स्थायी स्तंभ
सरकार बदलने के बाद भी कुछ निगम-आयोगों में भाजपा के लोग काबिज हैं, जिन्हें हटाने की कोशिश भी चल रही है। मार्कफेड के अध्यक्ष राधाकृष्ण गुप्ता हटाए जा चुके हैं और अब दुग्ध महासंघ अध्यक्ष रसिक परमार का नंबर है। रसिक परमार भी निर्वाचित हैं और उन्हें हटाने के लिए ग्राउंड तैयार किया जा रहा है।
वैसे तो मीडिया जगत से आए रसिक परमार की साख अच्छी है और उन पर भ्रष्टाचार के कोई ठोस आरोप नहीं हैं। लेकिन दुग्ध महासंघ के अफसर जरूर मौज-मस्ती वाले रहे हैं। महासंघ में ऊंचे ओहदे पर रहे एक अफसर ने भाजपा की टिकट से विधानसभा चुनाव की तैयारी भी की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाई। अफसर ने मतदाताओं को रिझाने के लिए इलाके में दूध-मठा भी बंटवाया था। खैर, रसिक परमार को हटाने के लिए पार्टी नेताओं का दबाव है। उनका कैबिनेट मंत्री का दर्जा वापस लिया जा चुका है। चूंकि लोकसभा का चुनाव चल रहा है और कृषि मंत्री अस्वस्थ हैं। इसलिए इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। कहा जा रहा है कि महीने के आखिरी तक उनकी सेवाएं वापस ली जा सकती है।
तीस अप्रैल 1945 को जर्मन तानाशाह हिटलर के आत्महत्या करने के बाद आठ मई को जनरल आल्फ्रेड योडल ने बिना शर्त आत्मसमर्पण के कागजों पर हस्ताक्षर कर दिए. आत्मसमर्पण मसौदे पर हस्ताक्षर फ्रांस के शहर रेंस में हुए.
द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत सितंबर 1939 में जर्मनी द्वारा पौलैंड पर हमले के साथ हुई. 1933 में अडोल्फ हिटलर के शासक बनने के साथ ही जर्मनी प्रथम विश्व युद्ध में मिली बेइज्जती का बदला लेने और दोबारा शक्तिशाली राष्ट्र बनने की कोशिश में जुट गया. प्रथम विश्व युद्ध में हार के बाद जर्मनी को वारसा की संधि पर जबरन हस्ताक्षर करना पड़े थे. इसके कारण उसे अपने कब्जे वाला बहुत सारा क्षेत्र छोड़ना पड़ा था. अपनी सेना सीमित करनी पड़ी और दूसरे देशों को प्रथम विश्व युद्ध में हुए नुकसान का भुगतान देना पड़ा था.
1939 से 1945 तक चलने वाले द्वितीय विश्व युद्ध में 61 देशों की थल, जल और वायु सेनाएं शामिल थीं. इस युद्ध में विश्व दो हिस्सों, मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र में बंट गया. पोलैंड पर जर्मनी के आक्रमण के बाद फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी और ब्रिटेन, अमेरिका और योवियत संघ समेत अन्य मित्र देशों ने फ्रांस का साथ दिया. दुनिया की आबादी का लगभग अस्सी फीसदी हिस्सा द्वितीय विश्व युद्ध में प्रभावित हुआ. इस युद्ध में करीब सात करोड़ जानें गई जिनमें बहुत बड़ा हिस्सा नागरिकों का था.
- 1847 -इंग्लैण्ड के रॉबर्ट डब्ल्यू. थॉमसन के नाम रबर टायर के लिए पेटेन्ट ज़ारी किया गया।
- 1886- कोका कोला पहली बार अटलान्टा में जैकब फार्मेसी में बेचा गया। इसके आविष्कारक थे जॉन स्टिथ पेम्बर्टन।
- 1945 - मित्र राष्ट्रों की सेनाओं के समक्ष जर्मनी का आत्मसमर्पण।
- 1999 - बेलग्राद स्थित चीनी दूतावास पर नाटो द्वारा प्रक्षेपास्त्रों से हमला।
- 2000 - भारतीय मूल के 69 वर्षीय लॉर्ड स्वराजपाल ब्रिटेन के चौथे सबसे बड़े विश्वविद्यालय ब्रिटिश यूनीवर्सिटी के कुलपति नियुक्त।
- 2001 - अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य नियंत्रण बोर्ड से भी बाहर।
- 2002 - पाकिस्तान दौरा रद्द कर न्यूजीलैंड की टीम स्वदेश लौटी।
- 2004 - श्रीलंका के मुरलीधरन ने 521 विकेट लेकर सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने का रिकार्ड बनाया।
- 2006 - संयुक्त राज्य अमेरिका पाकिस्तान को आधुनिकतम पारम्परिक शस्त्र प्रणाली देने पर सहमत।
- 2010 - छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में ताड़मेटला हमले के एक माह बाद बीजापुर- भोपालपट्टनम राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर सीआरपीएफ के बख्तरबंद वाहन को बारूदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया। इस घटना में आठ जवान शहीद हो गए। विस्फोट में वहां से गुजऱ रहे दो नागरिक भी घायल हो गए।
- 1929 - भारत की प्रसिद्ध ठुमरी गायिका गिरिजा देवी का जन्म हुआ।
- 1847- जर्मन अन्वेषक आस्कर हैमरस्टीन का जन्म हुआ, जिन्होंने सिगार का निर्माण किया, थिएटर बनाए। उनका जन्म स्टेटिन (पोलैण्ड) में हुआ, पर फिर वे 1863 में न्यूयॉर्क चले गए जहां उन्होंने सिगार के कारखाने में काम किया और खुद के बनाए सिगार बनाए। फिर उन्होंने सिगार रोलिंग मशीन तथा थिएटर के डिजाइन बनाए। (निधन-1 अगस्त 1919)
- 1786- अंग्रेज़ अन्वेषक थॉमस हैन्कॉक का जन्म हुआ, जिन्होंने ब्रिटिश रबर उद्योग की नींव रखी। उनका मुख्य आविष्कार था मैस्टिकेटर (कूचने का साधन)। यह रबर को टुकड़े तथा शीट बनाने में काम आता है। (निधन-26 मार्च 1865)
- 1794- फ्रांसीसी वैज्ञानिक ऐन्टनी लॉरेन्ट लैवाइज़े का निधन हुआ, जो आधुनिक रसायन विज्ञान के जनक के रूप में जाने जाते हैं। वे महान प्रयोगविद् थे जिन्होंने अपने खज़ाने से एक बड़ी-सी प्रयोगशाला बनाई थी, और वहां वायु पर अनुसंधान किए। (जन्म-26 अगस्त 1743)
- 1915-अमेरिकी अन्वेषक होरैस वाइमैन का निधन हुआ, जिन्होंने वस्त्र उद्योग में तथा लूम से सम्बन्धित 260 पेटेन्ट प्राप्त किए। उन्हें उनका पहला पेटेन्ट 29 अक्टूबर 1867 में लूम के लिए प्राप्त हुआ। (जन्म-27 नवम्बर 1827)
- महत्वपूर्ण दिवस- विश्व प्रवासी पक्षी दिवस, रेड क्रॉस दिवस।
रमन सिंह के पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह की गिनती देश के ताकतवर नौकरशाहों में होती रही है, लेकिन सरकार बदलते ही अमन सिंह दिक्कत में दिख रहे हैं। सरकार ने उनके खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी, जिसमें उन्हें फिलहाल अदालती राहत भी मिल गई है। मगर, कुछ और प्रकरण हैं जिसमें उन्हें थोड़ी-बहुत परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। एक प्रकरण उनकी अमेरिका यात्रा का है, जिसमें वे हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के कार्यक्रम में बतौर स्पीकर शामिल हुए थे। इस पूरी यात्रा पर करीब 7 लाख खर्च हुए थे। यह खर्चा एनआरडीए ने वहन किया था। अब इस पूरे खर्च को लेकर एनआरडीए दफ्तर में चर्चा हो रही है।
दस्तावेजों को देखे तो पहली नजर में अमन सिंह कहीं गलत नहीं दिखते हैं। वजह यह है कि खुद जीएडी ने एनआरडीए चेयरमैन की अमेरिका यात्रा और खर्चें की अनुमति दी थी। इसमें प्रथम श्रेणी हवाई यात्रा की विशेष अनुमति भी थी। वैसे तो प्रथम श्रेणी में हवाई यात्रा की पात्रता सिर्फ सीएम को रहती है और तत्कालीन सीएम रमन सिंह की खुद की अमन सिंह के लिए विशेष अनुमति रही है। अब यह भी कहा जा रहा है कि संस्थान ने अतिथि के आने-जाने का खर्च वहन क्यों नहीं किया?
जो लोग अमन सिंह को नजदीक से जानते हैं, वे मानते हैं कि अमन सिंह बहुत बारीक रहे हैं। मुकेश गुप्ता की तरह उनसे शायद ही कोई लापरवाह चूक हुई हो। यह जानकर लोगों को हैरानी होगी कि पिछले पांच साल में अमन सिंह ने किसी फाइल पर दस्तखत नहीं किए। जबकि सबसे ज्यादा गड़बड़ी उनके विभाग में सामने आ रही है, लेकिन इसके लिए वे जिम्मेदार नहीं दिखते हैं। जिस किसी फाइल में भी उनके दस्तखत हैं उनमें विभागीय मंत्री के साथ-साथ उनसे ऊपर के कई अफसरों के दस्तखत हैं। यानी उन्हें किसी गलती के लिए उन्हें अकेले जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। ये अलग बात है कि रमन सरकार में जो कुछ भी अच्छा हुआ, उसका श्रेय बिना कुछ किए अमन को ही मिला। नेता, अफसर हो या फिर पत्रकार, जिस किसी से भी उनकी ठनी, उन्हें पछाड़ कर ही दम लिया। उनकी कार्यशैली पर नजर रखने वाले दावा करते हैं कि अमन को घेर पाना मुश्किल ही नहीं, नामुकिन है।
कॉल रिकॉर्डिंग, जायज-नाजायज?
टेलीफोन पर लोगों से की जा रही बातचीत रिकॉर्ड करना जायज है या नहीं यह कहना अब कुछ मुश्किल हो चला है। एक वक्त था जब लोग अपनी कही बातों के साथ खड़े रहते थे, लेकिन अब खड़े-खड़े मुकर जाते हैं। बिलासपुर हाईकोर्ट में एक बड़े सरकारी वकील ने अभी सरगुजा से आने वाले छत्तीसगढ़ के एक प्रमुख पत्रकार के खिलाफ पुलिस में शिकायत की कि उन्होंने अनिल टुटेजा की जमानत के बारे में पूछताछ करते हुए उन्हें डांटा, और उन्हें धमकाया भी। उन्हें यह बात बुरी लगी है, और इस पर पुलिस कार्रवाई करे। पुलिस पहली नजर में हैरान-परेशान हुई कि किसी को कोई बात बुरी लगी हो तो उसमें पुलिस क्या करे? लेकिन चूंकि बात प्रदेश के एक सबसे बड़े सरकारी वकील की थी, इसलिए पुलिस ने शिकायत में दिए गए फोन नंबर पर फोन करके पत्रकार को चमकाना शुरू किया। लेकिन थाने वाले को अंदाज नहीं था कि सामने ऐसा पत्रकार है जिसकी आए दिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों से बात-मुलाकात होती रहती है, और जो कानून की थोड़ी सी समझ भी रखता है। उसने थाने को सलाह दी कि उसे औपचारिक नोटिस भेजा जाए तो वह पूछताछ के लिए पेश होगा। अब बुरे लगने पर तो कोई जुर्म बनता नहीं है, धारा लगती नहीं है, वकील का बयान पुलिस ने लिया नहीं है, ऐसे में नोटिस भेजे तो क्या भेजे?
कहा जा रहा है कि इस पत्रकार ने इस बातचीत के टेलीफोन कॉल को रिकॉर्ड कर लिया था, और पूरी बातचीत में वकील साहब जवाब दे रहे थे, उन्हें कुछ बुरा लगते नहीं दिख रहा था। लेकिन अगर बातचीत रिकॉर्ड नहीं होती तो अमूमन लोग यह मान लेते कि पत्रकार था तो धमकाया ही होगा, और वकील है तो शिकायत सही ही होगी।
अब इस केस को देखें तो लगता है कि कॉल रिकॉर्ड करना जायज है क्योंकि कब कोई किसी कॉल को धमकाने वाला कहने लगे, इसका कोई ठिकाना तो है नहीं। अभी-अभी एक दूसरे मामले में रायपुर की एक सामाजिक कार्यकर्ता महिला ने पुलिस में रिपोर्ट की है कि किस तरह उद्योग विभाग का एक अधिकारी उससे फोन पर नशे में ऊलजलूल बातें कर रहा था, और बात पूरी होने के बाद उस अधिकारी के आसपास के लोग किस तरह शराब पीते हुए आपस में उस महिला के बारे में गंदी और अश्लील बातें कर रहे थे। अब इसकी भी अगर रिकॉर्डिंग नहीं होती, तो यह शिकायत कैसे हो पाती? इसलिए आत्मरक्षा में ऐसी रिकॉर्डिंग अब नाजायज नहीं कही जा सकती।
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मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद के एक मशहूर वकील थे. लेकिन उनका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी अहम किरदार रहा. वह 1919 से 1920 और दूसरी बार 1928 से 1929 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे.
ब्रिटिश शासन काल में पश्चिमी अंदाज की उच्च शिक्षा पाने वाले भारतीयों में मोतीलाल नेहरू कुछ प्रारंभिक लोगों में से एक थे. उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की और काफी समय तक अंग्रेजी न्यायालयों में वकील के रूप में काम किया. 1919 में अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर वकालत छोड़ दी और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए.
मेतीलाल नेहरू वैसे तो पश्चिमी रहन सहन और वेशभूषा से खासे प्रभावित थे लेकिन महात्मा गांधी से संपर्क में आने पर उनकी सोच पर काफी फर्क पड़ा. उन्होंने देशबंधु चित्तरंजन दास के साथ 1923 में 'स्वराज पार्टी' का गठन किया. इसी के जरिए वह 'सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली' पहुंचे और बाद में वह विपक्ष के नेता बने. उन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान भारतीयों के पक्ष को सामने रखने के लिए 'इंडिपेंडेंट अखबार' भी चलाया.
इलाहाबाद में अपना नया घर बनवाने के बाद अपना पुराना घर स्वराज भवन उन्होंने कांग्रेस को इस्तेमाल के लिए दे दिया. जवाहरलाल नेहरू उनके एकलौते पुत्र थे. उनकी दो बेटियां विजयलक्ष्मी पंडित और कृष्णा हठीसिंह थीं. मोतीलाल नेहरू का 1931 में इलाहाबाद में निधन हुआ.
- 1878 -जोजफ़ आर. विन्टर्स ने आग से बचाने वाली सीढ़ी के लिए पेटेन्ट प्राप्त किया।
- 1963-संयुक्त राज्य ने टेलीस्टार द्वितीय नामक संचार उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा।
- 1976 - एलेक्ज़ेंडर ग्राहम बेल को अपने आविष्कार का पेटेंट मिला जिसे उन्होंने टेलीफ़ोन (दूरभाष) का नाम दिया।
- 1989 - भारतीय मूल के लेखक सलमान रश्दी के खिलाफ ईरानी फ़तवे के बाद ब्रिटेन और ईरान के बीच राजनयिक सम्पर्क टूट गया।
- 1999 - स्काटलैंड संसदीय चुनावों में लेबर पार्टी को सफलता।
- 2000 - ब्लादिमीर पुतिन ने रूस के नए राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार सम्भाला।
- 2002 - गुजरात की हिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने गम्भीर चिंता जताई।
- 2004 - नेपाल के प्रधानमंत्री सूर्य बहादुर थापा ने इस्तीफ़ा दिया।
- 2008 - रूस के पूर्व राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने देश के 10वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। पाकिस्तान ने परमाणु क्षमता से लैस मिसाइल हत्फ़-8 का परीक्षण किया।
- 1861 - नोबेल पुरस्कार प्राप्त बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार रवीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म हुआ।
- 1880 - महान भारतीय संस्कृतज्ञ और विद्वान पंडित पांडुरंग वामन काणे का जन्म हुआ।
- 1893 - भारतीय गुरु परमहंस योगानंद का जन्म हुआ।
- 1939- कनाडाई अमेरिकी अणु जीवविज्ञानी सिडनी आल्टमैन का जन्म हुआ, जिन्हें आर.एन.ए सम्बन्धित खोज करने के लिए थॉमस आर. सेक के साथ 1989 का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- 1855 -इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ऑस्कर वॉन मिलर का जन्म हुआ, जो जर्मनी में उद्युत-उत्पादन उद्योग के प्रोत्साहक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने म्यूनिख में ड्यूट्शेस म्यूजिय़म आफ साइंस ऐन्ड टेक्नोलॉजी की स्थापना भी की। (निधन-9 अप्रैल 1934)
- 1925- ब्रिटेन के समाजसेवी तथा साबुन निर्माता विलियम लीवर का निधन हुआ, जिन्होंने वर्ष 1886 में अपने भाई जेम्स के साथ मिलकर साबुन कम्पनी की स्थापना की। यह वानस्पतिक तेलों से साबुन बनाने वाली पहली कम्पनी थी। वर्ष 1900 में उन्होंने लाइफबॉय, लक्स, फ्लेक्स आदि साबुन आदि निर्मित किए। (जन्म-19 सितम्बर 1851)
- 1998-दक्षिण अफ्रीका में जन्मे अमेरिकी चिकित्सक ऐलन मैक्लियॉड कॉर्मैक का निधन हुआ, जिन्होंने गणितीय लघुगणन तैयार किया जिससे नई चिकित्सकीय पद्धति कम्प्यूटराइज़्ड ऐक्सियल टोमोग्राफी(सी.टी.स्कैन) का विकास सम्भव हुआ। (जन्म -23 फरवरी 1924)
- महत्वपूर्ण दिवस- सीमा सडक़ संगठन स्थापना दिवस।
जम्मू-कश्मीर के छोटे से जिले लेह के पत्रकारों ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेताओं ने लोकसभा चुनाव में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए पैसा देने की कोशिश की। चुनाव आयोग इसकी पड़ताल कर रहा है। राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के वक्त पत्रकारों को पैसे देने का चलन-सा है। छत्तीसगढ़ में भी 2013 के विधानसभा में कांग्रेस की एक सूची वायरल हुई थी, जिसमें यह उल्लेख था कि किस पत्रकारों को कितने पैसे दिए गए। जिन पत्रकारों ने पैसे लिए थे, उन्होंने चुपचाप रख लिए, लेकिन सूची में कई नाम ऐसे थे जिन्होंने पैसे नहीं लिए पर उनके नाम के आगे राशि का जिक्र था। ऐसे पत्रकारों ने पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई थी, तब मीडिया विभाग संभाल रहे रमेश वल्र्यानी को काफी सफाई देनी पड़ी।
लेन-देन की रिकॉर्डिंग मौजूद है
इस बार के विधानसभा चुनाव में तो बहुत कुछ हुआ। एक राजनीतिक दल ने तो एक मीडिया कंपनी को कुछ पत्रकारों को पैसे देने का जिम्मा सौंपा था। कंपनी के लोग काफी होशियार निकले, उन्होंने चुपचाप रिकॉर्डिंग भी करवा रखी है। ताकि किसी तरह का कम-ज्यादा का आरोप-प्रत्यारोप होने पर सबूत उपलब्ध रहे। लोकसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा ने विज्ञापन और मीडिया के लोगों को किसी तरह का व्यवहार देने से खुद को अलग रखा। सुनते हंै कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश में इन सब चीजों का हिसाब-किताब रखने वालों पर उंगलियां उठ रही हैं। चर्चा तो यह भी है कि विधानसभा चुनाव में करीब साढ़े 8 करोड़ रूपए बांटे गए थे। यह सब विज्ञापन से अलग था। विरोधी नेता आपसी चर्चा में यह कह रहे हैं कि इसमें काफी हेर-फेर हुई है। और जिम्मेदार लोगों ने पैसे दबा दिए। कई पत्रकारों ने पैसे लेने से मना भी किया, लेकिन छोटे से जिले लेह के पत्रकारों जैसा हौसला नहीं दिखा पाए।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू का जन्म आज ही के दिन 1861 में हुआ था.
मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद के एक मशहूर वकील थे. लेकिन उनका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी अहम किरदार रहा. वह 1919 से 1920 और दूसरी बार 1928 से 1929 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे.
ब्रिटिश शासन काल में पश्चिमी अंदाज की उच्च शिक्षा पाने वाले भारतीयों में मोतीलाल नेहरू कुछ प्रारंभिक लोगों में से एक थे. उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की और काफी समय तक अंग्रेजी न्यायालयों में वकील के रूप में काम किया. 1919 में अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर वकालत छोड़ दी और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए.
मेतीलाल नेहरू वैसे तो पश्चिमी रहन सहन और वेशभूषा से खासे प्रभावित थे लेकिन महात्मा गांधी से संपर्क में आने पर उनकी सोच पर काफी फर्क पड़ा. उन्होंने देशबंधु चित्तरंजन दास के साथ 1923 में 'स्वराज पार्टी' का गठन किया. इसी के जरिए वह 'सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली' पहुंचे और बाद में वह विपक्ष के नेता बने. उन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान भारतीयों के पक्ष को सामने रखने के लिए 'इंडिपेंडेंट अखबार' भी चलाया.
इलाहाबाद में अपना नया घर बनवाने के बाद अपना पुराना घर स्वराज भवन उन्होंने कांग्रेस को इस्तेमाल के लिए दे दिया. जवाहरलाल नेहरू उनके एकलौते पुत्र थे. उनकी दो बेटियां विजयलक्ष्मी पंडित और कृष्णा हठीसिंह थीं. मोतीलाल नेहरू का 1931 में इलाहाबाद में निधन हुआ.
- 1840-चिपकने वाला डाक टिकट पहली बार ब्रिटेन में बिका।
- 1851-अमेरिका में जॉन गौरी के नाम बर्फ जमाने की मशीन के नाम से पेटेन्ट ज़ारी किया गया। यह किसी रेफ्रीजेरेटर के लिए पहला पेटेन्ट था।
- 1985 - द्वितीय विश्वयुद्ध में बैली पुलों के आविष्कारकर्ता सर डोनाल्ड बैली का इंग्लैंड में निधन।
- 1997 - फ्रांस की क्रिस्टिन जेनिन धु्रव पर पैदल पहुंचने वाली विश्व की प्रथम महिला बनी।
- 2004 - चीन ने सिक्किम को भारत का अंग माना।
- 2005 - संयुक्त राष्ट्र ने लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठन की सूची में डाला।
- 2006 - टाइटेनिक के डूबने की घटना की आखिरी चश्मदीद गवाह अमेरिकी नागरिक लिलियन एस्प्लंट का निधन। दुनिया की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेशक पोर्टर ग्रास ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया।
- 2007 - फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में निकोलस सार्कोजी जीते।
- 2008 - बांग्लादेश में एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूर्व प्रधानमंत्री ख़ालिदा जिया के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में पहली बार आरोप पत्र दाखिल किया।
- 2010- सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने सांसदों को मिलने वाली स्थानीय क्षेत्र विकास निधि की संवैधानिक वैधता को यह कहकर बरकरार रखा कि संसद के पास इसके तहत कोष आवंटित करने की वैध शक्तियां हैं। इस योजना के तहत सांसदों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए दो करोड़ रुपए सालाना मिलते हैं। मुंबई में हुए 26/11 हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को मौत की सज़ा सुनाई गई।
- 1861 - स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ पंडित मोतीलाल नेहरू का जन्म हुआ।
- 1871- फ्रांसीसी रसायनज्ञ फ्रांस्वा आगस्ट विक्टर ग्रिगनार्ड का जन्म हुआ, जिन्हें ग्रिगनार्ड अभिक्रिया के लिए पॉल सैबेश्यर के साथ सन् 1912 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। (निधन-3 दिसम्बर 1935)
- 1856 -अमेरिकी साहसिक खोजी रॉबर्ट एड्विन पियरी का जन्म हुआ, जो उत्तरी धु्रव पर जाने वाले पहले व्यक्ति बने। वे 6 अप्रैल 1909 में अपने साथी मैथ्यू हेनसन तथा चार एस्किमो साथियों के साथ उत्तरी ध्रुव पर पहुंचे थे। (निधन- 20 फरवरी 1920)
- 1963 हंगरी के ऐरोनॉटिकल इंजीनियर थ्योडर वॉन कैर्मन का निधन हुआ, जिन्होंने ध्वनि की गति से भी तेज़ चलने वाला पहला विमान बेल एक्स-1 बनाया। (जन्म-11 मई 1881)
- 1904- अंग्रेज़ रसायनज्ञ एलेक्ज़ेन्डर विलियम विलियमसन का निधन हुआ, जिनके एल्कोहल तथा ईथर पर किए अनुसंधान से कार्बनिक आण्विक संरचना पर रोशनी डाली। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने उत्प्रेरक की भूमिका को माध्यमिक उत्पाद के ज़रिए समझाया। (जन्म -1 मई 1824)।
सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर कांग्रेस ने भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा को बैन कर दिया है। पार्टी नेता शिवरतन शर्मा के साथ किसी भी टीवी डिबेट में हिस्सा नहीं लेंगे। पिछले कुछ समय से शिवरतन शर्मा, भूपेश सरकार के खिलाफ मुखर हैं। वैसे तो वे भाजपा की गुटीय राजनीति में रमनविरोधी खेमे माने जाते थे, लेकिन सरकार ने जैसे ही रमन-परिवार पर निगाह तिरछी की, तो बचाव में सबसे पहले शिवरतन शर्मा ही आगे आए। वे अब रमन के भरोसेमंद माने जाने लगे हैं।
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि पार्टी ने वर्ष-2013 के विस चुनाव में उन्हें टिकट नहीं देने का फैसला किया था, तब बृजमोहन अग्रवाल के अडऩे की वजह से उन्हें टिकट मिल पाई और चुनाव भी जीत गए। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाग्य ने उनका साथ दिया और त्रिकोणीय संघर्ष में फिर बाजी मार गए। इन सफलताओं के बावजूद पार्टी के भीतर उनकी छवि कोई अच्छी नहीं रही है। उनका परिवार चावल कारोबार से जुड़ा है। कुछ साल पहले बलौदाबाजार में चावल-धान घोटाला हुआ था, तो शिवरतन शर्मा निशाने पर रहे।
भाजपा सरकार में उनके परिवार ने काफी आर्थिक तरक्की की। नागरिक आपूर्ति निगम में परिवहन के ठेके में पूर्व विधायक गुरूमुख सिंह होरा परिवार का बहुत लंबे समय से एकाधिकार रहा है, लेकिन शिवरतन के परिवार ने होरा का वर्चस्व तोड़ दिया। भाटापारा में शिवरतन परिवार का डीपीएस स्कूल भी है। वे भाटापारा-बलौदाबाजार जिले में एक बड़ी आर्थिक ताकत बन चुके हैं।
सुनते हैं कि रमन सरकार में मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दिलाने के लिए सरोज पाण्डेय ने काफी मेहनत की थी। तब एक प्रमुख नेता ने निजी चर्चाओं में यह कहकर खारिज किया था कि शिवरतन को मंत्रिमंडल में शामिल करने से अच्छा संदेश नहीं जाएगा और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सकता है। अब जब शिवरतन शर्मा आक्रामक दिख रहे हैं, तो इसकी प्रतिक्रिया भी हो सकती है। फिलहाल तो उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जा रही है।
बहिष्कार के मुकाबले बहिष्कार
भारतीय जनता पार्टी ने कुछ समय पहले जब कांगे्रस के एक प्रवक्ता विकास तिवारी का टीवी चैनलों पर बहिष्कार घोषित किया, तो कांगे्रस प्रवक्ताओं की लिस्ट में मिलीजुली प्रतिक्रिया रही। एक ही तरह के काम करने वाले लोगों के बीच जाहिर है कि थोड़ी सी खींचतान रहती ही है, और हर टीवी डिबेट के बाद जब दोनों-तीनों पार्टियों के लोग चाय पर गपियाते हैं, तो अपनी-अपनी पार्टी के दूसरों की कमजोरियां भी बांटी जाती हैं। ऐसे में विकास तिवारी का बहिष्कार उन पर भारी पड़ रहा था।
अब जब शिवरतन शर्मा के एक बयान को लेकर कांगे्रस ने पहले जब केवल बयान जारी किया तो विकास तिवारी बेचैन थे। उनकी बेचैनी को देखते हुए पार्टी ने फिर शिवरतन शर्मा का बहिष्कार किया, तो कलेजे में कुछ ठंडक पड़ी।
प्रवक्ताओं की जात क्या है?
एक दिलचस्प बात यह है कि छत्तीसगढ़ में कांगे्रस और भाजपा जैसी दोनों बड़ी पार्टियों के प्रवक्ताओं को टीवी पर देखें, तो दिखता है कि ब्राम्हण या सवर्ण हावी हैं। कांगे्रस की लिस्ट देखें तो राजेन्द्र तिवारी, शैलेष नितिन त्रिवेदी, आरपी सिंह, किरणमयी नायक, विकास तिवारी, रमेश वल्र्यानी जैसे लोग ही टीवी के परदे पर दिखते हैं। दूसरी तरफ भाजपा में सच्चिदानंद उपासने, श्रीचंद सुंदरानी, केदार गुप्ता, संजय श्रीवास्तव, के चेहरे ही टीवी पर दिखते हैं।
कहने के लिए इन पार्टियों की प्रवक्ता-सूची में मुस्लिम, ईसाई, दलित, आदिवासी हो सकते हैं, लेकिन अमूमन वे टीवी पर दिखते नहीं हैं। अब अल्पसंख्यकों और सबसे दबे-कुचले तबकों की जगह पार्टी की ओर से बोलने में ही इतनी कमजोर रखी गई है, तो बहस में इन तबकों के तजुर्बों की भला क्या जगह होती होगी? लेकिन राजनीतिक दलों के लोगों अखबारों के संपादकीय विभाग या न्यूज रूम को भी गिना सकते हैं कि वहां पर भी तो महज ब्राम्हणों का बोलबाला है। मीडिया मालिक अधिकतर मारवाड़ी, और पत्रकार अधिकतर ब्राम्हण!
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60 के दशक में सोवियत संघ और अमेरिका के बीच धरती ही नहीं अंतरिक्ष में भी एक दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ लगी थी. आज ही के दिन एलन शेपर्ड अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले अमेरिकी नागरिक बने.
5 मई 1961 को अमेरिका ने पहली बार नागरिक शेपर्ड को अंतरिक्ष में भेजा. इसी के साथ अमेरिका रूस के बाद अंतरिक्ष में इंसान भेजने वाला दूसरा देश बन गया. फ्रीडम 7 मिशन के तहत अमेरिका अक्टूबर 1960 से ही एलन शेपर्ड को अंतरिक्ष में भेजना चाह रहा था. लेकिन तकनीकी कारणों से इसमें रुकावटें आती रहीं.
आखिरकार 5 मई 1961 को यह मुमकिन हुआ. एलन शेपर्ड ने अंतरिक्ष में करीब 15 मिनट बिताए. शेपर्ड धरती से 187 किलोमीटर की दूरी तय करने में तो सफल रहे, लेकिन वह धरती के चारों तरफ घूम नहीं पाए. हालांकि शेपर्ड के अंतरिक्ष में जाने से पहले ही 12 अप्रैल 1961 को सोवियत संघ के हीरो यूरी गागरिन अंतरिक्ष पहुंच चुके थे. अगले 10 महीने अमेरिका के लिए काफी मुश्किल भरे रहे. 1962 में एक बार फिर अमेरिका की उम्मीदें जगीं.
20 फरवरी 1962 को अमेरिका ने 40 वर्षीय जॉन ग्लेन को अंतरिक्ष में भेजा. कहा जा सकता है कि फ्रेंडशिप 7 मरक्युरी अंतरिक्ष यान ने अमेरिका की इज्जत बचा ली. इस यान ने 296 मिनटों में धरती के तीन चक्कर लगाए. जब जॉन ग्लेन धरती पर लौटे तो वो अमेरिका के नए हीरो थे. उस वक्त राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी ने पूरे सम्मान के साथ ग्लेन का स्वागत किया. अमेरिका दुनिया को यह संदेश देने में कामयाब रहा कि वह भी किसी से पीछे नहीं है.
- 1936-घुमा कर खोलने वाली पहली बोतल का पेटेन्ट एडवर्ड ए. रैवेन्स्कॉफ्र्ट के नाम जारी किया गया।
- 1963 -पहला मानव यकृत प्रत्यारोपण अमेरिका में डॉ. थॉमस ई. स्टाल्र्ज के द्वारा किया गया।
- 1949 - भारत में झारखंड पार्टी की स्थापना हुई ।
- 1999 - रोजाने प्रोदी यूरोपीय संघ के कार्यकारी अध्यक्ष बने।
- 2003 - भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग की बैठक सिलहट में शुरू, बेल्जियम में गुय वेरहोफ्सराड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का पतन।
- 2008- एनटीपीसी के रिहन्द सुपर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट को लगातार तीसरे वर्ष ग्रीनटेक गोल्ड सेफ्टी अवार्ड मिला। डिस्पोजल सीरिंज के आविष्कारक न्यूजीलैंड के कोलिन मार्डोक का निधन।
- 2010- आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से नई पीढ़ी के उच्च क्षमता वाले साउंडिंग रॉकेट का उड़ान परीक्षण सफल रहा। इसरो द्वारा विकसित तीन टन भार वहन क्षमता वाला यह राकेट देसी रॉकेटों में अब तक का सबसे भारी रॉकेट है। इसमें एयर ब्रीथिंग तकनीक युक्त स्क्रैमजेट इंजन मॉड्यूल का इस्तेमाल किया गया है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने नारको एनालिसिस, ब्रेन मैपिंग या पोलीग्राफ टेस्ट जैसी जांचों को व्यक्ति के संविधान में प्राप्त स्वदोषारोपण से छूट व निजी स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताकर अस्वीकार कर दिया। राजस्थान सरकार द्वारा गुर्जरों को 1 प्रतिशत आरक्षण तत्काल और 4 प्रतिशत का बैकलॉग रखने के समझौते के बाद गुर्जरों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने सभी कोर्सों में सेक्स वर्कर्स और उनके आश्रितों की फ़ीस माफ करने की घोषणा की।
- 2010- भारतीय उद्योगपति जीपी बिड़ला का निधन हुआ।
- 1916 - सिख धर्म के विद्वान पंजाब के मुख्यमंत्री, भारत के राष्ट्रपति पद पर पहुंचने वाले ज्ञानी ज़ैल सिंह का जन्म हुआ।
- 2006 - प्रसिद्ध फि़ल्मी संगीतकार नौशाद अली का निधन हुआ।
- 1821 -फ्रांस के शक्तिशाली तानाशाह नेपोलियन बोनापार्ट का निधन हुआ।
- 1811- अंग्रेज़ अमेरिकी रसायनज्ञ जॉन विलियम ड्रैपर का जन्म हुआ, जो फोटोकेमिस्ट्री शुरू करने के लिए जाने जाते हैं। उनका मानना था कि प्रकाश, रासायनिक अभिक्रियाएं शुरू करता है क्योंकि पदार्थ के अणु आपतित प्रकाशरूपी ऊर्जा को अवशोषित करते हैं। (निधन-4 जनवरी 1882)
- 1921 -अमेरिकी भौतिक विज्ञानी आर्थर एल. शॉलोव का जन्म हुआ, जिन्हें लेजऱ के विकास के लिए तथा लेजऱ स्पेक्ट्रोस्कोपी को विकसित करने के लिए स्वीडन के काइ सीग्बैन तथा अमेरिका के निकोलास ब्लोएम्बर्गन के साथ वर्ष 1981 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला। (निधन- 28 अप्रैल 1999)
- 1600 -फ्रांसीसी राजनयिक जीन निकोट का निधन हुआ, जिन्होंने फ्रांसीसी अदालत में तम्बाकू का परिचय कराया तथा उसके औषधीय गुणों तथा सरदर्द में उसके इस्तेमाल पर जोर दिया। तम्बाकू के पौधे का वानस्पतिक नाम निकोटिएना टोबैकम उनके नाम पर ही रखा गया है। (जन्म-1530)
- 1957-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. जोसफ विलियम कैनेडी का निधन हुआ, जो प्लूटोनियम के चार आविष्कारकों में से एक थे जिसे उन्होंने साइक्लोट्रॉन में यूरेनियम ऑक्साइड पर ड्यूटेरॉनों की बमबारी के साथ कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में बनाया था। (जन्म 30 मई 1916)
- महत्वपूर्ण - विश्व सूर्य दिवस।
60 के दशक में सोवियत संघ और अमेरिका के बीच धरती ही नहीं अंतरिक्ष में भी एक दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ लगी थी. आज ही के दिन एलन शेपर्ड अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले अमेरिकी नागरिक बने.
5 मई 1961 को अमेरिका ने पहली बार नागरिक शेपर्ड को अंतरिक्ष में भेजा. इसी के साथ अमेरिका रूस के बाद अंतरिक्ष में इंसान भेजने वाला दूसरा देश बन गया. फ्रीडम 7 मिशन के तहत अमेरिका अक्टूबर 1960 से ही एलन शेपर्ड को अंतरिक्ष में भेजना चाह रहा था. लेकिन तकनीकी कारणों से इसमें रुकावटें आती रहीं.
आखिरकार 5 मई 1961 को यह मुमकिन हुआ. एलन शेपर्ड ने अंतरिक्ष में करीब 15 मिनट बिताए. शेपर्ड धरती से 187 किलोमीटर की दूरी तय करने में तो सफल रहे, लेकिन वह धरती के चारों तरफ घूम नहीं पाए. हालांकि शेपर्ड के अंतरिक्ष में जाने से पहले ही 12 अप्रैल 1961 को सोवियत संघ के हीरो यूरी गागरिन अंतरिक्ष पहुंच चुके थे. अगले 10 महीने अमेरिका के लिए काफी मुश्किल भरे रहे. 1962 में एक बार फिर अमेरिका की उम्मीदें जगीं.
20 फरवरी 1962 को अमेरिका ने 40 वर्षीय जॉन ग्लेन को अंतरिक्ष में भेजा. कहा जा सकता है कि फ्रेंडशिप 7 मरक्युरी अंतरिक्ष यान ने अमेरिका की इज्जत बचा ली. इस यान ने 296 मिनटों में धरती के तीन चक्कर लगाए. जब जॉन ग्लेन धरती पर लौटे तो वो अमेरिका के नए हीरो थे. उस वक्त राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी ने पूरे सम्मान के साथ ग्लेन का स्वागत किया. अमेरिका दुनिया को यह संदेश देने में कामयाब रहा कि वह भी किसी से पीछे नहीं है.
* 1936-घुमा कर खोलने वाली पहली बोतल का पेटेन्ट एडवर्ड ए. रैवेन्स्कॉफ्र्ट के नाम जारी किया गया।
* 1963 -पहला मानव यकृत प्रत्यारोपण अमेरिका में डॉ. थॉमस ई. स्टाल्र्ज के द्वारा किया गया।
* 1949 - भारत में झारखंड पार्टी की स्थापना हुई ।
* 1999 - रोजाने प्रोदी यूरोपीय संघ के कार्यकारी अध्यक्ष बने।
* 2003 - भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग की बैठक सिलहट में शुरू, बेल्जियम में गुय वेरहोफ्सराड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का पतन।
* 2008- एनटीपीसी के रिहन्द सुपर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट को लगातार तीसरे वर्ष ग्रीनटेक गोल्ड सेफ्टी अवार्ड मिला। डिस्पोजल सीरिंज के आविष्कारक न्यूजीलैंड के कोलिन मार्डोक का निधन।
* 2010- आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से नई पीढ़ी के उच्च क्षमता वाले साउंडिंग रॉकेट का उड़ान परीक्षण सफल रहा। इसरो द्वारा विकसित तीन टन भार वहन क्षमता वाला यह राकेट देसी रॉकेटों में अब तक का सबसे भारी रॉकेट है। इसमें एयर ब्रीथिंग तकनीक युक्त स्क्रैमजेट इंजन मॉड्यूल का इस्तेमाल किया गया है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने नारको एनालिसिस, ब्रेन मैपिंग या पोलीग्राफ टेस्ट जैसी जांचों को व्यक्ति के संविधान में प्राप्त स्वदोषारोपण से छूट व निजी स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताकर अस्वीकार कर दिया। राजस्थान सरकार द्वारा गुर्जरों को 1 प्रतिशत आरक्षण तत्काल और 4 प्रतिशत का बैकलॉग रखने के समझौते के बाद गुर्जरों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने सभी कोर्सों में सेक्स वर्कर्स और उनके आश्रितों की फ़ीस माफ करने की घोषणा की।
* 2010- भारतीय उद्योगपति जीपी बिड़ला का निधन हुआ।
* 1916 - सिख धर्म के विद्वान पंजाब के मुख्यमंत्री, भारत के राष्ट्रपति पद पर पहुंचने वाले ज्ञानी ज़ैल सिंह का जन्म हुआ।
* 2006 - प्रसिद्ध फि़ल्मी संगीतकार नौशाद अली का निधन हुआ।
* 1821 -फ्रांस के शक्तिशाली तानाशाह नेपोलियन बोनापार्ट का निधन हुआ।
* 1811- अंग्रेज़ अमेरिकी रसायनज्ञ जॉन विलियम ड्रैपर का जन्म हुआ, जो फोटोकेमिस्ट्री शुरू करने के लिए जाने जाते हैं। उनका मानना था कि प्रकाश, रासायनिक अभिक्रियाएं शुरू करता है क्योंकि पदार्थ के अणु आपतित प्रकाशरूपी ऊर्जा को अवशोषित करते हैं। (निधन-4 जनवरी 1882)
* 1921 -अमेरिकी भौतिक विज्ञानी आर्थर एल. शॉलोव का जन्म हुआ, जिन्हें लेजऱ के विकास के लिए तथा लेजऱ स्पेक्ट्रोस्कोपी को विकसित करने के लिए स्वीडन के काइ सीग्बैन तथा अमेरिका के निकोलास ब्लोएम्बर्गन के साथ वर्ष 1981 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला। (निधन- 28 अप्रैल 1999)
* 1600 -फ्रांसीसी राजनयिक जीन निकोट का निधन हुआ, जिन्होंने फ्रांसीसी अदालत में तम्बाकू का परिचय कराया तथा उसके औषधीय गुणों तथा सरदर्द में उसके इस्तेमाल पर जोर दिया। तम्बाकू के पौधे का वानस्पतिक नाम निकोटिएना टोबैकम उनके नाम पर ही रखा गया है। (जन्म-1530)
* 1957-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. जोसफ विलियम कैनेडी का निधन हुआ, जो प्लूटोनियम के चार आविष्कारकों में से एक थे जिसे उन्होंने साइक्लोट्रॉन में यूरेनियम ऑक्साइड पर ड्यूटेरॉनों की बमबारी के साथ कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में बनाया था। (जन्म 30 मई 1916)
* महत्वपूर्ण - विश्व सूर्य दिवस।
लखनऊ के संजय गांधी पीजी अस्पताल में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का इलाज चल रहा है। यूपी के इस सबसे बड़े अस्पताल का नामकरण प्रदेश सरकार की पहल पर संजय गांधी के नाम पर किया गया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका उद्घाटन किया। मगर, अस्पताल का सबसे ज्यादा काम मोतीलाल वोरा के गवर्नर रहते हुआ था। वे इस अस्पताल की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन रहे हैं। पिछले दिनों वे रविन्द्र चौबे को देखने अस्पताल गए तो वहां उन्होंने कांग्रेस नेताओं को बताया कि यहां उन्होंने क्या-क्या काम करवाए हैं।
अस्पताल के चिकित्सक भी उनके योगदान को नहीं भूले हैं। इससे परे वोराजी ने कांग्रेस नेताओं को एक और बात बताई, जो कि कईयों को नहीं मालूम था। वोराजी दुर्ग शहर से आधा दर्जन बार विधायक रहे हैं। जब पहली बार वे विधायक बने तो रविन्द्र चौबे के पिता स्व. देवीप्रसाद चौबे उनके साथ अविभाजित मप्र में विधानसभा के सदस्य थे। बाद में वोराजी, रविन्द्र चौबे की माता कुमारी बाई चौबे के साथ विधानसभा के सदस्य रहे। इसके बाद रविन्द्र चौबे के बड़े भाई प्रदीप चौबे, वोराजी के साथ विधानसभा के सदस्य रहे। बाद में रविन्द्र चौबे, वोराजी के साथ विधायक बने। यानी वोराजी, चौबे परिवार के राजनीति में सक्रिय सभी सदस्यों के साथ विधानसभा में रहे हैं। ये अलग बात है कि पारिवारिक घनिष्ठता के बाद भी चौबे बंधु, कांग्रेस के वोरा विरोधी खेमे से जुड़े रहे हैं। हालांकि उन्होंने कभी भी किसी भी फोरम में वोराजी का विरोध नहीं किया और उनका हमेशा सम्मान ही करते हैं।
इन दो नेताओं से उम्मीद...
केन्द्र में एनडीए की सरकार बनी तो छत्तीसगढ़ के भाजपा प्रभारी रहे जगत प्रकाश नड्डा और धर्मेन्द्र प्रधान पॉवरफुल रहेंगे। दोनों ही राज्यसभा सदस्य हैं और लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश के जो कोई भी भाजपा नेता यूपी और ओडिशा चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं, वे नड्डा और धर्मेन्द्र प्रधान से जरूर मिल रहे हैं। दोनों ही यहां के छोटे-बड़े नेताओं से परिचित हैं।
सुनते हैं कि सरकार जाने के बाद बड़े भाजपा नेता काम धंधे की तलाश में भी हैं। कई ने पेट्रोल पंप के लिए धर्मेन्द्र प्रधान से जुगाड़ भी लगाया था, लेकिन ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम से आबंटन होने के कारण वे मदद नहीं कर पाए। एनडीए की सरकार बनने पर दोनों का फिर से मंत्री बनना तय है। ऐसे में यहां के नेताओं को उम्मीद है कि दोनों ही कारोबार बढ़ाने में मदद करेंगे। ([email protected])