स्थायी स्तंभ
महात्मा गांधी पर भाजपा के अलग-अलग लोग जिस अंदाज में हमला कर रहे हैं, उसे देखकर सब हक्का-बक्का हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ऐसे लोगों को नोटिस देने की बात कही है, लेकिन भाजपा के नेता हैं कि कूद-कूदकर गांधी पर हमला किए जा रहे हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव अग्रवाल शायद भाजपा से ऐसे अकेले नेता हैं जिन्होंने खुलकर साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखा है- साध्वी प्रज्ञा का नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं हैं। नाथूराम गोडसे केवल हत्यारा था, और इसके अलावा कुछ नहीं। साध्वी को देश से माफी मांगनी चाहिए। बीती दोपहर ही उन्होंने यह पोस्ट कर दिया था, हालांकि अमित शाह का बयान खासा बाद में आया है, आज सुबह। अमित शाह के बयान के बाद भी मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अनिल सौमित्र ने गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता कहा है। और उनकी इस बात पर देश के बहुत से चौकीदारों ने लिखा है कि जब किसी को राष्ट्रपिता बनाकर दूसरों पर थोपा जाएगा, तो उसकी ऐसी ही प्रतिक्रिया होगी। हालांकि राजनीति में दिलचस्पी लेने वाले लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि चुनाव के बीच में, अभी जब मतदान का एक दौर बाकी है, भाजपा के नेता गांधी को इस तरह कूद-कूदकर लात मारकर आखिर कौन से वोटरों को प्रभावित कर रहे हैं? क्या अब बाकी सीटों पर महज गोडसेवादी वोटर ही बचे हैं?
मुख्यमंत्री की मेज लबालब
चुनाव प्रचार से मुक्त होकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक बार फिर सरकारी कामकाज पर बैठे हैं, तो उनके टेबिल और कमरे सभी फाइलों से लबालब बताए जा रहे हैं। बहुत से मामलों पर फैसले लेने हैं, और बहुत से नाम भी निगम-मंडल के लिए छांटने हैं। विधानसभा चुनाव को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भूपेश ने जिस खूबी से जीता है, उसके चलते वे मंत्रिमंडल तो पूरी तरह अपनी मर्जी का बना गए, लेकिन अब निगम-मंडल में मनोनयन में पार्टी के दिग्गज विधायकों से लेकर संगठन के वजनदार लोगों तक सबके बीच संतुलन बनाना उतना आसान नहीं रहेगा। लोगों की बड़ी-बड़ी उम्मीदें हैं क्योंकि पन्द्रह बरस बाद पार्टी सत्ता में है, ऐसे में हर कोई सत्ता की बस में सवार हो जाना चाहते हैं। एक बार फिर धर्म, जाति, जिला, और गुट, इन सभी का ख्याल रखते हुए लोगों के नाम छांटने होंगे, और यही मौका मुख्यमंत्री के सामने सरकारी फिजूलखर्ची को घटाने का भी रहेगा कि ऐसे नाम के कागजी निगम-मंडल, आयोग खत्म किए जाएं जो कि मुफ्तखोरी के लिए बनाए गए थे। यह एक कड़ा और कड़वा फैसला हो सकता है, लेकिन कामयाब लीडरशिप ऐसा जरूर कर सकती है क्योंकि इतने बहुमत से आने के बाद भूपेश बघेल के सामने मध्यप्रदेश की तरह सरकार पलटने का खतरा नहीं है।
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16 मई 2013 को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पहली बार क्लोन किए गए इंसानी भ्रूण से स्टेम सेल यानि मूल कोशिका निकालने में सफलता पाई. पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से वैज्ञानिक मानव के क्लोन किए गए भ्रूण से स्टेम सेल निकालने की कोशिश कर रहे थे. पहले माना जा रहा था कि इलाज के लिए बनाए जाने वाले कृत्रिम भ्रूण का विकास कोशिकाएं बनने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही रुक जाता है. मूल कोशिकाएं यानि स्टेम सेल खुद को शरीर की किसी भी कोशिका में ढाल सकते हैं.
वैज्ञानिक काफी समय से कोशिश कर रहे हैं कि पार्किंसन, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, रीढ़ में चोट और आंखों में रोशनी के इलाज में इनका इस्तेमाल हो सके. चूंकि प्रत्यारोपण में शरीर के बाहरी अंग को स्वीकार नहीं करने की आशंका बहुत ज्यादा होती है, इसलिए वैज्ञानिकों ने मरीज के खुद के डीएनए क्लोनिंग करके स्टेम सेल बनाने का फैसला किया. इस प्रक्रिया के तहत सोमेटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर तकनीक के जरिए मरीज का डीएनए खाली अंडाणु में डाला जाता है. 1996 में इसी तकनीक का डॉली भेड़ का क्लोन बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. डॉली पहली स्तनपायी प्राणी थी, जिसे क्लोन करके बनाया गया था.
- 1769- ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के कपड़ा उद्योग को बर्बाद करने के लिए बुनकरों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए।
- 1890-कॉमिक कट्स नाम का पहला साप्ताहिक कॉमिक पत्र ब्रिटेन में अल्फ्रेड नॉर्थक्लिफ द्वारा छापा गया।
- 1955 -परमाणु रिएक्टर को फर्मी तथा जि़लार्ड ने पेटेन्ट कराया।
- 1975 - जापानी महिला श्रीमती जुनको तैबेई माउंट एवरेस्ट पर चढऩे वाली प्रथम महिला बनी।
- 1987 - सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया।
- 2000 - रूसी संसद के ऊपरी सदन फ़ेडरलिस्ट्स ने परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि की मंजूरी प्रदान की।
- 2010 - भारतीय बॉक्सरों ने कॉमनवेल्थ बॉक्सिंग चैंपियनशिप के सभी छह स्वर्ण पदक जीत लिए। देश के सबसे पुराने पारंपरिक खेल कबड्डी को बढ़ावा देते हुए पंजाब सरकार ने अगले महीने कबड्डी विश्वकप का आयोजन करने की घोषणा की। भारतीय सेना ने अग्नि-2 प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया।
- 1836 - ब्रिटेन के खगोलशास्त्री सर जोजफ़ नॉर्मन लॉक्यर का जन्म हुआ, जिन्होंने 1868 में पृथ्वी पर खोजे जाने से पहले ही सूर्य में हीलियम तत्व की खोज की और उसका नामकरण भी किया। इसके अलावा उन्होंने सूर्य की बाहरी परत का नाम क्रोमोस्फेयर दिया। (निधन-16 अगस्त 1920)
- 1749 -अंग्रेज़ सर्जन ऐडवर्ड जेनर का जन्म हुआ, जिन्होंने चेचक के टीके की खोज की। उस समय गांवों में प्रचलित था कि चेचक की ही तरह की गाय की एक हानिरहित बीमारी जिसे हो जाए, उसे बाद में चेचक की बीमारी नहीं होती। 14 मई 1796 को उन्होंने डेयरी में काम करने वाली लडक़ी से उस बीमारी का द्रव लिया और उसे एक आठ वर्षीय लडक़े के शरीर में प्रविष्ट करा दिया। इससे लडक़े को गौचेचक हो गया, फिर छह महीने बाद उन्होंने उसे चेचक से संक्रमित किया तो पाया कि लडक़ा बिलकुल ठीक था। (निधन-26 जनवरी 1823)
- 1991 -इंग्लैण्ड में जन्मे अमेरिकी जीवविज्ञानी जॉर्ज इवेलिन हचिन्सन का निधन हुआ, जो स्वच्छ पानी की झीलों का पारिस्थितिक अध्ययन करने के कारण आधुनिक झील विज्ञान के जनक माने जाते हैं। (जन्म-30 जनवरी 1903)
- 1916-रूसी भौतिक शास्त्री बॉरिस बॉरिसोविक गॉलिट्सिन का निधन हुआ, जो भूकम्प विज्ञान पर काम करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भूकंपमापी यंत्र के निर्माण में मदद की। (जन्म-2 मार्च 1862)
- महत्वपूर्ण दिवस- विश्व दूर संचार दिवस
अब चुनावी नतीजों को करीब हफ्ता भर बाकी है, और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि चुनाव आयोग की रोक खत्म होते ही टीवी चैनलों और अखबारों पर एक्जिट पोल के अंदाज आने लगेंगे। ऐसे में कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के मुखिया प्रवीण चक्रवर्ती की एक ट्वीट पर ध्यान देने की जरूरत है जिसमें कहा गया है कि 2014 से लेकर अब तक जिन बड़े राज्यों में सीटों की भविष्यवाणी की गई थी, वह भारी गड़बड़ी निकली थी। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, बिहार, उत्तरप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, दिल्ली, केरल, और तमिलनाडु में पिछले 5 बरस के विधानसभा चुनावों के नतीजों के एक्जिट पोल में सीटों की संख्या का हिसाब चार अलग-अलग एजेंसियों का इस प्रकार रहा- एक्सिस-38 फीसदी सहित, चाणक्य- 25 फीसदी, सी वोटर- 15 फीसदी, और सीएसडीएस- 0 फीसदी। अब जो लोग एक्जिट पोल देखना चाहते हैं, वे इस बात को ध्यान में रखकर आगे अपना मनोरंजन कर सकते हैं।
16 मई 2013 को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पहली बार क्लोन किए गए इंसानी भ्रूण से स्टेम सेल यानि मूल कोशिका निकालने में सफलता पाई. पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से वैज्ञानिक मानव के क्लोन किए गए भ्रूण से स्टेम सेल निकालने की कोशिश कर रहे थे. पहले माना जा रहा था कि इलाज के लिए बनाए जाने वाले कृत्रिम भ्रूण का विकास कोशिकाएं बनने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही रुक जाता है. मूल कोशिकाएं यानि स्टेम सेल खुद को शरीर की किसी भी कोशिका में ढाल सकते हैं.
वैज्ञानिक काफी समय से कोशिश कर रहे हैं कि पार्किंसन, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, रीढ़ में चोट और आंखों में रोशनी के इलाज में इनका इस्तेमाल हो सके. चूंकि प्रत्यारोपण में शरीर के बाहरी अंग को स्वीकार नहीं करने की आशंका बहुत ज्यादा होती है, इसलिए वैज्ञानिकों ने मरीज के खुद के डीएनए क्लोनिंग करके स्टेम सेल बनाने का फैसला किया. इस प्रक्रिया के तहत सोमेटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर तकनीक के जरिए मरीज का डीएनए खाली अंडाणु में डाला जाता है. 1996 में इसी तकनीक का डॉली भेड़ का क्लोन बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. डॉली पहली स्तनपायी प्राणी थी, जिसे क्लोन करके बनाया गया था.
- 1946 -जैक म्युलिन द्वारा विश्व का पहला चुम्बकीय टेपरिकॉर्डर प्रदर्शित किया गया।
- 1988-इस बात की घोषणा की गयी कि हेरोइन तथा कोकीन जैसे मादक द्रव्यों की तरह निकोटीन का सेवन भी लोगों को आदती बना देता है।
- 1999 - दक्षेस का 2002 ई. में होने वाला शिखर सम्मेलन थिम्पू में कराए जाने की घोषणा।
- 2004 - रोजर फ़ेडेरर ने हेम्बर्ग मास्टर्स खिताब जीता।
- 2006 - हालीवुड की चर्चित अदाकारा आस्कर पुरस्कार के लिए नामित नाओमी वाट्स को संयुक्त राष्ट्र संस्था का राजदूत बनाया गया। न्यूजीलैंड के 47 वर्षीय मार्क इंजलिस ऐसे पहले पर्वतारोही बन गये, जिन्होंने कृत्रिम पैरों के सहारे एवरेस्ट की चोटी पर झण्डा फहराया।
- 2008 - उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय शिक्षण संस्थानों के स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमों में 27 प्रतिशत ओबीसी कोटा पर रोक के कोलकाता उच्च न्यायालय के निर्णय को ख़ारिज कर दिया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भूटान की दो दिवसीय यात्रा पर थिम्पु पहुँचे।
- 1805 - सर अलेक्ज़ेंडर बन्र्स का जन्म हुआ, जो वर्तमान पाकिस्तान, अफग़़ानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान एवं ईरान में अभियानों के लिए प्रसिद्ध ब्रिटिश अन्वेषक एवं राजदूत थे।
- 1718 - इटली की गणितज्ञ एवं दर्शनशास्त्री मारिया आग्नेसी का जन्म हुआ। वे पश्चिमी जगत की पहली महिला गणितज्ञ थीं। प्रपोज़ीशनेस फिलॉसफीसी (1738) में उन्होंने दर्शनशास्त्र और प्रकृति विज्ञान पर निबन्धों की श्रृंखला प्रस्तुत की। ऐनालिटिकल इन्स्टीट्यूशन्स के उनके दो ग्रंथ शैक्षणिक समाज द्वारा काफी सराहे गए। (निधन- 9 जनवरी 1799)
- 1763- फ्रांसीसी रसायनज्ञ निकोलस लुई वॉक्लिन का जन्म हुआ, जिन्होंने क्रमश: 1797 तथा 1798 में क्रोमियम एवं बेरीलियम तत्वों की खोज की। (निधन-14 नवम्बर 1829)
- 1947 -ब्रिटेन के जैव रसायनज्ञ सर फ्रेड्रिक गोलैण्ड हॉप्किन्स का निधन हुआ, जिन्होंने एक जरूरी पोषक तत्व की खोज की। इन्हें आज हम विटामिन के नाम से जानते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी हैं। इसके लिए उन्हें क्रिश्चियान ईज्कमैन के साथ वर्ष 1929 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म 20 जून 1861)
- 1938 - अमेरिकी सिविल इंजीनियर जोसफ बेयरमन स्ट्रॉस का निधन हुआ, जिन्होंने सैन फ्रान्सिस्को के गोल्डन गेट ब्रिज के निर्माण में मुख्य अभियंता की भूमिका निभायी। (जन्म 9 जनवरी 1870)
राजेश मूणत और रमशीला साहू को छोड़कर रमन सरकार के तकरीबन सभी मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कुछ न कुछ प्रकरण हैं, और वे जांच के घेरे में आ गए हैं। बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ उनकी अपनी सरकार ने ही जांच बिठा रखी थी, इसलिए नई सरकार को आगे कुछ करने की जरूरत नहीं है।
पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा पर गलत जानकारी देकर पत्नी के नाम गैस एजेंसी हासिल करने के मामले की पड़ताल चल रही है। अजय चंद्राकर भी आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच के घेरे में हैं। अमर अग्रवाल और उनके परिवार के कई उद्योगपति सदस्यों के खिलाफ तरह-तरह के केस दर्ज भी हंै, और चर्चा में भी हैं। सुनते हैं कि अमर ने आबकारी में काफी खेल खेला था और एसआर सिंह नाम का अभी लापता या फरार चल रहा भूतपूर्व अफसर अमर की मेहरबानी से ही नौ-नौ बार संविदा नियुक्ति पाकर बड़े-बड़े आईएएस अफसरों से भी ऊपर आबकारी की पूरी साजिश करते रहा, और हजारों करोड़ का दो नंबर का काम उसी दौर में हुआ। राजेश मूणत के खिलाफ अभी तक कोई ठोस प्रकरण नहीं आया है। जबकि खुद डॉ. रमन सिंह कई प्रकरणों में घिर गए हैं। अब 15 साल सरकार में थे, तो गलती होना स्वाभाविक था। कुछ गलतियां अनजाने में हुई, तो कुछ लापरवाही से हुई, शायद यह सोचकर कि सत्ता परिवर्तन होगा ही नहीं। सरकार में बाकी उपेक्षित-तिरस्कृत नेता-अफसरों का यह मानना रहा कि रमन सिंह की टीम यह मानकर चल रही थी कि वे अमर-बूटी पा चुके हैं, और खा चुके हैं। इसी धोखे में बहुत से मामले खड़े रह गए जो कि आज जांच और कटघरे तक पहुंचा रहे हैं। फिलहाल मौजूदा सरकार के लिए अगले चुनाव में जाने तक के लिए काफी कुछ मसाला तैयार हो गया है।
जो मैकडॉनल्ड आज घर घर में जाना पहचाना नाम है, क्या आप जानते हैं कि वह कितने साल पुराना है? आज ही के दिन इसके पहले रेस्तरां की शुरुआत हुई थी.
बर्गर और फ्रेंच फाइस के सस्ते मेनु से भारत में कुछ दशक पहले अपनी शुरुआत करने वाला मैकडॉनल्ड बदलते समय के स्वाद के साथ मेनु भी बदलता रहा है. 1940 में आज ही के दिन मैक और डिक मैकडॉनल्ड नाम के दो भाइयों ने मिलकर कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डीनो में छोटा सा रेस्तरां खोला था. इसी का बाद में उनके कारोबारी सहयोगी रे क्रोक की मदद से दुनिया भर की मशहूर खाद्य चेन के रूप में विस्तार हुआ. रेस्तरां की खास बात उसके दाम थे जो कि जेब पर भारी नहीं पड़ते थे. आज दुनिया भर में फैले हुए मैकडॉनल्ड के मेनु में सिर्फ बर्गर और फ्रेंच फ्राइस नहीं और भी बहुत कुछ है.
- 1718-जेम्स पकल ने मशीनगन का पेटेन्ट कराया।
- 1776 - दुनिया में भाप से चलने वाला पहला जहाज बनाया गया। फ्रांस के एक इंजीनियर डेनिस पापिन ने भाप की शक्ति का पता लगाया जिसके 70 वर्ष बाद एक अन्य फ्रांसीसी वैज्ञानिक मार्की डोज़ेफऱा ने भाप का जहाज बनाया। जहाज मे भाप की शक्ति का प्रयोग जल यातायात के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति थी।
- 1941-इंग्लैण्ड के पहले जेटयान ने उड़ान भरी।
- 1995 - एलीसन गारग्रीब्स बिना आक्सीजन सिलीडंर के एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली पहली महिला बनीं।
- 1999 - कुवैती सरकार द्वारा महिलाओं को संसदीय चुनावों में मताधिकार का हक प्रदत्त।
- 2001 - इटली में दक्षिणपंथी गठबंधन को बहुमत।
- 2002 - संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इराक पर प्रतिबंधों का अनुमोदन किया।
- 2003 - इराक युद्ध में अमेरिकी सेनाओं के कमांडर टामी फ्रैक्स के खिलाफ ब्रूसेल्स की अदालत में युद्ध सम्बन्धी मुकदमा दायर।
- 2008 - श्रीलंका सरकार ने आतंकवादी संगठन लिट्टे पर प्रतिबंध दो साल के लिए बढ़ाया। भारतीय मूल की मंजूला सूद ब्रिटेन में मेयर बनने वाली पहली एशियाई महिला बनीं।
- 1817 -प्रख्यात विद्वान और धार्मिक नेता देवेन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म हुआ।
- 1907 - महान क्रांतिकारी सुखदेव का जन्म हुआ।
- 1923 -भारतीय हास्य अभिनेता जॉनी वॉकर का जन्म हुआ।
- 1933 - भारत के भूतपूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी. एन. शेषन का जन्म हुआ।
- 1965 -बालीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित नेने का जन्म हुआ।
- 1991 - श्रीमती एडिथ क्रेसन का निधन हुआ, जो फ्रांस की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
- 2010 - राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री व भारत के उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत का निधन हुआ।
- 1859 - फ्रांसीसी भौतिक रसायनज्ञ पियरे क्यूरी का जन्म हुआ, जिन्हें उनकी पत्नी मैडम क्यूरी के साथ 1903 में भौतिकविज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला। इन्होंने आर्थिक कठिनाइयों से जूझते हुए भी हार नहीं मानी, तथा दोनों ने रेडियम तथा पोलोनियम नामक तत्वों की खोज की। (निधन-19 अप्रैल 1906)
- 1803 ब्रिटिश अभियंता सर आर्थर थॉमस कॉटन का जन्म हुआ, जिन्होंने जीवन भर जल संचयन के लिए नहरें, बांध आदि का निर्माण किया और दक्षिण भारत में हज़ारों लोगों को अकाल से बचाया तथा अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने में योगदान दिया। (निधन- 14 जुलाई 1899)
- 1992- अमेरिकी भौतिक शास्त्री रॉबर्ट मॉरिस पेज का निधन हुआ, जिन्होंने पल्स राडार तकनीक का आविष्कार किया। उन्होंने इस क्षेत्र में 65 पेटेंट प्राप्त किए जिन्हें आज नौ-परिवहण, मौसम-विज्ञान, खगोलशास्त्र आदि में इस्तेमाल किया जाता है। ( जन्म-2 जून 1903)
- 1715-अंग्रेज़ अन्वेषक थॉमस सेवरी का निधन हुआ, जिन्होंने भाप से चलने वाले जल पम्प का निर्माण किया और 1698 में उसे पेटेन्ट कराया। वर्ष 1649 में उन्होंने कांच की प्लेट को पॉलिश करने का तरीका खोजा। (जन्म-1650)।
विधायक भीमा मंडावी के निधन के बाद खाली दंतेवाड़ा सीट पर अगले कुछ महीनों में उपचुनाव होना है। राजनीतिक हल्कों में यह चर्चा है कि नक्सलियों की गोली से मारे गए विधायक भीमा मंडावी के परिजनों में से भाजपा किसी को प्रत्याशी बनाती है, तो शायद कांग्रेस उम्मीदवार न खड़ा करे। भाजपा के कुछ लोग महाराष्ट्र और एक-दो अन्य राज्यों की परंपरा का हवाला देकर सत्तारूढ़ दल कांग्रेस से कुछ इसी तरह की उम्मीद पाले हुए हैं।
महाराष्ट्र में पूर्व गृहमंत्री आरआर पाटिल के निधन के बाद एनसीपी ने उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाया, तो सत्तारूढ़ दल भाजपा ने उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं खड़े किए। इसी तरह महाराष्ट्र के एक और प्रतिष्ठित नेता पतंगराव कदम के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने पतंगराव कदम के बेटे विश्वजीत कदम के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारा। पर छत्तीसगढ़ में इस तरह की परंपरा नहीं रही है। बालोद में भाजपा विधायक मदन लाल साहू के निधन के बाद उपचुनाव में पार्टी ने उनकी पत्नी कुमारी बाई को प्रत्याशी बनाया, तो कांग्रेस ने पूरी दमदारी से चुनाव लड़ा था। झीरम नक्सल हमले में मारे गए नंदकुमार पटेल के पुत्र उमेश पटेल के खिलाफ प्रत्याशी खड़ा करने में भाजपा ने जरा भी संकोच नहीं किया।
इस बार के विधानसभा चुनाव में तो उमेश पटेल को हराने के लिए हर संभव कोशिश की गई। कुछ लोगों का अंदाजा है कि पार्टी ने सबसे ज्यादा पैसे खर्च खरसिया में उमेश पटेल को हराने के लिए किए। वैसे तो डॉ. रमन सिंह को संवेदनशील सीएम माना जाता रहा है, लेकिन वे चुनावी राजनीति में कठोर रहे। उन्होंने तो दिवंगत पूर्व गृहमंत्री नंदकुमार पटेल के गृहग्राम नंदेली में सभा लेकर एक तरह से कांग्रेस के गढ़ को ध्वस्त करने कोशिश की। ये अलग बात है कि इन तमाम हथकंडों के बावजूद भाजपा को बुरी हार का सामना करना पड़ा। यह सब देखकर नहीं लगता कि कांग्रेस, दंतेवाड़ा उपचुनाव में मैदान छोड़ेगी।
परंपराएं तो पहले ही ढह गईं...
इसी किस्म की दूसरी बात छत्तीसगढ़ में यह है कि जोगी के वक्त से विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की पुरानी परंपरा खत्म कर दी गई थी। वरना अविभाजित मध्यप्रदेश में हमेशा ही उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता था। जोगी ने भाजपा के एक दर्जन से अधिक विधायक तोड़े भी थे, और ऐसी कई परंपराएं शुरू की थीं जो कि पुरानी लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ थीं। फिर तो छत्तीसगढ़ में परंपराएं गड्ढे में डाल दी गईं, और विधानसभा अध्यक्ष भी कई ऐसे काम करते दिखे जो कि उनकी गरिमा के लायक नहीं थे। जब डॉ. रमन सिंह अपनी सरकार की सालगिरह पर सीएम हाऊस में मीडिया से बात कर रहे थे, तब उनके बगल में उनके दूसरे मंत्रियों के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल भी सीएम से नीची कुर्सी पर बैठे थे। उन्हें एक पिछले विधानसभा अध्यक्ष पे्रम प्रकाश पाण्डेय ने याद भी दिलाया कि क्या उनका सीएम की पे्रस कांफे्रंस में आना ठीक है?
कनक तिवारी के खिलाफ अभियान
छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता कनक तिवारी राज्य के सबसे सीनियर वकील हैं, और भूपेश बघेल ने उनकी वरिष्ठता, काबिलीयत, उनका गांधीवादी मिजाज, कांगे्रसी पृष्ठभूमि, और दुर्ग जिले के होने की तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए उन्हें महाधिवक्ता बनाया। लेकिन उसी वक्त कांगे्रस के कुछ दूसरे लोग एक जातिवाद के तहत एक दूसरे को महाधिवक्ता बनाने में जुटे हुए थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने उस वाद को वजन नहीं दिया। कनक तिवारी कमाई के मामले में भारी नुकसान में हैं क्योंकि आज जितने महंगे मुकदमे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चल रहे हैं, वे कनक तिवारी को करोड़पति तो बना ही देते अगर वे सरकार के खिलाफ लडऩे के लिए उपलब्ध रहते। करोड़पति वे पहले से हैं, पहले से कई मकान और कई गाडिय़ां हैं, वे महंगी वकालत करते हैं इसलिए एजी बनने से उन्हें कमाई का नुकसान हुआ है। और ऐसे में जब कांगे्रस का एक तबका उन्हें हटाने में जुटा हुआ है, तो जाहिर है कि सोशल मीडिया और मीडिया में उनके इस्तीफे की अफवाहें पहला कदम हैं।
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