स्थायी स्तंभ
दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला चूहा, मिकी माउस.. सभी ने कभी न कभी तो देखा ही होगा. बच्चों में आज भी इसे काफी पसंद किया जाता है.
आज भी बच्चों के कार्टून कैरेक्टर में सबसे मशहूर कार्टून मिकी माउस और डॉनाल्ड डक हैं.
31 मई 1929 को पहली बार मिकी माउस का बोलता हुआ कार्टून कार्निवाल किड रिलीज किया गया. यह चरित्र खूब मशहूर हुआ. पहला मिकी माउस 18 नवंबर 1928 को स्टीमबोट विले में दिखाया गया था. इस चूहे को वॉल्टेयर डिजनी और अब आइवेर्क्स ने मिल कर डिजाइन किया था.
व्याने ऑल्विने ने 30 से ज्यादा (1977 से 2009) साल तक इस कार्टून को आवाज दी. उनकी पत्नी रूसी टेलर ने मिनी माउस के लिए अपनी आवाज दी थी. ऑल्विने से पहले वॉल्ट डिजनी ने खुद भी अपनी आवाज इस चरित्र के लिए दी. 2009 से अब तक उनके अंग्रेजी एडीशन को आवाज देने वाले कलाकार ब्रेट इवान हैं. मिकी के पालतू कुत्ते प्लूटो को भी बच्चे खूब पसंद करते हैं.
- 1774 - भारत में पहला डाक सेवा कार्यालय खोला गया।
- 1867 - बंबई में प्रार्थना समाज की स्थापना हुई।
- 1921 - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया गया।
- 1959 - बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को तिब्बत से निर्वासन के बाद भारत में शरण दी गई।
- 1994 - दक्षिण अफ्रीका गुट निरपेक्ष आन्दोलन का 109 वां सदस्य राष्ट्र बना।
- 1996 - बेंजामिन नेतान्याहू इस्रायल के नये प्रधानमंत्री चुने बने।
- 1999 - एडोल्फ़ ट्युटर स्लोवाक गणराज्य के राष्ट्रपति निर्वाचित, कृष्ण प्रसाद भट्टराई द्वारा नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण।
- 2001 - मानवाधिकार आयुक्त राबिन्सन का कार्यकाल बढ़ा, पूर्व सोवियत देशों का राष्ट्रकुल शिखर सम्मेलन मिस्क (बेलारूस) में सम्पन्न।
- 2006 - अमेरिकी वायुसेना के पूर्व जनरल मिशेल हैडेन को अमेरिकी खुफिया एजेंसी (सीआईए) का निदेशक नियुक्त किया गया। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख मुहम्मद अलबरदेई ने स्पष्ट किया कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम से दुनिया को कोई ख़तरा नहीं।
- 2007 - सैप ब्लेटर तीसरी बार अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबाल संघ के अध्यक्ष बने।
- 2008 - सरकारी तेल कम्पनियों ने जहाज़ों के ईधन (एटीफ) की क़ीमत में 18.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की।
- 2010 - भारत में मान्यता प्राप्त हर प्राइवेट स्कूल में गऱीब बच्चों के लिए 25 फ़ीसदी सीटें आरक्षित करने का क़ानून बनाया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार 1 अप्रैल से बैंक में बचत खाता धारकों के ब्याज की गणना दैनिक आधार पर होगी। अब तक ब्याज की गणना बचत बैंक खाते में महीने की दस तारीख से लेकर अंतिम तारीख तक उपलब्ध न्यूनतम राशि के आधार पर की जाती थी।
- 1852 -जर्मन चिकित्सक और जीवाणुविज्ञानी रिचर्ड जूलियस पैट्री का जन्म हुआ, जिन्हें हम पैट्री डिश से याद रखते हैं। पैट्री डिश एक कम गहरा डिश होता है जो काँच या प्लास्टिक का बना होता है, जो ऊपर से ढका रहता है। इसका उपयोग टिश्यू कल्चर तकनीक में होता है। (निधन-20 दिसम्बर 1921)
- 1941- अमेरिकी फार्मैकोलॉजिस्ट लुइ जे. इग्नैरो का जन्म हुआ, जिन्होंने जिन्हें रॉबर्ट एफ. फर्कगॉट और फैरिड म्युरैड के साथ नाइट्रिक अम्ल की खोज करने के लिए 1998 में शरीर क्रिया विज्ञान/चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला।
- 1986 -अमेरिकी भौतिकशास्त्री लियो जेम्स रेनवाटर का निधन हुआ, जिन्हें कई असमरेखीय परमाणु नाभिक की संरचना के अध्ययन के लिए 1975 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार उन्हें डैनमार्क के भौतिकशास्त्री आएज एन. बोर और बेन आर. मौटेल्सन के साथ मिला।(जन्म-9 दिसम्बर 1917)
- 1910 -आंग्ल-अमेरिकी चिकित्सक ऐलिज़ाबेथ ब्लैक्वेल का निधन हुआ, जो आधुनिक समय में चिकित्सा की पहली महिला डॉक्टर थीं। वे पहली महिला थीं जिन्होंने अमेरिका के चिकित्सकीय स्कूल से एम.डी. की डिग्री प्राप्त की। (जन्म 3 फरवरी 1821)
- महत्वपूर्ण दिवस- 31 मई को विश्व धूम्रपान एवं तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
देश के कुछ चुनिंदा मीडिया में इनकम टैक्स के हवाले से ऐसी एक बातचीत की खबर छपी है जो कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सहयोगियों के बीच की बताई जा रही है। इसमें करोड़ों रुपये इधर से उधर मंगवाने या भेजने की चर्चा चल रही है। जिस अखबार में यह बातचीत छपी है, उसने इस इनकम टैक्स से हासिल करना बताया है। यह भी जाहिर है कि यह बातचीत कमलनाथ के सहयोगियों पर छापे पडऩे के पहले की है, यानी केंद्र सरकार की एजेंसियां लोगों पर निगाह इस तरह रख रही हैं कि छापों के पहले भी उनके खिलाफ सुबूत जुट जाएं।
आज सुबह जब वॉट्सऐप पर इस पूरी बातचीत का ब्यौरा फैला, तो छत्तीसगढ़ में भी कुछ अफसर और कुछ नेता मामूली फिक्र में आ गए कि अगर ऐसी निगरानी उनके फोन की भी रखी जाएगी, तो फिर वे पता नहीं कौन सी बात कर पाएंगे, और कौन सी नहीं। कुछ लोगों ने वैसे भी यह सावधानी बरतनी शुरू कर दी है कि नाजुक बात महज वॉट्सऐप पर की जाए, लेकिन पिछले दिनों यह खबर भी आई थी कि इजराइल की एक कंपनी ने ऐसी तकनीक इस्तेमाल की है जिससे वह वॉट्सऐप के रास्ते किसी के भी फोन में घुसकर उसकी तमाम जानकारी हैक कर सकी। दुनिया भर में, और खुद वॉट्सऐप कंपनी में इसे लेकर फिक्र खड़ी हो गई है।
छत्तीसगढ़ में पिछली रमन सरकार के वक्त कुछ अफसरों ने अंधाधुंध फोन टैपिंग की थी, जिसमें कानूनी भी थी, और गैरकानूनी भी थी। अब जब नई सरकार के पास फाईलें हैं, तो यह बात सामने आई कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आज के सलाहकार, रूचिर गर्ग के फोन भी टैप किए गए थे, और उसके लिए सरकार ने इजाजत भी दी थी। जबकि पिछली सरकार लगातार यह दावा करती थी कि वह मीडिया के फोन टैप नहीं कर रही है, लेकिन जाहिर है कि यह एक ऐसी ताकत रहती है जिसके इस्तेमाल का लालच शायद ही किसी से छूटता हो।
मोदी सरकार ने पिछले बरस केंद्र सरकार की 10 एजेंसियों को फोन टैपिंग का अधिकार दिया, और अब इस तरह छत्तीसगढ़ में 12 अलग-अलग लोग तमाम फोन टैप कर सकते हैं। दस एजेंसियां केंद्र सरकार की, एक एजेंसी राज्य सरकार की, और एक अवैध फोन टैपिंग मशीन।
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बांग्लादेश के लोकप्रिय नेता जिया उर रहमान की आज ही के दिन 1981 को हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या बांग्लादेश में सैनिक विरोध का परिणाम थी.
30 मई 1981 को जिया उर रहमान चटगांव के एक गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे. सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले कुछ सैनिकों ने उस सरकारी गेस्ट हाउस पर हमला कर दिया. शोर सुनकर जब वह बाहर आए तो उन्हें गोली मार दी गई. गोलीबारी में जिया उर रहमान के सुरक्षाकर्मी समेत कुल आठ लोग मारे गए.
जिया उर रहमान की हत्या के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति अब्दुस सत्तार बने. जिया उर रहमान बांग्लादेश में बेहद लोकप्रिय नेता थे जिसके कारण हत्या के बाद ढाका में दसियों हजार लोग अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए जमा हुए. अब्दुस सत्तार ने इस हादसे के बाद देश में आपातकाल और 40 दिन तक राजकीय शोक की घोषणा कर दी. राष्ट्रपति जिया उर रहमान की हत्या के बाद विद्रोहियों ने एक क्रांतिकारी समिति बनाने की घोषणा लेकिन उन्हें जन समर्थन हासिल नहीं हुआ.
जिया उर रहमान बांग्लादेश के सातवें राष्ट्रपति थे. उनका बंगलादेश में 1977 से 1981 तक एक तरफा राज चला. विद्रोहियों के नेता मेजर जनरल मंजूर ने तख्तापलट की कोशिश इसलिए की थी क्योंकि वो ढाका के एक कम महत्वपूर्ण जगह पर किए गए अपने तबादले से नाराज थे. जिया उर रहमान ने राजनीतिक पार्टी बीएनपी की स्थापना की थी. यह बांग्लादेश की दूसरी बड़ी राजनीतिक पार्टी है. जिस समय जिया उर रहमान की हत्या हुई उस समय वह 45 साल के थे.
ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 20 मई वर्ष का 140 वां (लीप वर्ष में यह 141 वां) दिन है। साल में अभी और 225 दिन शेष हैं।
- 1830- डी हाइड ने फाउन्टेन पेन का पेटेन्ट कराया।
- 1910 -जापान ने कोरिया को औपचारिक रुप से अपना एक भाग बना लिया और इसका नाम बदल कर चोजऩ रख दिया।
- 1940-अन्वेषक आइगर सिकॉर्स्की ने जनता के सामने अपना हैलिकॉप्टर प्रदर्शित किया।
- 1995 - रूस द्वारा मानव रहित अंतरिक्ष यान स्पेक्त्र का सफल प्रक्षेपण।
- 1999 - कुर्द विद्रोही नेता सेमडिम साकिक को मृत्युदंड की सज़ा।
- 2000 - फिजी में बंदूक़धारियों के नेता जार्ज स्पेट ने देश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
- 2001 - अफग़़ानिस्तान में तालिबान ने हिन्दुओं की अलग पहचान के लिए ड्रेस कोड बनाया।
- 2003 - पाकिस्तान ने उग्रवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन पर प्रतिबंध लगाया।
- 2004 - ताइवान में नवगठित सरकार ने शपथ ग्रहण की। यूरोपीय संघ के बाद अमेरिका ने भी कृषि निर्यात सब्सिडी कम करने की घोषणा की।
- 1900- हिन्दी भाषा के जाने-माने कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म हुआ।
- 1932 -भारत में क्रांतिकारी विचारों के जनक विपिन चन्द्र पाल का निधन हुआ।
- 1957 - प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और आंध्रप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री टी. प्रकाशम का निधन हुआ।
- 1860 -जर्मन जैव रसायनज्ञ ऐडवर्ड बकनर का जन्म हुआ, जिन्होंने बताया कि किण्वन केवल खमीर की कोशिका के कारण नहीं होता बल्कि उसमें मौजूद एंज़ाइम के कारण होता है। (निधन-13 अगस्त 1917)
- 1806- ब्रिटेन के दार्शनिक और अर्थशास्त्री जॉन स्टीवर्ट मिल का जन्म हुआ। दर्शनशास्त्र में वे ऑगस्ट कैंट के विचारों से प्रभावित थे। अर्थ व्यवस्था में वे उत्पादन और उपभोग के लिए सहकारी संस्थाएं स्थापित किए जाने के पक्षधर थे। सन 1873 में उनका निधन हुआ।
- 1913- अमेरिकी इलेक्ट्रिक इंजीनियर विलियम रैडिंगटन हैवलेट का जन्म हुआ, जिन्होंने हैवलेट पैकार्ड कम्पनी की नींव रखी जो आज कम्प्यूटर निर्माण की अग्रणी कम्पनी है। (निधन-12 जनवरी 2001)
- 1947 -जर्मन भौतिकशास्त्री फिलिप एडवर्ड ऐन्टन लेनार्ड का निधन हुआ, जिन्हें कैथोड किरणों पर अनुसंधान के लिए वर्ष 1905 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म-7 जून 1862)
- 1793 -स्विस प्रकृतिविद् चाल्र्स बनेट का निधन हुआ, जिन्होंने अनिषेकजनन (पार्थेनोजेनेसिस) की खोज की। इसका अर्थ होता है बिना निषेचन के प्रजनन। उन्होंने पता लगाया कि कीट अपने शरीर के छिद्रों से श्वसन करते हैं जिन्हें उन्होंने स्टिग्मैटा कहा। (जन्म 13 मार्च 1720)।
विधानसभा चुनाव में बुरी हार के बाद प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से भाजपा हाईकमान खुश है। सुनते हैं कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने विष्णुदेव साय की पीठ थपथपाई और कहा कि आप लोगों ने कमाल कर दिया। दरअसल, हाईकमान को इतने बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी। विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी में हताशा का वातावरण था। पार्टी कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी लगातार कम हो रही थी।
कार्यकर्ताओं की नाराजगी भांपकर पार्टी ने सभी सांसदों की टिकट काटकर नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा। पार्टी का यह प्रयोग सफल रहा। खास बात यह रही कि टिकट कटने के बाद भी सांसदों का गुस्सा नहीं फूटा। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह तक ने भी अपने बेटे अभिषेक की टिकट कटने का विरोध नहीं किया। जबकि पिछली बार अभिषेक की टिकट के लिए अड़ गए थे। और पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं की नाराजगी मोल ले ली थी। और तो और देश में पिछड़ा वर्ग को सबसे सीनियर सांसदों में से एक, और छत्तीसगढ़ के सबसे सीनियर सांसद रमेश बैस ने भी पूरे वक्त मुंह में गुटखा बनाए रखा, और नाराजगी का एक शब्द भी नहीं कहा।
ये अलग बात है कि मोदी फैक्टर की वजह से प्रदेश में भाजपा को बड़ी जीत मिली है, लेकिन टिकट नहीं मिलने के बावजूद पूर्व सांसदों के अनुशासित रहने की जमकर तारीफ भी हो रही है। इसका प्रतिफल भी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री रमेश बैस को राज्यपाल बनाने जाने की चर्चा है। बाकी पूर्व सांसदों को भी संगठन में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।
रणविजय का क्या होगा?
कोरबा सीट से भाजपा प्रत्याशी ज्योतिनंद दुबे को कम मतों से हार का सामना करना पड़ा। पार्टी के कई लोग यह मानते हैं कि दुबे की जगह राज्यसभा सदस्य रणविजय सिंह को प्रत्याशी बनाया जाता, तो परिणाम पक्ष में आ सकता था। रणविजय पिछले तीन-चार साल से कोरबा लोकसभा क्षेत्र में काफी घूम रहे थे। उन्होंने कोरबा के सभी विधानसभा क्षेत्रों में अपनी टीम खड़ी कर ली थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दी।
जशपुर राजघराने के प्रमुख रणविजय शालीन और मिलनसार हैं। पार्टी ने उन्हें भविष्य की राजनीति को देखते हुए राज्यसभा में भेजा था, लेकिन विधानसभा चुनाव में जशपुर की तीनों सीट हाथ से निकल गई। इससे रणविजय की साख को भी धक्का लगा। राज्यसभा में बोलने लायक भी उनके पास कुछ था नहीं और वे वहां मूकदर्शक बने रहे। यही सब वजह है कि पार्टी ने उन्हें लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ाया। इन सबके बावजूद रणविजय ने रायगढ़ से भाजपा प्रत्याशी गोमती साय के लिए भरपूर मेहनत की। उनके प्रयासों को पार्टी हल्कों में काफी सराहा जा रहा है। रणविजय के राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्यकाल को एक साल ही बाकी रह गया है। ऐसे में पार्टी उन्हें संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी देकर उनका कद बढ़ा सकती है।
माउंट एवरेस्ट का नेपाली नाम सागरमाथा है. 1952 में एक स्विस पर्वतारोही नेपाल और तिब्बत के रास्ते 8,848 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने निकला. उसने भी नेपाल के शेरपा तेनजिंग नॉर्गे को साथ लिया. लेकिन खराब मौसम की वजह से ये साहसिक सफर अधूरा रह गया. कहा जाता है कि एशिया से लौटकर वो स्विस पर्वतारोही यूरोप में आल्प्स की पहाड़ियों पर गया. वहां उसकी मुलाकात न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी से हुई. बातचीत में उसने हिलेरी को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई करने की कोशिश का वाकया बताया. हिलेरी ने उसी क्षण ठान लिया कि वो भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ेंगे.
मार्च 1953 में 7,890 मीटर की ऊंचाई पर बेस कैंप बनाया गया. 26 मई को दो लोगों ने चढ़ाई की कोशिश की लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर फेल होने की वजह से उन्हें वापस लौटना पड़ा. अगले दिन कुछ और पर्वतारोही ऊपर गए और उन्होंने 8,500 मीटर पर एक और कैंप बना दिया. इसके बाद हिलेरी और तेनजिंग की बारी आई.
सबसे मुश्किल 8,500 मीटर के बाद का रास्ता था. वहां ऐसी तीखी चढ़ाई थी जिसे पहली बार एडमंड हिलेरी ने ही पार किया. तब से उसे हिलेरी स्टेप कहा जाता है. हिलेरी से भी ज्यादा चुनौती तेनजिंग के कंधों पर थी. उनकी पीठ पर 14 किलोग्राम का पिट्ठू था. इसके बावजूद 29 मई 1953 को सुबह साढ़े 11 बजे एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे ने माउंट एवरेस्ट के नाम से दुनिया भर में मशहूर सागरमाथा चोटी फतह कर ली. एडमंड हिलेरी ने वहां तेनजिंग की तस्वीर खींची. हिलेरी ने फोटो खिंचवाने से मना कर दिया.
दुनिया के शीर्ष पर 15 मिनट बिताने के बाद दोनों लौट आए. उनके इस अभियान ने दुनिया भर के पर्वतारोहियों की हिम्मत जगा दी. अब तक माउंट एवरेस्ट पर 4,000 लोग चढ़ चुके हैं. 250 पर्वतारोही बर्फ की उन वादियों में जान गंवा चुके हैं. माउंट एवरेस्ट अभियान आज नेपाल की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है.
साल भर बाद पर्वतारोहियों का बड़ा दल नेपाल पहुंचा. एक सदस्य के तौर पर हिलेरी भी उसमें शामिल थे. नेपाल में उन्होंने सबसे पहले तेनजिंग नॉर्गे को खोजा. इसके बाद दल के 400 लोगों ने सागरमाथा की चढ़ाई शुरू कर दी. इनमें 362 लोग सामान ढोने वाले थे.
- 1888 -अमेरिकी अन्वेषक ऐलियाह जे. मैक्कॉय को मशीनों को चिकना करने वाले उपकरण (ल्यूब्रिकेटर) के आविष्कार के लिए पेटेन्ट जारी किया गया।
- 1951 -विकसित सल्फोनामाइड ड्रग के लिए जेम्स डब्ल्यू. क्लैप और रिचर्ड ओ. रॉब्लिन को पेटेन्ट जारी किया गया।
- 1990 - बोरिस येल्तसिन सोवियत संघ के राष्ट्रपति निर्वाचित।
- 1999 - नाइजीरिया में नागरिक सत्ता की स्थापना।
- 2003 - ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर इराक के पुनर्निर्माण कार्यों का आकलन करने के लिए बसरा पहुंचे।
- 2004 - म्यांमार में चक्रवाती तूफ़ान ने 140 लोगों की जान ली। पाकिस्तान ने परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर ख़ान पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी।
- 2007 - जापान की रियो मोरी मिस यूनिवर्स 2007 बनीं।
- 2008 - भारतीय जनता पार्टी के नेता वीएस येदुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट माइस्पेस के साथ ई-मेल सम्बन्धी समझौता किया। नेपाली सरकार ने राजतंत्र का अंत कर गणतंत्र की घोषणा करते हुए शाही महलों सहित देश के सभी भागों से राजतंत्र के सभी चिह्न हटाते हुए राष्ट्रध्वज को मान्यता दी।
- 2010 - अमेरिका और भारत के बीच सितंबर 2008 में हुए 123 अग्रीमेंट में छोड़ दिए गए परमाणु ईंधन की रिप्रोसेसिंग के पहलू पर अमेरिकी प्रशासन ने सहमति का ऐलान किया। भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने हेनान प्रांत के लुओयांग में पहली सदी के प्राचीन श्वेताश्व व्हाइट हार्स मंदिर परिसर में भारतीय शैली से निर्मित एक बौद्ध मंदिर का लोकार्पण किया। भारत की ओर से बनाये गये इस मंदिर पर कऱीब 18 करोड़ रुपये की लागत आई थी। इसके निर्माण में तीन वर्ष लगे।
- 1906 - हिन्दी के जाने-माने निबंधकार कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर का जन्म हुआ।
- 1972 - जाने माने अभिनेता पृथ्वीराज कपूर का निधन हुआ।
- 1977 - भारत के प्रसिद्ध भाषाविद, साहित्यकार तथा विद्याशास्त्री सुनीति कुमार चटर्जी का निधन हुआ।
- 1987 - चौधरी चरण सिंह - भारत के सातवें प्रधानमन्त्री, किसानों के मसीहा के रूप में पहचान।
- 1781- फ्रांसीसी रसायनज्ञ हेनरी ब्रैक्कोनैट का जन्म हुआ, जिन्होंने सीधे पौधे से ग्लूकोज का पृथक्करण किया। उसके पहले तक ग्लूकोज केवल मण्ड (स्टार्च) से निकाला जाता था। (निधन- 13 जनवरी 1855)
- 1857-अमेरिकी भूविज्ञानी चाल्र्स रिचर्ड वैन हाइस का जन्म हुआ, जिन्होंने प्रीकैम्ब्रियन (सत्तावन करोड़ से चार अरब साठ करोड़) साल पहले सुपीरियर झील के बनने, खासकर इसमें लौह अयस्क की भूमिका के महत्व को समझाया। (निधन-19 नवम्बर 1918)
- 1829 -अंग्रेज़ रसायनज्ञ सर हम्फ्री डेवी का निधन हुआ, जिन्होंने कई रासायनिक तत्व और यौगिक खोजे। उन्होंने सुरक्षित लैम्प की खोज की। उन्हें पोटैशियम और सोडियम जैसे तत्वों की खोज का श्रेय भी जाता है। ( जन्म-17 दिसम्बर 1778)
- 1866 -अमेरिकी संरचनात्मक भूविज्ञानी हेनरी डार्विन रोजर्स का निधन हुआ, जिसने पर्वतों के निर्माण का अध्ययन किया। वे पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय की भू विज्ञान तथा खनिजशास्त्र विभाग के पहले प्रोफेसर थे। (जन्म-1 अगस्त 1808)
भारतीय चुनावी राजनीति इतने दिलचस्प रहती है कि उस पर रोजाना अनगिनत लतीफे बनते हैं, और लाखों लोगों को मौका मिलता है कि वे उन्हें अपने नाम से आगे बढ़ाते चलें। अब हरियाणा को लेकर एक लतीफा तीन दिन पहले सामने आया, और उसके देखा-देखी लोगों ने बाकी प्रदेशों पर भी ऐसे लतीफे गढ़ लिए।
हरियाणा
हरियाणा के बारे में किसी मजेदार इंसान ने लिखा-
सुरजेवाला खुश है कि हुड्डा नाम का कांटा निकाल दिया।
हुड्डा खुश है कि अशोक तंवर हार गया।
अशोक तंवर खुश है कि शैलजा हार गई।
शैलजा खुश है कि कुलदीप विश्नोई का बेटा हार गया।
कुलदीप विश्नोई खुश है कि सारी चौटाला फैमिली हार गई।
चौटाला फैमिली खुश है कि राहुल गांधी भी हार गया।
नवीन जिंदल खुश है कि चुनाव नहीं लड़ा।
हारी गई तमाम सीटों पर बाकी कांग्रेसी खुश हैं कि अगली बार उनकी बारी उम्मीदवारी के लिए आ सकती है।
कुल मिला के हरियाणा में खुशी का माहौल है।
मध्यप्रदेश
इसके बाद किसी ने मध्यप्रदेश के ऊपर इसे ढाल दिया और लिखा-
कमलनाथ खुश हैं कि दिग्विजय और ज्योतिरादित्य दोनों निपट गए, और अपना बेटा किसी तरह खींचतान कर निकल गया।
दिग्विजय सिंह खुश हैं कि ज्योतिरादित्य चुनाव में निपट गया, और कमलनाथ का पूरा प्रदेश निपट गया, और राहुल गांधी के सामने बेटे की वजह से कमलनाथ खुद भी निपट गया।
ज्योतिरादित्य खुश हैं कि दिग्विजय भी निपटे, और मुख्यमंत्री की हैसियत से कमलनाथ भी। पार्टी अध्यक्ष की हैसियत से भी कमलनाथ निपट गए, और अर्जुन सिंह का बेटा राहुल भी निपट गया। आखिर में उनके खुद के अध्यक्ष बनने के आसार भी आ गए।
दिग्विजय, ज्योतिरादित्य, राहुल सिंह, सभी खुश हैं कि कमलनाथ के बेटे की लीड एकदम शर्मनाक है, और मुख्यमंत्री पर पुत्रमोह में अंधे होने की तोहमत कांग्रेस कार्यसमिति में लगी है।
ये सभी नेता खुश हैं कि राहुल गांधी भी हार गए, और अब किसी का भी कुछ बोलने का मुंह बचा नहीं है, और अगर नया कांग्रेस अध्यक्ष बनना है तो हर कोई अपनी बारी मानकर चल रहा है।
कांग्रेस के सभी उम्मीदवार खुश हैं कि बाकी सभी 28 में से 27 उम्मीदवार भी हार गए हैं, और अकेले वे नाकामयाब नहीं रहे।
हारी गई तमाम सीटों पर बाकी कांग्रेसी खुश हैं कि अगली बार उनकी बारी उम्मीदवारी के लिए आ सकती है।
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव रिजल्ट के बाद से मध्यप्रदेश में सभी कांग्रेस नेता खुश हैं, और चारों तरफ खुशी का माहौल है।
छत्तीसगढ़
अब छत्तीसगढ़ को देखें, तो यहां टी.एस. सिंहदेव खुश हैं कि भूपेश बघेल और ताम्रध्वज साहू के गृह जिले में कांग्रेस सबसे बुरी तरह हारी है, और पौने चार लाख से अधिक की लीड भाजपा को मिली है।
भूपेश बघेल खुश हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव की एक सीट को उन्होंने दोगुना कर दिया है, जबकि मध्यप्रदेश में दो सीटें घटकर एक हो गई हैं। वे इसलिए भी खुश हैं कि टी.एस. सिंहदेव के सरगुजा में भी कांग्रेस निपट गई, और ताम्रध्वज साहू कहीं भी साहू वोट कांग्रेस को नहीं दिला पाए, धनेन्द्र साहू और भोलाराम साहू दोनों हार गए। वे इसलिए भी खुश हैं कि टी.एस. सिंहदेव को जिस ओडिशा का प्रभारी बनाया गया था, वहां कांग्रेस का सफाया हो गया है।
ताम्रध्वज साहू इसलिए खुश हैं कि भूपेश बघेल की पसंद पर प्रतिमा चंद्राकर और अटल श्रीवास्तव को टिकट मिली थी, और दोनों हार गए। वे इसलिए भी खुश हैं कि सरगुजा और ओडिशा दोनों जगह कांग्रेस की हार की तोहमत टी.एस. सिंहदेव पर लगेगी। वे इसलिए भी खुश हैं कि राहुल गांधी के सामने अब यह आसानी से साबित हो जाएगा कि एक साहू को मुख्यमंत्री न बनाने से नाराज लोगों ने कांगे्रस को करीब-करीब हर सीट पर हरा दिया। वे और टी.एस. सिंहदेव इसलिए भी खुश हैं कि पूरे राज्य का जिम्मा मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल का है जो 11 में से नौ सीटें गंवा बैठे हैं।
मुख्यमंत्री पद के चौथे दावेदार या हकदार रहे चरणदास महंत इसलिए खुश हैं कि उनकी पत्नी ऐसी मोदी-सुनामी में भी सांसद बन गई हैं, और इसके लिए वे अकेले तारीफ के हकदार हैं, और बाकी तीनों सीएम-दावेदारों के इलाकों में कांग्रेस निपट गई।
सभी उम्मीदवार और सभी नेता इसलिए भी खुश हैं कि राहुल गांधी भी हार गए हैं, तो अब उन्हें कोई उलाहना देने वाला कोई बचा नहीं है।
हारी गई तमाम सीटों पर बाकी कांग्रेसी खुश हैं कि अगली बार उनकी बारी उम्मीदवारी के लिए आ सकती है।
कुल मिलाकर पूरे राज्य में कांग्रेस में खुशी का माहौल है।
भोपाल को कांग्रेसी सांसद नसीब
कांग्रेस भले ही भोपाल लोकसभा सीट नहीं जीत सकी, लेकिन उसे एक सांसद जरूर मिल गई। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की पत्नी और कोरबा की सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत भोपाल की ही रहने वाली हैं। ज्योत्सना की शिक्षा-दीक्षा भोपाल में हुई। उनके पिता रामसिंह मध्यप्रदेश सरकार में अफसर थे। ज्योत्सना का मायका भोपाल के अरेरा कॉलोनी में है। डॉ. महंत, दिग्विजय सिंह के ही सबसे करीबी साथियों में गिने जाते हैं। ऐसे में भोपाल से भले ही दिग्विजय सिंह की हार हो गई है, लेकिन ज्योत्सना महंत के रूप में भोपाल को कांग्रेसी सांसद मिल गया है।
करीब दस साल तक चले गृहयुद्ध के बाद देश में शाह राजवंश के हाथों से देश की सत्ता छूट गयी. इसके बाद से माओवादी हथियार छोड़ देश की राजनीति में उतर आए. 28 मई 2008 को ही नेपाल के वामपंथी दल को चुनाव में जीत मिली. तब तत्कालीन नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र को अपदस्थ कर देश को गणतंत्र घोषित कर दिया. देश में दोबारा शांति स्थापित करने के प्रयास शुरू हुए. तब से अब तक देश में संविधान बनाने की कोशिश की जा रही है. पिछले पांच साल से संविधान सभा इस काम में तो लगी है, लेकिन अब तक संविधान तैयार नहीं किया जा सका है. नेपाल के लोग चाहते हैं कि देश गणराज्य बनने के साथ साथ धर्म निरपेक्ष भी बने. नेपाल की 80 प्रतिशत से ज्यादा आबादी हिन्दू है.
- 1996 - रूस चेचेन्या को अधिकतम स्वायत्तता देने पर सहमत।
- 1998 - बलूचिस्तान की चगाई पहाडिय़ों पर पाकिस्तान ने पाँच परमाणु परीक्षण किये, परमाणु परीक्षण के विरोध में सं.रा. अमेरिका ने पाकिस्तान के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध लगाया।
- 1999 - बेंजामिन नेतान्याहू का संसद से इस्तीफ़ा, तुर्की में नई गठबंधन सरकार का गठन।
- 2000 - भारत के राष्ट्रपति के.आर. नारायणन चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए छह दिनों की राजकीय यात्रा पर पेइचिंग पहुँचे।
- 2002 - नेपाल में फिर आपातकाल लगा।
- 2008 - नेपाल में 240 साल पुरानी राजशाही का अवसान हुआ। अमेरिका ने पाकिस्तान परस्त आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चार नेताओं पर वित्तीय प्रतिबन्ध लगाया।
- 1883 -भाषाविद, बुद्धिवादी, कवि, क्रांतिकारी, दार्शनिक और ओजस्वी वक्ता वीर सावरकर का जन्म हुआ।
- 1921 प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक डी. वी. पलुस्कर का जन्म हुआ।
- 1956-वेस्टइंडीज के प्रसिद्ध विकेटकीपर जैफ डुजैन का जन्म जमैका में हुआ था।
भूपेश कैबिनेट के एक रिक्त पद के लिए कई विधायकों की दावेदारी मजबूत हो गई है। इनमें से अमरजीत भगत और रामपुकार सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। दोनों ही लोकसभा चुनाव में अपनी सीट से पार्टी प्रत्याशी को बढ़त दिलाने में सफल रहे। वैसे तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा और अमितेश शुक्ल का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता रहा है। तीनों कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर नाराजगी भी जता चुके हैं। मगर, लोकसभा चुनाव के नतीजों ने उनकी दावेदारी कमजोर कर दी है।
धनेन्द्र लोकसभा का चुनाव हार गए। जबकि सत्यनारायण शर्मा के क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी बुरी तरह पिछड़ गए। सत्यनारायण के क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी को सर्वाधिक 63 हजार से अधिक मतों की बढ़त मिली। इसी तरह अमितेश भी अपने यहां से बढ़त दिलाने में विफल रहे। और शायद इसी बात को ढांकने के लिए राजिम विधानसभा के बहुत से कांगे्रस पदाधिकारियों ने धनेन्द्र पर ही आरोप लगाते हुए पद छोड़ दिए हैं।
सुनते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी जल्द नियुक्ति होगी। भूपेश ने पार्टी हाईकमान को अध्यक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त करने का आग्रह किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि अमरजीत भगत को कोई अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।
जीत से दिक्कत टली
मी टू मामले में फंसे नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को फिलहाल राहत मिल गई है। वजह यह है कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव में अच्छी सफलता मिली है। आरोप लगने के बाद से कौशिक मीडिया के सामने नहीं आ रहे थे, लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद पार्टी दफ्तर में चहकते दिखे। पार्टी हाईकमान के पास कौशिक के खिलाफ शिकायतों पर चर्चा की फुर्सत नहीं है। पार्टी के रणनीतिकार केन्द्र में सरकार गठन की तैयारियों में जुटे हैं। इन सबके बावजूद प्रदेश संगठन के एक प्रमुख पदाधिकारी ने महामंत्री (संगठन) को कौशिक के प्रकरण को गंभीरता से लेने की सलाह दी है और उन्हें पार्टी हाईकमान से चर्चा करने का आग्रह किया है। हालांकि, कौशिक के खिलाफ आरोपों से जुड़ी वीडियो और अन्य सामग्री पहले ही हाईकमान को भेजी जा चुकी है। भाजपा विधायक दल के कई सदस्य कौशिक को तुरंत पद से हटाने के पक्ष में बताए जाते हैं। बावजूद इसके हाईकमान तुरंत कोई फैसला लेगा, यह नजर नहीं आ रहा है। देश और प्रदेश में भाजपा की भारी जीत कौशिक को किसी खतरे से फिलहाल तो बचा ले गई है।
जांच के बाद भी कुसूरवार...
प्रदेश में सबसे कमाऊ कुर्सियों में से एक, दुर्ग के आरटीओ एक मुसीबत में फंसे। अपने बेटे की एक फिल्म पूरे दफ्तर को दिखाने के लिए दफ्तर में ताला डालकर सबको ले गए, और इसकी शिकायत पर परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच हो गई, रिपोर्ट आ गई, लेकिन कार्रवाई के आदेश होने पर भी वह फाईल ऊपर, नीचे, दाएं, बाएं, कई जगह सोच-समझकर भेजी जाती रही, और कुल मिलाकर आरटीओ को फिलहाल तो जानबख्शी मिल गई दिखती है। अगर कोई फाईल को देखे, तो साफ समझ आ जाएगा कि कैसे-कैसे इस कुसूरवार अफसर को बचाया गया। और बचाने में फाईल से परे की ताकतें भी लगी रहीं जिसका एक ऑडियो-सुबूत दुर्ग जिले में ही मौजूद है। हो सकता है कि चुनाव आचार संहिता के चलते यह काम भी थमा हुआ हो, लेकिन यह ऑडियो रिकॉर्डिंग फैली, तो सवाल उठेगा कि ऐसे अफसर को हटाने में आचार संहिता तो आड़े आ नहीं रही थी। मुख्यमंत्री का अपना जिला ऐसा मामला दर्ज कर रहा है। आगे-आगे देखे होता है क्या।
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