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कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा अमेजन-फ्लिपकार्ट पर जांच रोकने-स्टे खारिज करना स्वागत योग्य-कैट
12-Jun-2021 2:42 PM
कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा अमेजन-फ्लिपकार्ट पर जांच रोकने-स्टे खारिज करना स्वागत योग्य-कैट

रायपुर, 12 जून। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,  अमर गिदवानी,  प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन,  कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा भारत में अमेजन एवं फ्लिपकार्ट के ई-कॉमर्स व्यापार मॉडल के खिलाफ की जा रही जांच पर कर्नाटक उच्च न्यायालय की एकल बेंच द्वारा पूर्व में दिया गए स्टे आदेश को आज इसी उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है और जिसके बाद अब सीसीआई द्वारा अमेजन के खिलाफ जांच किये जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। 

श्री पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष दोशी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हुआ कहा है की अब सीसीआई को तुरंत अमेजन एवं फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच शुरू करने में की देरी नहीं करनी चाहिए। सीसीआई ने प्रतिस्पर्धा कानून के अंतर्गत अमेजन एवं फ्लिपकार्ट के खिलाफ जनवरी 2020 में जांच का आदेश दिया था जिसके खिलाफ अमेजन एवं फ्लिपकार्ट फरवरी 2020 में कर्नाटक उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिया था।

श्री पारवानी ने बताया कि सीसीआई ने उच्चतम न्यायालय में एक अपील दाखिल की थी जिस पर न्यायालय ने कर्नाटक कुछ न्यायालय को इस मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया था। उसके बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस मामले में लगभग 40 दिन से अधिक समय तक सुनवाई कर अप्रैल में आर्डर को रिजर्व रख लिया था और आज इस मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया।  

श्री पारवानी और श्री दोशी ने कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि यह आदेश आने के बाद अब अमेजन एवं फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच की कार्रवाई शुरू करने में कोई बाधा नहीं है और अब सीसीआई को तुरंत अमेजॅन, फ्लिपकार्ट और भारत में उसके बिजनेस मॉडल, जिसने देश के नियमों, कानूनों एवं नीति को चकमा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, के खिलाफ जांच शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा की यह केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि जो लोग लगातार कानून और नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं  उन पर नकेल कसी जाए और इसी क्रम में अमेजॅन एवं फ्लिपकार्ट के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए।

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