स्थायी स्तंभ
बृजमोहन अग्रवाल लखनऊ में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं। चुनावी सभा में राजनाथ सिंह ने बृजमोहन की कार्यशैली की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बृजमोहन जबसे चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा। छत्तीसगढ़ में सरकार नहीं बन पाई, लेकिन एक बात तय थी कि बृजमोहन अग्रवाल अच्छे वोटों से जीतेंगे। राजनाथ ने आगे कहा कि बृजमोहन पार्टी के प्रति निष्ठावान हैं और यही वजह है कि वे यहां पार्टी के प्रचार के लिए आए हैं। इसके बाद सभा में मौजूद लोगों ने जमकर तालियां बजाईं।
बृजमोहन को चुनाव प्रबंधन में माहिर माना जाता है। छत्तीसगढ़ में पार्टी की सरकार रहते कठिन उपचुनावों में उन्हें चुनाव संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी और उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में पार्टी उम्मीदवार को जीत दिलाई। प्रदेश से बाहर भी दिग्गज नेता चुनाव प्रचार की कमान उन्हें सौंपते रहे हैं। उन्होंने प्रतिष्ठापूर्ण छिंदवाड़ा लोकसभा उपचुनाव में सुंदरलाल पटवा के चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी। उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी अपने चुनाव में प्रचार के लिए बुलाया था। ये अलग बात है कि इतनी प्रतिभा होते हुए भी प्रदेश भाजपा की राजनीति में संगठन में हावी नेता उन्हें हाशिए पर ढकेलने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।
मौसम मंत्री भी देखने आए
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का लखनऊ के अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्हें देखने के लिए सीएम भूपेश बघेल के साथ-साथ सरकार के कई मंत्री पहुंचे। न सिर्फ राज्य के मंत्री बल्कि बाहर के भी अलग-अलग पार्टियों के कई नेता भी उनका कुशलक्षेम पूछने अस्पताल गए। मेल-मुलाकात करने वालों में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधि मंत्री बृजेश पाठक भी थे।
बृजेश पाठक को लेकर यहां के नेताओं में उत्सुकता ज्यादा रही। उन्हें उत्तरप्रदेश का मौसम विज्ञानी माना जाता है। यानी बृजेश पाठक जिसकी भी सरकार रही, उसके साथ रहे और उन्हें उस पार्टी में अहम जिम्मेदारी भी मिली। पहले वे बसपा में थे और वे बसपा सरकार में मंत्री रहे। उससे पहले सपा सरकार में मंत्री रहे। बाद में हवा का रूख भांपकर भाजपा में आ गए और चुनाव जीतकर मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं। प्रदेश के नेता उनसे दल बदल के बावजूद प्रभावशाली रहने का गुर जानने की कोशिश करते रहे।
हर साल 1 मई को मनाए जाने वाले मई दिवस के दिन बहुत से देशों में सरकारी छुट्टी होती है. अंतरराष्ट्रीय श्रमिक आंदोलनों की याद में दुनिया के कई देशों में यह दिन अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाता है. हमेशा ऐसा नहीं था कि काम नियम से हो. पहले श्रमिकों को हफ्ते में सातों दिन सौ-सौ घंटे तक काम करना पड़ता था. सन् 1886 में अमेरिका के शिकागो में रोजाना आठ घंटे काम करने की मांग कर रहे श्रमिकों ने हड़ताल की. आंदोलनकारियों पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने गोलीबारी शुरू कर दी. इस हिंसक मुठभेड़ में दर्जनों लोग मारे गए और कई घायल हो गए.
इस घटना के कुछ साल बाद हर साल इसी दिन को पूरी दुनिया में श्रमिकों के अधिकारों के लिए रैलियों और प्रदर्शनों का सिलसिला चलने लगा. सन 1904 में एम्सटर्डम में हुई अंतरराष्ट्रीय सोशलिस्ट कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि “सभी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी संगठन और सभी देशों की ट्रेड यूनियनें आठ घंटे के दैनिक काम के मुद्दे पर एकजुट होकर संघर्ष करेंगी.” इसे विश्व शांति के लिए बेहद अहम बताया गया. 1914 में कार निर्माता फोर्ड वह पहली कंपनी बनी जिसने अपने कर्मचारियों के लिए आठ घंटे काम करने का नियम लागू किया.
भारत में मई दिवस मनाने की शुरुआत सन 1923 में चेन्नई में हुई. इसके साथ ही भारत उन करीब 80 देशों की सूची में शामिल हो गया जहां एक मई को श्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है. अब पूरे देश की ट्रेड यूनियनें इस दिन को मनाती है और कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं.
- 1889- बेयर ने जर्मनी पाउडर रूप में एस्पिरिन की खोज की।
- 1924-पहली बार अमेरिका के मिशीगन राज्य में आयोडीनयुक्त नमक की बिक्री हुई।
- 1945 - सोवियत लाल सेना का बर्लिन में प्रवेश।
- 1984 - फू दोरजी बिना ऑक्सीजन के माउंट एवरेस्ट पर चढऩे में सफल।
- 1993 - श्रीलंका के राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदास की बम विस्फोट में मृत्यु।
- 1996 - संयुक्त राष्ट्र ने स्वयं को सरकारी तौर पर निर्धन घोषित किया।
- 1998 - पोलैंड, हंगरी और चेक गणराज्य को नाटो में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव सीनेट में पारित।
- 1999 - नेपाल में मृत्युदंड की सज़ा समाप्त।
- 2000 - अंतर्राष्ट्रीय अन्तर-संसदीय संघ ने पाकिस्तान, आइवरी कोस्ट व सूडान को देश की संसद भंग करने के लिए संघ की सदस्यता से निलंबित किया।
- 2001 - लश्कर-ए-तोइबा व जैश-ए-मोहम्मद संयुक्त राज्य अमेरिका में आतंकवादी संगठन घोषित, भारत संयुक्त अमेरिकी की विशेष 301 सूची में शामिल।
- 2004 - यूरोपीय संघ में 10 नये राष्ट्र शामिल।
- 2005 - सद्दाम हुसैन ने सशर्त रिहाई की अमेरिकी पेशकश ठुकराई।
- 1913 - हिन्दी फि़ल्म अभिनेता बलराज साहनी का जन्म हुआ।
- 1919 - भारतीय गायक मन्ना डे का जन्म हुआ।
- 1932 - भारतीय राजनीतिज्ञ एस. एम. कृष्णा का जन्म हुआ।
- 1839-फ्रांसीसी रसायनशास्त्री एवं उद्योगपति हिलैर चैर्डोनैट का जन्म हुआ , जिन्होंने सर्वप्रथम रेयॉन का आविष्कार किया। जब पहली बार इसे पेरिस में लोगों को दिखाया गया तो लोगों ने उसे चैर्डोनैट का रेशम कहा।(निधन-12 मार्च 1924)
- 1852-स्पेन के शरीर क्रिया विज्ञानी सैन्टिएगो रैमन वाय कैयल का जन्म हुआ, जिन्होंने कैमिलो गॉल्गी के साथ यह बताया कि न्यूरॉन या तंत्रिकाकोशिका, तंत्रिका संरचनाओं की आधारभूत इकाई होते हैं। इन्होंने सूक्ष्मदर्शी की नई तकनीक भी खोजीं। (निधन-17 अक्टूबर 1934)
- 1991-अंग्रेज़ जीव विज्ञानी चाल्र्स एल्टन का निधन हुआ, जिन्होंने आधुनिक जन्तु पारिस्थितिकी के मूलभूत सिद्धान्त प्रतिपादित किए तथा जानवरों के समाजशास्त्र तथा अर्थशास्त्र के बारे में बताया। (जन्म 29 मार्च 1900)
- 1774 -ब्रिटेन के ऐनाटॉमिस्ट तथा शरीर क्रिया विज्ञानी विलियम हेवसन का निधन हुआ, जिन्होंने खून के जमने की प्रक्रिया को समझाया और फाइब्रिनोजन नामक प्रोटीन को अलग किया। जिन्होंने उसे कॉएगुलेबल लिम्फ कहा। उन्होंने लाल रक्त कणिका के बारे में भी बताया। (जन्म-17 नवम्बर 1739)।
- महत्वपूर्ण दिवस- विश्व श्रमिक दिवस (मई दिवस), महाराष्ट्र दिवस, गुजरात दिवस।
सन 1789 में जॉर्ज वॉशिंगटन प्रथम आज ही के दिन सर्वसम्मति से अमेरिका के पहले राष्ट्रपति चुने गए थे.
अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन का जन्म 22 फरवरी 1732 को वर्जीनिया में वेस्ट मोरलैंड काउंटी में हुआ. उनके पिता का नाम ऑगस्टिन वॉशिंगटन था और मां का नाम मेरी बेल. जब वॉशिंगटन 11 साल के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई. पिता की मौत के बाद वॉशिंगटन ने मां का हाथ बंटाना शुरू कर दिया. 27 साल की उम्र में उन्होंने एक विधवा महिला मार्था कस्टिस से शादी की.
4 जुलाई 1776 को स्वतंत्रता की घोषणा के बाद सेकंड कांटिनेंटल कांग्रेस ने वॉशिंगटन को कांटिनेंटल आर्मी का कमांडर बना दिया. 1781 में आर्मी में जनरल के रूप में उन्होंने यॉर्कशायर में कॉर्नवॉलिस को पराजित किया. इस जीत ने अमेरिका से ब्रिटेन के पैर उखाड़ दिए.
ब्रिटिश सेनापति कॉर्नवॉलिस ने आखिरकार यॉर्कटाउन में वॉशिंगटन के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. वॉशिंगटन लोकतंत्र के समर्थक थे. 1789 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने इसी पद पर रहकर दो कार्यकाल पूरे किए. तीसरे टर्म के आग्रह को ठुकराकर वे अपने बागान चले गए, लेकिन 1799 में वे फिर लौटे और उन्होंने सेना के कमांडर इन चीफ का पद संभाला. पद छोड़ने के तीन साल बाद ही 67 साल की उम्र में गले की तकलीफ के बढ़ने से माउंट वर्टन में उनकी मृत्यु हो गई.
- 1878-लुई पाश्चर ने बताया कि बीमारियों की वजह सूक्ष्मजीव होते हैं।
- 1897 -रॉयल इंस्टीट्यूट में जे. जे. थॉमसन ने इलेक्ट्रॉन के खोज की घोषणा की।
- 1945 - जर्मन तानाशाह हिटलर एवं उसकी पत्नी इवा ब्राउन द्वारा आत्महत्या।
- 1985 - अमेरिकी पर्वतारोही रिचर्ड डिक बास (55 वर्ष) माउंट एवरेस्ट पर सर्वाधिक उम्र में चढऩे वाले व्यक्ति बने।
- 1999 - लेविंस्की-क्लिंटन मामले को दुनिया के सामने लाने वाले पत्रकार माइकल इशिकॉफ़ को अंग्रेज़ी साप्ताहिक पत्रिका न्यूज वीक का नेशनल मैंगनीज अवार्ड प्रदान किया गया, हिन्द महासागर के द्वीप कोमोरोस में सेना द्वारा सत्ता पर कब्ज़ा।
- 2002 - पाकिस्तान में राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ के अगले 5 वर्षों के कार्यकाल में वृद्धि के लिए जनमत संग्रह सम्पन्न।
- 2004 - फजुला (ईराक) में हिंसा में 10 अमेरिकी सैनिक मारे गये।
- 2005 - नरेश के असाधारण अधिकार बरकरार रखते हुए नेपाल में इमरजेंसी समाप्त।
- 2006 - वर्ष 2011 क्रिकेट विश्वकप की मेजबानी भारतीय उपमहाद्वीप को मिली।
- 2007 - नेत्रहीन पायलट माइल्स हिल्टन ने विमान से आधी दुनिया का चक्कर लगाकर रिकार्ड बनाया।
- 2008 - चालक रहित विमान लक्ष्य का उड़ीसा के बालासोर जि़ले के चांदीपुर समुद्र तट से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
- 2010 - हिन्दी चलचित्रों के सदाबहार अभिनेता देव आनंद को शुक्रवार को मुंबई में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से तथा प्राण को फाल्के आइकॉन से सम्मानित किया गया।
- 1870 -भारत के प्रसिद्ध फि़ल्म निर्माता-निर्देशक एवं पटकथा लेखक दादा साहब फाल्के का जन्म हुआ।
- 1857- स्विस मनोचिकित्सक यूजीन ब्ल्यूलर का जन्म हुआ, जिन्होंने मानसिक बीमारियों को समझने में अहम योगदान दिया तथा एक खास तरह की मानसिक बीमारी को स्किज़ोफ्रीनिया नाम दिया, जिसे पहले डीमेन्शिया प्रीकॉक्स कहा जाता था। (निधन-15 जुलाई 1939)
- 1777 -भौतिकशास्त्री कार्ल फ्रेड्रिक गॉस का जन्म हुआ, जिनके कार्य ने गणित के लगभग हर क्षेत्र की दशा तथा दिशा बदल दी। चुम्बकत्व तथा वैद्युतिकी में इनके योगदान के मद्देनजर इनके नाम पर चुम्बकीय क्षेत्र की इकाई का नाम गॉस रखा गया है।(निधन- 23 फरवरी 1855)
- 1777 -जर्मनी के खगोल शास्त्री और गणितज्ञ चार्ल फ्रेडरेक गाओस का जन्म हुआ। उन्हें फ़ीसागोरस जैसे गणितज्ञों की पंक्ति में गिना जाता है। 78 वर्ष की आयु में इस जर्मन विद्वान का निधन हुआ।
- 1947- अंग्रेज़ जीवाणुविज्ञानी सर ऐल्म्रॉथ ऐडवर्ड राइट का निधन हुआ, जिन्होंने टायफाइड से बचाव हेतु प्रतिरक्षण विकासित किया। इसके अलावा इन्होंने क्षयरोग तथा निमोनिया के टीके भी ईजाद किए। (जन्म 10 अगस्त 1861)
- 1942 - वनस्पति विज्ञानी जे.सी. आर्थर का निधन हुआ, जिन्होंने परजीवी कवकों (खासकर रस्ट) का अध्ययन किया और उनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। (जन्म 11 जनवरी 1850).
हिंदुस्तान में लोगों को जितनी पुरानी याद है, उसमें अफवाहें फैलाने के लिए बीबीसी का नाम सबसे अधिक लिया जाता था क्योंकि रेडियो बीबीसी को सबसे भरोसेमंद माना जाता था। हिंदुस्तान में हाल के बरसों तक रेडियो पर सरकार का एकाधिकार था, और वैसे में भरोसेमंद खबरों के लिए लोग बीबीसी सुना करते थे। आज भी जब दर्जनों रेडियो-टीवी चैनल हो गए हैं, हजारों प्रमुख समाचार वेबसाईटें हो गई हैं, तब भी बीबीसी का नाम अफवाह फैलाने के लिए दिलचस्प तरीके से लिया जा रहा है।
अभी वॉट्सऐप पर एक संदेश आया जिस पर बीबीसी का एक वेबसाईट लिंक भी दिया हुआ था, और नीचे लिखा गया था कि सीआईए का एक सर्वे बताता है कि भाजपा सीटें खोने जा रही हैं, और 2019 में सरकार नहीं बना सकेगी। इसमें एनडीए और यूपीए की सीटों के अलग-अलग आंकड़ों सहित तमाम पार्टियों के अंदाज भी लिखे गए हैं, और इस पोस्ट में ऊपर और नीचे दोनों तरफ बीबीसी का एक सच्चा लिंक भी पोस्ट किया गया है।
जब इस लिंक पर जाएं तो बीबीसी का पेज खुलता भी है लेकिन जैसा कि किसी भी वेबसाईट के साथ होता है, उस पेज पर किसी खबर को ढूंढना उतना आसान नहीं होता। ऐसे में पहली नजर में आम लोग यह मान लेते हैं कि वेबसाईट तो सही खुल रही है, और जानकारी भी सही ही होगी। लेकिन उस वेबसाईट पर ऐसी कोई जानकारी नहीं है जो कि इस वॉट्सऐप मैसेज में इस लिंक के साथ लिखी गई है। तकरीबन तमाम लोग बिना लिंक खोले भी इस बात पर अपनी पसंद-नापसंद के मुताबिक भरोसा करेंगे, या नहीं करेंगे। जो गिनेचुने लोग लिंक खोलेंगे, वे भी लिंक को सही पाएंगे। आजादी को पौन सदी हो रही है, लेकिन इस देश में अफवाह और झूठ फैलाने के लिए बीबीसी का लेबल आज भी पहली पसंद बना हुआ है।
नेता से जनता ने पूछा
नेता - हाँ. जी
जनता - क्या आप देश को लूट खाओगे ?
नेता - बिल्कुल नहीं.
जनता - हमारे लिए काम करोगे ?
नेता - हाँ. बहुत.
जनता - महगांई बढ़ाओगे ?
नेता - इसके बारे में तो सोचो भी मत
जनता - आप हमें जॉब दिलाने में मदद करोगे ?
नेता - हाँ. बिल्कुल करेंगे.
जनता - क्या आप देश में घोटाला करोगे ?
नेता - पागल हो गए हो क्या बिलकुल नहीं.
जनता - क्या हम आप पर भरोसा कर सकते हैं ?
नेता - हाँ
जनता - नेताजी ...
चुनाव जीतकर नेताजी वापस आये
अब आप, नीचे से ऊपर पढ़ो
ब्रिटेन के इतिहास में 350 साल बाद ऐसा हुआ कि एक आम लड़की युवराज की बहू बनी. प्रिंस विलियम और केट मिडिलटेन से शादी के गवाह बने ब्रिटिश शाही खानदान के 50 और दुनिया भर के रजवाड़े से आए दर्जनों खास मेहमानों के अलावा चर्च में करीब 2000 लोग थे. इसके अलावा दुनिया की एक तिहाई आबादी ने इसे टीवी पर देखा.
शादी के लिए जिस वेस्टमिनस्टर एबे चर्च को चुना गया उस मध्ययुगीन चर्च से शाही परिवार का पुराना रिश्ता है. यह वही जगह है जहां 1997 में प्रिंस विलियम की मां डायना की आखिरी रस्म अदा की गई. इसके अलावा राजकुमार ने मां का हीरा और नीलम की अंगूठी सगाई के मौके पर ही केट मिडिलटन को भेंट कर दी. ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के उत्तराधिकारियों में प्रिंस विलियम दूसरे नंबर पर हैं. इस शाही जोड़े का अब एक बेटा भी है. प्रिंस जॉर्ज के पैदा होने पर दुनिया भर की मीडिया ने बहुत दिलचस्पी दिखाई. यहां तक कि अस्पताल के बाहर कई दिनों तक लोग खड़े रहे और राजकुमार विलियम, उनकी पत्नी केट और उनके पहले बच्चे जॉर्ज के बाहर आने का इंतजार किया.
इस शाही शादी में ऐसी खबरें भी आईं कि आर्थिक मंदी से जूझ रहा ब्रिटेन शादी की तैयारियों में डूब कर आर्थिक समस्याओं को दरकिनार कर रहा है. शादी में ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की और 15 कॉमनवेल्थ देशों से गवर्नर जनरलों के अलावा स्कॉटलैंड, वेल्स, उत्तरी आयरलैंड के प्रमुख नेता भी आमंत्रित थे.
- 1813 -जे.एफ. हमेल को रबर के लिए पेटेन्ट जारी किया गया।
- 1994 -स्तनधारी (चूहे) में जैविक घड़ी को नियन्त्रित रखने वाले जीन की खोज से संबंधित लेख साइन्स बाइ साइंटिस्ट पत्रिका में छपा।
- 1997 - रासायनिक हथियारों पर प्रतिबंध लागू।
- 1999 - बच्चों के यौन शोषण पर रोक संबंधी विधेयक जापानी संसद में मंजूर।
- 2006 - पाकिस्तान ने हत्फ़-6 का परीक्षण किया।
- 2007 - आस्ट्रेलिया ने लगातार तीसरी बार क्रिकेट विश्वकप जीता।
- 2008 - ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदी नेजाद एक संक्षिप्त यात्रा पर भारत पहुंचे। तिब्बत में मार्च 2008 में भड़की हिंसा के सिलसिले में एक स्थानीय अदालत ने 17 लोगों को 3 साल की क़ैद की सज़ा सुनाई।
- 2010 - भारत ने दुश्मनों के रडार की पकड़ में नहीं आने वाले मुंबई की मंझगांव गोदी में निर्मित आधुनिकतम उपकरणों से लैस युद्धपोत आईएनएस शिवालिक को नौसेना में शामिल किया। पहले पोत आईएनएस शिवालिक को नौसेना में शामिल किया। भारतीय इंजीनियर हरपाल कुमार ने लंदन में आंत में कैंसर के शिकार लोगों का ब्लड टेस्ट कर रोग का पता लगाने के बजाय उनके पेट का निरीक्षण कर सकने वाले कैमरे का आविष्कार किया है। इससे इस बीमारी की समय से पहले ही पहचान की जा सकेगी और 43 प्रतिशत रोगियों को मृत्यु से बचाया जा सकेगा।
- 1848 - विख्यात चित्रकार राजा रवि वर्मा का जन्म हुआ।
- 1919 - भारत के सर्वश्रेष्ठ एकल और संगीत वादकों में से एक और सुविख्यात तबला वादक अल्ला रक्खा खां का जन्म हुआ।
- 1893 - अमेरिकी वैज्ञानिक हैरॉल्ड यूरे का जन्म हुआ, जिन्हें 1932 में ड्यूटेरियम यानि हाइड्रोजन के भारी समस्थानिक की खोज के लिए वर्ष 1934 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला। इसके अलावा इन्होंने 1953 में स्टैनली मिलर के साथ मिलकर धरती के आदिम वातावरण से संबंधित प्रयोग किए। (निधन-5 जनवरी 1981)
- 1872 -अमेरिकी खगोलशास्त्री फॉरेस्ट रे मुल्टन का जन्म हुआ, जिन्होंने सौरमण्डल के निर्माण पर अध्ययन किया और थॉमस चैम्बर्लिन के साथ सौरमण्डल की उत्पत्ति का ग्रहाणु सिद्धांत विकसित किया। (निधन- 7 दिसम्बर 1952)
- 1989 -अमेरिकी औद्योगिक रूपरेखाकार डॉन्लड डेस्की का निधन हुआ, जिन्होंने औद्योगिक रूपरेखन को एक व्यवसाय के रूप में विकसित किया। इन्होंने हंस के गर्दन के आकार वाली स्ट्रीटलाइट का आविष्कार किया जो आज बहुत लोकप्रिय है। (जन्म 23 नवम्बर 1894)
- 1864 -कनाडा के रसायनज्ञ और भूविज्ञानी अब्राहम (पीनियो) गेस्नर का निधन हुआ, जिन्होंने मिट्टी का तेल निकालने की शुरुआत की। केरोसिन नाम इनका ही दिया हुआ है। उन्हें ज्ञात हुआ कि यह तेल लैम्प या लालटेन में ईंधन के रूप में बहुत उपयोगी है। (जन्म 2 मई 1797)
28 अप्रैल को दुनिया भर में कर्मचारी सुरक्षा और स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र का अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन आईएलओ इसके जरिए काम के दौरान होने वाले हादसों और बीमारियों की ओर लोगों का ध्यान खींचना चाहता है.
यह एक अभियान है जिससे दुनिया भर में लोग इस परेशानी के पैमाने को समझें और यह भी समझे कि काम के दौरान ध्यान बरतने से बहुत सारे श्रमिकों की जानें बचाई जा सकती हैं.
2003 में आईएलओ ने इस दिन को औपचारिक तौर पर मनाना शुरू किया. 28 अप्रैल को काम के दौरान मारे गए मजदूरों को भी याद किया जाता है.
आईएलओ का कहना है कि हम में से हर कोई काम करते वक्त जिंदगियों को बचाने के लिए जिम्मेदार है. सरकारों को भी कोशिश करनी चाहिए कि मजदूरों की सुरक्षा के लिए अहम संरचना मुहैया कराई जाए ताकि वह लंबे वक्त तक काम कर सकें और उनके स्वास्थ्य को नुकसान भी न पहुंचे.
- 1555 -जर्मनी के आग्सबर्ग नगर में इसी नाम का एक सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन में पोप पाल चतुर्थ के नेतृत्व में कैथोलिक धर्मगुरूओं ने पहली बार प्रोटिस्टेन्ट ईसाइयों की स्वतंत्रता को स्वीकार किया। सम्मेलन में यह भी तय किया गया कि प्रोटिस्टेंट ईसाइयों की जो सम्पत्ति छीन ली गई थी वह उन्हें लौटा दी जाए। इस सम्मेलन में होने वाला समझौता व्यवहारिक नहीं हो सका और प्रोटिस्टेंट और कैथोलिक ईसाइयों के बीच युद्ध इसके बाद भी वर्षों तक चलता रहा।
- 1919-पहली बार पैराशूट से छलांग लगाई गई।
- 1926 -भौतिकीविद् इर्विन श्रोएडिन्गर ने पहली बार वेव मैकेनिक्स पद अपने परचे में लिखा।
- 1945 - इटली के देशभक्त सैनिकों द्वारा तानाशाह मुसोलिनी एवं उनकी पत्नी (रखैल) की गोली मारकर हत्या।
- 1999 - अमेरिकी वैज्ञानिक डॉक्टर रिचर्ड सीड द्वारा एक वर्ष के अंदर मानव क्लोन बनाने की घोषणा, विश्वभर में हज़ारों कम्प्यूटरों को चेर्नोबिल वायरस ने ठप्प किया।
- 2001 - पहला अंतरिक्ष सैलानी टेनिस टीटो अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना।
- 2002 - बुकर पुरस्कार का नया नाम मैन बुकर प्राइज फ़ॉर फि़क्शन रखा गया, पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ के जनमत संग्रह को वैध करार दिया।
- 2004 -थाबोम्बेकी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। थाइलैंड में पुलिस चौकी पर हमले में 122 लोगों की मृत्यु।
- 2008 -भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरों) ने पीएसएलवी-सी9 के साथ 10 सैटेलाइट एक साथ छोड़कर एक नया इतिहास रचा। मलेशिया में भारतीय मूल के दस सांसदों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो को मरणोपरान्त प्रतिष्ठित टिपरी इंटरनेशनल पुरस्कार प्रदान किया गया।
- 1929 - भारतीय फि़ल्मों की प्रसिद्ध ड्रेस डिज़ाइनर और ऑस्कर पुरस्कार विजेता भानु अथैया का जन्म हुआ।
- 1992 - ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कन्नड़ भाषा के प्रमुख साहित्यकार विनायक कृष्ण गोकाक का निधन हुआ।
- 1900- डच खगोलशास्त्री जैन हेन्ड्रिक ऊर्ट का जन्म हुआ, जिन्होंने आकाशगंगा के बारे में काफी अध्ययन किया। (निधन- 5 नवम्बर 1992)
- 1753 -जर्मन रसायनज्ञ फ्रैन्ज़ कार्ल ऐकार्ड का जन्म हुआ, जिन्होंने चुकन्दर से चीनी बनायी तथा 1801 में पोलैण्ड में पहली चीनी मिल खोली। (निधन- 20 अप्रैल 1821)
- 1999- अमेरिकी भौतिकशास्त्री आर्थर एल. शॉलोव का निधन हुआ, जिन्हें लेजऱ के विकास, तथा लेजऱ स्पेक्ट्रोस्कोपी विकसित करने के लिए स्वीडन के काइ सीग्बैन तथा अमेरिका के निकोलास ब्लोएम्बर्गन के साथ वर्ष 1981 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म 5 मई 1921)।
समुद्र सिंह के यहां छापेमारी से विशेषकर आबकारी अफसर-कर्मियों में खुशी की लहर है। समुद्र सिंह रिटायर होने के बाद 9 साल तक संविदा पर रहे। रमन सरकार में उनकी हैसियत विभागीय सचिव से कहीं ज्यादा रही है। वे अमर अग्रवाल के बेहद करीबी रहे हैं। समुद्र सिंह को फंड जुटाने में भी माहिर माना जाता रहा है। यही वजह है कि हर कोई उनके आगे नतमस्तक रहा।
सुनते हैं कि समुद्र सिंह के दबाव के चलते ही विभाग में एडिशनल कमिश्नर का पद स्वीकृत नहीं हो पाया था और कई अफसरों का प्रमोशन भी रूका था। अब जब उनके यहां छापेमारी हो रही है, तो उनसे प्रताडि़त अफसर काफी खुश हैं। चर्चा तो यह भी है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के कई बड़े नेताओं को उनकी वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा था।
किस प्रत्याशी के यहां पेटी भेजना है, समुद्र सिंह ने रमन सरकार के रणनीतिकारों के साथ बैठक कर तय की थी। हाल यह रहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के ही विरोधी खेमे के कई नेताओं को मतदाताओं को लुभाने के लिए अन्य स्त्रोतों से शराब का इंतजाम करना पड़ा। ईओडब्ल्यू की टीम ने समुद्र सिंह से जुड़ी फाइलें खंगालनी शुरू की है, तो देर सबेर अमर के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। अब एक दिक्कत यह भी है कि समुद्र सिंह के सबसे करीबी रहे एक अफसर जो कि पिछली सरकार में एक बड़ी कमाऊ जगह पर जमे रहे, और जिनका दावा सत्ता से एक रिश्तेदारी का था, वे आज एक बड़े ताकतवर मंत्री के ओएसडी बने बैठे हैं। उस जगह पर रहकर वे एसीबी के छोटे अफसरों को तो प्रभावित करने की हालत में हैं ही। यह भी हैरानी की बात है कि पिछली सरकार के सबसे चहेते और सबसे भ्रष्ट अफसरों में से कुछ किस तरह, कितनी आसानी से नई सरकार में कमाऊ जगहों पर टिके हुए हैं, या एक कमाऊ जगह से दूसरी कमाऊ जगह पर चले गए हैं।