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सीएम ने सभी कलेक्टरों से एक माह में कार्ययोजना बनाने कहा
मछली-पालन, बोटिंग, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट जैसी आजीविका मूलक गतिविधियां शुरू की जाएं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जनवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को अपने जिलों में बंद हो चुकी खदानों को जल-संरक्षण स्रोतों के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन खदानों में विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियों के संचालन को भी कार्ययोजना में शामिल करने को कहा है।
श्री बघेल द्वारा कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि जिलों में स्थित समस्त ‘उपेक्षित खनन स्थलों’ का चिन्हांकन कर उन्हें जल सरंक्षण स्त्रोत में परिवर्तित करने तथा आवश्यकतानुसार अन्य गतिविधियां आरम्भ करने की कार्ययोजना एक माह के अन्दर तैयार करें। इस कार्य में होने वाले व्यय की व्यवस्था नरेगा, डीएमएफ, सीएसआर, पर्यावरण एवं अधोसरंचना मद एवं अन्य विभागीय योजनाओं में उपलब्ध आबंटन से की जा सकती है।
श्री बघेल ने कहा है कि राज्य में दशकों से कोयला, लौह अयस्क, बाक्साइट, डोलोमाइट, लाईम स्टोन, मुरूम, गिट्टी इत्यादी के खनन से इन खनिजों के अनेक भंडार समाप्त होने के कारण उन खनन स्थलों को उपेक्षित हालत में छोड़ दिया गया है। ऐसे उपेक्षित खनन स्थलों में आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है, जिनसे जान-माल का नुकसान हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने सूरजपुर जिले की केनापारा कोयला खदान का उल्लेख करते हुए कहा है कि वर्ष 1991से एसईएसएल द्वारा कोयले का भंडार समाप्त होने के कारण यहां कोयले का खनन बंद कर दिया गया था। जिला प्रशासन द्वारा एसईएसएल के सहयोग से इस उपेक्षित खनन स्थल का आवश्यक जीर्णोद्धार कर इसे जल संरक्षण के उत्कृष्ट स्त्रोत में परिवर्तित कर दिया गया। यहां बोंटिग, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की सुविधा उपलब्ध कराने तथा मत्स्य पालन जैसी गतिविधियां आरंभ करने से आसपास के ग्रामीणों की आय वृद्धि के नये अवसर सृजित हुये हैं।
श्री बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों से अपेक्षा व्यक्त की है कि 1 अप्रैल 2021 के पूर्व उनके जिलों में स्थित खनन स्थलों के जीर्णोद्धार का कार्य आरम्भ किया जाये तथा वर्षा ऋतु के पूर्व कार्य पूर्ण करने का प्रयास किया जाये ताकि वर्षा ऋतु में उन स्थलों पर जल संग्रहण आरम्भ हो सके।
रायपुर, 16 जनवरी। गायत्री परिवार के द्वारा छत्तीसगढ़ में कुम्हारी के पास स्थित साकरा में देव् संस्कृति विश्वविद्यालय में कई पढ़ाई शुरू हो चुकी है। देव् विवि. के बेहतर संचालन और विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गायत्री चेतना ट्रस्ट का निर्माण किया गया है, जिसमें प्रदेश वरिष्ठ गायत्री परिजनों के साथ कार्यकारिणी में दानदाताओ को शामिल किया गया है। विवि. के संचालन के लिए बनाए गए ट्रस्ट और कार्यकारिणी के परिजनों का शपथ ग्रहण रविवार 17 जनवरी को विवि. परिसर में रखा गया है। इस अवसर पर ट्रस्टियों और कार्यकारिणी के परिजनों से बच्चो के प्रवेश के साथ अन्य मुद्दों पर चर्चा भी होगी।
गायत्री चेतना ट्रस्ट कें वासुदेव शर्मा और श्याम बैस ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य के शिष्यों ने मेहनत कर देव संस्कृति विवि. के निर्माण में अपना योगदान दिया। विश्वविद्यालय को भविष्य का तक्षशिला नालंदा बनाना है। शपथ ग्रहण के कार्यक्रम में हरिद्वार के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रदेश भर से पहुंचे वरिष्ठ गायत्री परिजनों की उपस्थिति रहेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जनवरी। सुभाष स्टेडियम में छत्तीसगढ़ खेल कांग्रेस के तत्वाधान में चल रहे स्व. इंदरचंद धाड़ीवाल स्मृति कांग्रेस कॉरपोरेट लीग क्रिकेट प्रतियोगिता के नौवें दिन सेमीफाइनल मुकाबले खेले गए। जिसमे,कांग्रेस कॉरपोरेट लीग दुर्ग रेंज पुलिस और स्पर्श हॉस्पिटल विजेता रहे।। पहला मैच स्पर्श हॉस्पिटल दुर्ग और इंफिनिटी क्लब रायपुर के मध्य खेला गया। स्पर्श हॉस्पिटल ने टॉस जीत कर गेंदबाजी का निर्णय लिया, पहले बल्लेबाजी करते हुए इनफिनिटी क्लब ने 10 ओवरों में 9 विकेट के नुकसान पर 68 रन बनाए, लक्ष्य का पीछा करने उतरी स्पर्श हॉस्पिटल ने 7 ओवरों में जीत हासिल कर ली जिसमें मोहन ने 8 छक्कों की मदद से 53 रन बनाए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया।
दिन का दूसरा सेमीफाइनल रबर इंडस्ट्री और दुर्ग पुलिस के बीच खेला गया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी रबर इंडस्ट्रीज ने 88 रनों के लक्ष्य निर्धारित किया जिसे दुर्ग पुलिस ने 8 ओवरों में ही प्राप्त कर लिया। इस मैच के मैन ऑफ द मैच जॉनी रहे जिन्होंने 49 रन की पारी खेली, रविवार 17 जनवरी को फाइनल मुकाबला खेला जायेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जनवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर किसानों के हित में एक और निर्णय लेते हुए राज्य शासन द्वारा प्रदेश में धान खरीदी के लिए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट बारदानों का उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग संरक्षण विभाग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है, जिसमें राज्य के सभी कलेक्टरों को स्थानीय स्तर पर बारदाना प्रदायकर्ताओं से समितियों, किसानों को उपयुक्त दरों पर बारदाना आपूर्ति कराने को कहा गया है।
गौरतलब है कि इसके पूर्व धान खरीदी के लिए नया जूट बारदाना, एचडीपीई, पीपी बारदाना, पीडीएस बारदाना, मिलरों, किसानों से प्राप्त बारदानों और समिति द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने जूट बारदानों की उपयोग के निर्देश दिए गए हैं। राज्य शासन द्वारा बारदानों की संभावित कमी को ध्यान में रखते हुए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट के बारदानों का भी उपयोग धान खरीदी के लिए करने की अनुमति दी गई है।
आदेश के अनुसार खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट के पुराने बारदाने एक बार उपयोग किया गया होना चाहिए। बारदाने 50 किलो भर्ती के होने चाहिए और कटे-फटे नहीं होने चाहिए। खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग उपयोग किए जूट बारदानों की गुणवत्ता एवं अन्य प्रक्रिया किसान बारदाने एवं समितियों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पुराने जूट बारदानों के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही होंगे। इस बारदाने की दर पूर्व में निर्धारित पुराने बारदाने के अनुसार ही होगी।
23 को राज्यपाल को ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जनवरी। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े घटक संगठन 23 जनवरी को ब्लॉक और जिला स्तर पर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपेंगे और 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली किसान गणतंत्र परेड में शामिल होंगे।
छत्तीसगढ़ किसान सभा ने दूसरे संगठनों के साथ मिलकर यहां प्रदेश में भी 26 जनवरी को ब्लॉक स्तर पर किसान गणतंत्र परेड आयोजित करने की घोषणा की है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन की एक बैठक में लिया गया। बैठक में किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम, आलोक शुक्ला, नंद कश्यप, आनंद मिश्रा, संजय पराते, रमाकांत बंजारे, दीपक साहू , घनश्याम वर्मा सहित विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक के बाद जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के नेताओं ने कहा है कि हमारे देश के किसान न केवल अपने जीवन-अस्तित्व और खेती-किसानी को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, बल्कि वे देश की खाद्यान्न सुरक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा संप्रभुता की रक्षा के लिए भी लड़ रहे हैं। उनका संघर्ष उस समूची अर्थव्यवस्था के कारपोरेटीकरण के खिलाफ भी हैं, जो नागरिकों के अधिकारों और उनकी आजीविका को तबाह कर देगा। इसीलिए देश का किसान आंदोलन इन काले कानूनों की वापसी के लिए खंदक की लड़ाई लड़ रहा है और अपनी अटूट एकता के बल पर इस आंदोलन को तोडऩे की सरकार की सजिशों को मात दे रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को यह समझना होगा कि देश की संप्रभुता किसी सरकार या सुप्रीम कोर्ट में नहीं, बल्कि आम जनता में निहित है, जिसे संविधान में ‘हम भारत के लोग’ के जरिये अभिव्यक्त किया गया है। अब यह स्पष्ट है कि इस देश का जन मानस इन काले कानूनों के खिलाफ है और किसी अहंकार का प्रदर्शन किए बिना सरकार को इसका सम्मान करना चाहिए।
किसान आंदोलन के नेताओं ने बताया कि 23 जनवरी को जगह-जगह अधिकारियों को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे। इस ज्ञापन में इन किसान विरोधी काले कानूनों को वापस लेने के साथ ही सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का कानून बनाने, इस मूल्य पर सभी फसलों का खरीदना सुनिश्चित करने व इसका उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति को जेल भेजने की मांग की जाएगी।
इसी दिन सैकड़ों किसान और ग्रामीण जन दिल्ली कूच करेंगे और 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड का हिस्सा बनकर दिल्ली में प्रवेश करेंगे। उन्होंने बताया कि 30 जनवरी महात्मा गांधी की शहादत दिवस से पूरे प्रदेश में इन कानूनों के खिलाफ जनजागरण अभियान भी शुरू किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जनवरी। कैट के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी आदि ने बताया कि आज वाट्सएप को उसकी नई गोपनीयता नीति को खारिज करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है। कैट ने अपनी याचिका में कहा है कि वाट्सएप की प्रस्तावित निजता नीति भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिकों के विभिन्न मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण कर रहा है। कैट ने यह भी प्रार्थना की है कि वाट्सएप जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को संचालित करने के लिए केंद्र सरकार को दिशा-निर्देश तैयार करने चाहिए और ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जो नागरिकों और व्यवसायों की गोपनीयता की रक्षा करें।
याचिका में विशेष रूप से यूरोपीय संघ और भारत के देशों में वाट्सएप की गोपनीयता नीति में पूरी तरह अंतर का हवाला देते हुए कहा गया है की भारतीय उपयोगकर्ताओं के डेटा का इस तरह की बड़ी तकनीकी कंपनियों द्वारा दुरुपयोग कैसे किया जा सकता है। याचिका एडवोकेट अबीर रॉय द्वारा तैयार की गई है और जिसे आज एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड विवेक नारायण शर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है।
श्री पारवानी ने आरोप लगाया कि वाट्सएप ने ‘माई वे या हाई वे’ के दृष्टिकोण को अपनाया है, जो मनमाना, अनुचित, असंवैधानिक है और इसे भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। वाट्सएप व्यक्तिगत उपयोगकर्ता के डेटा को धोखे से इक_ा कर रहा है। भारत में अपने लॉन्च के समय, वाट्सएप ने उपयोगकर्ताओं को उपयोगकर्ता डेटा और मजबूत गोपनीयता सिद्धांतों को साझा न करने के वादे के आधार पर आकर्षित किया।
2014 में, फेसबुक द्वारा वाट्सएप के अधिग्रहण के बाद, जब उपयोगकर्ताओं ने अपने डेटा की गोपनीयता पर संदेह करना शुरू कर दिया था क्योंकि उन्हें भय था कि उनके व्यक्तिगत डेटा को फेसबुक के साथ साझा किया जाएगा, तो वाट्सएप ने वादा किया कि अधिग्रहण के बाद गोपनीयता नीति में कुछ भी नहीं बदलेगा। हालांकि, अगस्त 2016 में, वाट्सएप अपने वादे से पीछे हट गया और एक नई गोपनीयता नीति पेश की जिसमें उसने अपने उपयोगकर्ताओं के अधिकारों से गंभीर रूप से समझौता किया और उपयोगकर्ताओं के गोपनीयता अधिकारों को पूरी तरह से कमजोर कर दिया।
नई गोपनीयता नीति के तहत, इसने वाणिज्यिक विज्ञापन और मार्केटिंग के लिए फेसबुक और इसकी सभी समूह कंपनियों के साथ व्यक्तिगत डेटा साझा किया ।
तब से, कंपनी अपनी नीतियों में बदलाव कर रही है, ताकि सूचनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को इक_ा और संसाधित किया जा सके, और तीसरे पक्ष को डाटा दिया जा सके।
कैट किसी भी कॉर्पोरेट या बड़ी विदेशी कम्पनी को भारत के लोगों के कंधे पर बंदूक रख अनैतिक तरीके से लाभ कमाने के लिए अपनी अप्रिय नीतियों और भयावह डिजाइनों को लागू करने की अनुमति नहीं देगा।
चिकन-अंडों की बिक्री में गिरावट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जनवरी। बालोद में मृत पाए जाने वाले पक्षियों बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद चिकेन और अंडों की मांग में लगभग 60 फीसदी गिरावट आई है पोल्ट्री व्यवसायियों का मानना है कि कोरोना से जोडऩे के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। इसके पहले वर्ष 2006 में पोल्ट्री व्यवसाय बर्ड फ्लू के संकट से गुजर चुका है। वर्तमान में इससे चूंकि मानव संक्रमण का कोई केस सामने नहीं आया है इसलिए पोल्ट्री व्यवसाय जल्द ही इस संकट से उबर जाएगा
वर्तिका पोल्ट्री फार्म के सतीश साहू का कहना है कि जरुरत से ज्यादा बर्ड फ्लू की खबरों के सामने आने के कारण पोल्ट्री व्यवसाय को नुकसान पहुंचा है। इसके पहले कोरोना के कारण धंधा मंदा रहा और अब बर्ड फ्लू ने रही सही कसर पूरी कर दी। सतीश साहू कहते हैं कि बर्ड फ्लू से अगर इंसान को अगर संक्रमण होता तो फार्म में काम करने दर्जनों लोग इससे प्रभावित होते लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बर्ड फ्लू की खबर के कारण बायलर चिकेन जो 100 रु.किलो बिकता था वह आज 78 रु. में बिक रहा है। 550 रु.सैकड़ा बिकने वाले अंडे के भाव में 100 रु.की गिरावट आ गई है। कुल मिलाकर चिकेन और अंडे की बिक्री में 25 प्रतिशत की कमी आई है। पोलट्री व्यवसायी फिरोज ख्वाजा का कहना है कि बर्ड फ्लू का असर देसी मुर्गियों की बिक्री में नहीं पड़ा है।
पोल्ट्री व्यवसायी मनोज शुक्ला के अनुसार बर्ड फ्लू ू के कारण चिकेन की बिक्री में हालाकि 60 फीसदी की कमी आई है लेकिन इसके बावजूद पोल्ट्री व्यवसाय को किसी तरह का खतरा नहीं है। मनोज शुक्ला का कहना है कि बालोद में बर्ड फ्लू की पुष्टि जरुर हुई है लेकिन इससे मानव में संक्रमण नहीं देखा गया है। इस लिहाज से पोल्ट्री व्यवसाय को किसी तरह का खतरा नहीं है। इसके पूर्व भी पोल्ट्री व्यवसायी बर्ड फ्लू का सामना कर चुके हैं।
रायपुर, 16 जनवरी। प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा धमतरी जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा वाणिज्य और उद्योग विभाग द्वारा धमतरी में आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला ‘उद्यम समागम’ में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक सिहावा डॉ.लक्ष्मी ध्रुव, विधायक कुरूद अजय चन्द्राकर, विधायक धमतरी श्रीमती रंजना साहू, महापौर नगरपालिक निगम धमतरी विजय देवांगन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कांति सोनवानी और उपाध्यक्ष नीशू चन्द्राकर मौजूद रहेंगे।
रायपुर, 16 जनवरी। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 15 जनवरी 2021 तक 75 लाख 94 हजार 277 मीट्रिक धान की खरीदी की गई है। अब तक राज्य के 18 लाख 19 हजार 472 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा। राज्य के मिलरों को 26 लाख 6 हजार 553 मीट्रिक टन धान का डी.ओ. जारी किया गया है। जिसके विरूद्ध मिलरों द्वारा अब तक 21 लाख 63 हजार 563 मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।
खरीफ वर्ष 2020-21 में 15 जनवरी 2021 तक राज्य के बस्तर जिले में एक लाख 3 हजार 409 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। इसी प्रकार बीजापुर जिले में 50 हजार 467 मीट्रिक टन, दंतेवाड़ा जिले में 11 हजार 500 मीट्रिक टन, कांकेर जिले में 2 लाख 36 हजार 25 मीट्रिक टन, कोण्डागांव जिले में एक लाख 12 हजार 171 मीट्रिक टन, नारायणपुर जिले में 15 हजार 308 मीट्रिक टन, सुकमा जिले में 29 हजार 713 मीट्रिक टन, बिलासपुर जिले में 3 लाख 96 हजार 461 मीट्रिक टन खरीदी की गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जनवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में वाणिज्य कर (आबकारी) और उद्योग के बजट प्रस्तावों पर चर्चा की। उन्होंने महिला बाल विकास विभाग, ग्रामोद्योग और पीएचई के विभाग की बजट तैयारियों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने पीएचई मंत्री रूद्रकुमार गुरू, आबकारी मंत्री कवासी लखमा और महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा के विभागीय प्रस्तावों पर चर्चा की। बैठक में वाणिज्य कर (आबकारी) एवं उद्योग विभाग मंत्री कवासी लखमा, प्रभारी मुख्य सचिव सुब्रत साहू, वित्त विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, वाणिज्य कर (आबकारी) विभाग के सचिव निरंजन दास, संयुक्त सचिव वित्त श्रीमती शारदा वर्मा, सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जनवरी। बोधघाट परियोजना तीन चरणों में पूरी होगी। इसके लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है। परियोजना पर करीब 23 हजार करोड़ खर्च होंगे। परियोजना के लिए राशि जुटाने वित्तीय संस्थाओं से चर्चा चल रही है। बताया गया कि परियोजना से प्रभावितों का पुनर्वास होने के बाद ही काम शुरू किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के पूरा होने से बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के साढ़े 3 लाख हेक्टेयर से अधिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। बोधघाट परियोजना के सर्वेक्षण के लिए केन्द्र सरकार की एजेंसी वाप्कोस लिमिटेड को काम दिया है। परियोजना पर 22 हजार 653 करोड़ खर्च अनुमानित है।
सूत्र बताते हैं कि बोधघाट परियोजना का काम तीन चरणों में होगा। पहला चरण में डेम बनाया जाएगा, फिर केनाल और इसके बाद विद्युत उत्पादन का काम होगा। यहां करीब 3 सौ मेगावॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य है। बताया गया कि सरकार ने परियोजना के लिए राशि जुटाने को लेकर वित्तीय संस्थाओं से चर्चा शुरू कर दी है। जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि कई प्रस्ताव भी आ रहे हैं। फिलहाल पुनर्वास नीति जल्द तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है।
यह भी कहा गया कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास के बाद ही चरणबद्ध तरीके से काम शुरू किया जाएगा। इस पूरी परियोजना से एक लाख लोगों के प्रभावित होने की संभावना है। केन्द्र सरकार बोधघाट सिंचाई परियोजना के काम को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र पहले ही सहमति दे चुकी है। 40 वर्षों से लंबित इस परियोजना को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार प्रयासरत थी। अफसरों ने बताया कि बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से बोधघाट परियोजना के संबंध में विस्तार से चर्चा की थी और इस परियोजना की महत्ता के बारे में बताया था।
यह दंतेवाड़ा जिले के विकास खंड गीदम के बारसुर गांव से लगभग आठ किलोमीटर और जगदलपुर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर की दूरी पर है। बोधघाट परियोजना से बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले में सिंचाई होगी। पूर्व में इस परियोजना में दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में खरीफ, रबी और ग्रीष्मकालीन फसलों के लिए कुल दो लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित थी, लेकिन जल की उपलब्धता को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस परियोजना के माध्यम से सुकमा जिले को भी सिंचाई के लिए जल आपूर्ति का निर्देश दिया है।
बताया गया कि राज्य के जल संसाधन विभाग ने सुकमा जिले के खरीफ, रबी तथा ग्रीष्मकालीन फसलों के लिए कुल एक लाख हेक्टेयर में सिंचाई को परियोजना में शामिल किया है। इस प्रकार तीनों जिलों में तीन लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर में वार्षिक सिंचाई सुविधा प्रदान किया जाना प्रस्तावित है।
भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने कृषि विवि के विशेषज्ञों से की चर्चा
रायपुर, 16 जनवरी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में फसल सुधार कार्यक्रम एवं खाद्य प्रौद्योगिकी में इलेक्ट्रॉन बीम के प्रयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए कुलपति डॉ. एसके पाटील की अध्यक्षता में भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र, मुम्बई के वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र, मुम्बई के बीम तकनीकी विकास समूह की वैज्ञानिक एवं एसोसिएट डायरेक्टर डॉ अर्चना शर्मा द्वारा फसल सुधार, खाद्या प्रौद्योगिकी एवं औषधीय फसलों विज्ञान के क्षेत्र में इलेक्ट्रान बीम तकनीकी के प्रयोग की संभावनाओं पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको से चर्चा की गई।
उन्होंने इलेक्ट्रान बीम तकनीक को फसल सुधार एवं खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु उपयोगी बताया तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में एक इलेक्ट्रान बीम सुविधा केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने इलेक्ट्रान बीम तकनीक को छत्तीसगढ़ के किसानों के वरदान बताते हुए कृषि विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रान बीम सुविधा केन्द्र स्थापित करने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करने का आश्वासन दिया। डॉ. पाटील ने कहा कि इस सुविधा केन्द्र की स्थापना हेतु निजी क्षेत्र से निवेश भी आमंत्रित किया जा सकता है।
डॉ. अर्चना शर्मा ने बताया कि इलेक्ट्रान बीम म्युटेंट किस्मों के विकास, खाद्य संरक्षण, अनाजों के विघटन, खाद्य उत्पादों से फफूंद और जीवाणु पर नियंत्रण, चिकित्सा उत्पादों का निर्जीवीकरण, पालीमर का क्षरण, निकास गैसो का शोधन, सीवेज जल उपचार के लिए बहुत उपयोगी हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जनवरी। प्रदेश में कोरोना मरीज धीरे-धीरे कम होने लगे हैं, और अधिकांश जिलों में नए पॉजिटिव 50 से नीचे आ गए हैं। रायपुर में भी नए पॉजिटिव सौ से नीचे रहे। हेल्थ अफसरों का मानना है कि प्रदेश में नए पॉजिटिव कम होने लगे हैं, लेकिन मास्क के साथ दो गज की दूरी जरूरी है। सतर्कता से ही कोरोना को हराया जा सकता है।
प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से नए पॉजिटिव के आंकड़े भी बहुत कम दर्ज होने लगे हैं। बुलेटिन के मुताबिक बीती रात 8 बजे 521 नए पॉजिटिव सामने आए। इसमें रायपुर जिले से सबसे अधिक 95 मरीज रहे। दुर्ग से 47, राजनांदगांव-37, बालोद-21, बेमेतरा-12, कबीरधाम-5, धमतरी-38, बलौदाबाजार-16, महासमुंद-30, गरियाबंद-8, बिलासपुर-46, रायगढ़-32, कोरबा-12, जांजगीर-चांपा-20, मुंगेली-4, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही-2, सरगुजा-15, कोरिया-19, सूरजपुर-15, बलरामपुर-12, जशपुर-7, बस्तर-12, कोंडागांव-2, दंतेवाड़ा-4, सुकमा-3, कांकेर-5, नारायणपुर-0, बीजापुर जिले से 2 व अन्य राज्य से 0 मरीज सामने आए हैं। ये मरीज आसपास कोरोना अस्पतालों में भेजे जा रहे हैं। दूसरी तरफ कल 6 मरीजों की मौत हो गई। इसमें 3 की कोरोना से एवं 3 की अन्य बीमारियों के साथ कोरोना से हुई है।
प्रदेश में कोरोना दो लाख 92 हजार पार
प्रदेश में कोरोना मरीज दो लाख 92 हजार पार हो गए हैं। बीती रात मिले 521 नए पॉजिटिव के साथ इनकी संख्या बढक़र 2 लाख, 92 हजार 612 हो गई है। इसमें से 35 सौ 44 मरीजों की मौत हो गई है। 6 हजार 923 एक्टिव हैं और इनका एम्स समेत अलग-अलग जगहों पर इलाज चल रहा है। 2 लाख 82 हजार 145 मरीज ठीक होकर अपने घर लौट गए हैं। सैंपलों की जांच जारी है।
रायपुर, 16 जनवरी। कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा कि क्या रमन सिंह राम मंदिर के लिये एकत्रित चंदे का हिसाब नहीं देने को रामकाज समझते है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राम मंदिर के चंदे का हिसाब मांग लिया है तो रमन सिंह को क्यों तकलीफ हो रही है? रमन सिंह अब यह कम से कम यह तो न कहे कि चंदे का हिसाब न देना भी रामकाज है। भाजपा को आगे बढ़ाने के लिए राम नाम और राम नाम से एकत्रित चंदे की धनराशि का उपयोग बंद होना चाहिए। यह तो स्तरहीन राजनीति की इंतिहा है।
त्रिवेदी ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद हो रहा है। मंदिर निर्माण के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर कमेटी बनी है। मंदिर निर्माण उसी कमेटी की देख रेख में होगा। कमेटी ने मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए अपना बैंक खाता भी सार्वजनिक किया है जिस किसी श्रद्धालु को मंदिर निर्माण में सहयोग करना होगा, इसी खाते में सीधे सहयोग कर सकता है। अब आरएसएस किस हैसियत से मंदिर के नाम पर चंदा एकत्रित करने जा रहा है? उसे चंदा एकत्रित करने के लिए किसने अधिकृत किया है ?
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के ट्वीट पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अब तो राम मंदिर के चंदे से भाजपा की राजनीति बंद होनी चाहिए। राम जन्मभूमि की मुहिम के चलते भाजपा की ही तरह आरएसएस के एक और अनुषांगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद ने ईटों के साथ-साथ 1400 करोड़ रू. एकत्रित किए थे। पूर्व में राम मंदिर के लिए एकत्रित राम मंदिर के चंदे का कोई हिसाब विश्व हिंदु परिषद या आरएसएस या भाजपा ने आज तक नहीं दिया है। बिना 1400 करोड़ रूपयों का हिसाब दिये भाजपाई अब फिर से राम नाम पर चंदा मांगने निकल पड़े है।
त्रिवेदी ने कहा कि जब नाथूराम गोड़से ने महात्मा गांधी को गोली मारी थी तो वे प्रार्थना सभा के लिए जा रहे थे। जहां पर नियम से राम भजन गाया जाता था ‘रघु पति राघव राजा राम, गाया जाता था। वह प्रार्थना सभा रामकाज थी। राम काज में विघ्न कौन डालता है ये सबको पता है। नाथू राम गोड़से से आरएसएस और भाजपा का चरित्र राम विरोधी है। इनमें मुंह में राम और बगल में छूरी है। गोड़से ने गोली मारी तब भी महात्मा गांधी के मुंह से निकला था ‘हे राम‘। इससे स्पष्ट है कि रामकाज में बाधा कौन डालता है और कौन राम द्रोही है। यह भारत में तो सबको पता है।
रायपुर, 15 जनवरी। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान सभा ने भी गांव-गांव में लोहड़ी और मकर संक्रांति के पर्व पर संकल्प सभाएं आयोजित की और किसान विरोधी काले कानूनों के प्रमुख पहलुओं को सामने रखा और कृषि कानूनों की प्रतियां व मोदी-अडानी-अंबानी के पुतले जलाए गए।
किसान सभा कार्यकर्ताओं और ग्रामीण जनों ने अंतिम सांस तक खेती-किसानी को बर्बाद करने वाले इन कॉर्पोरेटपरस्त कानूनों के खिलाफ संघर्ष करने की शपथ ली। सरगुजा, सूरजपुर, बिलासपुर, कोरबा, मरवाही, बस्तर सहित 12 से ज्यादा जिलों में ये कार्यक्रम आयोजित किये गए। रायगढ़ में किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया है।
रायपुर, 15 जनवरी। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसानों का अहित करने वाले तीन काले कानूनों के विरोध में एआईसीसी के निर्देशानुसार राष्ट्रव्यापी किसान अधिकार दिवस एवं केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की रैली में दुर्ग विधायक अरुण वोरा भी शामिल हुए। उन्होंने ट्रेक्टर की सवारी कर किसानों के प्रति अपना समर्थन व मोदी सरकार के किसान विरोधी कृषि बिल का विरोध दर्ज कराया। केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश के अन्नदाताओं को आजादी के बाद से सबसे बड़ा आंदोलन खड़ा करने की नौबत आ गई है आखिर किसको फायदा पहुंचाने के लिए भाजपा सरकार जिद पर अड़ी हुई है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और ओपन मार्केट से किसानों को अपना फायदा नजर नहीं आता पर केंद्र सरकार के चश्मे से उद्योगपति का फायदा जरूर नजर आता है। केंद्र को छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार से किसान हितैषी फैसला लेना सीखना चाहिए। प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य 2500, कर्जमाफी और गोधन न्याय योजना शुरू कर किसानों को फिर से मजबूत किया है। जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है देश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है कांग्रेस के द्वारा बनाई गई देश की विरासत एवं रत्न कंपनियों के निजी करण का प्रयास हो रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। सुभाष स्टेडियम में छत्तीसगढ़ खेल कांग्रेस के तत्वाधान में चल रहे स्व. इंदरचंद धाड़ीवाल स्मृति कांग्रेस कॉरपोरेट लीग क्रिकेट प्रतियोगिता के आठवें दिन चार क्वार्टरफाइनल मुकाबले खेले गए। जिसमें इनफिनिटी, दुर्ग रेंज पुलिस, स्पर्श हॉस्पिटल और रबर इंडस्ट्री सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
पहला मैच हीरा ग्रुप और इंफिनिटी क्लब के मध्य खेला गया, इस मैच में हीरा ग्रुप ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 96 रन बनाए, लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंफिनिटी क्लब ने यह लक्ष्य 6 विकेट खोकर प्राप्त कर लिया, इस मैच के मैन ऑफ द मैच अतुल जोशी रहे, जिन्होंने 20 गेंदों पर 6 छक्कों की मदद से 42 रन बनाए।
दूसरा मैच इंडियन डेंटल एसोसिएशन और दुर्ग पुलिस के मध्य खेला गया। इस मैच में इंडियन डेंटल एसोसिएशन ने पहले टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण का निर्णय लिया, पहले बल्लेबाजी करने उतरी दुर्ग पुलिस के बल्लेबाजों ने निर्धारित 10 ओवरों में 96 रन बनाये, जिसमें सर्वाधिक स्कोर श्याम ने 31 रन बनाये, लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंडियन डेंटल एसोसिएशन ने कुल 78 रन ही बना सकी। इस मैच के मैन ऑफ द मैच गंभीर चुने गए।
तीसरा मैच एम्स हॉस्पिटल और स्पर्श हॉस्पिटल के मध्य खेला गया।मैच का टॉस एम्स हॉस्पिटल ने जीता और पहले क्षेत्ररक्षण का निर्णय लिया, पहले बल्लेबाजी के लिए उतरे स्पर्श हॉस्पिटल के बल्लेबाजों ने 85 रन बनाये, लक्ष्य का पीछा करने उतरी एम्स 63 रन ही बना सकी, स्पर्श हॉस्पिटल की ओर से इस मैच में 2 विकेट लेने वाले दिनेश मैन ऑफ द मैच बने। दिन का चौथा व अंतिम मैच रायपुर मेयर 11 और रबर इंडस्ट्रीज के मध्य खेला गया।
इस मैच में रबड़ इंडस्ट्रीज ने टॉस जीत कर पहले मेयर 11 को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया, मेयर 11 ने 104 रन बनाए। सर्वाधिक स्कोर जाहिद का रहा जिन्होंने 66 रन 22 गेंदों पर 9 छक्कों की मदद से बनाए, लक्ष्य का पीछा करने उतरी रबर इंडस्ट्रीज 8.3 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लीग, जिसमें सर्वाधिक 36 रन जुनैद ने बनाये। इस मैच में मैन ऑफ द मैच रजा रहे जिन्होंने बहुमूल्य दो विकेट अपनी टीम के लिए झटके।
रायपुर, 15 जनवरी। शहर की शिक्षण संस्था सतता सुंदरी कालीबाड़ी उच्चतर माध्यमिक शाला के 1973-74 सत्र के छात्रों द्वारा गठित विद्या भारती प्रतिभा प्रोत्साहन संस्था द्वारा विगत दिवस ग्राम जोरा फुंडहर भवानी नगर के लगभग 20 गरीब बच्चों को बैडमिंटन, फुटबॉल, क्रिकेट बैट, टेनिस बाल, टेनिप्वाइट, जंपिंग रोप आदि वितरित किया गया।
विदित हो कि प्रति वर्ष ऐसे आयोजन कर संस्था के पदाधिकारियों द्वारा खेल सामग्री का वितरण किया जाता रहा है। सामग्री वितरण के दौरान संस्था के प्रकाश लुनावत, अरुण लूथरा, सुनील गनोदवाले, सूर्यशेखर, जगदीश मोटवानी, आशीष दत्ता, बाबा सोमवंशी, अमरजीत बख्शी, सुजीत सान्याल, नरेंद्र श्रीवास्तव मुख्य रुप से शामिल रहे। भवानी नगर के किन्नर समाज की ज्योति बाई ने संस्था के इस काम की सराहना की और किन्नर भवन में आमंत्रित कर स्तुत्य कार्य के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने गुरुवार को नवा रायपुर स्थित बालको मेडिकल सेंटर में डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन किया और हॉस्पिटल का अवलोकन भी किया। उन्होंने चिकित्सक तथा विशेष रूप से महिला चिकित्सकों और नर्सेस से मुलाकात की।
राज्यपाल ने कहा कि आप लोग जो कार्य कर रहे हैं, एक पुण्य का कार्य है। आप लोग जिस प्रकार समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं, उससे कैंसर जैसे असाध्य बीमारी का इलाज हो रहा है और कई लोगों का जीवन भी बच रहा है। यह सराहनीय है कि यहां पर नवीनतम तकनीक से कैंसर का इलाज किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यहां के चिकित्सकों ने बताया कि पेट स्केन मशीनों के माध्यम से शरीर में कैंसर की बीमारी के बारे में पता लगाया जाता है जो अत्याधुनिक तकनीक है। मुझे यह बात अच्छी लगी कि यहां पर हिंदी भाषा में रिपोर्ट दी जा रही है। इससे हिंदी भाषी राज्यों और सामान्य वर्ग के लोग भी अपने रिपोर्ट के बारे में जान पाते हैं। इस हॉस्पिटल में कैंसर के गंभीर मरीजों का इलाज होता है, जिसमें से कुछ तो ठीक होकर चले जाते हैं और यदि अंतिम अवस्था में कोई मरीज है तो उन्हें हास्पिटल के दर्द निवारण केन्द्र में रखकर विशेष रूप से इलाज किया जाता है, जिससे उन्हें दर्द से मुक्ति मिले। राज्यपाल ने जनरल वार्ड और बच्चों के वार्ड में जाकर मरीजों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।
राज्यपाल ने हॉस्पिटल में सबसे पहले एम.आर.आई., सीटी स्कैन तथा पेट स्कैन के मशीनों का अवलोकन किया। सुश्री उइके रेडिएशन रूम भी गई, जहां पर अत्याधुनिक मशीनों (रुढ्ढहृ्रष्ट) द्वारा रेडिएशन देकर मरीजों का इलाज किया जाता है। चिकित्सकों ने बताया कि यह नवीनतम मशीन है, जिससे टार्गेटेड रेडिएशन किया जाता है। इससे 1 एम.एम. से भी कम कोशिकाओं को रेडिएशन दी जाती है, जिससे आसपास की कोशिकाएं प्रभावित नहीं होती है। इस अवसर पर बालको मेडिकल सेंटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेंकेट कुमार ने राज्यपाल को शाल और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर डॉ. जयेश शर्मा, राहुल गुप्ता एवं सहायक प्रशासनिक अधिकारी अभिषेक मिश्रा उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। कला का जीवन के विविध रंगों से हमेशा से जुड़ाव रहा है। अंतहीन इसके दायरे में रंगों के माध्यम से केनवास पर जहां कभी प्रकृति का वैभव घुल जाता है वहीं कभी इंतजार के पल और संस्कृति समाहित हो जाती है। छत्तीसगढ़ के सुविख्यात कलाकार डॉ.धु्रव तिवारी ऐसे कलाकार हैं जिनके सृजन संसार में रेतीली पृष्ठभूमि में रचे बसे सुर्ख रंग के साथ साथ आदिवासी संस्कृति की मौलिकता का समावेश दृष्टिगोचर होता है।
केंद्रीय विद्यालय में कला शिक्षक के रुप में कार्यरत डॉ. धु्रव तिवारी की एकल कला प्रदर्शनी इन दिनों मैग्नैटो मॉल में लगी हुई है। 11 जनवरी से 18 जनवरी तक आयोजित इस प्रदर्शनी में 22 पेंटिग्स शामिल की गई हैं। आदिवासी कला में पीएचडी धु्रव तिवारी की पेटिंग में आदिवासी संस्कृति की मौलिक संस्कृति मृतक स्तंभ की कला को बारीकी से उजागर किया गया है। ध्रुव तिवारी ने बताया कि रिर्सच के दौरान बस्तर की आदिवासी संस्कृति को उन्हें करीब से जानने का मौका मिला।
यहां रहकर उन्होंने आदिवासियों के अछूते मृतक स्तंभ पर तराशे शिल्प को देखा। खेतों में पत्थर,लकड़ी पर तराशी गई कलाकृति से विमुग्ध होकर इसके सौंदर्य को केनवास पर उकेरा। इसी तरह उन्होंने पेंटिंग के जरिए उन्होंने सुनहरी रेत में दमकते स्त्री सौंदर्य को अभिव्य1त किया। इसके पूर्व डॉ.धु्रव की पेंटिंग प्रर्दशनी दिल्ली,भोपाल,उज्जैन और अहमदाबाद में लग चुकी है।
रायपुर, 15 जनवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके से राजभवन में राज्य प्रशासनिक सेवा से हाल ही में भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत अधिकारियों ने सौजन्य मुलाकात की। राज्यपाल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत होने पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी का पद बड़ी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का होता है। गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों को उनसे बहुत अपेक्षाएं होती है। वे जब आपके पास आते हैं तो यह मानकर चलते हैं कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा। यदि आम जनता आपके पास अपनी समस्याएं लेकर आते हैं तो उनसे जरूर मिलें और उनकी बात को धैर्यपूर्वक सुनें तथा उनकी समस्याओं के समाधान का हरसंभव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा संचालित योजनाओं की न केवल जानकारी दें, बल्कि जरूरतमंद लोगों को उन योजनाओं से लाभान्वित करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पांचवी अनुसूची में सम्मिलित राज्य है।
यहां के अधिकांश क्षेत्र पांचवी अनुसूची के अन्तर्गत आते हैं। उनके प्रावधानों की जानकारी रखें और उन्हें शासन की मंशा के अनुरूप लाभ दिलाएं। इस अवसर पर राज्यपाल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत अधिकारियों को प्रतीक चिन्ह और कॉफी टेबल बुक प्रदान किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव की उप सचिव जयश्री जैन, उच्च शिक्षा संचालनालय की अपर संचालक चंदन त्रिपाठी, कोरबा की अपर कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया, जिला पंचायत बलौदाबाजार की सीईओ डॉ. फरिहा आलम, राजभवन की उप सचिव रोक्तिमा यादव, राज्य निर्वाचन आयोग के उप सचिव दीपक कुमार अग्रवाल और जिला पंचायत, बलरामपुर की सीईओ तुलिका प्रजापति उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल द्वारा जल प्रदूषणकारी उद्योगों से हो रहे जल प्रदूषण पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण किया गया है और इसकी सतत् रूप से मॉनिटरिंग भी की जा रही है। साथ ही प्राकृतिक जल स्त्रोतों की जल गुणवत्ता की मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
मंडल के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा यह भी सुनिश्चित कराया गया है कि राज्य में स्थापित सभी जल प्रदूषणकारी उद्योग, दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना के साथ ही संचालित हो। इसमें उल्लंघन पाये जाने पर उद्योगों को बंद कराने तथा विद्युत विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है और आवश्यक होने पर न्यायालयीन कार्यवाही भी की जाती है।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि भनपुरी, उरला एवं सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र से निकलकर खारून नदी तक पहुंचने वाले पानी से नालों व खारून नदी की गुणवत्ता किसी तरह प्रभावित नहीं हो रही है। इन क्षेत्रों में स्थित अधिकांश उद्योग वायु प्रदूषणकारी प्रकृति तथा इनसे दूषित जल का निस्सारण होकर नदी नाले में मिलने जैसी स्थिति नहीं है। क्षेत्र में कोई भी ऐसा जल प्रदूषणकारी उद्योग संचालित नहीं है, जिसमें दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित न हो।
इसी तरह मंडल द्वारा प्रदेश की मुख्य नदियां- महानदी, शिवनाथ, खारून, अरपा, हसदेव, केलो, शंखनी-डंकनी, मांड, इंद्रावती में प्राकृतिक जल स्त्रोतों की गुणवत्ता पर सतत् रूप से निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए विभिन्न सैम्पलिंग प्वॉइंट बनाए गए हैं, जहां से सैम्पल लेकर जल स्त्रोतों की गुणवत्ता की जांच की जाती है। प्रदेश की प्रमुख नदियों महानदी में 8 सैम्पलिंग बिन्दुओं, खारून नदी में 4, हसदेव नदी में 4, शिवनाथ नदी में 6, केलो नदी में 2, इन्द्रावती नदी में व शंकिनी नदी में 1 बिन्दु पर लगातार सैम्पल लेकर जल की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। मण्डल द्वारा की गयी जांच में महानदी, शिवनाथ, खारून, अरपा एवं केलो नदियों में जल गुणवत्ता भारतीय मानक आई.एस. 2296 के अंतर्गत श्रेणी-सी. अर्थात परम्परागत् उपचार उपरांत पीने योग्य पाई गई है।
मण्डल द्वारा इन जांच नमूनों के अतिरिक्त सभी प्रमुख नदियों तथा उनकी सहायक नदियों एवं मुख्य झीलों, बाँधों तथा तालाबों के जल गुणवत्ता की मॉनिटरिंग भी की जा रही है। पानी में बी.ओ.डी. की मात्रा 03 मिलीग्राम के भीतर तथा डी.ओ. की मात्रा 5-6 मिलीग्राम पाई गई है, जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं। राज्य शासन के मार्गदर्शन में राज्य की 05 नदियों महानदी, शिवनाथ, खारून, अरपा एवं केलो, जिनमें कुछ भाग घरेलू दूषित जल से प्रभावित है, इनमें सुधार हेतु सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना कराई जा रही है।
इस तारतम्य में एनजीटी द्वारा दिये गए निर्देशों के अनुसार 1 जुलाई 2021 के पूर्व नगरीय क्षेत्रों से जनित दूषित जल के उपचार हेतु दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना एवं उसके संचालन के लिए सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है। फलस्वरूप घरेलू दूषित जल के उपचार हेतु विभिन्न नालों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। पार्सल भेजने के नाम पर राजधानी रायपुर की एक युवती से 5 लाख से अधिक की ठगी कर ली गई। पुलिस मामला दर्ज कर घटना की जांच में लगी है। आरोपी, फिलहाल पुलिस पकड़ से बाहर है।
पुलिस के मुताबिक न्यू राजेंद्र नगर स्थित आम्रपाली सोसायटी की एक युवती किरण सिंह (27) ने करीब 15 दिन पहले मेट्रोमोनियल साइट पर बायोडाटा भेजकर अपनी शादी के लिए रजिस्टे्रशन कराया। इस दौरान अज्ञात व्यक्ति ने उसे फोन कर कहा कि वह उससे शादी के लिए तैयार है। उसने युवती से यह भी कहा कि वह कुछ दस्तावेज और सामान भेज रहा है। इस दौरान अज्ञात व्यक्ति ने पार्सल भेजने के नाम पर युवती से 10 बार में 5 लाख 23 हजार 4 सौ रुपये अपने एकाउंट में जमा करा लिया।
बताया गया कि रकम जमा करने के बाद भी पार्सल नहीं आने पर युवती ने इसकी शिकायत राजेंद्र नगर पुलिस में की। पुलिस, संबंधित मोबाइल धारक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्जकर जांच में लगी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी के संबंध में फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है। संबंधित मोबाइल नंबर की जांच कराते हुए आरोपी तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। उनका मानना है कि आरोपी जल्द पकड़ लिया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। स्वर्गीय एफएक्स सेंटियागो स्मृति टेनिस प्रतियोगिता शुक्रवार 15 स शुरू हुई। इस प्रतियोगिता का उद्घाटन वरिष्ठ खिलाड़ी कैलाश दीक्षित, टेनिस संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अवतार जुनेजा एवं कोषाध्यक्ष लारेंस सेंटियागो ने किया। जिसमें 45, 55,एवम 65 प्लस के राज्य के लगभग 50 खिलाडी़ भाग ले रहे है।
45 + में विक्रम सिंह सिसोदिया एवं सुनील सुराणा की जोड़ी,55+ में प्रदीप मथानी एवं सुधीर वर्मा की जोड़ी एवं 65+ जी एस भांबरा एवम सुनील अग्रवाल की जोड़ी को प्रथम वरीयता दी गयी है। ज्ञातव्य है कि स्वर्गीय एफ एक्स सेंटियागो 1965 के गोंडवाना कप के विजेता रहे है एवम उनके बाद उनकी दूसरी एवम तीसरी पीढ़ी भी टेनिस के क्षेत्र में ही छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है जिसमें लारेंस सेंटियागो एरिल सेंटियागो हेनरी सेंटियागो एवम रोहिन सेंटियागो है।
प्रतियोगिता के पहले दिन के परिणाम इस प्रकार है
45+डबल्स में जी एन प्रधान एवं विजय संगोइ ने एस जैन एवम दिलीप बोथरा की जोड़ी को 8-7 से, रिंकू आनन्द एवम बंटी आनन्द ने एस संचेती एवम जितेंद्र राठौर को 8-3 से,अजय पारख एवम अनिल तुल्यानी ने हरिंदर सिंह एवम आनन्द आहूजा को 8-1 से, पी अग्रवाल एवं आर अग्रवाल ने मोइन खान एवम नितिन केडिया को 8-6 से, हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।
55+में सुनील जैन एवम आनन्द जैन ने एरिल सेंटियागो एवम श्री दास को 8-3 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। 65+डबल्स में लारेंस सेंटियागो एवम अवतार जुनेजा ने मुकेश चोपड़ा एवम विशाल अग्रवाल को 8-5 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। इस स्पर्धा में धमतरी, जगदलपुर, भिलाई सहित रायपुर के खिलाड़ी भाग ले रहे है।
ट्रैक्टर से पहुंचे नेता, राज्यपाल को ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। केन्द्र सरकार की तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस ने राजभवन का घेराव किया। हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता घेराव के लिए ट्रैक्टर से आए थे। घेराव के बाद कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई, कि कृषि कानूनों को निरस्थ करने के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी को वापस लिया जाए।
प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता राजीव भवन से घेराव के लिए निकले। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता ट्रैक्टर से आए थे। प्रदेशभर के दो दर्जन से अधिक विधायक और पार्टी के छोटे-बड़े पदाधिकारी घेराव में शामिल हुए। घेराव के लिए कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी। शास्त्री चौक से लेकर राजभवन तक जाम रहा।
प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू, अरूण वोरा, पारसनाथ राजवाड़े, राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा, अमितेश शुक्ला, शिशुपाल सोरी, चुन्नीलाल साहू, छन्नी साहू, गुरूदयाल बंजारे, कवासी लखमा, किस्मत लाल नंद, अनिता शर्मा और देवेन्द्र यादव सहित कई विधायक और पार्टी के सीनियर नेता भी प्रदर्शन में शामिल थे।
बाद में राजभवन के पास ये सभी नेता धरने पर बैठ गए। प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया कि मोदी सरकार ने देश के किसान, खेत और खलिहान के खिलाफ षडय़ंत्र किया है। केन्द्र सरकार तीन काले कानूनों के जरिए देश की हरित क्रांति को हराने की साजिश कर रही है। देश के अन्नदाता और भाग्यविधाता किसान, खेत-मजदूर की मेहनत को चंद पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षडय़ंत्र कर रहे हैं।
यह भी कहा गया कि केन्द्र सरकार ने संघीय ढांचे का उल्लंघन कर संविधान को रौंदकर संसदीय प्रणाली को दरकिनार कर और बहुमत के आधार पर बाहुबली मोदी सरकार ने संसद के अंदर तीन काले कानूनों को जबरन तथा बिना किसी चर्चा और राय मशविरे के पारित कर लिया है। यहां तक राज्यसभा में हर संसदीय प्रणाली और प्रजातंत्र को तार-तार कर ये कानून पारित किए गए।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एक तरफ किसान तीनों कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत हैं, तो दूसरी तरफ सरकार डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि कर किसानों और देश की आम जनता की दैनिक अर्थव्यवस्था पर बोझ डाल रही है। पिछले 73 वर्षों में सबसे ज्यादा पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में वृद्धि हुई है। यह भी कहा गया कि महामारी की आड़ में किसानों की आपदा को मुट्ठीभर पूंजीपतियों को अवसर में बदलने की मोदी सरकार की साजिश को अन्नदाता किसान और मजदूर कभी नहीं भूलेगा। यह भी आग्रह किया गया कि तीनों कानूनों को बिना देरी निरस्त करते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में की जा रही वृद्धि को वापस लिए जाने के लिए अविलंब हस्तक्षेप किया जाए।