों में यह संख्या आठ नौ सौ के आसपास रही। इसके चलते इस समय एक्टिव केस की संख्या बढक़र 10 हजार पहुंच चुकी है। संक्रमण के मामलों में दुर्ग और रायपुर के बाद बिलासपुर तीसरे स्थान पर आ चुका है।
नये संक्रमित शहर के लगभाग सभी इलाकों से हैं। इसके अलावा बाहरी इलाके चकरभाठा, देवरीखुर्द, बेलतरा, मल्हार आदि से भी नये संक्रमित मिले हैं। इस बार देखा जा रहा है कि परिवार के एक सदस्य के संक्रमित होते ही दूसरे सदस्यों पर भी इसका संक्रमण तुरंत फैल रहा है। इसलिये हर दिन स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या नये संक्रमित होने वालों से कम बनी हुई है। बुधवार को 629 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद आइसोलेशन व अस्पताल से छुट्टी दी गई।
डायग्नोस्टिक सेंटर सील, एम्बुलेंस वालों ने लूट मचाई
कोरोना पीडि़त मरीज और उनके परिजनों से लगातार अवैध रूप से मनमानी राशि वसूलने की शिकायत आ रही है। तेलीपारा स्थित मान्या डायग्नोसिस सीटी स्कैन सेंटर को कल स्वास्थ विभाग ने सील कर दिया और संचालक को फटकार लगाई। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर के पास शिकायत आई थी कि चेस्ट स्कैनिंग के लिए निर्धारित 1870 से 2354 रुपये शुल्क की जगह यहां पर 4600 रुपये लिए जा रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां छापा मारा। आरोपों की पुष्टि होने पर टीम के डॉ. अनिल श्रीवास्तव और प्रवीण शर्मा ने डायग्नोसिस सेंटर को सील करने का आदेश दिया।
दूसरी तरफ कोरोना पीडि़तों के लिये एंबुलेंस की भी बड़ी संख्या में जरूरत पड़ रही है। इन्होंने भी मनमाना रेट लेना शुरू कर दिया है। ज्यादातर एंबुलेंस निजी अस्पतालों के हैं। घर से अस्पताल ले जाने के लिए तीन से छह हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। शहर के बाहर से मरीज लाने के लिए 25000 रुपये तक का किराया मांगा जा रहा है। सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन ने बताया है कि उन तक शिकायत पहुंची है, एंबुलेंस संचालकों ने मनमानी बंद नहीं की तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि शासन ने इलाज के लिये दर तो तय किये हैं पर एम्बुलेंस किराया जैसी चीजों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
टीकाकरण रफ्तार नहीं पकड़ रहा
लोगों में टीकाकरण के लिए उत्साह लगातार घटता ही जा रहा है। इस बीच 22 हजार टीकों की जगह लक्ष्य घटाकर 16 हजार कर दिया गया है। इसके बावजूद शहर में जिले के 130 टीकाकरण केंद्रों में केवल 2165 लोगों ने बुधवार को टीका लगवाया। इनमें से 1270 लोगों ने पहला और 895 ने दूसरा डोज लगवाया। 45 से 60 वर्ष के बीच के 827 ने पहला और 272 ने दूसरा डोज लगवाया। बुजुर्गों में 365 ने पहला और 554 ने दूसरा डोज लगवाया। इसके अलावा फ्रंटलाइन वारियर्स हेल्थ वर्कर्स ने भी टीके लगवाए। नगर निगम के क्षेत्र में टीकाकरण संतोषजनक बताया गया है। शहर के 80 फ़ीसदी लोगों ने टीकाकरण करा लिया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में रफ्तार कम है।
85 ऑक्सीजन बेड बढ़े
लगातार बढ़ते मरीजों के साथ-साथ नए कोविड उपचार सेंटर और बिस्तर की संख्या में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं। अभी तक सिम्स चिकित्सालय में केवल आपात स्थिति में मरीजों की भर्ती की जाती थी। आज से यहां पर 45 ऑक्सीजन युक्त बेड शुरू कर दिए गए हैं और मरीजों की भर्ती शुरू कर दी गई है। संभागीय कोविड अस्पताल में 100 बिस्तर पहले से थे और 40 अभी तैयार हुए हैं। इन्हें भी आज शाम तक चालू किया जायेगा। इसकी क्षमता भी 200 तक ले जाने की है। नए सभी बिस्तर ऑक्सीजन युक्त होंगे इसके अलावा 28 आईसीयू बेड भी होंगे।
सिम्स स्टाफ के बड़ी संख्या मे संक्रमित होने लगातार जांच के लिये कोरोना संदिग्धों के पहुंचने के कारण वैसे भी स्टाफ की कमी चल रही थी। सिम्स में आज से नये बिस्तर लगाये गये हैं पर स्टाफ नहीं बढ़ाया गया है। डीन ने स्टाफ की कमी को देखते हुए डीएमई को पत्र लिखा है लेकिन उसका जवाब नहीं आया है।
18 साल से अधिक लोगों के लिए तैयारी
आगामी एक मई से 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगवाने की घोषणा के बाद प्रशासनिक स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। जिले में 18 वर्ष से 45 वर्ष के बीच लोगों की संख्या 8 लाख 83 हजार होने का अनुमान है। जिले की जनसंख्या लगभग 19 लाख है। 18 वर्ष से अधिक लोगों को टीकाकरण में शामिल करने के बाद करीब 15 लाख लोगों का टीकाकरण लक्ष्य पूरा करना होगा।
अनुग्रह राशि के लिये खोली ट्रेजरी
लॉकडाउन के चलते सभी शासकीय कार्यालयों में अवकाश चल रहा है। इस बीच शिक्षक संगठनों ने जिला प्रशासन और शिक्षा अधिकारियों से मांग की कि कोरोना संक्रमण के चलते हाल के दिनों में 7 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। इन्हें अनुग्रह राशि प्रदान की जाये। शिक्षकों की मांग पर आज कुछ घंटों के लिये जिला कोषालय को खोला गया है। मृत शिक्षकों के परिजनों के लिये 50-50 हजार रुपये की तत्कालिक सहायता स्वीकृत की गई है। इसके अलावा कोविड संबंधी बिलों के भुगतान व अनुग्रह राशि की अन्य राशि भी कोषालय से जारी की जायेगी।
स्टेशन पर जांच की रफ्तार बढ़ी
रेलवे स्टेशन में उतरने वाले यात्रियों की कोरोना जांच में कड़ाई शुरू की गई है। पहले भी यह जांच चल रही थी लेकिन रफ्तार धीमी थी। अप्रैल के 20 दिनों में यहां उतरने वाले 878 यात्री संक्रमित मिले हैं। इस दौरान 5633 का एंटिजन और 1265 का आरटीपीसीआर सैंपल लिया गया। इनमें से सिर्फ 22 मरीजों की हालत ऐसी थी जिन्हें अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। शेष 856 होम आइसोलेशन पर हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 21 अप्रैल। कोविड महामारी से पीड़ित मरीजों के उपचार की सुविधा लगातार बढ़ाई जा रही है। इस समय बिलासपुर के 4 शासकीय तथा 25 निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध हैं। प्रत्येक निजी चिकित्सालय के नियुक्त किये गये नोडल अधिकारी अस्पताल प्रबंधन के साथ समन्वय कर इलाज में मरीजों की सहायता कर रहे हैं और उनकी समस्याओं का भी निराकरण कर रहे हैं।
जिले में जिन चार शासकीय अस्पतालों में इलाज व आइसोलेशन की सुविधा है, उनके फोन नंबर इस प्रकार हैं- संभागीय कोविड अस्पताल मोबाइल नंबर 70674-17100, चित्रकूट आईसोलेशन सेंटर मोबाइल नंबर 81032-14321, प्रयास आईसोलेशन सेंटर मोबाइल नंबर 94075-40945 एवं सिम्स बिलासपुर मोबाइल नंबर 83493-39959 हैं।
इसी प्रकार निजी अस्पतालों के सम्पर्क सूत्र एवं नोडल अधिकारियों के फोन नंबर इस प्रकार हैं- अपोलो बिलासपुर में सम्पर्क सूत्र देवेश गोपाल 97555-78999, यहां के नोडल अधिकारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रेमप्रकाश शर्मा मोबाइल नंबर 77488-51177 हैं।
महादेव हॉस्पिटल सुजीत तिवारी 88788-12002 एवं राजा शर्मा 88397-47674, यहां के नोडल अधिकारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रेमप्रकाश शर्मा मोबाइल नंबर 77488-51177 हैं।
वासुदेव क्लिीनिक एंड नर्सिंग होम अश्वनी कश्यप 78790-94446, यहां के नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर मोनिका वर्मा मोबाइल नंबर 93293-41984 हैं।
स्काई हॉस्पिटल प्रदीप अग्रवाल 90394-18999 एवं रवि अग्रवाल 91091-99315, यहां के नोडल अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सुरेश सिंह मोबाइलनंबर 94255-30001 हैं। किम्स चिकित्सालय आसिफ हुसैन 76940-06568, यहां की नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर मोनिका वर्मा मोबाइल नंबर 93293-41984 हैं।
आर.बी. हॉस्पिटल अभिषेक राठौर 97550-55039 एवं हितेश करंजगावकर 70490-07710, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अमित गुलहरे मोबाइल नंबर 94061-57646 हैं।
सांई बाबा हार्ट एंड किडनी सेंटर दुष्यंत नाग 79746-95733, यहां के नोडल अधिकारी सहायक श्रम आयुक्त ज्योति शर्मा मोबाइल नंबर 74891-74678 हैं।
ओंकार हॉस्पिटल उसलापुर कृष्णा देवांगन 74899-32091, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना वरूण राजपूत 98938-32467 बनाये गये हैं।
केयर एंड क्योर हॉस्पिटल अनुराग मिश्रा 81092-83280 एवं डॉ. नईन खान 83194-35589, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना वरूण राजपूत मोबाइल नंबर 98938-32467 हैं।
लाईफ केयर हॉस्पिटल दिनेश साहू 96304-69682 यहां के नोडल अधिकारी उपसंचालक कृषि शशांक शिंदे मोबाइल नंबर 99261-64747 हैं।
नारायणी हॉस्पिटल महावीर साहू 89599-30356, यहां के नोडल अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सी.एल.जायसवाल मोबाइल नंबर 94252-59560 हैं।
एसकेबी हॉस्पिटल छवि यादव 79743-06416, यहां के नोडल अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सी.एल.जायसवाल मोबाइल नंबर 94252-59560 हैं।
स्वास्तिक हॉस्पिटल तोरवा डॉ. आकाश मिश्रा 74899-32090, यहां के नोडल अधिकारी उप-संचालक कृषि शशांक शिंदे मोबाइ लनंबर 99261-64747 हैं।
प्रथम हॉस्पिटल बहतराई रोड पंकज सिंह 75870-38622, यहां के नोडल अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सुरेश सिंह मोबाइलनंबर 94255-30001 हैं।
राम केयर हॉस्पिटल अमेरी रोड कैश मोहम्मद 90398-50591, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अमित गुलहरे मोबाइल नंबर 94061-57646 हैं।
चिल्ड्रन हॉस्पिटल जूनी लाइन अभिषेक श्रीवास्तव 95891-91360, यहां के नोडल अधिकारी सहायक श्रम आयुक्त ज्योति शर्मा मोबाइल नंबर 74891-74678 हैं।
सनशाइन हॉस्पिटल अमिताभ सिंह 62637-81056, यहां के नोडल अधिकारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रेमप्रकाश शर्मा मोबाइल नंबर 77488-51177 हैं।
स्टार चिल्ड्रन हॉस्पिटल दुर्गा प्रसाद जायसवाल 62609-71779, यहां के नोडल अधिकारी सहायक श्रम आयुक्त ज्योति शर्मा मोबाइल नंबर 74891-74678 हैं।
स्वामी विवेकानंद हॉस्पिटल संजय बिरानी 96855-55999, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अमित गुलहरे मोबाइल नंबर 94061-57646 हैं।
मार्क हॉस्पिटल आराधना मेनन 97555-80097, यहां के नोडल अधिकारी उप-संचालक कृषि शशांक शिंदे मोबाइल नंबर 99261-64747 हैं।
न्यू जनता हॉस्पिटल राजेश कुमार यादव 70004-86489, यहां के नोडल अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सुरेश सिंह मोबाइल नंबर 94255-30001 हैं।
वेगस हॉस्पिटल पी.एन. त्रिपाठी 97130-76232, यहां के नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर मोनिका वर्मा मोबाइलनंबर 93293-41984 हैं।
संजीवनी हॉस्पिटल राजेश मनहरण 82530-84754, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना वरूण राजपूत 98938-32467 हैं।
रेम्बो हॉस्पिटल तिलकनगर प्रमोद कुमार मनहरण 91096-41162 एवं श्री कृष्णा हॉस्पिटल बजरंगी सिंह 91090-63571, इन दोनों अस्पतालों के नोडल अधिकारी जिला खनिज अधिकारी दिनेश मिश्रा मोबाइल नंबर 98261-90136 हैं।
मौके पर पहुंचे सीएमएचओ ने दी लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी, एसडीएम ने भड़के परिजनों को शांत कराया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अप्रैल। मंगला चौक स्थित श्री कृष्णा हॉस्पिटल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए आज सुबह परिजनों ने हंगामा कर दिया। आरोप है कि ऑक्सीजन की सप्लाई बंद करने के कारण रात में तीन मरीजों की मौत हो गई। सुबह हंगामे की खबर मिलने पर एसडीएम और सीएमएचओ ने पहुंचकर परिजनों को शांत कराया और अस्पताल प्रबंधन को लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी।
परिजनों का कहना था कि रात करीब एक बजे अस्पताल में मरीजों को लगे हुए ऑक्सीजन की सप्लाई अचानक ही बंद कर दी गई। इससे मरीजों को सांस लेने लेने में दिक्कत होने लगी। ऑक्सीजन बेड पर मरीजों की तबियत बिगड़ती गई। रात्रि में ही अस्पताल से परिजनों को फोन द्वारा तीन मरीजों की मौत होने की सूचना दी गई। इसके बाद मरीज के परिजनों ने अंदर जाकर देखा तो मरीज को लगा हुआ ऑक्सीजन सप्लाई उन्हें बंद मिली। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में काफी हंगामा मचाया। अस्पताल प्रबंधन की ओर से सफाई दी जाती रही कि मरीजों की मौत गंभीर हालत के कारण हुई, ऑक्सीजन सप्लाई बंद नहीं की गई थी। पर परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर रूम तक पहुंच गये जहां उन्होंने पाया कि ऑपरेटर ने उन्हें बताया कि सिलेंडर के खाली होने के बाद उसे बदलने में समय लगा। इस बीच सप्लाई बंद हो गई थी।
सुबह अस्पताल प्रबंधन ने एक नोटिस चिपका दी जिसमें कहा गया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण गंभीर मरीजों को परिजन यहां से ले जायें। इस पर फिर हंगामा हुआ और एसडीएम देवेन्द्र पटेल तथा सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की तो उसने स्टाफ की कमी होने तथा ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने की बात कही। डॉ. महाजन ने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि अस्पताल को लाइसेंस और कोविड इलाज की अनुमति पर्याप्त स्टाफ होने का विवरण देने पर ही दी गई है। यदि स्टाफ नहीं है तो लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा। ऑक्सीजन की कमी की बात कहना गलत है क्योंकि ऑक्सीजन के लिये नोडल अधिकारी तय हैं और अस्पताल की ओर से इसकी डिमांड ही नहीं की गई है। सीएमएचओ ने अस्पताल के गेट की वह पर्ची फाड़ने कहा जिसमें ऑक्सीजन नहीं होने के कारण मरीजों को ले जाने की बात कही गई थी।
परिजनों को मालूम हुआ कि गंभीर मरीजों से बिल हिसाब में दिक्कत न आये सोचकर अस्पताल प्रबंधन उन्हें यहां से पहले ही ले जाने के लिये दबाव बना रहा था। इसीलिये ऑक्सीजन सिलेंडर बंद कर दिया गया। मृतकों में एक रामनाथ सिंह भी हैं जिनको ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से जान गंवानी पड़ी। उनकी कलेक्टोरेट के सामने कैंटीन है। उनके रिश्तेदार भरत सिंह ने बताया कि हमने अस्पताल वालों से कह रखा था कि ऑक्सीजन की कमी हो तो हमें समय पर बता देंगे, हम स्वयं ला देंगे। लेकिन अस्पताल वालों ने सीधे मौत की सूचना दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 अप्रैल। कोविड वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके संभाग के आयुक्त डॉ. संजय अलंग दूसरी बार कोरोना संक्रमित हो गये हैं। बुखार नहीं उतरने के कारण आज उन्हें इलाज के लिये अपोलो चिकित्सालय में दाखिल किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक चार दिन पहले डॉ. अलंग की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद वे होम आइसोलेट हो गये थे। डॉ. अलंग वैक्सीन लगवाने के बाद इम्युनिटी डेवलप होने की 15 दिन की अवधि भी पार कर चुके हैं। पहली बार जब संक्रमित हुए थे तो टीकाकरण अभियान प्रारंभ नहीं हुआ था।
डॉ. अलंग कोविड संक्रमण से बचने के लिये काफी एहतियात बरतते रहे हैं। कलेक्टर रहते हुए वे लोगों से कार्यालय के बाहर मास्क व हेंड ग्लब्स पहनकर ही मिलते थे। बीते साल मई में उनकी यहीं पर संभागायुक्त पद पोस्टिंग हो गई, उसके बाद भी दौरे व बैठकों के दौरान वे काफी सावधानी रखते रहे हैं।
इधर पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल को अपोलो अस्पताल से आज छुट्टी मिल गई है। कोरोना संक्रमित होने के बाद पिछले हफ्ते उन्हें व उनकी पत्नी को यहां भर्ती कराया गया था।