स्थायी स्तंभ
नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपने भाषण में नवनिर्वाचित सांसदों को मंत्री पद के लिए किसी तरह लाबिंग नहीं करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि इस देश में कई ऐसे नरेंद्र मोदी बैठ गए हैं जिन्होंने मंत्रिमंडल बना दिया है, ये सबसे बड़ा संकट है। मंत्री बनाने के नाम पर किसी के बहकावे में नहीं आइए। मीडिया वाले जो नाम चला रहे हैं भेद पैदा करने, अफवाह फैलाने के लिए, बदनीयत से कर रहे हैं। दायित्व बहुत कम लोगों को ही दे सकते हैं, कोई पहुंच जाए कि मेरा खास है, कर देता हूं। फोन करके कहते हैं कि मंत्री बना दिया है, ऑफिशियल कॉल भी आए जाए तो वैरिफाई करें।
उन्होंने एक किस्सा सुनाया कि दिल्ली में एक बार रमन सिंह अपने कैबिनेट के सदस्यों का नाम तय कर रहे थे। इस दौरान उनके पास एक सिफारिश आई, जिसमें कहा गया कि मोदीजी ने फलां विधायक को मंत्री बनाने के लिए कहा है। बाद में वह विधायक मेरे पास गुजरात आ गया। तब मैं मुख्यमंत्री था। उन्होंने मुझे धन्यवाद दिया कि मोटा भाई मैं आपकी सिफारिश से मंत्री बन रहा हूं। जबकि मैंने किसी की सिफारिश ही नहीं की थी। उन्होंने सांसदों को सतर्क किया कि संगठन के लोग या फिर कोई सांसद, कोई यह कहे कि मैंने आपके लिए मंत्री पद की सिफारिश की है तो उनकी बात भी न मानें। बिजनेसमैन से लेकर हर तरह के लोग ऐसे मौके पर सक्रिय हो जाते हैं। मोदी ने कहा कि सिर्फ अनुभव और योग्यता के आधार पर मंत्री बनाए जाएंगे। इसके लिए किसी तरह की भागदौड़ की जरूरत नहीं है। मोदी का भाषण सुनने के बाद प्रदेश के पार्टी नेता उस विधायक का नाम जानने के उत्सुक हैं जो कि मोदी का नाम लेकर यहां रमन मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहा था। मोदी ने सांसदों को खुद के प्रचार-प्रसार से दूर रहने की सलाह दी।
सुनील सोनी को बधाई मिली
पहली बार संसद पहुंचे सुनील सोनी से पार्टी के बड़े नेताओं ने गर्मजोशी से मुलाकात की। राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उन्हें देखते ही कहा, अच्छे दिन आ गए। जगत प्रकाश नड्डा और धर्मेन्द्र प्रधान ने भी सुनील सोनी को बधाई दी। प्रदेश के अन्य नवनिर्वाचित सांसद भी अन्य राष्ट्रीय नेताओं से मेल-मुलाकात और जान-पहचान बढ़ाने में लगे रहे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय ने सभी सांसदों को अपने निवास पर भोज का न्यौता दिया। इसमें सांसदों के अलावा दोनों राज्यसभा सदस्य भी पहुंचे थे। प्रदेश से मंत्री कौन बनेगा, इसको लेकर पार्टी में चर्चा चल रही है, लेकिन नवनिर्वाचित सांसद शांत हैं। क्योंकि मोदी ने सभी को किसी तरह की लाबिंग नहीं करने की सख्त हिदायत दे रखी है।
1918 से 1926 तक गढ़वाल में 500 वर्गकिलोमीटर के इलाके में सूर्यास्त के बाद मातम जैसा सन्नाटा पसर जाता था. हर कोई घर के भीतर बंद हो जाता था. बाहर निकलने का मतलब था मौत. रुद्रप्रयाग के इलाके में सक्रिय नरभक्षी तेंदुआ दूर दूर तक शिकार करता रहा. आठ साल में उसने 125 लोगों को अपना निवाला बनाया. तेंदुआ इतना शातिर था कि वो एक दिन नदी के इस ओर शिकार करता तो दूसरे दिन दूसरी तरफ. लोगों को लंबे वक्त तक लगता रहा कि इलाके में दो नरभक्षी सक्रिय हैं.
नरभक्षी तेंदुए के आतंक की खबरें ब्रिटेन के अखबारों में आए दिन छपने लगीं. ब्रिटेन की संसद में भी उसकी चर्चा होने लगी. कई शिकारी और आर्मी के स्पेशल यूनिटों के हाथ नाकामी लगी. 90 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश के गवर्नर ने नैनीताल के मशहूर शिकारी जिम कॉर्बेट से संपर्क किया. 1925 को उन्हें तेंदुए को मारने की इजाजत मिली.
लोग जानते थे कि चंपावत की नरभक्षी बाघिन को मारने वाले कॉर्बेट ही इस आदमखोर को भी ठिकाने लगा पाएंगे. चंपावत की आदमखोर बाघिन ने कुमाऊं और नेपाल में करीब 430 लोगों को मारा था. तेंदुए को मारने की अनुमति लेने के बाद कॉर्बेट कई दिनों की पैदल यात्रा कर कुमाऊं से गढ़वाल पहुंचे. वहां पहुंचने के बाद भी उन्हें शातिर तेंदुए तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. दूसरी तरफ तेंदुआ आए दिन लोगों को अपना शिकार बनाता जा रहा था. आखिरकार 26 मई 1926 की रात जिम कॉर्बेट को कामयाबी मिल गई. गोली लगते ही तेंदुआ अंधेरे में ओझल हो गया. कुछ देर बाद वो जोर से गुर्राया और फिर हमेशा के लिए शांत हो गया. अगली सुबह रुद्रप्रयाग के पास पहाड़ की एक चोटी पर उसकी लाश मिली.
जिम कॉर्बेट ने जब उस बूढ़े तेंदुए को देखा तो पता चला कि उसका एक नुकीला दांत काफी पहले से टूटा हुआ था. पता चला कि दो नौसिखिये शिकारियों ने आठ-नौ साल पहले उस जवान तेंदुए का शिकार करने की कोशिश की. गोली उसके दांत में लगी और तब से वो जंगली जानवरों का शिकार कर पाने में असक्षम हो गया. भूख से बेहाल तेंदुए ने पेट भरने के लिए कोमल मांस वाले इंसान पर झपटना शुरू कर दिया.
सूर्योदय के वक्त तेंदुए की लाश के पास पहुंचे जिम कॉर्बेट ने उसे सहलाया. वहां पर कुछ फूल गिराये और कहा, हिमालय तुम्हें हमेशा अपनी गोद में सुलाये रखे.
तेंदुए की मौत देखकर कॉर्बेट इतने दुखी हुए कि उन्होंने वन्य जीवन को बचाने की मुहिम छेड़ दी. वो लगातार कहने लगे कि जानवरों के लिए अगर जंगल ही नहीं बचेगा तो वो क्या करेंगे. जिम कॉर्बेट की ही सलाह पर 1936 में ब्रिटिश सरकार ने उत्तराखंड में एशिया का पहला नेशनल पार्क बनाया. जिम कॉर्बेट के भारत छोड़कर केन्या जाने के बाद उनके मित्र और उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने पार्क का नाम जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया. यह आज दुनिया में बाघों का सबसे बड़ा बसेरा है.
- 1872 -अमेरिका के थॉमस जे. मार्टिन द्वारा आग बुझाने वाले उपकरण का पेटेन्ट कराया गया।
- 1981 -सत्य पाल असीजा पहले व्यक्ति थे जिन्हें कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए पेटेन्ट जारी किया गया।
- 2002 - चीन का विमान समुद्र में गिरा, 225 लोग मरे।
- 2006 - विज्ञान जगत में एक शोध के मुताबिक एड्स का विषाणु कैमरून में पाए जाने वाले चिपैंजिओं से फैला है।
- 2007 - भारत और जर्मनी के मध्य रक्षा समझौता सम्पन्न।
- 2008 - भारतीय स्टेट बैंक ने फ़सल ऋण बीमा को 50 हज़ार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने अनाज व खाद्य तेलों की स्टॉक सीमा तय करने के सम्बन्ध में अधिसूचना जारी की। मंगल ग्रह के अध्ययन हेतु फ़ीनिक्स यान मंगल ग्रह पर उतरा। नेपाल सरकार ने नरेश ज्ञानेन्द्र के नारायणहिती महल को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया। कान फि़ल्म महोत्सव में फ्ऱांसीसी फि़ल्म द क्लास एंतरे लेसमुर्स को सर्वश्रेष्ठ फि़ल्म का पाल्मे डी केयर पुरस्कार प्रदान किया गया।
- 2010 - भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बी.एस.चौहान और न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने शादी किए बगैर एक साथ रहने वाले प्रेमी युगलों की संतानों को भी अपने मां-बाप की ओर से अर्जित सम्पत्ति में हिस्सा पाने का अधिकार स्वीकार किया। न्यायालय ने साथ ही उन्हें परंपरागत पैतृत संपत्ति पर उनके अधिकार को अस्वीकार किया।
- 1983 -बीजिंग ओलिंपिक खेलों में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाले सुशील कुमार पहलवान का जन्म हुआ।
- 1876-अमेरिकी मनोवैज्ञानिक रॉबर्ट मियन्र्स यैर्केस का जन्म हुआ, जिन्होंने पशु मनोविज्ञान पर कार्य किया। उन्होंने अपनी पुस्तक द डांसिंग माउस (1908) में उन्होंने मनोविज्ञान के प्रयोगों में चूहों को उपयोगी बताया। (निधन-3 फरवरी 1956)
- 1999 -अमेरिकी रसायन इंजीनियर वैल्डो सेमन का निधन हुआ, जिन्होंने प्लास्टिकृत पी.वी.सी. का आविष्कार किया। सन् 1926 में उन्होंने बताया कि किस तरह कठोर पॉलीविनाइल क्लोराइड को लचीला किया जा सकता है। (जन्म-10 सितम्बर 1898)
- 1922- बेल्जियम के औद्योगिक रसायनज्ञ अर्नेस्ट सॉल्वे का निधन हुआ, जिन्होंने सोडियम कार्बोनेट का उत्पादन करने का तरीका बनाया जिसे सॉल्वे प्रक्रिया कहते हैं। इसका उपयोग कांच, साबुन आदि उद्योग में होता है। (जन्म-16 अप्रैल 1838)
- 1749-फ्रांस के खगोलशास्त्री और गणितज्ञ साइमन लैपरस का जन्म हुआ। उन्होंने चंद्रमा सितारों और ग्रहों की चाल तथा समुद्र में आने वाले ज्वार भाटे के बारे में व्यापक अध्ययन किया। उनकी अधिक ख्याति विशेषकर उनके उस विचार के कारण है जो उन्होंने सौरमंडल के अस्तित्व में आने के बारे में पेश किया है। उन्होंने इसी प्रकार भौतिक शास्त्र के क्षेत्र में भी इलेक्ट्रोमिनिटिज्म के आरंभिक क़ानूनों का पता लगाया। उनकी कई रचनाएं अब भी सुरक्षित हैं जिनमें कुछ के नामों का अनुवाद है सौरमंडल का प्रदर्शन, आकाश मेकैनिज़्म आदि।
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भाजपा के लिए कांकेर लोकसभा सीट कठिन रही है। पिछले तीन चुनाव में पार्टी प्रत्याशी मामूली अंतर से जीतते रहे हैं। इस बार का चुनाव पहले की तुलना में ज्यादा कठिन था। विधानसभा चुनाव में यहां की सारी सीटें हाथ से निकल गई, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा ने वापसी की। पार्टी प्रत्याशी मोहन मंडावी किसी तरह चुनाव जीतने में सफल रहे। मोहन मंडावी को चुनाव जिताने में मोदी फैक्टर के अलावा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी की अहम भूमिका रही है।
सुनते हैं कि महामंत्री (संगठन) पवन साय ने प्रचार के शुरूआती दौर में पार्टी प्रत्याशी का बुरा हाल देखकर विक्रम उसेंडी को कांकेर लोकसभा से बाहर कदम नहीं रखने की सलाह दी थी। उसेंडी ने पवन साय का कहा माना और आखिरी दिन तक कांकेर लोकसभा में ही डटे रहे। मोहन मंडावी को सबसे ज्यादा बढ़त अंतागढ़ विधानसभा सीट से मिली, जहां से उसेंडी चार बार विधायक रहे हैं। उसेंडी की मेहनत रंग लाई और सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार रहा।
रामविचार उम्मीद से
राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम काफी खुश हैं। वजह यह है कि सरगुजा से भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह ने अपनी जीत का श्रेय मोदी सरकार की नीतियों और रामविचार नेताम को दिया है। सरगुजा जिले की राजनीति में रामविचार और रेणुका सिंह एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाते रहे हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में रामविचार ने रेणुका को जिताने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। इससे पहले विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा और रामकिशुन सिंह ने अपनी हार के लिए रामविचार नेताम को जिम्मेदार ठहराया था और इसकी शिकायत पार्टी हाईकमान से की थी।
रामविचार आदिवासी मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऐसे में उन्हें अपनी साख बचाने के लिए सरगुजा में पार्टी उम्मीदवार को जिताना जरूरी भी हो गया था। विपरीत परिस्थितियों में भाजपा की जीत से रामविचार का कद बढ़ा है और जिस अंदाज में रेणुका ने उनकी तारीफों के पुल बांधे हैं, उससे अब उनके समर्थक उनके लिए केंद्र में मंत्री पद की आस संजोए हुए हैं।
अडानी की भी बधाई
रेणुका सिंह को जीत के बाद बधाई देने वालों का तांता लगा है। सुनते हैं कि बधाई देने वालों में अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी भी थे। यह बात खुद रेणुका ने अपने आसपास के लोगों को बताई। वैसे अडानी का सरगुजा में काफी काम है। ऐसे में समूह के लोग स्थानीय नेताओं से व्यवहार खूब निभाते हैं। इसी चक्कर में टीएस सिंहदेव का कुछ नुकसान भी हो गया था। सिंहदेव सीएम पद के दावेदार रहे हैं, जब उनका नाम प्रमुखता से चल रहा था तब गुजरात के एक कांग्रेस विधायक ने सिंहदेव का नाम लिए बिना ट्वीट किया कि अडानी का मित्र सीएम बनने वाला है। इससे पार्टी हल्कों में खलबली मच गई और सिंहदेव को नुकसान उठाना पड़ा।
सिंहदेव ने गिनाया दुर्ग संभाग
लोकसभा चुनाव में सरगुजा राजघराने के मुखिया टीएस सिंहदेव अपनी विधानसभा सीट अंबिकापुर से पार्टी प्रत्याशी खेलसाय सिंह को बढ़त नहीं दिला सके। लेकिन उनके विरोधी माने जाने वाले अमरजीत भगत ने अपनी सीट सीतापुर से कांग्रेस प्रत्याशी को अच्छी खासी बढ़त दिलाई। सीतापुर अकेली सीट थी जहां से कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिली है। ऐसे में मंत्रिमंडल में अमरजीत का दावा काफी पुख्ता हो गया है। टीएस सिंहदेव के लिए राहत की बात यह रही कि सीएम भूपेश बघेल और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के क्षेत्र से भी पार्टी प्रत्याशी को बढ़त नहीं मिल पाई। सिंहदेव ने नतीजों के बाद यह गिना भी दिया है कि दुर्ग संभाग में राज्य के आधे मंत्री हैं, और फिर भी नतीजे ऐसे क्यों आए इस पर सोच-विचार होना चाहिए। दुर्ग संभाग में दुर्ग और राजनांदगांव, दोनों लोकसभा सीटें भाजपा ले गई है, और बात फिक्र की तो है ही।
कोई और बहाना ढूंढ लें...
आमसभा के चुनावी नतीजे तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इज्जत बढ़ा गए, और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में भाजपा की इज्जत बचा भी गए। लेकिन सबसे बड़ी इज्जत अगर किसी की बची है, तो वह ईवीएम की है, जिसे जालसाजी का सामान बताया जा रहा था, और जिसे हटाकर फिर से कागज का वोट लाने की बात हो रही थी। अभी-अभी चुनाव आयोग के इक_ा किए हुए आंकड़े बताते हैं कि 542 लोकसभा सीटों के तहत आने वाले तमाम चार हजार से अधिक विधानसभा सीटों पर जिन 20625 वीवीपैट मशीनों से कागज की पर्चियां निकालकर ईवीएम में दर्ज वोटों से मिलाकर देखा गया, तो उनमें एक वोट का भी फर्क नहीं आया। उम्मीद है कि अब किसी के शक के आधार पर ईवीएम को घरनिकाला नहीं दिया जाएगा। बीस हजार से अधिक मशीनों पर डले वोटों में एक वोट का भी फर्क न आए, इससे अधिक कठिन अग्निपरीक्षा और क्या हो सकती है? हारने वाले नेताओं और पार्टियों को अगले चुनाव के पहले किसी और बहाने की तलाश करनी चाहिए। वैसे भी झूठे बहानों का नफा पाने वाले लोग आगे चलकर नुकसान के सिवाय और कुछ नहीं पाते।
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अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक रोबोट मंगल ग्रह पर भेजा था, जो आज ही के दिन 2008 में मंगल पर पहुंचा.
फीनिक्स लैंडर मंगल के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए भेजा गया. फीनिक्स के दो लक्ष्य हैं. एक तो उसे ग्रह पर पानी की भूगर्भीय इतिहास का शोध करना, जिससे पुराने जलवायु परिवर्तन की कुंजी मिल सके. और दूसरा पता लगाना कि ग्रह पर जीवन की संभावना है या नहीं. इसने मंगल के ध्रुवों से काफी जानकारी भेजी.
शुरुआती अभियान मंगल के 90 दिन चलने की उम्मीद थी. मंगल के 90 दिन धरती के 92 दिन के बराबर होते हैं. लेकिन इस रोबोट का जीवन दो महीने ज्यादा चला. इसके बाद यह मंगल की सर्दी और अंधेरे का शिकार हो गया. वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि यह रोबोट सर्दियों से बच निकलेगा. और अपने आस पास बर्फ का बनना नोट कर सकेगा. इसने काफी सर्दियां निकाल ही ली थीं लेकिन पूरे समय नहीं रह सका.
फीनिक्स एक रोवर नहीं हो कर लैंडर था क्योंकि वजन, कीमत और काम के मामले में ये बेहतर उपकरण साबित होता है.
नासा की जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी के निर्देशन और एरिजोना यूनिवर्सिटी के लूनार प्लानेटरी लैबोरेटरी की अध्यक्षता में ये अभियान शुरू किया गया था. इसमें अमेरिका, कनाडा, स्विट्जरलैंड, डेनमार्क, जर्मनी और ब्रिटेन के वैज्ञानिक शामिल हुए. यह नासा का ऐसा पहला अभियान था जिसमें कोई सरकारी यूनिवर्सिटी शामिल हुई थी.
- 1940 -नौ चूहों को जानलेवा स्ट्रेप्टोकोकस से संक्रमित कराया गया, फिर चार चूहों को पेनिसिलिन के इंजैक्शन दिए गए। अगले दिन पाया गया कि पेनिसिलिन वाले चारों चूहे स्वस्थ थे।
- 1948- ऐन्ड्रिव मॉयर को पेनिसिलिन के प्रचुर उत्पादन के लिए पेटेन्ट मिला।
- 1995 - अमेरिकी वैज्ञानिकों को पहली बार जीवित जीव के डी.एन.ए. को डीकोड करने में सफलता मिली।
- 1998 - परमाणु परीक्षणों के कारण भारत पर प्रतिबंध न लगाने के लिए यूरोपीय संघ के सभी 15 सदस्य देश सहमत।
- 2003 - चिली ने पहली बार विश्व कप टेनिस खिताब जीता।
- 2006 - नासा ने जीओईएसएन नामक मौसम उपग्रह अंतरिक्ष में रवाना किया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने पोत आधारित इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
- 2007 - श्रीलंका की सरकार ने तमिल शरणार्थियों की नागरिकता पर सैद्धांतिक अनुमति दी।
- 2008 - कर्नाटक विधान सभा के 224 सीटों में से 110 सीट जीत कर भाजपा दक्षिण के लिए किसी राज्य में पहली बार सरकार बनाने में सफल रही। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने चीन के भूकम्प प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के बारह देशों ने यूरोपीय यूनियन की तर्ज पर एक नए संगठन का गठन किया। हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने विवादित पुलाऊ बाटू द्वीप सिंगापुर को हस्तांतरित किया। कोलम्बिया में विद्रोही गुट रेवल्यूशनरी आम्र्ड फ़ोर्स ऑफ़ कोलम्बिया का संस्थापक और शीर्ष कमांडर की मृत्यु।
- 2010 - भारतीय मूल की 59 वर्षीय कमला प्रसाद बिसेसर निवर्तमान प्रधानमंत्री पैट्रिक मैनिंग को पराजित कर त्रिनिदाद और टोबेगो की पहली महिला प्रधानमंत्री निर्वाचित हुईं।
- 1886- प्रख्यात वकील और शिक्षाविद रास बिहारी बोस का जन्म हुआ।
- 2005- हिन्दी फि़ल्म अभिनेता एवं राजनीतिज्ञ सुनील दत्त का निधन हुआ।
- 2010- बांग्ला अभिनेता तपन चट्टोपाध्याय का निधन हुआ।
- 1901-जर्मन रसायनज्ञ और धातुकर्मी कार्ल वैग्नर का जन्म हुआ, जिन्होंने रासायनिक धातुकर्म को एक बेहतर विज्ञान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। (निधन-10 दिसम्बर 1977)
- 1889-अमेरिकी वैज्ञानिक आइगर सिकॉस्र्की का जन्म हुआ, जिन्होंने वायुयान डिज़ायनिंग में अग्रणी कार्य किया। उन्हें खास करके हैलिकॉप्टर निर्माण के लिए जाना जाता है। (निधन-26 अक्टूबर 1972)
- 1923-जर्मन रसायनज्ञ हेन्ज़ गोल्डश्मिट का निधन हुआ, जिन्होंने थर्माइट (एल्युमिनो थर्मिक) का आविष्कार किया। यह प्रणाली अब रेल की पटरियों तथा ट्रॉम रेल की वेल्डिंग के लिए विश्वप्रसिद्ध है। पहला वेल्ड किया हुआ ट्रैक ऐसेन में रखा गया। यह तरीका गोल्डश्मिट की न्यूनन प्रक्रिया से विकसित हुआ जिसकी उन्होंने कार्बनमुक्त धातु का निर्माण करते समय जांच की। (जन्म-18 जनवरी 1861)
- 1939-ब्रिटेन के खगोलशास्त्री सर फ्रैन्क डायसन का निधन हुआ, जिन्होंने भू चुम्बकत्व के अलावा तारों के घूर्णन का भी अध्ययन किया। (जन्म-8 जनवरी 1868)
कांग्रेस विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में नहीं दोहरा सकी। जिस तरह विधानसभा चुनाव में जबरदस्त सफलता मिली थी, लोकसभा चुनाव में उसी अंदाज में हार का सामना करना पड़ा। ये अलग बात है कि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में पार्टी की एक सीट बढ़ी है। जबकि विधानसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन के बाद प्रदेश के नेताओं की पूछ परख काफी बढ़ गई थी। सीएम भूपेश बघेल पार्टी के स्टार प्रचारक थे। वे उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए गए थे। इसी तरह टीएस सिंहदेव को ओडिशा में चुनाव का प्रभारी बनाया गया था। सिंहदेव ने सरगुजा से ज्यादा समय ओडिशा में दिया, लेकिन वहां पार्टी को एक भी सीट नहीं मिल पाई। सीएम भूपेश बघेल भी लाव-लश्कर लेकर अमेठी में राहुल गांधी के चुनाव प्रचार के लिए गए थे, लेकिन राहुल को पहली बार हार का सामना करना पड़ा। यही नहीं, प्रदेश के नेता प्रभारी पीएल पुनिया के बेटे बाराबंकी में चुनाव प्रचार में भी लगे रहे, लेकिन पुनिया के बेटे तनुज पुनिया की जीत तो दूर, उनकी जमानत भी नहीं बच पाई। कुल मिलाकर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को न सिर्फ छत्तीसगढ़ में, बल्कि दूसरे राज्यों में भी झटका लगा है।
बैस के जाने से फर्क नहीं पड़ा
सुनील सोनी की रिकॉर्ड वोटों से जीत से भाजपा के ही दिग्गज नेता हैरान हैं। इतनी बड़ी जीत की उम्मीद किसी को नहीं थी। वह भी तब जब सात बार के सांसद रमेश बैस की टिकट काटकर सुनील सोनी को दी गई। बैस की ग्रामीण इलाकों में अच्छी पकड़ है, और रायपुर संसदीय सीट का जातिगत समीकरण भी बैस के पक्ष में माना जाता था, इसलिए उनकी टिकट कटने से नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा था। मगर, मोदी लहर ने इतनी बड़ी लीड दी जितनी कि राज्य बनने के बाद के तमाम लोकसभा चुनावों की रमेश बैस की लीड जोड़ दिया जाए तो भी वह सुनील सोनी की लीड 3 लाख 48 हजार तक नहीं पहुंचती है। पिछले चुनाव में बैस ने सत्यनारायण शर्मा को पौने 2 लाख वोटों से हराया था, लेकिन इस चुनाव में पिछले चुनाव की तुलना में जीत का अंतर दोगुना रहा है। वैसे भी बैस की नैय्या कभी अटल लहर या कांग्रेस विरोधी लहर के सहारे पार होती रही है, इस बार सुनील सोनी ने रायपुर सीट को बैस के मुकाबले एक नौजवान चेहरा दे दिया है जो इतनी लीड के सहारे अगले चुनाव में जारी भी रह सकता है।
यह जीत संघ की मेहनत से...
राजनांदगांव सीट से संतोष पाण्डेय की जीत काफी चौंकाने वाली रही है। वजह यह है कि राजनांदगांव में दूसरे चरण में मतदान हुआ था। तब वहां मोदी फैक्टर प्रभावी होगा, ऐसा नहीं लग रहा था। वैसे भी पार्टी ने पूर्व सीएम रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह की टिकट काटकर संतोष पाण्डेय को प्रत्याशी बनाया था। सरल स्वभाव के संतोष पाण्डेय आरएसएस के पसंदीदा रहे हैं। उस समय पार्टी के भीतर यह भी चर्चा रही कि अभिषेक की टिकट कटने की दशा में रमन सिंह, राजिन्दरपाल सिंह भाटिया को टिकट चाहते हैं। होली के बाद रमन निवास पर जनता कांग्रेस के विधायक देवव्रत सिंह और राजिन्दरपाल सिंह भाटिया की मीटिंग भी हुई थी। उससे भी यही संकेत गया था। खैर, संतोष पाण्डेय को आरएसएस के सुझाव पर टिकट दी गई। आरएसएस ने सबसे ज्यादा मेहनत राजनांदगांव में ही की थी। वैसे तो अभिषेक को चुनाव संचालक बनाया गया था, लेकिन रमन सिंह समर्थकों की अरूचि को देखकर समानान्तर संचालन भी होता रहा। चुनाव प्रबंधन में माहिर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव संचालक थे और कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में जातिगत अंकगणित भी था। फिर भी आरएसएस की सक्रियता के चलते मतदान के पहले तक शहर और कस्बों में मोदी लहर दिखने लग गया था। आखिरकार संतोष पाण्डेय एक बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे।
फुटबॉल इतिहास में आज का दिन शोक और सबक के तौर पर दर्ज है. 24 मई 1964 को रेफरी के एक विवादास्पद फैसले से स्टेडियम में ही भगदड़ मच गई. 300 से ज्यादा लोग मारे गए.
24 मई 1964 के दिन दक्षिण अमेरिकी देश पेरू की राजधानी लीमा में ओलंपिक क्वालिफाईंग का मैच खेला जा रहा था. पेरू का सामना अर्जेंटीना से था. घरेलू फैन्स पूरे उत्साह के साथ पेरू का समर्थन कर रहे थे. मैच खत्म होने में कुछ ही मिनट बाकी थे, तभी पेरू ने एक गोल किया. रेफरी ने इसे गोल मानने से इनकार कर दिया.
इसके साथ ही स्टेडियम में हिंसा भड़क उठी. भीड़ को काबू में करने की कोशिशों की वजह से भगदड़ मच गई. 800 से ज्यादा लोग कुचले गए. 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 500 को गंभीर चोटें आईं.
भविष्य में ऐसी भगदड़ों को टालने के लिए दुनिया भर के फुटबॉल संघों ने पहल करनी शुरू की. लेकिन 1982 में फिर एक ऐसा ही हादसा हुआ और पता चला कि कुछ देशों ने पेरू से सबक नहीं लिया. मॉस्को के स्टेडियम में मची उस भगदड़ में 340 लोग मारे गए. इन हादसों के कारण क्राउड मैंनेजमेंट पर शोध होने लगा. पता चला कि अक्सर भीड़ को नियंत्रित करने की पुलिस की कोशिशें ही भगदड़ के लिए जिम्मेदार होती हैं. छोटे मोटे हादसे इसके बाद भी हुए लेकिन वक्त बीतने के साथ स्टेडियम सुरक्षित होने लगे.
- 1921 -थामस अल्वा एडीसन को स्टोरेज बैट्री के लिए, तथा धातुओं की पतली चादर बनाने के लिए पेटेन्ट जारी किया गया।
- 1935 -पहले स्पेक्ट्रोफोटोमीटर की बिक्री जनरल इलेक्ट्रिक कम्पनी द्वारा की गई।
- 1994 - मीना (सऊदी अरब) में हज से जुड़े एक समारोह के समय भगदड़ मच जाने से 250 लोगों से भी अधिक हाजियों की मृत्यु।
- 2000 - दक्षिण लेबनान से 22 साल का ख़ूनी दौर समाप्त कर इस्रायली सेना वापस लौटी।
- 2002 - नेपाल में नेपाली कांग्रेस ने प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को नेपाली कांग्रेस पार्टी से निलंबित किया।
- 2003 - इस्रायल के प्रधानमंत्री एरियल शैरोन ने पश्चिम एशिया शांति योजना को स्वीकार किया।
- 2005 - एनबी इंकबेयर मंगोलिया के राष्ट्रपति चुने गए।
- 2007 - एमा निकोलसन रिपोर्ट यूरोपीय संघ की संसद में पारित।
- 1954 - माउंट एवरेस्ट पर चढऩे वाली प्रथम भारतीय महिला बछेंद्री पाल का जन्म हुआ।
- 2000 - हिन्दी फि़ल्मों के प्रसिद्ध गीतकार और शायर मजरूह सुल्तानपुरी का निधन हुआ।
- 1990 - भारतीय विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष के. एस. हेगड़े का निधन हुआ।
- 1790 - इंग्लैण्ड के रसायनज्ञ तथा पेशे से डॉक्टर जॉन डैवी का जन्म हुआ, जिन्होंने फॉस्जीन गैस का नामकरण किया तथा उसके गुणधर्म पर प्रकाश डाला। वे सर हम्फरी डेवी के छोटे भाई थे। (निधन-24 जनवरी 1868)
- 1544 -अंग्रेज़ वैज्ञानिक विलियम गिल्बर्ट का जन्म हुआ, जो वैद्युतीय अध्ययन के जनक माने जाते हैं। वे चुम्बकत्व पर कार्य करने वाले अग्रणी वैज्ञानिक थे। गिल्बर्ट ने विद्युत आकर्षण के लिए विद्युत बल तथा धु्रव जैसे शब्द दिए। (निधन-10 दिसम्बर 1603)
- 1543- पोलैण्ड के खगोल शास्त्री निकोलस कॉपरनिकस का निधन हुआ, जिन्होंने बताया कि सूर्य एक जगह स्थिर है, तथा बाकी ग्रह उसके इर्द-गिर्द घूमते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हमारी पृथ्वी भी एक ग्रह है जो सूर्य के परित: घूमने के साथ-साथ अपनी धुरी पर भी घूमती है। (जन्म-19 फरवरी 1473)
- 1992 - अंग्रेज़ मैकेनिकल इंजीनियर फ्रैन्सिस थामस बैकन का नि निधन हुआ, जिन्होंने पहले आधुनिक हाइड्रोजन-आक्सीजन ईंधन सेल का निर्माण किया। (जन्म-21 दिसम्बर 1904)
- महत्वपूर्ण दिवस- राष्ट्रमंडल दिवस ।
23 मई 1848 को पैदा होने वाले लिलिएनथाल ऐसे शख्स हैं जिन्होंने इंसान को पहली बार उड़ना सिखाया. उनकी उड़ान ने क्रांति कर दी.
अमेरिका के राइट बंधुओं ने पहला हवाई जहाज बना कर दुनिया को हैरान कर दिया लेकिन असल में उड़ने के ख्वाब को पहली बार हकीकत में बदला जर्मनी के ओटो लिलिएनथाल ने. लिलिएनथाल ने ग्लाइडर बनाया और उससे कई उड़ानें भरीं. बार बार उड़कर उन्होंने साबित कर दिया कि इंसान उड़ान भरने वाली मशीन विकसित कर सकता है.
पंछियों को कई साल तक करीब से देखने के बाद लिलिएनथाल ने ग्लाइडर बनाया. उसके पंख पंछियों जैसे ही बनाए गए. पंखों को साधने के लिए उन्हें लकड़ी से कसा. इसके बाद लिलिएनथाल बर्लिन में 10 मीटर ऊंची इमारत में गए. छत से उन्होंने छलांग मार दी. उनकी साहसिक छलांग ने इंसानी सभ्यता का सदियों पुराना उड़ने का सपना साकार कर दिया.इसके बाद उन्होंने तमाम ऊंची चोटियों से कई बार उड़ान भरी. बिना इंजन के सिर्फ हवा की मदद से उन्होंने कुल पांच घंटे उड़ान भरी. वह 1896 में बर्लिन के पास एक ऊंची पहाड़ी पर गए. वहां से उन्होंने तीन बार सफल उड़ान भरी. लेकिन चौथी बार ग्लाइडर नाक के बल गिरा. लिलिएनथाल ने उसे संभालने की भरसक कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए. धरती से 15 मीटर की ऊंचाई पर ग्लाइडर का संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया और वह पूरी रफ्तार से गिरा. लिलिएनथाल लिलीनथाल को गंभीर चोटें आई. अगले दिन 10 अगस्त 1896 को उनकी मौत हो गई.
अमेरिका के राइट बंधुओं ने लिलिएनथाल की तकनीक का गहरा अध्ययन किया. इसके आधार पर ही वो पहला हवाई जहाज बनाने में सफल हुए. विल्बर राइट के मुताबिक, "लिलिएनथाल ने इंसान के हजारों साल के बोझ को अकेले झटक दिया." लिलिएनथाल को आज ग्लाइडर किंग के नाम से जाना जाता है.
- 1805- गवर्नर-जनरल लॉर्ड वेलेजली ने एक आदेश के अंतर्गत दिल्ली के मुग़ल बादशाह के लिए एक स्थायी प्रावधान की व्यवस्था की थी।
- 1949 - पश्चिम जर्मनी संविधान को अंगीकार करने के बाद औपचारिक रूप से अस्तित्व में आया।
- 1950 -अश्वेत अमेरिकी आविष्कारक एफ.एम. जोन्स को शीतलन (रेफ्रीजेरेशन) नियंत्रण प्रणाली के लिए पेटेंट जारी किया गया।
- 1962-पहली बार मानव के हाथ का प्रत्यारोपण हुआ जिसे डॉ. डॉनल्ड ए. मैल्ट तथा जे. मैकहान ने संपादित किया।
- 1977 - बेनिन ने संविधान को अंगीकार किया।
- 1984 - बछेन्द्री पाल दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फ़तह करने वाली पहली भारतीय महिला बनी।
- 1999 - योहानिस रौ संघीय जर्मनी के नए राष्ट्रपति नियुक्त।
- 2001 - पाकिस्तान का भारत को एम.एफ़.एन. का दर्जा देने से पुन: इंकार।
- 2004 - बांग्लादेश में तूफ़ान के कारण मेघना नदी में नाव डूबने से 250 डूबे। सिंगापुर में जहाज़ के टैंकर से टकराने के कारण 4 हजार कारें डूबी।
- 2008 - भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल पृथ्वी-2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- 2009 - भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति रोह मू ह्यून ने अपने घर के नज़दीक पहाडिय़ों से छलांग लगाकर आत्महत्या की।
- 2010 - मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता में भारत के उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने बिना विवाह किये महिला और पुरुष का एक साथ रहना अपराध नहीं माना।
- 1919 - जयपुर राजघराने की राजमाता महारानी गायत्री देवी का जन्म हुआ।
- 2010 - नक्सली आंदोलन के जनक भारतीय कानू सान्याल का निधन हुआ।
- 1908 - अमेरिकी भौतिक शास्त्री जॉन बारडीन का जन्म हुआ, जो 1956 और 1972 दो बार भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार के सहविजेता रहे। सन् 1956 का पुरस्कार उन्हें विलियम शोक्ले और वॉल्टर ब्रैटन के साथ ट्रान्जि़स्टर की खोज के लिए, तथा 1972 का नोबेल लियॉन एन. कूपर तथा जॉन आर. श्रीफर के साथ सुपरकन्डक्टर का सिद्धांत विकसित करने के लिए प्राप्त हुआ। (निधन- 30 जनवरी 1991)-
- 1707 -स्वीडन के वनस्पति विज्ञानी कैरोलस लीनियस का जन्म हुुआ, वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने वंश (जीनस) और प्रजाति (स्पिशीज़) के जरिए जीवधारियों के नामकरण का एक तरीका सुझाया। (निधन-10 जनवरी 1778)
- 1960-फ्रांसीसी इंजीनियर, रसायनज्ञ और नियॉन लाइट के आविष्कारक ज्यॉर्जेस क्लाउड का निधन हुआ। क्लाउड पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सीलबंद नियॉन ट्यूब में विद्युत आवेश प्रवाहित कराया और 1902 में नियॉन प्रकाश लैम्प की खोज की। (जन्म-24 सितम्बर 1870)
- 1949- अमेरिकी भौतिकशास्त्री विलियम वैब्सटर हैन्सन का निधन हुआ, जिन्होंने राडार निर्माण के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन्हें माइक्रोवेव तकनीक के संस्थापक के रूप में भी जाना जाता है। (जन्म 27 मई 1909)
- महत्वपूर्ण दिवस-अंतर्राष्ट्रीय तिब्बत मुक्ति दिवस ।
मी टू में फंसे नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रदेश संगठन जरूर कौशिक का बचाव कर रहा है, लेकिन पार्टी हाईकमान इसको लेकर गंभीर दिख रहा है। सुनते हैं कि हाईकमान ने महिला के आरोपों की वीडियो क्लिप मंगवाई है और देर शाम तक सारी जानकारी भेज भी दी गई। यही नहीं, मंगलवार को दिल्ली में अमित शाह के रात्रि भोज के मौके पर भी कुछ नेता इस प्रकरण पर बतियाते रहे। हाईकमान इस पूरे प्रकरण को लेकर गंभीर इसलिए है कि नेता प्रतिपक्ष के चयन के दौरान कौशिक की गैरमौजूदगी में एक पूर्व मंत्री ने उनके आचरण को लेकर काफी कुछ कहा था तब पार्टी नेता सन्न रह गए थे।
कौशिक का यह बयान भी लोगों को हजम नहीं हो रहा है कि दो साल तक महिला क्या कर रही थी। इस पर महिला के वकीलों का कहना है कि कौशिक के करीबी प्रकाश बजाज के खिलाफ पुलिस से लेकर तत्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह से भी मिलकर महिला ने छेड़छाड़ की शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब प्रकाश बजाज जैसे मामूली नेता पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी तो कौशिक जैसे बड़े प्रदेशाध्यक्ष पर क्या कार्रवाई होती? सरकार बदली तो उनकी शिकायत पर अब जब प्रकाश बजाज पर कार्रवाई हुई, तो इसके बाद शिकायतकर्ता महिला का हौसला बढ़ा। खैर, कांग्रेस ने यह कह दिया कि कौशिक जिस एजेंसी से जांच कराना चाहे, वे इसके लिए तैयार हैं। अब कौशिक के अगले कदम पर निगाहें टिकी हुई है। अभी जब तक दिल्ली में एनडीए की सरकार बन न जाए, तब तक तो कौशिक के हिमायती यह चुनौती भी नहीं दे सकते कि मामले की सीबीआई से जांच करा ली जाए। महिलाओं की शिकायत मनमाने तरीके से खारिज करने के नुकसान देश भर में जगह-जगह समय-समय पर आते रहे हैं, और छत्तीसगढ़ में धरम कौशिक को लेकर पहले से कई अप्रिय चर्चाएं हवा में रही हैं, इसलिए इस शिकायत को खारिज करना भाजपा के कई लोगों के गले नहीं उतर रहा है। फिलहाल भाजपा नेत्री हर्षिता पांडेय महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर नहीं हैं, इसलिए बखेड़ा बढऩे पर इसी आयोग से कोई नोटिस भी आ सकता है।
भारतीय उड्डयन इतिहास में आज का दिन एक काले दिन के तौर पर याद किया जाता है. 2010 में दुबई से मैंगलोर आ रहा एयर इंडिया का विमान आखिरी मौके पर हादसे का शिकार हो गया और इसमें सवार डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.
दुबई से रात नौ बजे उड़ान भरने के बाद एयर इंडिया का बोइंग 737-800 मैंगलोर एयरपोर्ट पहुंचा. लेकिन वह रनवे से बाहर निकल गया और पहाड़ी इलाके में हादसे का शिकार हो गया. इसमें सवार 160 मुसाफिरों और चालक दल के आठ सदस्यों में से 158 लोगों की मौत हो गई. जबकि आठ लोग आश्चर्यजनक तरीके से बच गए. यह हादसा भारतीय उड्डयन के तीन सबसे खतरनाक हादसों में शामिल हो गया. इससे पहले 1996 में दिल्ली के पास चरखी दादरी में दो विमानों की आकाश में टक्कर हो गई थी, जिसमें 349 लोग मारे गए थे. उसके अलावा 1978 में एयर इंडिया का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 213 लोग मारे गए थे.
मैंगलोर का एयरपोर्ट भारत के कुछ मुश्किल एयरपोर्टों में शामिल है. किसी विमान के मैंगलोर रनवे से बाहर निकल जाने की यह दूसरी घटना थी. रनवे से बाहर निकलने के बाद जब विमान पहाड़ियों से टकराया, तो बचाव के लिए स्थानीय लोग पहुंचे. लेकिन विमान तब तक कई टुकड़ों में टूट चुका था. हादसे में किसी तरह बचने वाले एक शख्स का कहना था, "विमान दो टुकड़ों में टूट गया और केबिन से गहरा धुआं निकलने लगा. मैं किसी तरह खिड़की से बाहर निकला. मेरे बाद छह और मुसाफिर उसी खिड़की से निकलने की कोशिश करने लगे. बाद में गांववालों ने हमें बचाया."
- 1805- गवर्नर जनरल लॉर्ड वेलेजली ने एक आदेश के तहत दिल्ली के मुग़ल बादशाह के लिए एक स्थायी प्रावधान की व्यवस्था की।
- 1972 - पाकिस्तान द्वारा राष्ट्रमंडल की सदस्यता से त्यागपत्र।
- 1990 - उत्तरी एवं दक्षिणी यमन के विलय के साथ संयुक्त यमन गणराज्य का अभ्युदय।
- 1992 - बोस्निया, स्लोवेनिया तथा क्रोएशिया सं.रा. संघ के सदस्य बने।
- 1995- खगोलशास्त्री अमान्डा एस. बॉश तथा ऐन्ड्रयू एस. रिवकिन ने हबल अंतरिक्ष दूरबीन की मदद से शनि ग्रह के दो नए चन्द्रमा खोजे।
- 1996 - माइकल कैमडेसस तीसरी बार अगले पांच वर्षों तक के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रबंध निदेशक चुने गये।
- 2001 - दलाई लामा ने तिब्बत की आज़ादी की मांग छोड़ी।
- 2002 - नेपाल में संसद भंग।
- 2003 - अल्जीरिया में आये विनाशकारी भूकम्प में दो हज़ार से भी अधिक लोग मारे गये।
- 2007 - गणितज्ञ श्रीनिवास वर्धन को नार्वे का अबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
- 2008 - केन्द्रीय उच्च शिक्षण संस्थानो में ओबीसी छात्रों को 27 प्रतिशत कोटा देने का आधारभूत ढांचा खड़ा करने के लिए सरकार ने 10 हज़ार 328 करोड़ रुपये दिए। मुंशी प्रेमचन्द की अमर कृति निर्मला सहित हिन्दी की पांच रचनाओं के अनुवादक वर्ष 2007 के साहित्य अकादमी पुरस्कार हेतु चुने गए। केन्द्र सरकार ने गुजरात दंगा पीडि़तों के लिए आर्थिक पैकेज देने की घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र संघ की 47 सदस्यीय मानवाधिकार समिति में पाकिस्तान को शामिल किया गया।
- 1545 - भारत में सूर साम्राज्य का संस्थापक और महान योद्धा शेरशाह सूरी का जन्म हुआ।
- 1774 - धार्मिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में अग्रणी राजा राममोहन राय का जन्म हुआ।
- 1859 - स्कॉटलैण्ड के चिकित्सक तथा उपन्यासकार सर आर्थर कैनन डॉयल का जन्म हुआ, जिन्हें खासकर मशहूर जासूसी उपन्यास के किरदार शैरलॉक होम्स के जनक के रूप में जाना जाता है। (निधन-7 जुलाई 1930)
- 1983- बेल्जियन-अमेरिकी कोशिका विज्ञानी अल्बर्ट क्लाउड का निधन हुआ, जिन्हें कोशिका के क्रियात्मक तथा संरचनात्मक रूप की खोज करने के लिए (क्रिश्चियन डी. ड्यूवे और जॉर्ज ई. पैलाडे के साथ) 1974 में शरीर क्रिया विज्ञान/चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म 24 अगस्त 1898)
- 1997 - अमेरिकी जीव विज्ञानी अल्फ्रेड डे हैर्शे का निधन हुआ, जिन्हें मैक्स डेलब्रक तथा सैल्वाडोर ल्यूरिया के साथ 1969 में शरीर क्रिया विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार उन्हें बैक्टीरियोफेज (जीवाणुभोजी विषाणु) पर अनुसंधान करने के लिए मिला। (जन्म 4 दिसम्बर 1908)
- 1966-बच्चों की फि़ल्मों की दुनिया के जाने पहचाने कलाकार वाल्ट डिज़्नी का निधन हुआ। वे सन 1901 ईसवी में अमरीका में पैदा हुए । वाल्ट डिज़्नी ने कार्टून फि़ल्मों के निर्माण में सराहनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कई बार अपनी कला के माध्यम से आस्कर पुरस्कार जीता।
- महत्वपूर्ण दिवस- जैविक विविधता दिवस।